18. परमेश्वर का वचन जालों से निकलने में मेरी अगुवाई करता है

टिआँ'ना, हांगकांग

परमेश्वर के वचनों के लेख "क्या तुम जानते हो? परमेश्वर ने मनुष्यों के बीच एक बहुत बड़ा काम किया है" के पन्ने पलटते हुए, मुझे दो साल पहले अफ़वाहों के बंधनों से आज़ाद होकर परमेश्वर के सामने लौट आने के मेरे अनुभव की याद आ गई।

मैं अपने परिवार के साथ हांगकांग में रहती हूँ। मेरे ससुर और देवर दोनों प्रभु यीशु में विश्वास करते हैं। मेरा देवर एक कलीसिया में पादरी है, इसलिए कलीसिया के भाई-बहन अक्सर हमारे घर आते थे जहाँ वे एक साथ प्रार्थना करते थे और प्रभु के स्तुति-गीत गाया करते थे। और फिर, दिसंबर 2014 में, मेरी एक अच्छी सहेली ने मुझे बताया कि वह भी प्रभु में विश्वास करती है। अपने परिवार और दोस्तों से प्रभावित होकर, मुझे कुछ हद तक प्रभु पर विश्वास करने में रूचि हो गई। उसके कुछ समय बाद ही, एक दिन मैं कलीसिया की एक अन्य सदस्या बहन पेई'पेई से मिली। वह सहज स्वभाव की और मिलनसार थी। जब उसे पता चला कि मेरे परिवार और दोस्तों में से कुछ प्रभु पर विश्वास करते थे, तो उसे बहुत ख़ुशी हुई और उसने मुझे अपने घर पर आमंत्रित किया, जहाँ उसने बहन चे'न हुई से मेरा परिचय कराया। कई सभाओं के दौरान, बहन चे'न ने परमेश्वर द्वारा सभी चीज़ों को बनाने के बारे में, हर चीज़ पर उनकी संप्रभुता, और साथ ही शैतान की उत्पत्ति वगैरह के बारे में सत्य को साझा किया। उसने जो बातें बताईं, उन्होंने मुझे बहुत आकर्षित किया और मुझे बेहद खुशी का एहसास हुआ। मुझे उनके द्वारा साझा किये गए अनुभव और विश्वास की समझ को सुनना बड़ा अच्छा लगता था, और वास्तव में मैं इस खुशी को दूसरों के साथ साझा करना चाहती थी। एक दिन, अपनी मन की बात न छिपाते हुए, मैंने एक विश्वासी बनने की इच्छा अपने परिवार के साथ साझा की। खबर जल्दी ही मेरे देवर तक फैल गई; उसने मुझे फोन किया और पूछा कि मैं क्यों अचानक परमेश्वर में विश्वास करने लगी थी और उसने यह भी कहा, "पूर्वी बिजली नामक एक कलीसिया है, और वे लोग सभी जगह इस बात की गवाही दे रहे हैं कि प्रभु यीशु पहले ही लौट आया है। उन्होंने हर संप्रदाय से बहुत सारे समर्पित साधकों को चुरा लिया है। इसके बारे में लापरवाह मत बनियेगा; उनसे कोई लेन-देन मत रखियेगा।" उसने मुझे बार-बार पूछा कि क्या मेरे साथ सुसमाचार साझा करने वाले लोगों ने मुझे कोई किताब दी है, और बार-बार मुझे विश्वास-संबंधी किसी भी चीज़ के बारे में विशेष रूप से सावधान रहने के लिए आगाह किया। मेरे देवर के शब्द मेरे दिमाग में घूमते रहे, जिससे मैं बेचैन हो गई। एक ओर, मेरे देवर ने मेरे एक अलग कलीसिया को खोजने का विरोध किया, लेकिन दूसरी ओर, बहन चे'न ने परमेश्वर पर विश्वास करने के बारे में जो कहा था वह मुझे वास्तव में बहुत अच्छा लगा था। मुझे लगा कि मैं बिल्कुल फंस गई थी, और मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मुझे बहन चे'न के संपर्क में बने रहना चाहिए या नहीं।

इसलिए, मैंने कुछ पादरियों के प्रवचनों को सुनने के लिए ऑनलाइन खोजना शुरू किया। पूर्वी बिजली के बारे में मैंने बहुत सारी जानकारी ऑनलाइन देखी, लेकिन मैंने इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया; मेरा मन पूरी तरह से अच्छे उपदेशों को खोजने पर केंद्रित था। मैंने उनमें से बहुत-से उपदेश सुने और उनकी आपस में तुलना की पर अंत में, मुझे अब भी लगा कि बहन चे'न और उन अन्य लोगों के उपदेश सबसे अच्छे थे, क्योंकि उन्होंने परमेश्वर की गवाही देने के बारे में अधिक बातें साझा की थीं, और उन्हें सुनने से मुझे परमेश्वर की बेहतर समझ मिली थी। कुछ विचार करने के बाद, मैंने बहन चे'न की सहभागिता को सुनना जारी रखने का फैसला किया। उसके बाद के दिनों में, उसने मुझे मूसा द्वारा इस्राएलियों को मिस्र से बाहर ले जाने, अब्राहम द्वारा इसहाक की बलि देने, मानव जाति के लिए प्रभु यीशु के क्रूस पर चढ़ाए जाने, पतरस के अनुभव, लाज़र के पुनर्जीवित होकर परमेश्वर को महिमान्वित करने आदि के बारे में बताया। बाइबल की ये अद्भुत कहानियाँ वास्तव में मेरे लिए मनमोहक थीं और इन कहानियों ने मुझे परमेश्वर द्वारा किये गए कार्य की गहरी समझ दी। हर मुलाक़ात के बाद मैं अगली मुलाक़ात का बेसब्री से इंतजार करती थी।

