
मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवों की गवाहियाँ
अंत के दिनों के विशाल श्वेत सिंहासन के सामने न्याय आरंभ हो गया है! सर्वशक्तिमान पमेश्वर, अंत के दिनों के मसीह ने न्याय करने और मानवजाति के शुद्धिकरण करने के अपने काम हेतु सत्य को अभिव्यक्त कर दिया है। परमेश्वर के वचनों के प्रकाशनों और न्याय के माध्यम से, परमेश्वर द्वारा चुने गए लोग अपनी शैतानी भ्रष्टता की बात धीरे-धीरे समझ रहे हैं और शैतान के प्रभाव से बाहर निकलने का मार्ग पा रहे हैं और धीरे-धीरे अपने जीवन स्वभावों में परिवर्तन देख रहे हैं। ये वास्तविक अनुभव गवाही देते हैं कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर द्वारा किया गया न्याय का कार्य मानवजाति को पूरी तरह से शुद्ध करने और बचाने का काम है।
अनुभव और गवाहियां
1भाग्यशाली हूँ जो परमेश्वर के लिए सेवा करता हूँ
5दुर्भाग्य में सौभाग्य की प्राप्ति
6शोहरत और दौलत की चाह ने मुझे सिर्फ़ दुख-दर्द दिए
8क्या ज्ञान सचमुच आपके भाग्य को बदल सकता है?
9परमेश्वर के वचनों ने मुझे वैवाहिक जीवन की त्रासदी से बचा लिया
10ऑनलाइन गेम खेलने की आदत की व्यथा
11जीवन में परमेश्वर के अधिकार और प्रभुता को जानना
12आस्था अर्थात परमेश्वर पर अटूट विश्वास
14सच्चे इंसान की तरह जीने का एकमात्र तरीका
15केवल ईमानदारी हमें इंसान बनाती है
16एक ईमानदार इंसान बनने का संघर्ष
19अब मैं ख़राब कार्यक्षमता को बहाना नहीं बनाती
20मैं फरीसियों के मार्ग पर क्यों चली गई हूँ?
21मैंने लोगों के साथ सही बर्ताव करना सीख लिया है
22सत्य का अभ्यास सुसंगत समन्वय की कुंजी है
23आखिरकार मुझे अपना कर्तव्य पूरा करने का मतलब समझ आ गया
24मैंने आखिर कर्तव्य पालन करना सीख लिया
25अपना हृदय परमेश्वर को समर्पित करना
27अपने कर्तव्य को किस नजरिये से देखना चाहिए
34अपने मुखौटे को उतार कर मुझे सुकून मिला
35शोहरत और दौलत के पीछे भागने के दिन
36शोहरत और हैसियत की बंदिशों से आज़ाद
37परमेश्वर के वचनों ने मेरी आत्मा को जगा दिया
39आखिरकार एक इंसान की तरह जीना
41ईर्ष्या की जगह उदारता दिखाना
42ईर्ष्या छोड़ी आराम से साँस ली
43स्वार्थ छोड़कर मिली है मुक्ति मुझे
44आखिरकार मैं अपने बारे में सच जान पायी
46क्या खुशामदी लोग परमेश्वर की प्रशंसा पा सकते हैं?
47क्या लोगों की ख़ुशामद करने वाले परमेश्वर के उद्धार को पा सकते हैं?
48इंसानियत के साथ जीने के लिए सत्य का अभ्यास करें
50"अच्छी छवि" के पीछे क्या छुपा होता है
51मैंने एक खुशामदी इंसान होने के सच को जान लिया
58झूठे अगुआ को उजागर करना : एक निजी संघर्ष
62असफलता की स्थिति में भी ऊपर उठो
63कौन कहता है अभिमानी स्वभाव को बदला नहीं जा सकता
64ठोकर खाने पर घमंड ख़त्म हो जाता है
65अहंकार को दूर कर, हम बनते कामयाब इंसान
66मेरा अहंकारी स्वभाव कैसे बदला
67थोड़ी इंसानियत के साथ जीना यकीनन बढ़िया होता है
74परीक्षणों में परमेश्वर की आशीषों का अनुभव
76परीक्षणों के ज़रिए शुद्ध किया गया
80युवावस्था के शिखर-काल में कारावास
81कष्ट और परीक्षण—ईश्वर की आशीषें हैं
83शैतान के प्रलोभनों द्वारा विजय
86सीसीपी की जेल में बिताया हर दिन
87क्रूर यातनाओं ने मेरी आस्था को मज़बूत किया