अध्याय 75

मेरे वचन, जरा-से भी विचलन के बिना, बोले जाते ही पूरे हो जाएँगे। अब से सभी छिपे हुए रहस्य बिलकुल भी अस्पष्ट या छिपे हुए नहीं रहेंगे, और उन्हें तुम लोगों के सामने प्रकट कर दिया जाएगा—मेरे प्यारे पुत्रो। मैं तुम्हें अपने में और भी बड़े संकेत और चमत्कार, यहाँ तक कि और भी बड़े रहस्य दिखाऊँगा। ये चीजें निश्चित रूप से तुम लोगों को चकित कर देंगी और तुम लोगों को मेरी—सर्वशक्तिमान परमेश्वर की—एक बेहतर समझ प्रदान करेंगी, और तुम्हें उनमें निहित मेरी बुद्धि को समझने देंगी। आज तुम लोगों को उस सच्चे परमेश्वर के रूबरू लाया जाता है, जिसे मनुष्यों ने सृष्टि की रचना से लेकर अब तक कभी नहीं देखा है, और मेरे बारे में कुछ भी खास नहीं है। मैं तुम लोगों के साथ खाता, रहता, बोलता और हँसता हूँ, और मैं हमेशा तुम लोगों के भीतर रहता हूँ, और इसके साथ ही, तुम लोगों के बीच घूमता भी हूँ। जो लोग विश्वास नहीं करते या जिनकी अपनी गहरी धारणाएँ हैं, उन लोगों के लिए यह एक ठोकर है। यह मेरी बुद्धि है। मैं कुछ लोगों के लिए वे चीजें भी प्रकट करूँगा, जिन्हें मेरी सामान्य मानवता नहीं जानती, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मैं स्वयं परमेश्वर नहीं हूँ। इसके विपरीत, यह ये साबित करने के लिए पर्याप्त है कि मैं सर्वशक्तिमान परमेश्वर हूँ। जो लोग विश्वास करते हैं, उन पर इस बात का एक निर्णायक प्रभाव पड़ता है, और केवल इस बात के कारण ही उनमें मेरे बारे में एक सौ प्रतिशत निश्चितता है। अत्यधिक चिंता मत करो; मैं एक-एक करके चीजें तुम्हारे सामने प्रकट करूँगा।

तुम लोगों के लिए मैं खुला हूँ, छिपा हुआ नहीं। किंतु गैर-विश्वासियों के लिए—जो धोखेबाज हैं, जो शैतान द्वारा कुछ हद तक भ्रष्ट कर दिए गए हैं—मैं छिपा रहूँगा। बहरहाल, जब मैंने पहले सभी लोगों के सामने खुद को प्रकट करने की बात कही थी, तो मैं अपनी धार्मिकता, न्याय और प्रताप की बात कर रहा था, ताकि वे खुद को प्राप्त होने वाले परिणाम से जान सकें कि मैं ब्रह्मांड और सभी चीजों का प्रभारी हूँ। हिम्मत से काम लो! बस, अपने सिर उठाए रखो! डरो मत : मैं—तुम लोगों का पिता—तुम लोगों की सहायता के लिए यहाँ मौजूद हूँ, और तुम लोग पीड़ित नहीं होगे। जब तक तुम अकसर मेरे सामने प्रार्थना और अनुनय करते हो, तब तक मैं तुम लोगों पर पूरा विश्वास रखूँगा। सत्ता में रहने वाले लोग बाहर से दुष्ट लग सकते हैं, लेकिन डरो मत, क्योंकि ऐसा इसलिए है कि तुम लोगों में विश्वास कम है। जब तक तुम लोगों का विश्वास बढ़ता रहेगा, तब तक कुछ भी ज्यादा मुश्किल नहीं होगा। प्रसन्न रहो और जी भरकर उछलो! सब-कुछ तुम लोगों के पैरों-तले और मेरी पकड़ में है। क्या सिद्धि या विनाश मेरे एक वचन से तय नहीं होता?

जिन लोगों का मैं अभी उपयोग कर रहा हूँ, वे सभी मेरे द्वारा बहुत पहले एक-एक करके अनुमोदित किए गए थे। अर्थात्, ज्येष्ठ पुत्रों के समूह के लोगों को पहले ही निर्धारित किया जा चुका है, और उन्हें तब से निर्धारित किया जा चुका है, जब मैंने दुनिया बनाई थी। इसे कोई नहीं बदल सकता, और सभी कुछ मेरे आदेश के अनुसार होना चाहिए। कोई भी मनुष्य ऐसा नहीं कर सकता; ये सब मेरी व्यवस्थाएँ हैं। मेरे साथ हर चीज स्थिर और सुरक्षित होगी; मेरे साथ सब-कुछ उचित और उपयुक्त तरीके से किया जाएगा और इसमें जरा-सा भी प्रयास नहीं करना पड़ेगा। मैं बोलता हूँ और यह स्थापित हो जाता है; मैं बोलता हूँ और यह पूरा हो जाता है। अंतरराष्ट्रीय स्थिति में मची खलबली को देखते हुए, तुम लोगों ने अपना प्रशिक्षण शुरू करने की जल्दी क्यों नहीं की? तुम कब तक इंतजार करोगे? क्या तुम तब तक इंतजार करते रहोगे, जब तक विदेशी चीन में तुम लोगों से मिलने के लिए न उमड़ पड़ें? हो सकता है कि तुम पहले कुछ धीमे रहे हो, लेकिन तुम अपने आप में लिप्त रहना जारी नहीं रख सकते! मेरे पुत्रो! मेरे श्रमसाध्य इरादों के प्रति विचारशील बनो! जो लोग अधिक बार मेरे करीब आते हैं, वे सब-कुछ हासिल करेंगे। क्या तुम मुझ पर अविश्वास करते हो?