एक महीने बाद, एक सभा के दौरान, बहन चे'न ने मुझे बाइबल के कुछ छंद और सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों का एक अंश पढ़कर सुनाये। बाइबल में यह कहा गया है: "जैसे नूह के दिन थे, वैसा ही मनुष्य के पुत्र का आना भी होगा। क्योंकि जैसे जल-प्रलय से पहले के दिनों में, जिस दिन तक कि नूह जहाज पर न चढ़ा, उस दिन तक लोग खाते-पीते थे, और उनमें विवाह होते थे। और जब तक जल-प्रलय आकर उन सब को बहा न ले गया, तब तक उनको कुछ भी मालूम न पड़ा; वैसे ही मनुष्य के पुत्र का आना भी होगा" (मत्ती 24:37-39)। सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहता है, "पीछे मुड़कर उस समय को देखो, जब नूह ने नाव बनाई थी : मानवजाति पूरी तरह से भ्रष्ट थी, लोग परमेश्वर के आशीषों से भटक गए थे, परमेश्वर द्वारा अब और उनकी देखभाल नहीं की जा रही थी, और वे परमेश्वर की प्रतिज्ञाएँ खो चुके थे। वे परमेश्वर की रोशनी के बिना अंधकार में रहते थे। फिर वे स्वभाव से व्यभिचारी बन गए, और उन्होंने स्वयं को घृणित चरित्रहीनता में झोंक दिया। ऐसे लोग अब और परमेश्वर की प्रतिज्ञाएँ प्राप्त नहीं कर सकते थे; वे परमेश्वर के चेहरे की गवाही देने या परमेश्वर की वाणी सुनने के अयोग्य थे, क्योंकि उन्होंने परमेश्वर को त्याग दिया था, उन सब चीजों को बेक़ार समझकर छोड़ दिया था, जो परमेश्वर ने उन्हें प्रदान की थीं, और वे परमेश्वर की शिक्षाओं को भूल गए थे। उनका हृदय परमेश्वर से अधिकाधिक दूर भटक गया था, जिसका परिणाम यह हुआ कि वे विवेक और मानवता से वंचित होकर पथभ्रष्ट हो गए और अधिक से अधिक दुष्ट होते गए। फिर वे मृत्यु के और भी निकट पहुँच गए, और परमेश्वर के कोप और दंड के भागी हो गए। केवल नूह ने परमेश्वर की आराधना की और बुराई से दूर रहा, और इसलिए वह परमेश्वर की वाणी और निर्देशों को सुनने में सक्षम था। उसने परमेश्वर के वचन के अनुसार नाव बनाई, और सभी प्रकार के जीवित प्राणियों को उसमें एकत्र किया। और इस तरह, जब एक बार सब-कुछ तैयार हो गया, तो परमेश्वर ने संसार पर अपनी विनाशलीला शुरू कर दी। केवल नूह और उसके परिवार के सात अन्य लोग इस विनाशलीला में जीवित बचे, क्योंकि नूह ने यहोवा की आराधना की थी और बुराई से दूर रहा था।

"अब वर्तमान युग को देखो : नूह जैसे धर्मी मनुष्य, जो परमेश्वर की आराधना कर सके और बुराई से दूर रह सके, होने बंद हो गए हैं। फिर भी परमेश्वर इस मानवजाति के प्रति दयालु है, और इस अंतिम युग में अभी भी उन्हें दोषमुक्त करता है। परमेश्वर उनकी खोज कर रहा है, जो उसके प्रकट होने की लालसा करते हैं। वह उनकी खोज करता है, जो उसके वचनों को सुनने में सक्षम हैं, जो उसके आदेश को नहीं भूले और अपना तन-मन उसे समर्पित करते हैं। वह उनकी खोज करता है, जो उसके सामने बच्चों के समान आज्ञाकारी हैं, और उसका विरोध नहीं करते" (वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, परिशिष्ट 2: परमेश्वर संपूर्ण मानवजाति के भाग्य का नियंता है)। बहन चे'न ने अपनी सहभागिता में कहा: "नूह के दिनों के लोग 'खाने और पीने, शादी करने और कराने में' लगे हुए थे; वे कामुक और भ्रष्ट थे, परमेश्वर के वचन को नहीं सुनते थे और न ही परमेश्वर की उपासना करते थे। इसके बजाय, वे मूर्तियों की पूजा करते थे और अत्यंत पापी थे। उस समय के लोगों को बचाने के लिए, परमेश्वर ने नूह से कहा कि वह जहाज़ का निर्माण करे और लोगों को बताए कि बाढ़ से दुनिया नष्ट हो जाएगी। लेकिन इस बारे में नूह के सौ साल से अधिक समय तक प्रचार करने के बाद भी, किसी ने भी परमेश्वर की बातों पर विश्वास नहीं किया और न ही किसी ने परमेश्वर के आगे पश्चाताप किया। इस प्रकार, परमेश्वर ने उस युग के लोगों को नष्ट करने के लिए एक बड़ी बाढ़ का इस्तेमाल किया। अंतिम दिनों के लोग नूह के समय के लोगों से भी अधिक भ्रष्ट हैं। पूरा समाज नैतिक रूप से दिवालिया है और प्रतिदिन अधिक पतित होता जा रहा है। तलाक की दर