मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ
खंड 1अंत के दिनों के विशाल श्वेत सिंहासन के सामने न्याय आरंभ हो गया है! सर्वशक्तिमान पमेश्वर, अंत के दिनों के मसीह ने न्याय करने और मानवजाति के शुद्धिकरण करने के अपने काम हेतु सत्य को अभिव्यक्त कर दिया है। परमेश्वर के वचनों के प्रकाशनों और न्याय के माध्यम से, परमेश्वर द्वारा चुने गए लोग अपनी शैतानी भ्रष्टता की बात धीरे-धीरे समझ रहे हैं और शैतान के प्रभाव से बाहर निकलने का मार्ग पा रहे हैं और धीरे-धीरे अपने जीवन स्वभावों में परिवर्तन देख रहे हैं। ये वास्तविक अनुभव गवाही देते हैं कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर द्वारा किया गया न्याय का कार्य मानवजाति को पूरी तरह से शुद्ध करने और बचाने का काम है।
अनुभवजन्य गवाहियाँ
1भाग्यशाली हूँ जो परमेश्वर के लिए सेवा करता हूँ
5दुर्भाग्य द्वारा सौभाग्य की प्राप्ति
6शोहरत और दौलत की चाह ने मुझे सिर्फ़ दुख-दर्द दिए
8जीवन में परमेश्वर के अधिकार और प्रभुता को जानना
9आस्था अर्थात परमेश्वर पर अटूट विश्वास
11सच्चे इंसान की तरह जीने का एकमात्र तरीका
12केवल ईमानदारी हमें इंसान बनाती है
13एक ईमानदार इंसान बनने का संघर्ष
17कम कार्यक्षमता का बहाना बनाना ठीक नहीं
18मुझे अपनी गलतफहमियों और रक्षात्मक-प्रवृत्ति से नुकसान हुआ
19मैंने लोगों के साथ सही बर्ताव करना सीख लिया है
20सत्य का अभ्यास सुसंगत समन्वय की कुंजी है
21आखिरकार मुझे अपना कर्तव्य पूरा करने का मतलब समझ आ गया
22आखिरकार मैंने अपना कर्तव्य निभाना सीख लिया
23अपना हृदय परमेश्वर को समर्पित करना
25अपने कर्तव्य को किस नजरिये से देखना चाहिए
27अपने कर्तव्य में अपनी मंशाएँ सुधारना
28मैं अब ज़िम्मेदारी से नहीं डरती
34अपना छद्मवेश उतारकर मुझे बहुत अच्छा महसूस होता है
35शोहरत और दौलत के पीछे भागने के दिन
36शोहरत और किस्मत की बंदिशों से आजाद
37परमेश्वर के वचनों ने मेरी आत्मा को जगा दिया
39आखिरकार एक इंसान की तरह जीना
41ईर्ष्या की जगह उदारता दिखाना
42ईर्ष्या छोड़ी आराम से साँस ली
43स्वार्थ छोड़कर मिली है मुक्ति मुझे
44आखिरकार मैं अपने बारे में सच जान पायी
46क्या खुशामदी लोग परमेश्वर की प्रशंसा पा सकते हैं?
47क्या लोगों की खुशामद करने वाले परमेश्वर के उद्धार को पा सकते हैं?
48इंसानियत के साथ जीने के लिए सत्य का अभ्यास करें
50"अच्छी छवि" के पीछे क्या छुपा होता है
51मैंने एक खुशामदी इंसान होने का सच जान लिया
56स्वार्थ की समस्या को हल कैसे करें
58झूठे अगुआ को उजागर करना : एक निजी संघर्ष
62असफलता की स्थिति में भी ऊपर उठो
63कौन कहता है अभिमानी स्वभाव बदला नहीं जा सकता
64अहंकारी व्यक्ति निश्चित ही ठोकर खाता है
65अहंकार को दूर करने से हम इंसानों की तरह जी सकते हैं
66मेरा अहंकारी स्वभाव कैसे बदला
67थोड़ी इंसानियत के साथ जीना यकीनन बढ़िया होता है
68काट-छाँट और निपटारे के मीठे फल पाना
74कठिनाइयों में समर्पण करना सीखना
76बीमारी के ज़रिए आशीष पाने की मेरी मंशा उजागर हुई
78यकृत कैंसर की बीमारी से सीखे सबक
80जेल में गुजरा युवावस्था का प्रथम काल
86सीसीपी की जेल में बिताया हर दिन
87क्रूर यातनाओं ने मेरी आस्था को मजबूत किया