मेरे कार्य की गति बिजली की एक चमक है, लेकिन निश्चित रूप से यह गर्जन की गड़गड़ाहट नहीं है। क्या तुम इन वचनों का सही अर्थ समझते हो? तुम लोगों को मेरे साथ बेहतर समन्वय करने और मेरे इरादों के प्रति विचारशील होने में सक्षम होना चाहिए। तुम आशीष प्राप्त करना चाहते हो, लेकिन पीड़ा से डरते भी हो; क्या यह तुम लोगों की दुविधा नहीं है? मैं तुम्हें बता दूँ! यदि आज कोई आशीष प्राप्त करना चाहता है किंतु वह उस दिशा में समस्त बलिदान नहीं करता, तो वह सिर्फ मेरा दंड और मेरा न्याय ही पाएगा। किंतु जो लोग समस्त बलिदान करते हैं, वे सभी चीजों में शांति का अनुभव करेंगे और उनके लिए सब-कुछ प्रचुर मात्रा में होगा, और जो कुछ भी वे प्राप्त करेंगे, वे मेरे आशीर्वाद होंगे। आज जिस चीज की तत्काल आवश्यकता है, वह है तुम लोगों का विश्वास, और तुम लोगों द्वारा एक कीमत चुकाना। सब-कुछ होकर रहेगा, और इसे तुम लोग अपनी आँखों से देखोगे और व्यक्तिगत रूप से अनुभव करोगे। मेरे पास एक भी गलत वचन या झूठ नहीं है; जो कुछ भी मैं कहता हूँ वह पूरी तरह सत्य है, और वह बुद्धि से रहित नहीं है। आधा विश्वास और आधा संदेह मत करो। यह मैं हूँ, जो तुम लोगों के बीच हर चीज पूरी करता है, और यह भी मैं हूँ, जो बुराई करने वालों का न्याय और निपटान करता है। मैं तुम लोगों से प्यार करता हूँ और तुम लोगों को पूर्ण बनाता हूँ। किंतु उनके लिए मैं पूरा विपरीत हूँ : घृणा और विनाश, बिना किसी छूट के और बिना कोई निशान छोड़े। मैं जो कुछ भी कहता और करता हूँ, उसमें मेरी प्रचुरता निहित है। क्या तुम लोगों ने थोड़ा-थोड़ा करके उनके जाँच की है? कुछ वचन मैंने कई बार कहे हैं, तो फिर तुम लोग मेरा अभिप्राय क्यों नहीं समझते? मेरे वचनों को पढ़ लेने के बाद क्या सब-कुछ ठीक वैसा हो जाएगा, जैसा कि होना चाहिए? क्या तब सब-कुछ संपन्न हो जाएगा? तुम्हारा मेरे दिल के प्रति विचारशील होने का कोई इरादा नहीं है। मैं ऐसा क्यों कहता हूँ कि मैं पूरी तरह से अधिकार-युक्त, सर्व-बुद्धिमान, एक सच्चा परमेश्वर हूँ, जो लोगों के दिलों में गहरे देखता है? क्या तुम अभी भी इन वचनों का अर्थ नहीं समझते? क्या तुमने वह प्रत्येक वचन याद कर लिया है, जिस पर मैंने जोर दिया है? क्या वे वास्तव में तुम्हारे लिए कार्य करने के सिद्धांत बन गए हैं?

मैं पूरे ब्रह्मांड की निगरानी करते हुए हर चीज से ऊपर खड़ा हूँ। मैं हर राष्ट्र और व्यक्ति को अपना महान सामर्थ्य और अपनी पूरी बुद्धि दिखाऊँगा। अभी तुम लोग बस वह न करो, जो तुम आनंद की खोज के लिए कर सकते हो। जब दुनिया के सभी देश एकजुट हो जाएँगे, तो ऐसा क्या होगा जो तुम लोगों का न हो? फिर भी, मैं तुम लोगों को अब कमी नहीं होने दूँगा, न ही मैं तुम लोगों को पीड़ित होने दूँगा। विश्वास करो कि मैं सर्वशक्तिमान परमेश्वर हूँ! हर चीज पूरी होगी और बेहतर से बेहतर होती जाएगी! मेरे ज्येष्ठ पुत्रो! सारे आशीष तुम लोगों के पास आएँगे! तुम लोग उनका अंतहीन आनंद लोगे और वे अटूट आपूर्ति वाले, समृद्ध और प्रचुर, और संख्या में पूर्ण होंगे!

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