उच्च बनी हुई है, अपराध आम हो गए हैं, साथ ही अश्लील चलचित्रों, जुआ और नशीले पदार्थों ने लोगों की आत्माओं को नष्ट कर दिया है। लोग अधिकाधिक चालाक, लालची, बुरे, ओछे और स्वार्थी होते जा रहे हैं। किसी को जमीर रखने की या अच्छे, ईमानदार व्यक्ति होने की परवाह नहीं है, बल्कि वे केवल खाने, पीने, मौज-मस्ती करने और यौन संबंध के बदले शक्ति या शक्ति के बदले यौन संबंध बनाने पर महत्व देते हैं। लोग सच्चाई से तंग आ चुके हैं और बुराई को बढ़ा रहे हैं। वे पाप की खुशियों के लिए लालची हैं, और वे लंबे समय से एक ऐसे बिंदु पर पहुँच चुके हैं जहाँ उन्हें परमेश्वर द्वारा नष्ट कर दिया जाना चाहिए। इन सभी संकेतों से पता चलता है कि अंतिम दिन आ गए हैं। अब प्रभु यीशु लौट आया है और उसका दूसरा देहधारण दुनिया में रह रहा है। उसने मानव जाति की शुद्धि और उद्धार के लिए सभी सत्यों को कहा है; वह हम लोगों को जो कि इतनी गहराई से भ्रष्ट हैं, पूरी तरह से बचाने आया है। मानव जाति के लिए परमेश्वर का प्रेम और उसकी करुणा बहुत महान है!" बहन को यह कहते हुए सुन मैं रोमांचित हो गयी और मैंने अपने मन ही मन सोचा: "हम सभी लोग गहराई से दुष्ट हैं और हमें परमेश्वर द्वारा बहुत पहले नष्ट किया जाना चाहिए था। यह केवल परमेश्वर की दया के कारण है कि हमें परमेश्वर के घर में आने का, उन वचनों को पढ़ने का जिन्हें परमेश्वर ने कहा है, और परमेश्वर को जानने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। यह कितना बड़ा आशीर्वाद है!" मेरा मार्गदर्शन करने के लिए, मुझे परमेश्वर के अंतिम दिनों के कार्य को जानने देने के लिए और उद्धार का अवसर प्राप्त करने देने के लिए, मैंने परमेश्वर का धन्यवाद दिया। जैसे ही मैं निकलने वाली थी, बहन ने मुझे परमेश्वर के वचनों की एक किताब दी। किताब को दोनों हाथों से थामते हुए, मैं इतना द्रवित हो गयी कि रोने लगी। मैंने अपनी सर्वोच्च क्षमता के अनुसार परमेश्वर का अनुसरण करने का संकल्प लिया।

एक दिन अपना कंप्यूटर चालू करने के बाद मैंने एक वेबसाइट देखी, जिसमें पूर्वी बिजली के बारे में कुछ कहा गया था। उत्सुक होकर मैंने उस लिंक पर क्लिक किया और सी.सी.पी. सरकार और धार्मिक समुदाय द्वारा पूर्वी बिजली के बारे में कुछ नकारात्मक प्रचार देखा। जब मुझे यह एहसास हुआ कि वेबसाइट पर जिस "पूर्वी बिजली" का उल्लेख किया गया था, वो दरअसल सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अंतिम दिनों के का काम था, जिसका सिस्टर चे'न ने मुझे प्रवचन दिया था, तो मैं अवाक रह गई और एकदम घबरा गई: क्या ऐसा हो सकता है कि मैं अपने विश्वास में भटक गई हूँ? मुझे क्या करना चाहिए? हालाँकि, मुझे याद आया कि हर बार जब मैं सिस्टर चे'न और उन अन्य लोगों से मिली, तो वे सभी मेरे प्रति बहुत स्नेही थे और ऐसे बिल्कुल नहीं थे, जैसा कि इंटरनेट पर कहा गया था। मैंने वह समय याद किया, जब मैंने पहली बार परमेश्वर का वचन पढ़ना शुरू किया था और परमेश्वर के प्रेम ने मुझे छू लिया था—उन वचनों में अधिकार था और शक्ति थी, तो वे परमेश्वर की अभिव्यक्ति और आवाज़ क्यों नहीं हो सकते थे? फिर मैंने पढ़ने के इरादे से परमेश्वर के वचन निकाले, लेकिन शुरू में जैसे मैं उनसे द्रवित हुई थी, वैसी भावना मैं वापस नहीं ला सकी—परमेश्वर ने अपना चेहरा मुझसे छिपा लिया था। मैं केवल सफ़ेद कागज़ और काले शब्द ही देख सकी। नकारात्मक प्रचार का हर शब्द, जिसे मैंने ऑनलाइन देखा था, एक-एक करके मेरे मन में तैरने लगा। मेरा दिमाग ही काम नहीं कर रहा था। मैं सोचती रही: "मुझे इस पर विश्वास करना चाहिए या नहीं? क्या पूर्वी बिजली परमेश्वर का कार्य है? अगर पूर्वी बिजली वाकई परमेश्वर का कार्य हुआ तो? अगर मैं इस विश्वास का अभ्यास नहीं करती हूँ, तो क्या मैं परमेश्वर को जानने और बचाए जाने का अपना मौका गंवा नहीं दूँगी? लेकिन अगर यह नकली हो और मैं इसका आँख मूँदकर अनुसरण करती हूँ, तो क्या इसका मतलब यह नहीं होगा कि मैं धोखा खा गयी हूँ? मुझे इसकी जाँच-पड़ताल करते रहनी चाहिए या नहीं?" ये सवाल मुझे परेशान करते रहे और मेरा काम करने का भी मन नहीं