452 तुम्हें मसीह के साथ संगत होने का मार्ग खोजना चाहिए
1 यहूदी फरीसी यीशु को दोषी ठहराने के लिए मूसा की व्यवस्था का उपयोग करते थे। उन्होंने उस समय के यीशु के संगत होने की कोशिश नहीं की, लेकिन उन्होंने व्यवस्था के प्रत्येक अनुच्छेद को इतनी गंभीरता से लिया कि—उस पर यह दोष लगाते हुए कि वह पुराने नियम की व्यवस्था का पालन नहीं करता और मसीह नहीं है—उन्होंने आखिरकार निर्दोष यीशु को क्रूस पर चढ़ा दिया। वे परमेश्वर में विश्वास करने वाले लोग नहीं, बल्कि बाइबल में विश्वास करने वाले लोग थे। अगर बात की तह में जाएँ तो वे बाइबल के ठेकेदार बन बैठे थे।
2 और आज के लोगों के बारे में क्या कहूँ? वे उस मसीह को, जो सत्य को प्रकट करने आया है, इस संसार से निकाल देना ज्यादा पसंद करेंगे, ताकि वे स्वर्ग में प्रवेश हासिल कर सकें और अनुग्रह प्राप्त कर सकें। वे बाइबल के हितों की रक्षा करने के लिए सत्य के आगमन को पूरी तरह से नकारना और बाइबल का चिरस्थायी अस्तित्व सुनिश्चित करने के लिए देह में लौटे मसीह को फिर से सूली पर चढ़ाना पसंद करेंगे। मनुष्य मेरा उद्धार कैसे प्राप्त कर सकता है, जब उसका हृदय इतना अधिक द्वेष से भरा है और उसकी प्रकृति मेरे इतनी विरोधी है?
3 मैं मनुष्य के मध्य रहता हूँ, फिर भी मनुष्य मेरे अस्तित्व के बारे में नहीं जानता। जब मैं मनुष्य पर अपना प्रकाश डालता हूँ, तब भी वह मेरे अस्तित्व से अनभिज्ञ रहता है। जब मैं मनुष्य पर अपना क्रोध बरसाता हूँ तो वह और भी अधिक मेरे अस्तित्व को नकारता है। मनुष्य वचनों और बाइबल के साथ अनुरूपता खोजता है, फिर भी कोई भी मेरे सामने सत्य के साथ अनुरूपता का मार्ग खोजने नहीं आता। मनुष्य स्वर्ग में मेरा आदर करता है और स्वर्ग में मेरे अस्तित्व की विशेष चिंता करता है, लेकिन देह में कोई मेरी परवाह नहीं करता, क्योंकि मैं जो मनुष्य के बीच रहता हूँ, अत्यंत महत्वहीन हूँ।
4 जो लोग सिर्फ बाइबल के वचनों के साथ संगत होने की खोज करते हैं और जो लोग सिर्फ एक अज्ञात परमेश्वर के संगत होने की खोज करते हैं, वे मेरी दृष्टि में तुच्छ हैं। ऐसा इसलिए है, क्योंकि वे मृत शब्दों की आराधना करते हैं और एक ऐसे परमेश्वर की आराधना करते हैं, जो उन्हें अथाह धन देने में सक्षम है; वे जिस परमेश्वर की पूजा करते हैं, वह ऐसा परमेश्वर है जो स्वयं को मनुष्य की दया पर रख देता है—ऐसा परमेश्वर, जिसका अस्तित्व ही नहीं है। तो फिर, ऐसे लोग मुझसे क्या प्राप्त कर सकते हैं? मनुष्य की तुच्छता शब्दों से परे है। जो मेरे विरोध में हैं, जो मुझसे असीमित माँगें करते हैं, जिनमें सत्य के लिए कोई प्रेम नहीं है, जो मेरे प्रति विद्रोही हैं—वे मेरे साथ कैसे संगत हो सकते हैं?
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, तुम्हें मसीह के साथ अनुकूलता का तरीका खोजना चाहिए