अध्याय 70
यह पूरी तरह से मेरे अनुग्रह और दया की वजह से ही है कि मेरे रहस्य प्रकट और खुले तौर पर व्यक्त होते हैं, और अब छिपे नहीं हैं। और यही नहीं, मेरे वचन का मनुष्यों के बीच प्रकट होना और उनका छिपा न रहना भी मेरे अनुग्रह और मेरी दया की वजह से ही है। मैं उन सभी से प्यार करता हूँ, जो ईमानदारी से मेरे लिए स्वयं को खपाते हैं और खुद को मेरे प्रति समर्पित करते हैं। मैं उन सभी से घृणा करता हूँ, जो मुझसे जन्मे हैं, फिर भी, मुझे नहीं जानते, यहाँ तक कि मेरा विरोध भी करते हैं। मैं ऐसे किसी भी व्यक्ति का परित्याग नहीं करूँगा, जो ईमानदारी से मेरे प्रति समर्पित है; बल्कि मैं उसके आशीष दोगुने कर दूँगा। जो लोग कृतघ्न हैं और मेरी दया का अनादर करते हैं, उन्हें मैं दोगुनी सजा दूँगा और आसानी से नहीं छोड़ूँगा। मेरे राज्य में कोई कुटिलता या छल नहीं है, और कोई सांसारिकता नहीं है; अर्थात् वहाँ मृतकों की कोई गंध नहीं है। बल्कि सब-कुछ सत्यपरायणता और धार्मिकता है; सब-कुछ शुद्धता और खुलापन है, और कुछ भी छिपाया या गुप्त नहीं रखा गया है। सब-कुछ ताजा है, सब-कुछ आनंद है, और सब-कुछ आत्मिक उन्नति है। जिस किसी से अभी भी मृतकों की दुर्गंध आती है, वह किसी भी तरीके से मेरे राज्य में नहीं रह सकता, बल्कि उसे मेरी लोहे की छड़ द्वारा शासित किया जाएगा। अनादि काल से लेकर आज तक के सभी अंतहीन रहस्य पूरी तरह से तुम लोगों पर प्रकट किए जाते हैं—उन लोगों के समूह पर, जिन्हें अंत के दिनों में मेरे द्वारा प्राप्त किया जाता है। क्या तुम धन्य महसूस नहीं करते? वे दिन, जब सब खुले तौर पर प्रकट किया जाता है, यही नहीं, वे दिन, जिनमें तुम लोग मेरा शासन साझा करते हो।
लोगों का वह समूह, जो वास्तव में राजाओं की तरह शासन करता है, मेरे द्वारा पूर्वनियत किए जाने और चुने जाने पर निर्भर करता है, और इसमें बिलकुल भी कोई मानव-इच्छा नहीं होती। जो कोई इसमें हिस्सा लेने की हिम्मत करेगा, उसे मेरे हाथ का प्रहार झेलना होगा, और ऐसे लोग मेरी प्रचंड अग्नि के पात्र बनेंगे; यह मेरी धार्मिकता और प्रताप का दूसरा पहलू है। मैंने कहा है कि मैं सभी चीजों पर शासन करता हूँ, मैं वह बुद्धिमान परमेश्वर हूँ जो पूर्ण अधिकार का उपयोग करता है, और मैं किसी के प्रति भी उदार नहीं हूँ; मैं अत्यंत निष्ठुर हूँ, व्यक्तिगत भावनाओं से पूरी तरह रहित हूँ। मैं हर किसी से अपनी धार्मिकता, सत्यपरायणता और प्रताप के साथ व्यवहार करता हूँ (चाहे कोई कितना भी अच्छा क्यों न बोलता हो, मैं उसे नहीं छोड़ूँगा), और इस बीच मैं हर किसी को अपने कर्मों का चमत्कार बेहतर ढंग से देखने और साथ ही अपने कर्मों का अर्थ समझने में सक्षम बनाता हूँ। एक-एक करके मैंने दुष्ट आत्माओं को उनके द्वारा किए जाने वाले सभी प्रकार के कर्मों के लिए दंडित किया, और प्रत्येक को अथाह कुंड में फेंक दिया। यह काम मैंने समय के शुरू होने से पहले किया, और उनके लिए न कोई पद छोड़ा, न ही कार्य