हुआ। मैं वास्तव में अपने परिवार के साथ इस पर चर्चा करना और उनसे सलाह लेना चाहती थी, लेकिन मैंने सोचा कि कैसे मेरे देवर ने बार-बार मुझे सावधानी बरतने और अन्य कलीसियाओं की तलाश नहीं करने के लिए आगाह किया था। यदि मेरा विश्वास वास्तव में गलत हुआ, तो क्या वे मुझ पर और भी खफ़ा नहीं होंगे? इसलिए मैंने अपने परिवार के साथ इस पर चर्चा करने का विचार खारिज कर दिया, भले ही मेरी मनःस्थिति बिलकुल गिर चुकी थी, मैं बहुत अधिक भावनात्मक दर्द में थी, और मुझे वास्तव में कुछ समझ नहीं आ रहा था। कुछ दिन पहले ही बहनों के साथ संगति करते हुए मैंने जिस आनंद और चैन का एहसास किया था, वह अब मुझसे कोसों दूर लग रहा था।

कोई राह न बचने पर, मैंने परमेश्वर से प्रार्थना करने और उसे खोजने की कोशिश की, ताकि अपने दिल की हर कठिनाई और असुरक्षा परमेश्वर को सौंप सकूँ, और मैं उसका प्रबोधन माँग सकूँ। प्रार्थना करने के बाद अचानक मेरे दिमाग में सिस्टर चे'न द्वारा मुझे एक बार बताई गई बात आई: जब प्रभु यीशु का जन्म हुआ, तब चूँकि राजा हेरोद को अपना सिंहासन खोने का भय था, अत: उसने पूरे शहर में दो वर्ष से कम आयु के सभी लड़कों की हत्या का आदेश दे दिया। जब प्रभु यीशु ने अपनी शिक्षाएँ साझा कीं, तो यहूदी धर्म के नेता वहशी होकर उसके खिलाफ़ हो गए और उसकी निंदा करने लगे क्योंकि उन्हें डर था कि विश्वासी लोग प्रभु यीशु का अनुसरण करेंगे, और वे अपना दर्जा खो देंगे। वे अच्छी तरह से जानते थे कि कोई साधारण व्यक्ति वे चमत्कार नहीं कर सकता, जो प्रभु यीशु ने किए थे, लेकिन उन्होंने जानबूझकर उसकी यह कहते हुए निंदा की कि वह बालजबूब की मदद से दुष्टात्माओं को बाहर निकाल रहा था। उन्होंने प्रभु यीशु पर ईशनिंदा का भी आरोप लगाया। अंत में, उन्होंने प्रभु यीशु को क्रूस पर चढ़ाने में रोमन सरकार का सहयोग किया। और आज, सी.सी.पी. सरकार और धार्मिक समुदाय द्वारा सर्वशक्तिमान परमेश्वर की उन्मत्त निंदा का काम ठीक वैसा ही है, जैसा कि अनुग्रह के युग में प्रभु यीशु के खिलाफ़ रोमन सरकार और यहूदी धर्म के नेताओं ने किया था। प्राचीन काल से ही सच्चे मार्ग को दमन का सामना करना पड़ा है। परमेश्वर जब भी कार्य करने आता है, वह धार्मिक दुनिया के साथ-साथ तत्कालीन ताक़तों के उत्पीड़न का भी सामना करता है। बहरहाल, कोई भी परमेश्वर के कार्य में बाधा नहीं बन सकता। इन सबके बावजूद अंततः प्रभु यीशु ने सलीब पर चढ़ने और मानव-जाति को बचाने का कार्य पूरा कर लिया और उसका सुसमाचार पूरी दुनिया में फैल गया। और आज चीनी सरकार और धार्मिक समुदाय ने ऑनलाइन कई अफवाहें गढ़ी हैं, जिनमें सर्वशक्तिमान परमेश्वर और उसके कार्य की निंदा की गई है, फिर भी उसका राज्य का सुसमाचार तेजी से फैल गया है। अगर यह परमेश्वर का कार्य न होता, तो क्या बहुत पहले ही चीन सरकार द्वारा इसका सफ़ाया न कर दिया गया होता? फिर मुझे लगा कि हर बार जब मैं सिस्टर चे'न और उन अन्य लोगों से मिली, तो वे वास्तव में मेरे प्रति सच्चे रहे थे, और उनकी सारी सहभागिता परमेश्वर को ऊँचा उठाती और परमेश्वर की गवाही देती थी। उन्होंने कभी भी सांसारिक वस्तुओं या उन चीज़ों के बारे में बात नहीं की, जिनसे लोगों के जीवन को कोई फायदा न हो। इस सबने मुझे सकारात्मक मार्गदर्शन और सहायता उपलब्ध कराई। इससे पहले कि मैं जान पाती, मेरे दिल में मौजूद शंकाएँ कुछ हद तक दूर हो गईं, इसलिए मैंने परमेश्वर से एक बार फिर खोजने वाले दिल से प्रार्थना की: "परमेश्वर! यदि वास्तव में तुम ही वापस आए हो, तो कृपया अपना कार्य समझने अपने सामने लौटने में मेरा मार्गदर्शन करो।" निश्चित रूप से परमेश्वर ने मेरी प्रार्थना सुनी।

