47. मैंने अपने पादरी का असली चेहरा देखा है
मुझे याद है जब मैं पहले-पहल ईसाई बना, तब मेरी कलीसिया के पादरी और उनकी पत्नी मेरे बारे में ऊंची राय रखते थे। उन्होंने मुझे प्रशंसा टीम का अगुआ और रविवार का स्कूल टीचर बनाया, वे हमेशा मेरी परवाह करते। जब कभी मुझे कोई समस्या होती या मैं थोड़ा कमज़ोर महसूस करता, वे मेरे लिए प्रार्थना करते। वे कलीसिया के दूसरे सदस्यों की भी परवाह करते। जब कभी कोई उदास या कमज़ोर महसूस करता, तो उसकी मदद करने के लिए वे बाइबल के बारे में संगति करते| मुझे लगा वे दोनों वाकई बड़े स्नेही हैं और हम भाग्यशाली हैं कि वे हमारे साथ हैं। दिल की गहराई में, मुझे हमेशा लगता कि वे आस्था में मेरे आध्यात्मिक माता-पिता हैं।
फिर 2018 में, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया के कुछ भाई-बहनों से मेरी ऑनलाइन मुलाक़ात हुई। उनकी गवाही सुनने के बाद, मुझे पता चला कि प्रभु यीशु, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के रूप में देहधारी होकर, वापस आ चुका है। वह अंत के दिनों में इंसान का न्याय कर उसे शुद्ध करने के लिए सत्य व्यक्त कर रहा है, इससे 1 पतरस 4:17 की भविष्यवाणी पूरी हुई, जिसमें कहा गया है : "क्योंकि वह समय आ पहुँचा है कि पहले परमेश्वर के लोगों का न्याय किया जाए।" मुझे जोश आ गया, मैं अपने परिवार के साथ मिलकर सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अंत के दिनों के कार्य पर गौर करने लगा। सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को पढ़ कर हम सब आश्वस्त हो गये कि ये परमेश्वर की वाणी हैं और सर्वशक्तिमान परमेश्वर ही वापस आया हुआ प्रभु यीशु है। हम सबने सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अंत के दिनों के कार्य को स्वीकार कर लिया। फिर मुझे पादरी चेन का ख़याल आया। वे हमसे हमेशा प्रभु के आने के प्रति चौकस रहने को कहते, इसलिए मुझे लगा कि प्रभु के वापस आने की बात सुनकर उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहेगा। मैंने उन्हें खुशखबरी सुनाने का फैसला किया।
एक बार एक सभा में, पादरी चेन ने कहा, "हम अंत के दिनों में हैं और प्रभु किसी भी पल वापस आ सकता है। हमें प्रार्थना करते हुए चौकस रहना चाहिए।" उनकी यह बात सुनकर मैं बहुत रोमांचित हो गया, इसलिए तभी मैं बीच में बोल पड़ा, "हाल ही में कुछ भाई-बहनों से मेरी ऑनलाइन मुलाक़ात हुई, जो गवाही दे रहे थे कि प्रभु वापस आ चुका है। मैं उनकी सभाओं में भाग लेता रहा हूँ, ये वाकई प्रबुद्ध करने वाली रही हैं।" उनका जवाब था, "ऑनलाइन सभाएं बढ़िया होती हैं, ये प्रभु के वचनों को बेहतर समझने में हमारी मदद कर सकती हैं," फिर वे अपना धर्मोपदेश सुनाने लगे। मुझे यह सोच कर बड़ी खुशी हुई कि "पादरी चेन वाकई सत्य के साधक हैं। मुझे इसी समय उन्हें परमेश्वर का अंत के दिनों का सुसमाचार बता देना चाहिए।" हैरानी की बात थी, पादरी चेन और उनकी पत्नी कुछ दिन बाद हमारे घर आये। अंदर आते ही, पादरी चेन ने गंभीर चेहरा बना कर मुझसे पूछा, "तुमने ऑनलाइन सभाओं का ज़िक्र किया। क्या तुम किसी दूसरी कलीसिया में शामिल हो गये हो?" उन्हें इतना नाखुश देख कर मैं भौंचक्का रह गया। मेरे जवाब देने से पहले ही मेरी माँ ने खुशी से कहा, "हाँ, पादरी। हम सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया पर गौर करते रहे हैं। इसी से हमें पता चला कि प्रभु वापस आ चुका है। वह संपूर्ण सत्य