23. गंभीर खतरे में होना

जांगहुई, चीन

2005 में, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अंत के दिनों के कार्य को स्वीकार करने के कुछ ही दिनों बाद, मैंने अपनी पुरानी कलीसिया के एक भाई को सुसमाचार सुनाया। फिर एक दिन दोपहर को, पादरी ली और सहकर्मी वांग मेरे घर आये। मैं घबरा गया। मैंने सोचा, "वो यहाँ क्यों आये हैं? कहीं उन्हें मेरे सर्वशक्तिमान परमेश्वर को स्वीकारने का पता तो नहीं चल गया? जब कलीसिया के अन्य सदस्यों ने सर्वशक्तिमान परमेश्वर को स्वीकार किया था, तब ये लोग उनके बारे में अफवाहें फैलाने और धमकी देने लगे थे, उनके परिवारों को उनका विरोधी बना दिया था। अब वो मेरे खिलाफ़ कैसी चालें चलेंगे?" जल्द ही मेरा बेटा और बेटी भी वहाँ आ गए। मैं परेशान हो गया। मेरे बच्चों ने कहा था कि उन्हें बहुत काम है, तो फिर वो दोनों यहाँ क्या कर रहे हैं? क्या पादरी ली ने उन्हें बुलाया है? मुझे एहसास हुआ कि वो पहले से इसकी तैयारी करके आये हैं। मैंने तुरंत परमेश्वर से प्रार्थना की: "हे परमेश्वर, मैं नहीं जानता ये लोग मेरे साथ क्या करना चाहते हैं। इन सबका सामना करने के लिए मेरा आध्यात्मिक कद बहुत छोटा है। मेरा मार्गदर्शन करो, मेरी मदद करो, ताकि मैं सच्चे मार्ग पर डटा रह सकूँ।" प्रार्थना करके मुझे थोड़ी शांति मिली।

तभी, पादरी ली मुस्कुराकर बोले, "भाई झांग, मैंने सुना कि तुमने अब चमकती पूर्वी बिजली को स्वीकार कर लिया है। क्या ये सही है? चमकती पूर्वी बिजली में चाहे कितना भी सत्य क्यों न हो, हम इसे स्वीकार नहीं कर सकते। हमने इतने सालों से प्रभु में विश्वास किया है, उसके लिए प्रवचन भी दिए हैं। हम सभी जानते हैं कि प्रभु यीशु को क्रूस पर चढ़ाया गया और वह पाप-बलि बना, जिससे हमें पाप से छुटकारा मिला। हमें हमेशा प्रभु के नाम को कायम रखते हुए उसी के मार्ग पर चलना चाहिए। हम किसी और परमेश्वर में विश्वास नहीं कर सकते। प्रभु यीशु से दूर होकर और सर्वशक्तिमान परमेश्वर में विश्वास करके, क्या तुम प्रभु को धोखा नहीं दे रहे?"

