अध्याय 71
मैंने अपना सब-कुछ तुम लोगों पर प्रकट कर दिया है, फिर भी तुम लोग मेरे वचनों पर अपने हृदय और आत्मा की संपूर्णता से चिंतन क्यों नहीं कर सकते? तुम मेरे वचनों को निरर्थक क्यों समझते हो? क्या मैं जो कहता हूँ, वह गलत है? क्या मेरे वचन तुम्हारे मर्मस्थलों पर चोट करते हैं? तुम लगातार देरी कर रहे हो और लगातार हिचक रहे हो। तुम लोग ऐसा क्यों करते हो? क्या मैंने स्पष्ट रूप से नहीं बोला है? मैंने कई बार कहा है कि मेरे वचनों पर ध्यानपूर्वक चिंतन करना चाहिए, और तुम्हें उन पर बारीकी से ध्यान देना चाहिए। क्या तुम लोगों में से कोई आज्ञाकारी और विनम्र बच्चे हैं? क्या मेरे वचन व्यर्थ गए? क्या उनका बिलकुल भी कोई प्रभाव नहीं पड़ा? तुममें से कितने मेरी इच्छा के अनुरूप हो सकते हैं? यदि एक पल के लिए भी तुमसे बात न की जाए, तो तुम स्वच्छंद और अनियंत्रित हो जाओगे। यदि मैं स्पष्ट रूप से यह नहीं बताता कि कैसे कार्य करना और बोलना है, तो क्या यह हो सकता है कि तुम्हें अपने हृदय की गहराई में कुछ पता न हो? मैं तुम्हें बताता हूँ! जो अवज्ञाकारी है, जो समर्पण नहीं करता, और जो मूर्खतापूर्ण ढंग से विश्वास करता है, वही नुकसान उठाता है! जो लोग मेरे कहे पर ध्यान नहीं देते और ब्योरों को नहीं समझ सकते, वे मेरे इरादों की थाह पाने में सक्षम नहीं होंगे, न ही वे मेरी सेवा करने में सक्षम होंगे। इस तरह के लोग मेरे द्वारा काटे-छाँटे जाएँगे, और वे मेरे न्याय का सामना करेंगे। ब्योरों को न समझना अत्यधिक धृष्ट होने के साथ-साथ जानबूझकर उतावला होना भी है; इसलिए मैं ऐसे लोगों से नफरत करता हूँ और उनके साथ नरमी नहीं बरतूँगा। मैं उन पर कोई दया नहीं दिखाऊँगा; मैं उन्हें सिर्फ अपना प्रताप और न्याय दिखाऊँगा। तो देखो, कहीं तुम अभी भी मुझे धोखा देने की हिम्मत तो नहीं करते? मैं परमेश्वर हूँ, जो मनुष्य के हृदय की अंतरतम गहराइयों को परखता है। यह बात हर किसी को स्पष्ट होनी चाहिए; अन्यथा, वे लापरवाही से अपना कार्य करेंगे और मेरे प्रति यंत्रवत् पेश आएँगे। यही कारण है कि कुछ लोग अनजाने में मेरे द्वारा मारे जाते हैं। मैंने कहा है कि मैं किसी के साथ अन्यायपूर्ण व्यवहार नहीं करूँगा, कि मैं कोई गलत काम नहीं करता, और कि मेरे सभी कृत्य मेरे हाथ की बुद्धिमान व्यवस्थाओं के अनुसार किए जाते हैं।
मेरा न्याय उन सभी लोगों पर टूटा है, जो मुझसे वास्तव में प्रेम नहीं करते। यह ठीक इसी समय स्पष्ट होगा कि मैंने किनको पूर्वनियत किया और चुना है, और किन्हें बाहर निकाला जाना है। ये सब एक-एक करके प्रकट जाएँगे, और कुछ भी छिपा नहीं रहेगा। सभी लोगों, घटनाओं और चीजों का अस्तित्व मेरे वचन पूरे करने के लिए है, और वे सब मेरे मुँह से बोले गए वचनों को सच करने में लगे हैं। ब्रह्मांड और पृथ्वी के छोर अकेले मेरे द्वारा नियंत्रित किए जाते हैं। मुझे उस व्यक्ति पर प्रहार करना चाहिए, जो मेरे वचनों का उल्लंघन करने की हिम्मत दिखाता है या मेरे कर्मों को अमल में लाने से इनकार करता है, जिससे वह व्यक्ति अधोलोक में डूब जाएगा और उसका अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। मेरे सभी वचन उपयुक्त और उचित हैं, और अशुद्धता से पूर्णतः रहित हैं। क्या तुम लोगों के बोलने का ढंग मेरे बोलने के ढंग जैसा हो सकता है? तुम इतने शब्दाडंबर से भरे हो; तुम्हारी बात का कोई अर्थ नहीं है और तुम अपने को स्पष्ट रूप से व्यक्त नहीं करते, फिर भी तुम्हें लगता है कि तुमने कुछ चीजें प्राप्त कर ली हैं, और तुमने इसे लगभग हासिल कर लिया है। मैं तुम्हें बताता हूँ! लोग जितने अधिक आत्म-संतुष्ट होते हैं, उतने ही वे मेरे मानकों की पूर्ति से दूर होते हैं। वे मेरी इच्छा के प्रति कोई विचारशीलता नहीं दिखाते, और वे मुझे धोखा देते हैं और मेरे नाम को निर्दयतापूर्वक अपमानित करते हैं! कितने बेशर्म हो! तुम यह नहीं देखते कि तुम्हारी अपनी कद-काठी किस तरह की है। तुम कितने मूर्ख और अज्ञानी हो!