व्यक्त कर रहा है और परमेश्वर के घर से शुरू करके न्याय का कार्य कर रहा है।" पादरी चेन ने सख्ती से जवाब दिया, "प्रभु वापस आ गया है? असंभव! बाइबल में साफ़ तौर पर भविष्यवाणी की गयी है : 'देखो, वह बादलों के साथ आनेवाला है, और हर एक आँख उसे देखेगी, वरन् जिन्होंने उसे बेधा था वे भी उसे देखेंगे, और पृथ्वी के सारे कुल उसके कारण छाती पीटेंगे' (प्रकाशितवाक्य 1:7)। प्रभु अंत के दिनों में एक बादल पर वापस आयेगा, ताकि सब उसे देख सकें। अगर वह वापस आ चुका है, तो हमने उसे क्यों नहीं देखा?" मेरी माँ ने कहा, "प्रभु के वापस आने को लेकर बाइबल की बहुत-सी भविष्यवाणियाँ हैं। उसके बादल पर खुले तौर पर आने के अलावा, गुप्त रूप से आने के बारे में भी पद हैं, जैसे कि प्रकाशितवाक्य 16:15, 'देख, मैं चोर के समान आता हूँ,' प्रकाशित वाक्य 3:3, 'यदि तू जागृत न रहेगा तो मैं चोर के समान आ जाऊँगा,' और मत्ती 25:6, 'आधी रात को धूम मची : "देखो, दूल्हा आ रहा है! उससे भेंट करने के लिये चलो।"' उसके चोर की तरह आने का अर्थ है कि वह किसी के भी जाने बिना चुपचाप वापस आता है। अगर प्रभु बादल पर खुले तौर पर आ जाए, तो सब उसे देख लेंगे। वह चोर की तरह कैसे आ पायेगा, और तब कौन चिल्ला सकेगा कि दूल्हा आ गया है?" पादरी चेन ने आग बबूला होकर कहा, "आपका यह दावा कि प्रभु गुप्त रूप से आता है, क्या उसके बादल पर आने की भविष्यवाणी के विपरीत नहीं है? यह बाइबल के अनुरूप नहीं है। हमने प्रभु को बादल पर आते हुए नहीं देखा है, जिससे साबित होता है कि वह वापस नहीं आया है। हम इस पर यकीन नहीं करेंगे!"
ऐसा लगा कि वे समझ नहीं पाये हैं, इसलिए मैंने कहा, "पादरी चेन, उसके देहधारी होकर गुप्त रूप से आने और उसके खुले तौर पर बादल पर आने की भविष्यवाणियाँ, वास्तव में एक-दूसरे के विपरीत नहीं हैं। उसकी वापसी दो चरणों में होती है। पहले, वह देहधारी होकर गुप्त रूप से आता है, इंसान का न्याय कर उसको शुद्ध करने के लिए सत्य व्यक्त करता है, और विपत्तियों से पहले विजेताओं का एक समूह बनाता है। यह काम पूरा हो जाने के बाद, उसका गुप्त कार्य पूरा हो जाता है, फिर वह विपत्तियाँ बरसा कर नेक लोगों को पुरस्कृत और बुरे लोगों को दंडित करेगा। वह उन सबको नष्ट कर देगा, जो परमेश्वर के दुश्मन हैं, शैतान के लोग हैं। महाविपत्तियों के ख़त्म होने के बाद ही वह सभी राष्ट्रों और लोगों को खुले तौर पर दिखाई देगा। उसके धरती पर गुप्त रूप से कार्य करते समय, जो लोग परमेश्वर की वाणी को पहचानेंगे और उसके कार्य पर गौर करेंगे, वे परमेश्वर के सिंहासन के सामने आयेंगे, उसके अंत के दिनों के न्याय को स्वीकार करेंगे, और उनकी भ्रष्टता शुद्ध हो जाएगी। वे आखिरकार परमेश्वर के राज्य में लाये जाते हैं। वे बुद्धिमान कुँवारियाँ है, जिनकी बाइबल में भविष्यवाणी की गयी है। उसके धरती पर गुप्त रूप से कार्य करते समय, जो लोग परमेश्वर की वाणी को नहीं पहचानेंगे, जो सर्वशक्तिमान परमेश्वर की निंदा भी करके उसे ठुकरा देंगे, वे मूर्ख कुँवारियाँ हैं। वे परमेश्वर के अंत के दिनों के कार्य के जरिये उजागर किये गये अविश्वासी, मसीह-विरोधी, दुराचारी लोग हैं। जब परमेश्वर बादल पर खुले तौर पर आयेगा, तब वे देखेंगे कि जिस सर्वशक्तिमान परमेश्वर का उन्होंने विरोध किया, वह वास्तव में वापस आया हुआ प्रभु यीशु है, लेकिन उन्होंने बहुत देर से पछतावा किया होगा। विपत्तियां उन्हें फंसा लेंगी और वे दंडित होकर रोयेंगे। इससे