1. आप गवाही देते हैं कि "चमकती पूर्वी बिजली" सही मार्ग है, लेकिन सीसीपी और धार्मिक दुनिया के अधिकांश पादरी और एल्डर्स अब सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अंतिम दिनों के कार्य का विरोध करते हैं और उसकी निंदा करते हैं, जो यह दर्शाता है कि "चमकती पूर्वी बिजली" संभवतः सच्चा मार्ग नहीं हो सकती है। क्या इस विषय में हमारी समझ में कोई त्रुटि है?

उत्तर :

सच्चे मार्ग की जांच-पड़ताल करते हुए, कई लोग ऐसा सोचते हैं कि जिस मार्ग का सीसीपी और धर्म की दुनिया के अधिकांश पादरियों और एल्डरों द्वारा विरोध और निंदा की जाती है, वह सच्चा मार्ग नहीं हो सकता। क्या ऐसे विचारों और ख्यालों के बारे में परमेश्वर के वचनों में कोई आधार मिलता है? क्या ये सत्य-सिद्धांत के अनुरूप हैं? जब ये लोग सच्चे मार्ग की जांच-पड़ताल करते हैं, तो वे प्रभु यीशु के वचनों के आधार पर ऐसा नहीं करते, न ही वे सर्वशक्तिमान परमेश्वर द्वारा अभिव्यक्त किए गए वचनों को सुनते हैं ताकि समझें कि क्या ये वचन सत्य हैं, क्या ये कलीसियाओं से कहे गए पवित्र आत्मा के वचन हैं? इसके बजाय वे सीसीपी और धर्म की दुनिया के पादरियों और एल्डरों की बात सुनते हैं। क्या यह हास्यास्पद नहीं है? सीसीपी एक शैतानी राज है, परमेश्वर का प्रतिरोध करने वाली राक्षसी है। और धर्म की दुनिया के पादरी और एल्डर क्या हैं? वे फरीसी और मसीह-विरोधी हैं। सीसीपी और धर्म की दुनिया के पादरी और एल्डर सभी शैतान हैं और परमेश्वर का विरोध करते हैं, वे सभी दुष्ट शक्तियाँ हैं और परमेश्वर के प्रति शत्रुतापूर्ण हैं। अगर लोग सीसीपी और धर्म की दुनिया के पादरियों और एल्डरों के शैतानी शब्दों को सच्चा मार्ग मापने के मापदंड के रूप में इस्तेमाल करते हैं तो क्या वे बेहद मूर्ख और हद दर्जे के बुरे लोग नहीं हैं? याद करो कि जब प्रभु यीशु ने प्रकट होकर अपना कार्य शुरू किया था तो यहूदी धर्म के महायाजकों और शास्त्रियों ने उसकी निंदा की थी, उन्होंने कहा कि प्रभु यीशु मसीहा नहीं है, और उसे सलीब पर चढ़ाने के लिए रोमन अधिकारियों से हाथ तक मिला लिया। उनकी बातें सुनने के बाद बहुत-से यहूदी प्रभु यीशु को नकारने और और उसकी निंदा करने लगे थे, इसका परिणाम उसे सलीब पर चढ़ाने और परमेश्वर द्वारा उन लोगों को शापित और दंडित करने के रूप में सामने आया। यहूदियों ने क्या गलती की थी? उन्होंने शैतानी राज और ऊँचे पदों पर बैठे महायाजकों और शास्त्रियों की बातें सुनी, और उन्होंने प्रभु यीशु के प्रकटन और कार्य को नकार दिया। उन्होंने प्रभु यीशु द्वारा व्यक्त किए गए वचनों को नहीं सुना, न ही प्रभु यीशु के मार्ग की जाँच की, बल्कि इसके बजाय सत्ताधारी और ऊंचे पदों पर बैठे भ्रष्ट लोगों के शब्दों के आधार पर निष्कर्ष निकाले—इस प्रकार वे सबसे मूर्खतापूर्ण और नीच गलती कर बैठे। आज, जब हम सच्चे मार्ग का निरीक्षण करते हैं तो क्या यह मूर्खतापूर्ण नहीं होगा कि हम सीसीपी और पादरियों और एल्डरों के शैतानी शब्दों और अफवाहों पर विश्वास कर बैठें, और उनके झांसे में आकर सच्चे मार्ग की जाँच न करें? यह वही भूल होगी जो यहूदियों ने महायाजकों और शास्त्रियों पर विश्वास करके और प्रभु यीशु को नकार कर और उसकी निंदा करके की थी। यह हद दर्जे की मूर्खतापूर्ण और बेहूदा बात होगी।