मेरे वचन लगातार, और हर पहलू से, चीजों की ओर इशारा कर रहे हैं। क्या यह हो सकता है कि तुम्हें अभी भी पता नहीं चला? क्या तुम अभी भी नहीं समझे? क्या तुम्हारा इरादा मुझे निराश करने का है? अपनी आत्मा को जगाओ और अपनी हिम्मत जुटाओ। मैं ऐसे एक भी व्यक्ति से भद्दे ढंग से व्यवहार नहीं करता, जो मुझसे प्रेम करता है। मैं मनुष्य के हृदय की अंतरतम गहराइयों को परखता हूँ और सभी लोगों के हृदय में मौजूद हर चीज को जानता हूँ। इन सभी चीजों को एक-एक करके प्रकट किया जाएगा और सभी को मेरे द्वारा जाँचा जाएगा। मैं उनमें से किसी एक भी व्यक्ति को कभी नजरअंदाज नहीं करूँगा, जो वास्तव में मुझसे प्रेम करते हैं; उन सभी को आशीष प्राप्त हैं, और वे ज्येष्ठ पुत्रों का समूह हैं, जिन्हें मैंने राजा बनने के लिए पूर्वनियत किया है। जो लोग मुझसे वास्तव में प्रेम नहीं करते, वे अपने ही धोखों के निशाने हैं, और वे दुर्भाग्य का सामना करेंगे; और यह भी मेरे द्वारा पूर्वनियत किया गया है। चिंता न करो; मैं उन्हें एक-एक करके उजागर करूँगा। मैंने यह कार्य काफी पहले से ही तैयार किया हुआ है, और मैंने इसे पहले ही करना शुरू कर दिया है। यह सब व्यवस्थित रूप से किया जा रहा है; यह बिलकुल भी अस्त-व्यस्त नहीं है। मैंने पहले ही तय कर लिया है कि किसे चुना जाना है और किसे बाहर निकाला जाना है। एक-एक करके उन सबको तुम लोगों के देखने के लिए प्रकट किया जाएगा। इस दौरान तुम लोग देखोगे कि मेरा हाथ क्या कर रहा है। सभी लोग देखेंगे कि मेरी धार्मिकता और प्रताप किसी के भी द्वारा कोई अपमान या प्रतिरोध नहीं होने देता, और जो कोई अपमान करता है, उसे कठोर दंड दिया जाएगा।
मैं वह हूँ, जो लगातार हर किसी के हृदय की अंतरतम गहराइयों की खोज करता है। मुझे केवल बाहर से मत देखो। अंधे लोगो! तुम उन वचनों को नहीं सुनते, जिन्हें मैंने इतने स्पष्ट रूप से बोला है, और तुम लोग बस मुझ स्वयं पूर्ण परमेश्वर पर विश्वास नहीं करते। मैं निश्चित रूप से ऐसे किसी को बरदाश्त नहीं करूँगा, जो मुझे फुसलाने या मुझसे कुछ भी छिपाने की हिम्मत करता है।
क्या तुम्हें मेरा प्रत्येक कथन याद है? “मुझे देखना अनंत से अनंत तक हर एक छिपे रहस्य को देखने जैसा है।” क्या तुमने इस कथन पर ध्यानपूर्वक विचार किया है? मैं परमेश्वर हूँ और मेरे रहस्य तुम लोगों के देखने के लिए प्रदर्शित किए गए हैं। क्या तुम लोगों ने उन्हें नहीं देखा है? तुम मुझ पर कोई ध्यान क्यों नहीं देते? और तुम उस अस्पष्ट परमेश्वर की इतनी आराधना क्यों करते हो, जो तुम्हारे दिमाग में है? मैं—एक सच्चा परमेश्वर—कुछ भी गलत कैसे कर सकता हूँ? इसे अच्छी तरह से समझ लो! इसके बारे में निश्चित रहो! मेरा हर वचन और कार्य, मेरा हर कर्म और हर गतिविधि, मेरी मुसकराहट, मेरा खाना, मेरे कपड़े, मेरा सब-कुछ स्वयं परमेश्वर द्वारा किया जाता है। तुम लोग मुझे आँकते हो : क्या यह हो सकता है कि तुम लोगों ने मेरे आगमन से पहले ही परमेश्वर को देख लिया हो? यदि नहीं, तो फिर तुम हमेशा मेरे और अपने परमेश्वर के बीच मानसिक तुलनाएँ क्यों करते रहते हो? यह पूरी तरह से मनुष्यों की धारणाओं का उत्पाद है! मेरे कार्य और व्यवहार तुम्हारी कल्पनाओं के अनुरूप नहीं हैं, है ना? मैं किसी भी व्यक्ति को यह कहने की अनुमति नहीं देता कि मेरे कार्य और व्यवहार सही हैं या नहीं। मैं एक सच्चा परमेश्वर हूँ और यह एक अटल और अपरिवर्तनीय सत्य है! अपने ही धोखों के शिकार मत बनो। मेरे वचनों ने इसे पूरी स्पष्टता से इंगित कर दिया है। मुझमें मनुष्य का कोई दाग नहीं है; मेरा सब-कुछ स्वयं परमेश्वर है, जिसे तुम लोगों पर पूरी तरह से प्रकट कर दिया गया है, एक भी चीज छिपाई नहीं गई है!