प्रभु की यह बात पूरी होगी : 'देखो, वह बादलों के साथ आनेवाला है, और हर एक आँख उसे देखेगी, वरन् जिन्होंने उसे बेधा था वे भी उसे देखेंगे, और पृथ्वी के सारे कुल उसके कारण छाती पीटेंगे' (प्रकाशितवाक्य 1:7)। इस तरह से प्रभु के गुप्त रूप से आने और खुले तौर पर आने की दोनों ही भविष्यवाणियाँ पूरी होंगी।" फिर मेरी माँ ने ईमानदारी से कहा, "पादरी, उसकी बात ठीक है। बाइबल में मनुष्य-पुत्र के कई बार आने का ज़िक्र है। उदाहरण के लिए : 'क्योंकि जैसे बिजली पूर्व से निकलकर पश्चिम तक चमकती है, वैसे ही मनुष्य के पुत्र का भी आना होगा' (मत्ती 24:27)। 'क्योंकि जैसे बिजली आकाश के एक छोर से कौंध कर आकाश के दूसरे छोर तक चमकती है, वैसे ही मनुष्य का पुत्र भी अपने दिन में प्रगट होगा। परन्तु पहले अवश्य है कि वह बहुत दु:ख उठाए, और इस युग के लोग उसे तुच्छ ठहराएँ' (लूका 17:24-25)। 'मनुष्य-पुत्र' का संदर्भ देहधारी परेश्वर से है, जैसे कि प्रभु यीशु, मनुष्य-पुत्र था। वह मनुष्य की संतान था और उसमें सामान्य इंसानियत थी। अगर प्रभु अपने आत्मा के रूप में वापस आये, तो उसे मनुष्य-पुत्र नहीं कहा जाएगा। अगर प्रभु परमेश्वर के आत्मा के रूप में आये, तो उसे ठुकराने या उसका विरोध करने की कौन हिम्मत करेगा? फिर कैसे 'पहले अवश्य है कि वह बहुत दु:ख उठाए, और इस युग के लोग उसे तुच्छ ठहराएँ'? प्रभु यीशु, देहधारी सर्वशक्तिमान परमेश्वर के रूप में वापस आ चुका है। आपको सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों पर गौर करना चाहिए।" अपनी बात कहते हुए मेरी माँ ने पादरी के लिए सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों की एक प्रति निकाल ली। उन्होंने न सिर्फ़ उसे देखने से इनकार कर दिया, बल्कि उसे गुस्से से पटक दिया, और जोर से चिल्लाये, "यह बिल्कुल भी परमेश्वर का वचन नहीं है। परमेश्वर के सभी वचन बाइबल में हैं। उसके बाहर कुछ भी नहीं है!"
पादरी चेन को इस तरह अपने स्वभाव से अलग बर्ताव करते हुए देख मैं चौंक गया उनका चेहरा गुस्से से लाल हो गया। वे हमेशा इतने दयालु होते हैं --- अचानक लगने लगा कि वे कोई अलग इंसान हैं। मैं थोड़ा सहम गया, इसलिए मैंने जल्दी से परमेश्वर से चुपचाप प्रार्थना की, मुझे आस्था देने और संगति करते रहने का रास्ता दिखाने की विनती की। इससे मेरा मन थोड़ा शांत हो पाया। मैंने उनसे विनम्रता से कहा, "पादरी चेन, आपके इस दावे का कोई बाइबल का आधार नहीं है कि परमेश्वर के सभी वचन बाइबल में हैं, कहीं और नहीं। यह सच्चाई के अनुरूप नहीं है। यूहन्ना के सुसमाचार में कहा गया है, 'भी बहुत से काम हैं, जो यीशु ने किए; यदि वे एक एक करके लिखे जाते, तो मैं समझता हूँ कि पुस्तकें जो लिखी जातीं वे संसार में भी न समातीं' (यूहन्ना 21:25)। प्रभु यीशु ने धरती पर अपने कार्य और उपदेशों के साढ़े तीन वर्षों में बहुत कुछ कहा, लेकिन चार सुसमाचारों में जो दर्ज़ किया गया, उसे बताने में कुछ घंटे ही लगेंगे। इससे पता चलता है कि प्रभु यीशु के सभी वचन बाइबल में दर्ज़ कर लिये गये हों, ऐसा हो ही नहीं सकता। इसके अलावा, बाइबल को संकलित करने वाले लोगों ने कुछ बातें छोड़ दीं, इस तरह कुछ नबियों की भविष्यवाणियाँ बाइबल में शामिल नहीं हो पायीं। इसमें नबी एज्रा द्वारा बताये गये परमेश्वर के कुछ वचन भी हैं, जिन्हें बाइबल में शामिल नहीं किया गया। यानी इस बयान का कोई आधार नहीं है कि बाइबल के बाहर परमेश्वर के कोई वचन नहीं हैं!"