करने की कोई जगह छोड़ी। मेरे चुने हुए लोगों—मेरे द्वारा पूर्वनियत किए गए और चुने गए लोगों—में से कोई भी कभी किसी दुष्टात्मा द्वारा ग्रस्त नहीं किया जा सकता, और वे हमेशा पवित्र रहेंगे। जहाँ तक उनकी बात है, जिन्हें मैंने पूर्वनियत नहीं किया और चुना नहीं है, उन्हें मैं शैतान को सौंप दूँगा और उन्हें अब रहने नहीं दूँगा। सभी पहलुओं में, मेरे प्रशासनिक आदेशों में मेरी धार्मिकता और मेरा प्रताप शामिल हैं। मैं उन लोगों में से एक को भी नहीं छोडूँगा, जिन पर शैतान कार्य करता है, बल्कि उन्हें सशरीर रसातल में डाल दूँगा, क्योंकि मैं शैतान से घृणा करता हूँ। मैं उसे किसी भी तरह आसानी से नहीं छोड़ूँगा, बल्कि उसे पूरी तरह से नष्ट कर दूँगा, और उसे अपना कार्य करने का जरा-सा भी मौका नहीं दूँगा। जिन्हें शैतान ने एक निश्चित सीमा तक भ्रष्ट कर दिया है, वे (अर्थात् वे, जो आपदा के पात्र हैं), मेरे अपने हाथ की बुद्धिमत्तापूर्ण व्यवस्था के अधीन हैं। यह मत सोचो कि ऐसा शैतान की क्रूरता की वजह से हुआ है; जान लो कि मैं सर्वशक्तिमान परमेश्वर हूँ, जो ब्रह्मांड और सभी चीजों पर शासन करता है! मेरे लिए ऐसी कोई समस्या नहीं है जिसे सुलझाया नहीं जा सकता, ऐसी कोई चीज या ऐसा कोई वचन तो बिल्कुल भी नहीं है, जिसे पूरा नहीं किया जा सकता या कहा नहीं जा सकता। मनुष्यों को मेरे सलाहकारों की तरह कार्य नहीं करना चाहिए। मेरे हाथों मारे जाने और रसातल में डाल दिए जाने से सावधान रहो। मैं तुम्हें यह बताता हूँ! जो लोग आज मेरे साथ सक्रिय रूप से सहयोग कर रहे हैं, वे सबसे चतुर हैं, और वे नुकसान से बचेंगे और न्याय की पीड़ा से भी बचे रहेंगे। ये सब मेरी व्यवस्थाएँ हैं, मेरे द्वारा पूर्वनियत हैं। यह सोचकर कि तुम बहुत महान हो, अविवेकपूर्ण टीका-टिप्पणियाँ और बड़ी-बड़ी बातें मत करो। क्या यह सब मेरे द्वारा पूर्वनियत किए जाने से नहीं है? तुम लोगों को, जो मेरे सलाहकार होगे, कोई शर्म नहीं है! तुम अपना आध्यात्मिक कद नहीं जानते; वह कितना दयनीय रूप से छोटा है! फिर भी, तुम्हें लगता है कि यह कोई बड़ा मामला नहीं है, और खुद को नहीं जानते। बार-बार तुम लोग मेरे वचन अनसुने कर देते हो, जिससे मेरे कठिन प्रयास व्यर्थ हो जाते हैं, और यह बिलकुल नहीं समझते कि वे मेरे अनुग्रह और दया की अभिव्यक्तियाँ हैं। इसके बजाय, तुम बार-बार अपनी चालाकी दिखाने की कोशिश करते हो। क्या तुम्हें यह याद है? उन लोगों को कैसी ताड़ना मिलनी चाहिए, जिन्हें लगता है कि वे बहुत चतुर हैं? मेरे वचनों के प्रति उदासीन और निष्ठाहीन रहकर, और उन्हें अपने हृदय में न उकेरकर तुम लोग तमाम चीजें करने के लिए दिखावे के रूप में मेरा उपयोग करते हो। कुकर्मियो! तुम लोग कब मेरे हृदय पर पूरी तरह से ध्यान दे पाओगे? तुम उसके प्रति बिलकुल भी विचारशील नहीं हो, इसलिए तुम लोगों को “कुकर्मी” कहना तुम लोगों के प्रति दुर्व्यवहार करना नहीं है। यह तुम्हारे लिए बिलकुल उपयुक्त है!