पवित्र आत्मा के मार्गदर्शन में मैंने परमेश्वर के वचनों की पुस्तक, "वचन देह में प्रकट होता है" खोली और "क्या तुम जानते हो? परमेश्वर ने मनुष्यों के बीच एक बहुत बड़ा काम किया है," नामक लेख देखा, जिसमें सर्वशक्तिमान परमेश्वर ने कहा है, "तुम सबको यह जानना चाहिये कि यदि यह देह नहीं होता तो समस्त मानवजाति को एक अवश्यंभावी संकट का सामना करना होता, और अंत के दिनों में मानवजाति के लिये परमेश्वर के कठोर दण्ड से बच पाना कठिन होता। यदि इस साधारण शरीर का जन्म नहीं होता तो तुम सबकी दशा ऐसी होती जिसमें तुम लोग जीने में सक्षम न होते हुए जीवन की भीख माँगते और मृत्यु के लिए प्रार्थना करते लेकिन मर न पाते; यदि यह देह नहीं होता तो तुम लोग सत्य को नहीं पा सकते थे और न ही आज परमेश्वर के सिंहासन के पास आ पाते, बल्कि तुम लोग परमेश्वर से दण्ड पाते क्योंकि तुमने जघन्य पाप किये हैं। क्या तुम सब जानते हो, यदि परमेश्वर का वापस देह में लौटा न होता, तो किसी को भी उद्धार का अवसर नहीं मिलता; और यदि इस देह का आगमन न होता, तो परमेश्वर ने बहुत पहले पुराने युग को समाप्त कर दिया होता? अब जबकि यह स्पष्ट है, क्या तुम लोग अभी भी परमेश्वर के दूसरी बार के देहधारण को नकार सकते हो? जब तुम लोग इस साधारण मनुष्य से इतने सारे लाभ प्राप्त कर सकते हो, तो तुम लोग उसे प्रसन्नतापर्वूक स्वीकार क्यों नहीं करते हो?" "परमेश्वर का कार्य ऐसा है जिसे तुम समझ नहीं सकते। यदि तुम न तो पूरी तरह से समझ सकते हो कि तुम्हारा निर्णय सही है या नहीं, और न ही तुम जान सकते हो कि परमेश्वर का कार्य सफल होगा या नहीं, तब तुम अपनी किस्मत क्यों नहीं आज़माते और क्यों नहीं यह देखते हो कि यह साधारण मनुष्य तुम्हारे बड़े काम का है या नहीं और परमेश्वर ने वास्तव में बहुत महान काम किया है या नहीं?" परमेश्वर को धन्यवाद हो! मैंने परमेश्वर के वचनों को पढ़ने के बाद बहुत शांत महसूस किया—वे शत-प्रतिशत सही थे! मैं समझ गई कि चूँकि मैं परमेश्वर के काम से परिचित नहीं थी और इंटरनेट पर मौजूद उन सभी चीज़ों को पूरी तरह से समझ नहीं पाई थी, तो क्यों न मैं अपनी किस्मत आजमाऊँ? क्यों न अपनी जाँच में और भी गहराई तक जाऊँ, और फिर किसी निष्कर्ष पर पहुँचूँ? अगर यह वास्तव में परमेश्वर का प्रकटन और कार्य है, और फिर भी मैं इसे अस्वीकार करती हूँ, तो क्या यह परमेश्वर को अस्वीकार करना नहीं है? क्या यह जीवन भर का पछतावा न होगा? मैंने अगले दिन जाकर सिस्टर चे'न से मिलने और अपनी खोज और जाँच जारी रखने का फैसला किया।

जब मैं सिस्टर चे'न से मिली तो मैंने पिछले कुछ दिनों का अपना अनुभव उसके साथ साझा किया और उससे पूर्वी बिजली के बारे में पूछा। उसने मुझे परमेश्वर के वचनों के दो अंश पढ़कर सुनाए: "जब सभी लोग ध्यान देते हैं, जब सब-कुछ नवीकृत और पुनर्जीवित हो जाता है, जब हर व्यक्ति बिना आशंका के परमेश्वर को समर्पित होकर परमेश्वर के बोझ की भारी ज़िम्मेदारी को अपने कंधे पर उठाने के लिए तैयार हो जाता है—तब पूर्व से बिजली चमकती है, पूर्व से पश्चिम तक सभी को रोशन कर देती है, और इस प्रकाश के आगमन से पृथ्वी के लोगों को भयाक्रांत कर देती है; और इस मोड़ पर, परमेश्वर एक बार फिर नया जीवन आरंभ करता है। ... इसका अर्थ यह है कि दुनिया की पूर्व दिशा में, परमेश्वर स्वयं के प्रति गवाही शुरू होने के समय से लेकर उस समय तक जब वह कार्य करना शुरू करता है, यानी जब दिव्यता पूरी पृथ्वी पर अपनी सार्वभौमिक सत्ता का संचालन करने लगती है—चमकती पूर्वी बिजली की ये दिव्य किरणें पूरे ब्रह्मांड पर हमेशा जगमगाती रही हैं। जब धरती के सारे देश मसीह का राज्य बन जाते हैं, तब पूरा ब्रह्मांड प्रकाशित हो जाता है। अब चमकती पूर्वी बिजली के रोशन होने का समय आ गया है: देहधारी परमेश्वर कार्य करना शुरू कर देता है, साथ ही सीधे दिव्यता में बात करता है। ऐसा कहा जा सकता है कि जब परमेश्वर पृथ्वी पर बात करना शुरू करता है, तभी चमकती पूर्वी बिजली प्रकट होती है। और सटीकता से कहें, तो जब सिंहासन से जीवन का जल बहता है—तब सिंहासन से कथन आरंभ होते हैं—ठीक उसी समय औपचारिक रूप से सात आत्माओं के कथन भी आरंभ होते हैं" (वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, “संपूर्ण ब्रह्मांड के लिए परमेश्वर के वचनों” के रहस्यों की व्याख्या, अध्याय 12)। "जब पूरब का प्रकाश धीरे-धीरे सफ़ेद रोशनी में तब्दील होगा, तभी पूरी धरती का अंधकार प्रकाश में बदलना शुरू हो जाएगा, और तभी मनुष्य को यह पता चलेगा कि मैं बहुत पहले इस्राएल से जा चुका हूँ और नए सिरे