परमेश्वर की भेड़ें परमेश्वर की आवाज को सुनती हैं
(नये विश्वासियों के लिए अनिवार्य चीजें)यह पुस्तक परमेश्वर के कार्य के तीन चरण, परमेश्वर के नाम, उसके देह धारण का रहस्य, सही मार्ग और गलत मार्ग के बीच भेद कैसे करें जैसे दिव्य सत्यों का संग्रह है। यह उन लोगों द्वारा पढ़ीं और धारण की जा सकती हैं जिन्होंने हाल में ही परमेश्वर के अंत के दिनों के कार्यों को स्वीकार किया है ताकि वे परमेश्वर के कार्य के दिव्य सत्यों को समझें और यथासंभव शीघ्रता से सच्चे मार्ग पर नींव तैयार करें।
सुसमाचार पुस्तकें
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अध्याय 1 सर्वशक्तिमान परमेश्वर ही एक सच्चा परमेश्वर है जिसने सब कुछ बनाया है
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अध्याय 2 परमेश्वर के नामों के सत्य
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अध्याय 3 परमेश्वर के कार्य के तीन चरणों के सत्य
1मानवजाति को प्रबंधित करने का काम क्या है?
2परमेश्वर के कार्य के तीन चरणों का लक्ष्य
3परमेश्वर के कार्य के तीनों चरणों में से प्रत्येक का उद्देश्य और महत्व
4परमेश्वर के कार्य के तीनों चरणों में से प्रत्येक के बीच सम्बन्ध
5ऐसा क्यों कहा जाता है कि परमेश्वर के कार्य के तीनों चरणों को जानना ही परमेश्वर को जानने का मार्ग है?
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अध्याय 4 अंत के दिनों में परमेश्वर के कार्य के सत्य
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अध्याय 5 परमेश्वर के देहधारण के बारे में सत्य
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अध्याय 6 विभेदन के कई रूप जिन्हें परमेश्वर में तुम्हारे विश्वास में तुम्हें धारण करना चाहिए
1परमेश्वर के कार्य और मनुष्य के कार्य के बीच विभेदन
2पवित्र आत्मा के और दुष्ट आत्माओं के कार्य के बीच विभेदन
3सच्चे मसीह और झूठे मसीहों के बीच विभेदन
4सच्चे और झूठे मार्गों में, तथा सच्ची और झूठी कलीसियाओं में विभेदन
5परमेश्वर का अनुसरण करने और लोगों का अनुसरण करने में अंतर
6सच्चे और झूठे अगुवों और सच्चे और झूठे चरवाहों के बीच विभेदन
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अध्याय 7 सत्य के अन्य पहलू जो तुम्हें परमेश्वर में अपनी आस्था में समझना चाहिए
1परमेश्वर पर अपने विश्वास में नए कार्य के प्रति लोगों के विरोध का स्रोत जानना
2सच्चे मार्ग की खोज में तुम्हें तर्कशक्ति से सम्पन्न अवश्य होना चाहिए
3परमेश्वर पर विश्वास में, तुम्हें परमेश्वर के साथ सामान्य सम्बन्ध स्थापित करना चाहिए
4पवित्र शिष्टता जो परमेश्वर के विश्वासियों को धारण करनी चाहिए
5परमेश्वर पर विश्वास केवल शान्ति और आशीषों को खोजने के लिए ही नहीं होना चाहिए
6पीड़ा का अर्थ और परमेश्वर के विश्वासियों को किस प्रकार की पीड़ा अवश्य सहनी चाहिए
7परमेश्वर पर विश्वास करने वालों को अपने गंतव्य के लिए भले कार्यों से पर्याप्त होकर तैयार होना चाहिए
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अध्याय 8 विभिन्न प्रकार के लोगों और मनुष्य को की गई परमेश्वर की प्रतिज्ञा के अंत