मेरी माँ ने ईमानदारी से यह भी कहा, "परमेश्वर के कुछ वचन तो बाइबल में शामिल नहीं किये गये, इसके अलावा परमेश्वर के अंत के दिनों के वचन भी हैं! प्रभु यीशु ने भविष्यवाणी की : 'मुझे तुम से और भी बहुत सी बातें कहनी हैं, परन्तु अभी तुम उन्हें सह नहीं सकते। परन्तु जब वह अर्थात् सत्य का आत्मा आएगा, तो तुम्हें सब सत्य का मार्ग बताएगा' (यूहन्ना 16:12-13)। प्रकाशितवाक्य में भी कई बार यह भविष्यवाणी की गयी है : 'जिसके कान हों वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कहता है' (प्रकाशितवाक्य अध्याय 2, 3)। इसमें मेमने के क़िताब खोलने का भी ज़िक्र है। ये सब भविष्यवाणियाँ हैं कि वापस आने के बाद प्रभु और अधिक वचन बोलेगा। अगर बाइबल के बाहर परमेश्वर के वचन नहीं हो सकते, तो फिर ये भविष्यवाणियाँ कैसे पूरी होंगी? सर्वशक्तिमान परमेश्वर इंसान को शुद्ध करके पूरी तरह बचाने वाला संपूर्ण सत्य व्यक्त करते हुए न्याय-कार्य कर रहा है। उसने परमेश्वर की प्रबंधन योजना के सभी रहस्य प्रकट किये हैं, इंसान की भ्रष्टता और उसके परमेश्वर-विरोध की जड़ की सच्चाई को उजागर कर उसका न्याय किया है। उसने हमें सच्चे प्रायश्चित और राज्य में प्रवेश का मार्ग दिखाया है। प्रकाशितवाक्य में पवित्र आत्मा के कलीसियाओं से बातें करने और मेमने के क़िताब खोलने के बारे में जो भविष्यवाणी की गयी थी, उसका संदर्भ सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों से है। इन नये वचनों को बाइबल में पहले ही कैसे दर्ज किया जा सकता था? क्या यह दावा बिल्कुल एकतरफा नहीं है कि परमेश्वर के कोई भी वचन बाइबल के बाहर मौजूद नहीं हैं? परमेश्वर सृजन का प्रभु और जीवन जल का सदाबहार झरना है। लेकिन बाइबल में दर्ज परमेश्वर के कार्य और वचन सचमुच सीमित हैं। हम अपनी धारणाओं के आधार पर परमेश्वर को बाइबल के दायरे में सीमित नहीं कर सकते। यह सत्य और परमेश्वर के अपने कार्यों और वचनों को नकारना होगा!"
इस बात से पादरी चेन बहुत नाराज़ हो गये, लेकिन वे इसे काट नहीं सके। उन्होंने बस इतना कहा, "इस पर तुम्हें गौर न करने देना तुम्हारे ही भले के लिए है। तुम जीवन में परिपक्व नहीं हो, गुमराह हो सकते हो। इसी समय प्रभु के सामने स्वीकार करके प्रायश्चित करो!" मैंने तुरंत जवाब दिया, "पादरी चेन, ईमानदारी से खोज करके और सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अनेक वचनों को पढ़ कर ही, हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर ही वापस आया हुआ प्रभु यीशु है। आपने उसके वचन नहीं पढ़े हैं, इसलिए कुछ शंकाओं और धारणाओं का होना स्वाभाविक है। प्रभु यीशु ने कहा था, 'माँगो, तो तुम्हें दिया जाएगा; ढूँढ़ो तो तुम पाओगे; खटखटाओ, तो तुम्हारे लिये खोला जाएगा' (मत्ती 7:7)। अगर आप खोज करने और सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन पढ़ने को तैयार हों, तो आपकी उलझनें दूर हो सकती हैं।" मेरी बात ख़त्म होते ही, उनकी पत्नी ने मुझसे कलीसिया के भाई-बहनों की संपर्क-जानकारी माँगी, और कहा कि वे बाद में इस पर गौर करेंगी। उनकी बात को सच मान कर मैंने उन्हें वो जानकारी दे दी। उसे लेकर वे झटके से बाहर चले गये।