से पूरब में उभर रहा हूँ। एक बार इस्राएल में अवतरित होने और फिर यहाँ से चले जाने के बाद, मैं दुबारा इस्राएल में पैदा नहीं हो सकता, क्योंकि मेरा कार्य पूरे ब्रह्मांड की अगुवाई करता है। यही नहीं, रोशनी सीधे पूरब से पश्चिम की ओर चमकती है। यही कारण है कि मैं पूरब में अवतरित हुआ हूँ और कनान को पूरब के लोगों तक लाया हूँ। मैं पूरी पृथ्वी के लोगों को कनान की धरती पर लाना चाहता हूँ, और इसलिए मैं कनान की धरती से लगातार अपने कथनों को प्रकट कर रहा हूँ, ताकि पूरे ब्रह्मांड को नियंत्रित कर सकूं। इस समय, कनान के अलावा पूरी पृथ्वी पर अंधकार छाया है, सभी लोग भूख और ठंड के कारण संकट में हैं। मैंने अपनी महिमा इस्राएल को दी और फिर उसे हटा लिया, इसके बाद मैं इस्राएलियों को, और पूरी मानवता को पूरब में ले आया। मैं उन सभी को प्रकाश में ले आया हूँ ताकि वे इसके साथ फिर से मिल जाएं और इससे जुड़े रह सकें, और उन्हें इसकी खोज न करनी पड़े। जो प्रकाश की खोज कर रहे हैं, उन्हें मैं फिर से प्रकाश देखने दूँगा और उस महिमा को देखने दूँगा जो मेरे पास इस्राएल में थी; मैं उन्हें यह देखने दूँगा कि मैं बहुत पहले एक सफ़ेद बादल पर सवार होकर मनुष्यों के बीच आ चुका हूँ, मैं उन्हें असंख्य सफ़ेद बादलों और प्रचुर मात्रा में फलों के गुच्छों को देखने दूँगा। यही नहीं, मैं उन्हें इस्राएल के यहोवा परमेश्वर को भी देखने दूँगा। मैं उन्हें यहूदियों के गुरु, बहुप्रतीक्षित मसीहा को देखने दूँगा, और अपने पूर्ण प्रकटन को देखने दूँगा, जिन्हें हर युग के राजाओं द्वारा सताया गया है। मैं संपूर्ण ब्रह्मांड पर कार्य करूँगा और मैं महान कार्य करूँगा, जो अंत के दिनों में लोगों के सामने मेरी पूरी महिमा और मेरे सभी कर्मों को प्रकट कर देगा। मैं अपना महिमामयी मुखमंडल अपने संपूर्ण रूप में उन लोगों को दिखाऊँगा, जिन्होंने कई वर्षों से मेरी प्रतीक्षा की है, जो मुझे सफ़ेद बादल पर सवार होकर आते हुए देखने के लिए लालायित रहे हैं। मैं अपना यह रूप इस्राएल को दिखाऊँगा जिसने मेरे एक बार फिर प्रकट होने की लालसा की है। मैं उस पूरी मनष्यजाति को अपना यह रूप दिखाऊँगा जो मुझे कष्ट पहुँचाते हैं, ताकि सभी लोग यह जान सकें कि मैंने बहुत पहले ही अपनी महिमा को हटा लिया है और इसे पूरब में ले आया हूँ, जिस कारण यह अब यहूदिया में नहीं रही। क्योंकि अंत के दिन पहले ही आ चुके हैं!" (वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, सात गर्जनाएँ होती हैं—भविष्यवाणी करती हैं कि राज्य का सुसमाचार पूरे ब्रह्मांड में फैल जाएगा)

इसके बाद उसने सहभागिता में यह साझा किया: "परमेश्वर के वचनों से हम देख सकते हैं कि अंतिम दिनों में परमेश्वर के कार्य और वचन, पूर्व की ओर से आई बिजली हैं। 'बिजली' प्रकाश को संदर्भित करती है, और 'प्रकाश’ परमेश्वर के वचनों को संदर्भित करता है; अर्थात् अंतिम दिनों में परमेश्वर की वापसी मनुष्य के पुत्र के रूप में उसका देहधारण है, जो पहले पूर्व में, चीन में, प्रकट होता है और वचन कहकर और विजेताओं का एक समूह बनाकर कार्य करता है। और फिर अंतिम दिनों का उसका सुसमाचार तेजी से पश्चिम में फैल गया, ताकि दुनिया भर में सभी लोग परमेश्वर के अंतिम दिनों के उद्धार को प्राप्त कर सकें। मत्ती 24:27 में कही गई यह बात इससे पूरी होती है: 'क्योंकि जैसे बिजली पूर्व से निकलकर पश्‍चिम तक चमकती है, वैसे ही मनुष्य के पुत्र का भी आना होगा।' इसके अलावा, अंतिम दिनों में परमेश्वर के कार्य का समय कम है और बिजली की तरह ही जल्दी से ख़त्म हो जाता है। केवल दो दशकों के कम समय में, परमेश्वर के राज्य का सुसमाचार पहले ही समूची मुख्य भूमि चीन में फैल चुका है और दुनिया भर के देशों में फैल रहा है। पूर्वी बिजली अंतिम दिनों में परमेश्वर का वचन और कार्य है, परमेश्वर द्वारा व्यक्त किया गया सत्य है। सर्वशक्तिमान परमेश्वर मनुष्य का वह पुत्र है जो बाइबल की भविष्यवाणी के अनुसार अंतिम दिनों में मनुष्य के सामने प्रकट होता है; अंतिम दिनों में वह नया कार्य पूरा करता है। वे सभी लोग जो अंतिम दिनों का परमेश्वर का कार्य