जैसा कि हम सब जानते हैं, सीसीपी एक नास्तिक राजनीतिक पार्टी है, जिसका प्रणेता मार्क्स एक शैतान का अनुयायी था। सीसीपी समूची धार्मिक आस्था के विनाश की माँग करती है, ताकि सभी लोग इसी पार्टी में विश्वास करें और इसका आज्ञापालन करें, और उसे अपने उद्धारकर्ता के रूप में देखें। इस तरह, मार्क्स एक प्रामाणिक दानव था जो परमेश्वर का विरोध करता था; वह कम्यूनिस्ट पार्टी का जनक और महागुरु था, इसलिए जब इसके सदस्य मृत्यु को प्राप्त होंगे तो वे मार्क्स के पास लौट जाएंगे। सत्ता में आने के बाद से सीसीपी खुलकर परमेश्वर को नकारती और उसकी निंदा करती रही है। जब से सीसीपी सत्ता में आई है, उसने खुले आम परमेश्वर को नकारा है, उसकी निंदा की है, और परमेश्वर के खिलाफ ईशनिंदा की है। ईसाई धर्म को शी जियाओ घोषित कर दिया गया है, बाइबल को शी जियाओ साहित्य मानकर जब्त कर लिया और जला दिया जाता है, और धार्मिक समूहों पर शी जियाओ का ठप्पा लगाकर उन्हें सताया और उत्पीड़ित किया जाता है। खासतौर से चीन में अंत के दिनों के मसीह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के प्रकटन और कार्य के बाद से सीसीपी मसीह को पकड़ने के लिए और ज्यादा पगला गई है। यह सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया के ईसाइयों को बर्बरता से कुचलती और उत्पीड़ित करती है, और इस प्रयास में परमेश्वर के अंत के दिनों के कार्य की निंदा और बदनामी करने के लिए तरह-तरह की अफवाहें गढ़ती है, ताकि सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया को नष्ट किया जा सके। इन तथ्यों से यह प्रमाणित होता है कि सीसीपी एक ऐसा शैतानी राज है जिसे सत्य से अत्यधिक घृणा और वह परमेश्वर का घोर विरोध करती है! इस प्रकार, सीसीपी जितने ज्यादा पागलपन से सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कार्य का दमन और निंदा करती है और इसे नष्ट करने का प्रयास करती है, उतना ही ज्यादा यह साबित होता है कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर का प्रकटन और कार्य सत्य है, वास्तविक है, और यह मनुष्य को शुद्ध करने और बचाने में पूरी तरह सक्षम है। चलो, धर्म की दुनिया के पादरियों और एल्डरों पर एक नजर डालते हैं : उन्होंने क्या दुष्टता की है? उन्होंने परमेश्वर के कार्य के साथ कैसा बर्ताव किया है? वे सीसीपी के पाले में खड़े हैं, और सीसीपी के समर्थन में दूर से चिल्लाते हैं; उन्होंने परमेश्वर के कार्य का विरोध, निंदा और बदनामी करने में, और सर्वशक्तिमान परमेश्वर की गवाही देने वालों की गिरफ्तारी और उत्पीड़न में सीसीपी का साथ देने में कोई कसर नहीं छोड़ी है; उन्होंने अनेक कुकर्म किए हैं। इससे साबित होता है कि यहूदी धर्म के अगुआओं की तरह, धर्म की दुनिया के अगुआ मसीह के विरोध और निंदा के प्रमुख अपराधी हैं और वे ऐसे मसीह-विरोधी हैं जो सत्य से घृणा करते हैं और परमेश्वर का विरोध करते हैं! आज भी, धर्म की दुनिया में बहुत-से लोग इन अगुआओं के दुष्ट चेहरों को देख नहीं पाते और उनके द्वारा निरंतर बेवकूफ बनाए और नियंत्रित किए जा रहे हैं। वे सचमुच ही मूर्ख और अज्ञानी हैं; वे मृत्यु की कगार पर हैं और उन्हें इसका अहसास तक नहीं है।