उन दोनों के जाने के बाद, मैं बहुत देर तक परेशान रहा। मैं हमेशा से उन्हें नेक और विनम्र मानता था। वे अक्सर हमसे प्रभु के वापस आने के प्रति चौकस रहने को कहते, लेकिन प्रभु के वापस आने का समाचार सुन कर उन्होंने ज़रा भी दिलचस्पी नहीं दिखायी। वे बस बाइबल के वचनों से ही चिपके रहे। वे अपनी बात पर खुद अमल क्यों नहीं करते? मैं सच में निराश और परेशान था, लेकिन इस उम्मीद में कि वे परमेश्वर के अंत के दिनों के कार्य की जांच-पड़ताल करेंगे, मैंने मन-ही-मन उनके लिए प्रार्थना की। मैंने उन्हें एक सुसमाचार फिल्म बाइबल के बारे में रहस्य का खुलासा का लिंक भी भेज दिया, इस आशा से कि इससे वे अपनी धारणाएं छोड़ कर सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कार्य पर गौर करेंगे, और जल्दी ही प्रभु का स्वागत करेंगे। मैं आशावान था, लेकिन सच में ऐसा कुछ घट गया जिसकी मुझे उम्मीद नहीं थी। उन्होंने मुझे सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया को बदनाम करने वाली तरह-तरह की अफवाहें भेज दीं, ताकि मैं उससे दूर रहूँ। मुझे अप्रभावित देख कर, उन्होंने सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया के सदस्यों को सताने वाले संदेश भेजे। वे फेसबुक पर भी आ गये, और दूसरे लोगों को गुमराह कर सच्चे मार्ग की जांच-पड़ताल करने से रोकने के लिए, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया को बदनाम करने और आहत करने वाली ढेरों अफवाहें डाल दीं। वे वहीं नहीं रुके। उन्होंने घर-घर जाकर भाई-बहनों को चेतावनी दी कि मेरे साथ कोई संबंध न रखें, उन्होंने मेरी आलोचना और बुराई की। बहुत से लोग मुझे ग़लत समझ कर मुझसे दूर हो गये। कुछ लोगों ने इल्ज़ाम लगाने वाले संदेश भेजे, कुछ ने रास्ते में मिलने पर मुझसे बात करना छोड़ दिया। कुछ ने तो उनके घर जाने पर मेरे लिए दरवाज़ा खोलना भी बंद कर दिया। इससे मैं वाकई परेशान हो गया। पहले मैं इन भाई-बहनों के बहुत करीब था, लेकिन अब पादरी के झूठ में फंस कर वे मुझसे बच रहे थे, मुझे ठुकरा रहे थे। मुझे यकीन नहीं हो पा रहा था कि यह सब उस पादरी ने किया है, जिनके बारे में मैं ऊंची राय रखता था। मैं दुखी था, अंदर कमज़ोर महसूस कर रहा था। मैं समझ नहीं पाया। मैंने कुछ भी ग़लत नहीं किया था। मैंने सिर्फ़ परमेश्वर के अंत के दिनों के कार्य को स्वीकार किया था। पादरी मेरे साथ इस तरह क्यों पेश आ रहे हैं?
जब सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया की एक बहन को इस बारे में पता चला, तो उन्होंने मुझे मदद और सहारा देने की पेशकश की, और परमेश्वर के वचनों का एक अंश मुझे पढ़ कर सुनाया। "परमेश्वर द्वारा मनुष्य के भीतर किए जाने वाले कार्य के प्रत्येक चरण में, बाहर से यह लोगों के मध्य अंतःक्रिया प्रतीत होता है, मानो यह मानव-व्यवस्थाओं द्वारा या मानवीय हस्तक्षेप से उत्पन्न हुआ हो। किंतु पर्दे के पीछे, कार्य का प्रत्येक चरण, और घटित होने वाली हर चीज़, शैतान द्वारा परमेश्वर के सामने चली गई बाज़ी है, और लोगों से अपेक्षित है कि वे परमेश्वर के लिए अपनी गवाही में अडिग बने रहें। उदाहरण के लिए, जब अय्यूब को आजमाया गया था : पर्दे के पीछे शैतान परमेश्वर के साथ दाँव लगा रहा था, और अय्यूब के साथ जो हुआ वह मनुष्यों के कर्म थे, और मनुष्यों का हस्तक्षेप था। परमेश्वर द्वारा तुम लोगों में किए गए कार्य के हर कदम के पीछे शैतान की परमेश्वर के साथ बाज़ी होती है—इस सब के पीछे एक संघर्ष होता है" ("वचन देह में प्रकट होता है" में 'केवल परमेश्वर से प्रेम करना ही वास्तव में परमेश्वर पर विश्वास करना है')। फिर मैं समझ पाया कि पादरी का इस तरह बाधाएं पैदा करना और कलीसिया के दूसरे सदस्यों का मुझे अलग-थलग करना पूरी तरह से शैतान का एक प्रलोभन है। शैतान चाहता है कि मैं सच्चे मार्ग को छोड़ दूं, परमेश्वर को धोखा दूं, और अंत के दिनों का उसका उद्धार गँवा दूं। शैतान बेहद घिनौना है! मैंने सोचा, "मुझे पक्का विश्वास है कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर ही वापस आया हुआ प्रभु यीशु है, इसलिए चाहे कैसी भी मुश्किल सामने आये, मुझे अडिग होकर अंत तक उसका अनुसरण करना है।"