स्वीकार नहीं करते, उन्हें पवित्र आत्मा के कार्य द्वारा हटा दिया जाएगा।" जब मैंने यह सुना, तभी मुझे यह एहसास हुआ कि पूर्वी बिजली परमेश्वर के कार्य को, परमेश्वर द्वारा व्यक्त सत्य को, संदर्भित करती है, और यह अंतिम दिनों में परमेश्वर का प्रकटन है! परमेश्वर ने सर्वप्रथम चीन में, जो एक नास्तिक राजनीतिक शक्ति है, प्रकट होकर कार्य शुरू किया। चीन में उसने पहले लोगों के एक समूह पर विजय प्राप्त कर उन्हें विजेताओं के रूप में पूर्ण किया, और फिर उसे पश्चिम और यहाँ तक कि दुनिया भर में बढ़ाया, ताकि सभी राष्ट्रों में और सभी स्थानों पर परमेश्वर के चुने हुए लोग अंतिम दिनों में परमेश्वर का कार्य स्वीकार कर सकें और परमेश्वर का शुद्धिकरण एवं उद्धार हासिल कर सकें, जिससे परमेश्वर की छह हजार साल की प्रबंधन योजना पूरी तरह से साकार हो सके। क्या यह उसकी बुद्धि प्रकट नहीं करता? यदि स्वयं परमेश्वर ने ये रहस्य प्रकट करने के लिए वचन नहीं कहे होते, तो मैं कभी नहीं समझ पाती!

सिस्टर चे'न ने अपनी संगति जारी रखी: "बहरहाल, परमेश्वर के प्रकटन और कार्य का सामना करने पर न केवल सभी संप्रदायों के नेता इसकी तलाश और जाँच करने में विफल रहे, बल्कि उन्होंने पागलों की तरह परमेश्वर पर दोष लगाया, उसका विरोध किया और उसकी निंदा की; वे सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया पर लांछन लगाने के लिए खुलेआम अफ़वाहें फैलाते हैं और सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अनुयायियों के खिलाफ़ हिंसक रूप से ज़बरदस्ती, गिरफ्तारी एवं उत्पीड़न करने के लिए नास्तिक सी.सी.पी. सरकार के साथ मिल गए हैं, ताकि सर्वशक्तिमान परमेश्वर के राज्य का सुसमाचार न फैल सके, परमेश्वर के अंतिम दिनों का कार्य नष्ट हो जाए और विश्वासी लोग सर्वशक्तिमान परमेश्वर के पास लौटने से रोके जा सकें। यह ठीक उसी तरह से है, जैसे रोमन सरकार और यहूदी नेताओं ने प्रभु यीशु का विरोध किया, उसकी निंदा की और उसे सूली पर चढ़ा दिया। वे सभी शैतानी दानव हैं जो सत्य से घृणा करते हैं, परमेश्वर से घृणा करते हैं, और परमेश्वर के दुश्मन हैं। वे जानते हैं कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर द्वारा कहे गए सभी वचन सत्य हैं और वे अधिकार और शक्ति लिए हुए हैं। एक बार जब ये वचन पूरी दुनिया में फैल जाएँगे, तो वे सभी लोग जो सत्य से प्यार करते हैं और परमेश्वर के प्रकटन के लिए तरसते हैं, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की ओर मुड़ जाएँगे और उसकी उपासना करेंगे। फिर, कोई उन लोगों का अनुसरण करना जारी नहीं रखेगा। इसलिए, अब जब कि परमेश्वर ने मानव-जाति को बचाने का कार्य करने के लिए एक बार फिर से देहधारण किया है, नास्तिक सी.सी.पी. सरकार और धार्मिक समुदाय के मसीह-विरोधी दल परमेश्वर के कार्य को अवरुद्ध और नष्ट करने की अंधाधुंध कोशिश कर रहे हैं। वे लोगों को बाँधने और धोखा देने के लिए, उन्हें सच्चे मार्ग की तलाश और जांच करने से रोकने के लिए, सभी तरह के नीच साधनों और तरीकों का उपयोग कर रहे हैं। यह तुम्हारे इंटरनेट पर उन अफ़वाहों को देखने के बाद परमेश्वर के कार्य के बारे में संदेह विकसित करने जैसा ही है शैतान का उद्देश्य हम सभी से परमेश्वर पर संदेह करवाना है। वह चाहता है कि हम परमेश्वर को नकार दें और उससे विश्वासघात करें, उसका उद्धार गँवा दें और शैतान के अधिकार-क्षेत्र में लौट आएँ, ताकि वह लोगों को स्थायी रूप से नियंत्रित करने और नुकसान पहुँचाने के अपने बुरे लक्ष्य को प्राप्त कर सके। जैसा कि परमेश्वर के वचनों से प्रकट होता है: 'परमेश्वर अपना कार्य करता है, वह एक व्यक्ति की देखभाल करता है, उस पर नज़र रखता है, और शैतान इस पूरे समय के दौरान उसके हर कदम का पीछा करता है। परमेश्वर जिस किसी पर भी अनुग्रह करता है, शैतान भी पीछे-पीछे चलते हुए उस पर नज़र रखता है। यदि परमेश्वर इस व्यक्ति को चाहता है, तो शैतान परमेश्वर को रोकने के लिए अपने सामर्थ्य में सब-कुछ करता है, वह परमेश्वर के कार्य को भ्रमित, बाधित और नष्ट करने के लिए विभिन्न बुरे हथकंडों का इस्तेमाल