तो हम किस तरह सच्चे मार्ग और झूठे मार्गों में भेद कर सकते हैं? इसे परमेश्वर के वचनों के आधार पर करना चाहिए; इसे सीसीपी के राक्षसों और धर्म की दुनिया के पादरियों और अगुआओं के शैतानी शब्दों के आधार पर बिल्कुल नहीं किया जाना चाहिए। यह सहज बुद्धि का वह न्यूनतम स्तर है जो परमेश्वर में विश्वास करने वालों के पास होना ही चाहिए। सच्चे मार्ग और झूठे मार्गों में भेद करने के संबंध में, सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहता है : "ऐसी चीज़ की जाँच-पड़ताल करना कठिन नहीं है, परंतु इसके लिए हममें से प्रत्येक को इस सत्य को जानने की ज़रूरत है: जो देहधारी परमेश्वर है, उसके पास परमेश्वर का सार होगा और जो देहधारी परमेश्वर है, उसके पास परमेश्वर की अभिव्यक्ति होगी। चूँकि परमेश्वर ने देह धारण किया है, इसलिए वह उस कार्य को सामने लाएगा, जो वह करना चाहता है, और चूँकि परमेश्वर ने देह धारण किया है, इसलिए वह उसे अभिव्यक्त करेगा जो वह है और वह मनुष्य के लिए सत्य को लाने, उसे जीवन प्रदान करने और उसे मार्ग दिखाने में सक्षम होगा। जिस देह में परमेश्वर का सार नहीं है, वह निश्चित रूप से देहधारी परमेश्वर नहीं है; इसमें कोई संदेह नहीं। अगर मनुष्य यह पता करना चाहता है कि क्या यह देहधारी परमेश्वर है, तो इसकी पुष्टि उसे उसके द्वारा अभिव्यक्त स्वभाव और उसके द्वारा बोले गए वचनों से करनी चाहिए। इसे ऐसे कहें, व्यक्ति को इस बात का निश्चय कि यह देहधारी परमेश्वर है या नहीं और कि यह सही मार्ग है या नहीं, उसके सार से करना चाहिए। और इसलिए, यह निर्धारित करने की कुंजी कि यह देहधारी परमेश्वर की देह है या नहीं, उसके बाहरी स्वरूप के बजाय उसके सार (उसका कार्य, उसके कथन, उसका स्वभाव और कई अन्य पहलू) में निहित है" (वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, प्रस्तावना)। सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन स्पष्ट रूप से सच्चे मार्ग की छानबीन के सिद्धांतों की व्याख्या करते हैं। सर्वशक्तिमान परमेश्वर का कार्य सच्चा मार्ग है या नहीं, यह जानने की कुंजी यह समझना है कि क्या सर्वशक्तिमान परमेश्वर द्वारा अभिव्यक्त किए गए वचन सत्य हैं, क्या वे परमेश्वर की आवाज हैं। यह सबसे महत्वपूर्ण और आधारभूत बात है। अगर लोग यह पहचान पाने में सक्षम हैं कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन सत्य हैं, और परमेश्वर की आवाज भी, और वे परमेश्वर के अंत के दिनों के कार्य को स्वीकार कर सकते हैं, तो वे बुद्धिमान कुंवारियाँ हैं, वे प्रभु का स्वागत करते हैं और परमेश्वर के समक्ष स्वर्गारोहित किए जाते हैं; अगर वे सीसीपी और धर्म की दुनिया के पादरियों और एल्डरों के शब्दों पर विश्वास करने की जिद ठाने रहते हैं, और परमेश्वर की आवाज को सुनने पर कोई ध्यान नहीं देते, और न ही सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अंत के दिनों के कार्य की छानबीन या खोज करते हैं, तो वे मूर्ख कुंवारियाँ हैं, वे अंतत: परमेश्वर द्वारा त्याग दिए और हटा दिए जाएंगे, और तबाहियों में झोंक दिए जाएंगे, जहाँ वे खून के आँसू बहाएंगे और अपने दाँत पीसेंगे।