फिर बहन ने यह संगति साझा की : "परमेश्वर दूसरों के बारे में हमें समझ देने के लिए इन हालात का इस्तेमाल करता है। प्रभु के आने के प्रति लोग जो दृष्टिकोण अपनाते हैं, उससे सत्य और परमेश्वर के प्रति उनका रवैया दिखाई देता है, और उनका सार प्रकट होता है।" फिर उन्होंने परमेश्वर के वचनों का एक और अंश पढ़ा। "क्या तुम लोग कारण जानना चाहते हो कि फरीसियों ने यीशु का विरोध क्यों किया? क्या तुम फरीसियों के सार को जानना चाहते हो? वे मसीहा के बारे में कल्पनाओं से भरे हुए थे। इससे भी ज़्यादा, उन्होंने केवल इस पर विश्वास किया कि मसीहा आएगा, फिर भी जीवन-सत्य की खोज नहीं की। इसलिए, वे आज भी मसीहा की प्रतीक्षा करते हैं क्योंकि उन्हें जीवन के मार्ग के बारे में कोई ज्ञान नहीं है, और नहीं जानते कि सत्य का मार्ग क्या है? तुम लोग क्या कहते हो, ऐसे मूर्ख, हठधर्मी और अज्ञानी लोग परमेश्वर का आशीष कैसे प्राप्त करेंगे? वे मसीहा को कैसे देख सकते हैं? उन्होंने यीशु का विरोध किया क्योंकि वे पवित्र आत्मा के कार्य की दिशा नहीं जानते थे, क्योंकि वे यीशु द्वारा बताए गए सत्य के मार्ग को नहीं जानते थे और इसके अलावा क्योंकि उन्होंने मसीहा को नहीं समझा था। और चूँकि उन्होंने मसीहा को कभी नहीं देखा था और कभी मसीहा के साथ नहीं रहे थे, उन्होंने मसीहा के नाम के साथ व्यर्थ ही चिपके रहने की ग़लती की, जबकि हर मुमकिन ढंग से मसीहा के सार का विरोध करते रहे। ये फरीसी सार रूप से हठधर्मी एवं अभिमानी थे और सत्य का पालन नहीं करते थे। परमेश्वर में उनके विश्वास का सिद्धांत था : इससे फ़र्क नहीं पड़ता कि तुम्हारा उपदेश कितना गहरा है, इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता कि तुम्हारा अधिकार कितना ऊँचा है, जब तक तुम्हें मसीहा नहीं कहा जाता, तुम मसीह नहीं हो। क्या ये दृष्टिकोण हास्यास्पद और बेतुके नहीं हैं?" ("वचन देह में प्रकट होता है" में 'जब तक तुम यीशु के आध्यात्मिक शरीर को देखोगे, परमेश्वर स्वर्ग और पृथ्वी को नया बना चुका होगा')। इसके बाद, उन्होंने परमेश्वर के इन वचनों के प्रकाश में और भी संगतियाँ साझा कीं, और याजक वर्ग के बर्ताव पर थोड़ा प्रकाश डाला। मैं हमेशा यही सोचता था कि वे बाइबल को अच्छी तरह जानते हैं, वर्षों से प्रभु की सेवा के लिए कड़ी मेहनत करते रहे हैं, सभा में मौजूद लोगों से स्नेह करते हैं, हमसे हमेशा प्रभु के वापस आने के प्रति चौकस रहने को कहते हैं, इसका अर्थ यह हुआ कि वे सत्य से र्पेम करते हैं और प्रभु के आने के लिए लालायित हैं। लेकिन असलियत ने मुझे दिखाया कि ऐसा है ही नहीं जैसा मैं सोचता था। उनका विनम्र, स्नेही रूप लोगों को बेवकूफ़ बनाने और धोखा देने के लिए सिर्फ एक मुखौटा है, वे पाखंडी फरीसियों से कतई अलग नहीं हैं। फरीसी भी बहुत धर्मनिष्ठ लगते थे। वे हर दिन यहूदियों के उपासनागृह (साइनागोग) में बाइबल की व्याख्या करते, फिर सड़कों पर प्रार्थना करते, ताकि दूसरे उन्हें ऐसा करते हुए देखें। वे सब मसीहा के आने का इंतज़ार कर रहे थे, लेकिन जब प्रभु यीशु प्रकट हुआ, उसने सत्य व्यक्त किया, बहुत-से चिह्न और चमत्कार दिखाये, जो स्पष्ट रूप से परमेश्वर से आये थे, तो भी फरीसियों ने इसके बारे में जानना नहीं चाहा। वे बाइबल की व्यवस्था को कायम राकहने पर अड़े रहे और परमेश्वर के कार्य की निंदा करने के लिए बाइबल के वचनों का इस्तेमाल किया। उन्होंने प्रभु यीशु को सूली पर चढ़वाने में मदद की और वे परमेश्वर द्वारा दंडित हुए। मेरे पादरी ठीक वैसे ही हैं। वे प्रभु की विनम्र सेवा और उसके वापस आने की प्रतीक्षा करते-से दिखाई देते हैं, लेकिन पूरी