करता है, ताकि वह अपना छिपा हुआ उद्देश्य हासिल कर सके। क्या है वह उद्देश्य? वह नहीं चाहता कि परमेश्वर किसी भी मनुष्य को प्राप्त कर सके; उसे वे सभी लोग अपने लिए चाहिए जिन्हें परमेश्वर चाहता है, ताकि वह उन पर कब्ज़ा कर सके, उन पर नियंत्रण कर सके, उनको अपने अधिकार में ले सके, ताकि वे उसकी आराधना करें, ताकि वे बुरे कार्य करने में उसका साथ दें। क्या यह शैतान का भयानक उद्देश्य नहीं है?' (वचन, खंड 2, परमेश्वर को जानने के बारे में, स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है IV)। हमें परमेश्वर के वचनों के अनुसार शैतान की चाल को समझ लेना चाहिए; हमें शैतान के बुरे सार को, जो परमेश्वर का दुश्मन होना और लोगों को परमेश्वर की ओर लौटने से रोकना है, स्पष्ट रूप से देखना चाहिए। लोगों पर क़ब्ज़ा करने और उन्हें साबुत निगल जाने की उसकी पापी मंशा को हमें देख लेना चाहिए, ताकि हम परमेश्वर द्वारा बचाए जाने का अवसर खो न दें।" परमेश्वर के वचन पढ़कर और बहन की संगति सुनकर मैं वास्तव में समझ गई कि वे सभी ऑनलाइन अफ़वाहें शैतान से आई थीं। मैंने देखा कि वे सब जाल और फंदे हैं, जो शैतान ने लोगों को सच्चे मार्ग को परखने और परमेश्वर की ओर लौटने से रोकने के लिए बिछाए हैं। अगर मुझमें उनके बारे में विवेक न होता, तो मुझे शैतान द्वारा बंदी बना लिया गया होता। बहन की संगति ने मुझे पूर्वी बिजली के बारे में कुछ सच्ची समझ दी कि यह परमेश्वर का प्रकटन और कार्य है। सी.सी.पी. सरकार और धार्मिक समुदाय की शैतानी बुरी ताकतें परमेश्वर पर हमला करने के लिए जिन नीच साधनों का उपयोग करती हैं, उसका भेद जानने की अब मुझे समझ है; मैंने यह भी देखा है कि प्राचीन काल से ही सच्चा मार्ग दबाकर रखा गया है। हैरानी की बात है कि शैतान के व्यवधानों ने मुझे परमेश्वर के कार्य के बारे में अधिक समझ प्रदान की और मुझे शैतान के बारे में सच्चा विवेक हासिल कर उसे अस्वीकार करने में सक्षम बनाया। परमेश्वर की बुद्धि वास्तव में शैतान की चालों के से आगे ही रहती है। परमेश्वर को धन्यवाद हो!

जब मैं घर पहुँची, तो मैंने सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वीडियो ऑनलाइन देखने शुरू कर दिए। मैंने लगातार दस समवेत गायन के वीडियो देखे, साथ ही परमेश्वर के वचनों के कुछ पाठ सुने और कुछ सुसमाचार फ़िल्में भी देखीं। इन वीडियो और फ़िल्मों द्वारा बताई गई सभी बातें सच थीं और वे परमेश्वर के प्रकटन और उसके अंतिम दिनों के कार्य की गवाही देती थीं। उन्होंने मुझे परमेश्वर की प्रामाणिकता और उसकी मनोरमता देखने और परमेश्वर के धार्मिक स्वभाव के बारे में कुछ ज्ञान प्राप्त करने की अनुमति दी। यह देखकर कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर द्वारा कहे गए सारे वचन सत्य हैं और वे वास्तव में लोगों को बदल सकते हैं, शुद्ध कर सकते हैं और बचा सकते हैं, मुझे स्वर्ग के राज्य का मार्ग खोजने की अनुमति मिली—इसने मुझे उद्धार की आशा दी। जब मेरे देवर ने बाद में जाना कि मैंने सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अंतिम दिनों के कार्य को स्वीकार कर लिया है, तो वह कई बार मुझे परेशान करने के लिए आया, और कलीसिया में भी कुछ लोगों को भी ऐसा करने के लिए इकट्ठा कर लिया। मुझे भ्रमित करने और सर्वशक्तिमान परमेश्वर में मेरा विश्वास छुड़वाने के प्रयास में उसने इंटरनेट से बहुत सारे नकारात्मक प्रचार को तोते की तरह दुहराया। किंतु मैं पहले से ही सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कार्य के बारे में पूरी तरह से निश्चित थी और उन अफ़वाहों का मुझ पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। पीछे मुड़कर देखती हूँ कि यह वास्तव में परमेश्वर का मार्गदर्शन था, जिसने मुझे कुछ सत्य समझने दिया; धीरे-धीरे मैं अफ़वाहों की बेड़ियों और बंधनों से मुक्त हो गई और मैंने सच्चे मार्ग पर एक नींव स्थापित की। परमेश्वर के उद्धार और उसकी सुरक्षा के लिए, और परमेश्वर के घर में ले जाने के लिए, परमेश्वर को धन्यवाद हो!

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