514 परमेश्वर के वचनों का एक भजन परमेश्वर के वचन हैं, कभी न बदलने वाले सत्य
1 मेरे वचन सदा अपरिवर्तनीय सत्य हैं। मैं मनुष्य के लिए जीवन की आपूर्ति और मानवजाति के लिए एकमात्र मार्गदर्शक हूँ। मेरे वचनों का मूल्य और अर्थ इससे निर्धारित नहीं होता कि क्या उन्हें मानवजाति अनुमोदित करती या स्वीकारती है, बल्कि स्वयं वचनों के सार से निर्धारित होता है। यहाँ तक कि इस पृथ्वी पर एक भी व्यक्ति मेरे वचन न स्वीकार पाए, तो भी मेरे वचनों के मूल्य और मानवजाति के लिए उनके उपकार का आकलन करना किसी भी मनुष्य के लिए असंभव है।
2 मेरे वचनों के खिलाफ विद्रोह करने वाले, उनका खंडन करने वाले या उनका पूरी तरह से तिरस्कार करने वाले बहुत से लोगों से सामना होने पर मेरा रवैया केवल यह रहता है : समय और तथ्यों को मेरी गवाही देने दो और यह साबित करने दो कि मेरे वचन सत्य, मार्ग और जीवन हैं। उन्हें यह साबित करने दो कि जो कुछ मैंने कहा है वह सब सही है और वह ऐसा है जो मनुष्य के पास होना चाहिए और इतना ही नहीं, जो मनुष्य को स्वीकार करना चाहिए।
3 मैं निश्चित करूँगा कि जो लोग मेरा अनुसरण करते हैं वे इस तथ्य को जान लें : जो लोग पूरी तरह से मेरे वचनों को स्वीकार नहीं कर सकते, जो मेरे वचनों का अभ्यास नहीं कर सकते, जो मेरे वचनों में कोई लक्ष्य नहीं खोज सकते और जो मेरे वचनों के कारण उद्धार का अनुग्रह प्राप्त नहीं कर सकते, वे ऐसे लोग हैं जिनकी मेरे वचन निंदा करते हैं; यही नहीं, वे ऐसे लोग हैं जिन्होंने मेरा उद्धार गँवा दिया है, और मेरी लाठी उनसे कभी नहीं हटेगी। समय और तथ्यों को मेरी गवाही देने दो और यह साबित करने दो कि मेरे वचन सत्य, मार्ग और जीवन हैं।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, तुम लोगों को अपने कर्मों पर विचार करना चाहिए