तरह से जानते हुए भी कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर सत्य व्यक्त कर रहा है और न्याय-कार्य कर रहा है, वे इस पर गौर नहीं करते। वे बस अपनी धारणाओं और बाइबल के शाब्दिक अर्थ से चिपके हुए हैं, परमेश्वर के नये कार्य का विरोध कर उसकी निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि अगर वह बादल पर नहीं आया तो वह प्रभु यीशु नहीं है, जो भी बात बाइबल में नहीं लिखी है, वह परमेश्वर का कार्य नहीं हो सकता, आदि-आदि। उन्होंने दूसरों को सच्चे मार्ग की जांच-पड़ताल करने से रोकने की भरसक कोशिश की। वे और उनकी पत्नी प्रभु के आने को लेकर बिल्कुल भी लालायित नहीं हैं, बल्कि वे इस ज़माने के फरीसी हैं, जो सत्य से घृणा करते हैं, परमेश्वर के प्रकटन और कार्य से घृणा करते हैं। इससे मुझे प्रभु यीशु द्वारा फरीसियों की निंदा की यह बात याद आयी, "हे कपटी शास्त्रियो और फरीसियो, तुम पर हाय! तुम चूना फिरी हुई कब्रों के समान हो जो ऊपर से तो सुन्दर दिखाई देती हैं, परन्तु भीतर मुर्दों की हड्डियों और सब प्रकार की मलिनता से भरी हैं। इसी रीति से तुम भी ऊपर से मनुष्यों को धर्मी दिखाई देते हो, परन्तु भीतर कपट और अधर्म से भरे हुए हो" (मत्ती 23:27-28)। इन सब बातों को समझ कर मैं जान सका कि याजक वर्ग किस प्रकार काम करता है। लेकिन आगे जो हुआ, उससे मुझे उनका असली चेहरा साफ़ तौर पर दिखाई दे गया।
एक दोपहर, एल्डर वांग, मेरी पुरानी कलीसिया की दो बहनों के साथ मेरे घर आये, बिना एक शब्द बोले रूखेपन से मुझे घूरते रहे। फिर एल्डर वांग ने अपना फोन निकाला और एक नंबर घुमा कर मुझे थमा दिया। मैंने फोन उठाया, तो पादरी चेन को गुस्से से तरह-तरह की बुरी बातें कहते सुना, फिर उन्होंने मुझे चेतावनी दी, "तुम्हारे लिए हमारी कलीसिया के सदस्यों के संपर्क में रहना मना है, तुम हमारी कलीसिया में सर्वशक्तिमान परमेश्वर का सुसमाचार साझा नहीं कर सकते। मेरी भेड़ों को मत चुराओ!" मुझे बहुत गुस्सा आया, मैंने उनसे कहा, "प्रभु के वापस आने का अद्भुत समाचार मैं क्यों न साझा करूं? आप सच्चे मार्ग को खोजने से लोगों को क्यों रोक रहे हैं? वे परमेश्वर की भेड़ें हैं। आप उन्हें परमेश्वर की वाणी को क्यों नहीं पहचानने दे रहे हैं?" फोन बंद कर देने के बाद, एल्डर वांग और दूसरे मुझे खरी-खोटी सुना कर चले गये। इसके बाद पादरी मेरे परिवार को परेशान करते रहे, यहाँ तक कि कलीसिया में हमारे नामों पर कालिख भी पोत दी। मेरा परिवार इस यातना को सहने में असमर्थ होकर कमज़ोर पड़ गया, नकारात्मक हो गया। पादरी की बुरी करतूतों पर मुझे बहुत गुस्सा आया। मैंने सर्वशक्तिमान परमेश्वर के और अधिक वचन पढ़े। "ऐसे भी लोग हैं जो बड़ी-बड़ी कलीसियाओं में दिन-भर बाइबल पढ़ते रहते हैं, फिर भी उनमें से एक भी ऐसा नहीं होता जो परमेश्वर के कार्य के उद्देश्य को समझता हो। उनमें से एक भी ऐसा नहीं होता जो परमेश्वर को जान पाता हो; उनमें से परमेश्वर की इच्छा के अनुरूप तो एक भी नहीं होता। वे सबके सब निकम्मे और अधम लोग हैं, जिनमें से प्रत्येक परमेश्वर को सिखाने के लिए ऊँचे पायदान पर खड़ा रहता है। वे लोग परमेश्वर के नाम का झंडा उठाकर, जानबूझकर उसका विरोध करते हैं। वे परमेश्वर में विश्वास रखने का दावा करते हैं, फिर भी मनुष्यों का माँस खाते और रक्त पीते हैं। ऐसे सभी मनुष्य शैतान हैं जो मनुष्यों की आत्माओं को निगल जाते हैं, ऐसे मुख्य राक्षस हैं जो जानबूझकर उन्हें विचलित करते हैं जो सही मार्ग पर कदम बढ़ाने का प्रयास करते हैं और ऐसी बाधाएँ हैं जो परमेश्वर को खोजने वालों के मार्ग में रुकावट पैदा करते हैं। वे 'मज़बूत देह' वाले दिख सकते हैं, किंतु