आज मैं तुम लोगों को एक-एक करके वे चीजें दिखा रहा हूँ, जो कभी छिपी हुई थीं। बड़े लाल अजगर को अथाह कुंड में फेंक दिया गया है और उसे पूरी तरह नष्ट कर दिया गया है, क्योंकि उसे बनाए रखने का कोई फायदा न होता; इसका अर्थ है कि वह मसीह की सेवा नहीं कर सकता। इसके बाद, लाल चीजें अब अस्तित्व में नहीं रहेंगी; धीरे-धीरे उन्हें मिटकर शून्य हो जाना होगा। मैं जो कहता हूँ वह करता हूँ; यह मेरे कार्य की पूर्णता है। इंसानी धारणाएँ हटा दो, मैंने जो कुछ भी कहा है, उसे किया है। जो कोई चालाक बनने का प्रयास करता है, वह खुद पर विनाश और तिरस्कार ला रहा है, और जीना नहीं चाहता। इसलिए, मैं तुम्हें संतुष्ट करूँगा और निश्चित रूप से ऐसे लोगों को नहीं रखूँगा। इसके बाद, आबादी उत्कृष्टता में बढ़ेगी, जबकि मेरे साथ सक्रिय रूप से सहयोग न करने वालों का नामो-निशान तक मिटा दिया जाएगा। जिन्हें मैंने स्वीकार किया है, वे वो लोग हैं जिन्हें मैं पूर्ण करूँगा, और किसी एक को भी नहीं निकालूँगा। मैं जो कहता हूँ, उसमें कोई विरोधाभास नहीं है। जो लोग मेरे साथ सक्रिय रूप से सहयोग नहीं करते, वे और ताड़ना भुगतेंगे, हालाँकि अंततः मैं उन्हें निश्चित रूप से बचाऊँगा। लेकिन उस समय तक उनका जीवन-विस्तार काफी अलग होगा। क्या तुम ऐसा व्यक्ति बनना चाहते हो? उठो और मेरे साथ सहयोग करो! मैं निश्चित रूप से उन लोगों के साथ क्षुद्रता से व्यवहार नहीं करूँगा, जो ईमानदारी से खुद को मेरे लिए खपाते हैं। जो लोग अपने आप को ईमानदारी से मेरे प्रति समर्पित करते हैं, मैं उन्हें अपने सभी आशीष प्रदान करूँगा। अपने आप को पूरी तरह से मेरे प्रति अर्पित कर दो! तुम जो खाते हो, जो पहनते हो, और तुम्हारा भविष्य, ये सब मेरे हाथों में हैं; मैं सब ठीक प्रकार से व्यवस्थित कर दूँगा, ताकि तुम असीमित आनंद पा सको, जो कभी खत्म नहीं होगा। ऐसा इसलिए है, क्योंकि मैंने कहा है, “जो ईमानदारी से मेरे लिए स्वयं को खपाता है, मैं निश्चित रूप से तुझे बहुत आशीष दूँगा।” हर उस व्यक्ति पर, जो खुद को ईमानदारी से मेरे लिए खपाता है, सारे आशीष आएँगे।