पिछला: 2. हाल ही में, मैंने सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कई वचनों को पढ़ा है, और पाया है कि उनमें शक्ति और अधिकार, दोनों ही हैं। उसके कथनों में हर एक कथन सत्य है, वे वास्तव में परमेश्वर की वाणी हैं, और सर्वशक्तिमान परमेश्वर प्रभु यीशु की वापसी है। लेकिन एक बात है जो मुझे समझ में नहीं आती है: कुछ लोग हैं जो अब प्रभु यीशु की वापसी का नाटक कर रहे हैं, और उन्होंने भी बातें कही हैं। उनके कुछ शब्दों से किताबें बनाई गईं हैं, और कई लोगों को उनका अनुसरण करने के लिए बहकाया गया है। हम झूठे मसीहों के शब्दों की वास्तविकता को कैसे पहचान सकते हैं?

अगला: 2. आप गवाही देते हैं कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर प्रभु यीशु की वापसी है, और वह सत्य को व्यक्त कर रहा है और अंतिम दिनों के न्याय के कार्य को कर रहा है। हालाँकि आप जिसकी गवाही दे रहे हैं, वह बाइबल के अनुरूप है, हमारी कलीसिया के कई लोग इसे स्वीकार नहीं करते। हम मानते हैं कि, सही मार्ग होने के लिए, इसे कई लोगों द्वारा स्वीकार किया जाना चाहिए, और यह कि कुछ ही लोगों द्वारा स्वीकार किया गया मार्ग ग़लत होता है। जब तक हमारी कलीसिया के कई लोग इस बात को स्वीकार नहीं कर लेते हैं, तब तक हम, इसमें विश्वास करना शुरू करें उसके पहले, प्रतीक्षा करेंगे।

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1. प्रभु ने हमसे यह कहते हुए, एक वादा किया, "मैं तुम्हारे लिये जगह तैयार करने जाता हूँ। और यदि मैं जाकर तुम्हारे लिये जगह तैयार करूँ, तो फिर आकर तुम्हें अपने यहाँ ले जाऊँगा कि जहाँ मैं रहूँ वहाँ तुम भी रहो" (यूहन्ना 14:2-3)। प्रभु यीशु पुनर्जीवित हुआ और हमारे लिए एक जगह तैयार करने के लिए स्वर्ग में चढ़ा, और इसलिए यह स्थान स्वर्ग में होना चाहिए। फिर भी आप गवाही देते हैं कि प्रभु यीशु लौट आया है और पृथ्वी पर ईश्वर का राज्य स्थापित कर चुका है। मुझे समझ में नहीं आता: स्वर्ग का राज्य स्वर्ग में है या पृथ्वी पर?

संदर्भ के लिए बाइबल के पद :"हे हमारे पिता, तू जो स्वर्ग में है; तेरा नाम पवित्र माना जाए। तेरा राज्य आए। तेरी इच्छा जैसी स्वर्ग में पूरी...

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