उसके अनुयायियों को कैसे पता चलेगा कि वे मसीह-विरोधी हैं जो लोगों से परमेश्वर का विरोध करवाते हैं? अनुयायी कैसे जानेंगे कि वे जीवित शैतान हैं जो इंसानी आत्माओं को निगलने को तैयार बैठे हैं?" ("वचन देह में प्रकट होता है" में 'परमेश्वर को न जानने वाले सभी लोग परमेश्वर का विरोध करते हैं')। सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों ने मुझे याजक वर्ग के असली चेहरे और परमेश्वर के प्रति उसके विरोध के बारे में बेहतर स्पष्टता दी। हमें परमेश्वर का सुसमाचार साझा न करने देकर, वे यूं पेश आते हैं, जैसे वे परमेश्वर की भेड़ों की रक्षा कर रहे हैं, मगर दरअसल उन्हें डर है कि अब सभी लोग सर्वशक्तिमान परमेश्वर का अनुसरण करने लगेंगे और कोई भी उनकी बात नहीं सुनेगा। फिर वे अपना रुतबा खो देंगे। इसीलिए वे विश्वासियों को सच्चे मार्ग की जाँच-पड़ताल करने से दूर रखने की भरसक कोशिश करते हैं। इस बात ने मुझे प्रभु यीशु के इन वचनों की याद दिलायी : "हे कपटी शास्त्रियो और फरीसियो, तुम पर हाय! तुम मनुष्यों के लिए स्वर्ग के राज्य का द्वार बन्द करते हो, न तो स्वयं ही उसमें प्रवेश करते हो और न उस में प्रवेश करनेवालों को प्रवेश करने देते हो" (मत्ती 23:13)। "हे कपटी शास्त्रियो और फरीसियो, तुम पर हाय! तुम एक जन को अपने मत में लाने के लिये सारे जल और थल में फिरते हो, और जब वह मत में आ जाता है तो उसे अपने से दूना नारकीय बना देते हो" (मत्ती 23:15)। याजक वर्ग ने न सिर्फ़ खुद सच्चे मार्ग को खोजने से इनकार कर दिया, बल्कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अंत के दिनों के कार्य को बदनाम करने, उसकी निंदा करने और विश्वासियों को गुमराह करने की भी हर-संभव कोशिश की। बहुत-से लोग जिन्हें सच्चाई नहीं मालूम, वे भी सर्वशक्तिमान परमेश्वर की निंदा करने में लग जाते हैं। क्या वे लोग उन सभी को नरक-पुत्रों में नहीं बदल रहे हैं, ताकि वे भी साथ-साथ दंडित हो सकें? वे सच में अंदर गहराई तक दुर्भावनापूर्ण हैं। धार्मिक दुनिया का याजक वर्ग सत्य से घृणा करता है। वे लोग परमेश्वर के अंत के दिनों के कार्य का विरोध और निंदा करते हैं, वे बेशर्म होकर परमेश्वर से उसके चुने हुए लोगों को हड़पने के लिए लड़ते हैं, परमेश्वर की भेड़ों को अपने ही बाड़ों में बाँध देते हैं। वे उन फरीसियों जैसे ही हैं, जिन्हें 2,000 साल पहले प्रभु यीशु ने शापित किया था। वे परमेश्वर द्वारा अंत के दिनों में उसके कार्य में उजागर किये गये दुष्ट सेवक और मसीह-विरोधी हैं। मैंने उनकी दानवी, परमेश्वर-विरोधी प्रकृति और सत्य से घृणा को पूरी तरह साफ़ तौर पर समझ लिया। वे आड़े आने की चाहे जैसी भी कोशिश करें, मैंने पूर्ण विश्वास के साथ सर्वशक्तिमान परमेश्वर का अनुसरण करने का संकल्प लिया! मेरे परिवार के बाकी लोगों ने भी सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन पढ़ कर समझ हासिल कर ली, और अब वे उन लोगों के सामने बेबस महसूस नहीं करते थे।
उनके मुझे सताने और मुझे बुरा कहने के दिनों के बारे में सोचता हूँ, तो लगता है, मुझे थोड़ा कष्ट ज़रूर हुआ, मगर इससे मुझे याजक वर्ग की समझ हासिल हुई। मैंने उनका असली चेहरा देख लिया – वे सत्य से घृणा और परमेश्वर का विरोध करते हैं। मैं कभी भी उनसे गुमराह या बेबस नहीं होऊंगा। मैंने यह भी जान लिया कि फरीसियों और मसीह-विरोधियों से आध्यात्मिक युद्ध में, अगर हम परमेश्वर से प्रार्थना कर उनका सहारा लें, तो वह अपने वचनों का इस्तेमाल करके हमारा मार्गदर्शन करेगा और हम शैतान के प्रलोभनों पर विजय पा लेंगे। इस अनुभव के कारण मेरी आस्था बढ़ गयी। सर्वशक्तिमान परमेश्वर का धन्यवाद!