मैंने एकदम शांत भाव से उनसे कहा, "पादरी ली, हमें निष्पक्ष और व्यावहारिक ढंग से सोचना चाहिए। हमें साक्ष्य के अनुसार चलना चाहिए, मनमाने ढंग से इसकी निंदा नहीं करनी चाहिए। आपने चमकती पूर्वी बिजली के मार्ग की जांच-पड़ताल नहीं की है या सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को पढ़ा नहीं है, तो आप ये कैसे कह सकते हैं कि मैं चमकती पूर्वी बिजली को स्वीकार करके प्रभु को धोखा दे रहा हूँ? क्या आप जानते हैं कि सत्य कहां से आता है? क्या आपको पता है कि सत्य कौन व्यक्त करता है? प्रभु यीशु ने कहा था, 'मार्ग और सत्य और जीवन मैं ही हूँ' (यूहन्ना 14:6)। परमेश्वर सत्य का स्रोत है। आप ये कैसे कह सकते हैं कि चमकती पूर्वी बिजली में चाहे कितना भी सत्य हो, हम इसे स्वीकार नहीं कर सकते? क्या ये जानबूझकर सत्य का और परमेश्वर का विरोध करना नहीं हुआ? क्या हम प्रभु के विश्वासी माने भी जाते हैं? मैंने हाल ही में सर्वशक्तिमान परमेश्वर के बहुत से वचन पढ़े हैं, मैंने देखा है कि वो सभी सत्य हैं, वे कई सत्यों और रहस्यों को प्रकट करते हैं। सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को पढ़कर, इतने सालों की आस्था में मेरी सभी उलझनों का समाधान हो गया। मुझे पूरा विश्वास है कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर ही लौटकर आया प्रभु यीशु है। सर्वशक्तिमान परमेश्वर का अनुसरण करना, प्रभु के आगमन का स्वागत करना है! आप कहते हैं कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर में विश्वास करके हम प्रभु यीशु को धोखा दे रहे हैं। क्या ये सत्य के अनुरूप है? जब प्रभु यीशु कार्य करने आया, तब बहुत से लोगों ने उसका अनुसरण करने के लिए मंदिर जाना छोड़ दिया। क्या इसका मतलब वो यहोवा परमेश्वर को धोखा दे रहे थे? हालांकि प्रभु यीशु का छुटकारे का कार्य यहोवा परमेश्वर द्वारा व्यवस्था जारी करने के कार्य से अलग था, और परमेश्वर का नाम भी बदल गया था, फिर भी प्रभु यीशु और यहोवा अलग नहीं, एक ही परमेश्वर हैं। प्रभु यीशु में विश्वास करके, वो यहोवा परमेश्वर को कोई धोखा नहीं दे रहे थे, बल्कि वो तो मेमने के पदचिह्नों पर चलकर परमेश्वर का उद्धार पा रहे थे। असल में, जिन लोगों ने यहोवा परमेश्वर में विश्वास तो किया लेकिन प्रभु यीशु को स्वीकार नहीं किया, वे वही लोग थे जो परमेश्वर को त्याग कर उसके विरोधी बन गए। सर्वशक्तिमान परमेश्वर का कार्य प्रभु यीशु के कार्य से अलग है और परमेश्वर का नाम बदल गया है, लेकिन वो एक ही परमेश्वर हैं। परमेश्वर अलग-अलग युग में अलग-अलग कार्य करता है। प्रभु यीशु ने अनुग्रह के युग में छुटकारे का कार्य किया था, जो सिर्फ हमारे पापों को क्षमा करने के लिये था। उसने मानवजाति की पापी प्रकृति का समाधान नहीं किया। इसलिए उसने वादा किया वो न्याय का कार्य करने के लिए दोबारा आयेगा। सर्वशक्तिमान परमेश्वर अंत के दिनों में आया है, वो प्रभु के छुटकारे के कार्य के आधार पर हमारा न्याय करने के लिए सत्य व्यक्त कर रहा है, ताकि हमारी शैतानी प्रकृति और शैतानी स्वभाव का समाधान हो सके, परमेश्वर हमें पाप से पूरी तरह बचाकर हमें प्राप्त कर सके। सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कार्य और वचन प्रभु यीशु की भविष्यवाणियों को पूरा करते हैं। सर्वशक्तिमान परमेश्वर में मेरा विश्वास प्रभु यीशु को कोई धोखा देना नहीं है। यह तो मेमने के पदचिह्नों पर चलना है। क्या सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अंत के दिनों के कार्य को स्वीकार किये बिना प्रभु यीशु में विश्वास करके हम फरीसियों वाली ग़लती नहीं कर रहे, जिन्होंने प्रभु यीशु को ठुकराकर सिर्फ़ यहोवा परमेश्वर पर विश्वास किया? ऐसे लोग ही प्रभु का विरोध करते और उसे धोखा देते हैं! आपको खुद सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अंत के दिनों के कार्य की अच्छे से जांच-पड़ताल करके देखना चाहिए कि उसके वचन परमेश्वर की वाणी हैं या नहीं। मनमाने ढंग से आलोचना करके इसकी निंदा करना ठीक नहीं, वरना क्या पता प्रभु का विरोध करने पर आपको दंडित किया जाए!"

पादरी ली काफ़ी परेशान दिखने लगे, तब उनके सहकर्मी वांग ने मामले को संभालते हुए कहा: "हम चमकती पूर्वी बिजली के खिलाफ़ हैं और नहीं चाहते कि हमारे सदस्य इसमें शामिल हों, ताकि कलीसिया और हमारे समूह की सुरक्षा हो सके। प्रभु इसके लिए हमें दंडित क्यों करेगा? पादरी ली को तुम्हारे जीवन की काफ़ी चिंता है। वो नहीं चाहते कि तुम ग़लत मार्ग पर चलो! तुम एक सहकर्मी हो, और तुमने हमारे साथ कलीसिया के लिए बहुत कुछ किया है। सबको तुम पर विश्वास है और तुम्हारी इज्ज़त करते हैं। अगर तुमने सर्वशक्तिमान परमेश्वर के लिए उन्हें छोड़ दिया, तो वो सभी बहुत निराश हो जायेंगे!" पादरी ली उनकी बात पर हामी भरने लगे, "सहकर्मी वांग सही कह रहे हैं। तुमने इतने साल कड़ी मेहनत की है, अगर तुम अपने बनाये हुए नाम को यूं ही छोड़कर चले गए, तो ये कितनी शर्म की बात होगी! वापस आ जाओ। सब तुम्हारी राह देख रहे हैं। हमारी कलीसिया ने एक रिटायरमेंट होम बनाया है, हमने दूसरे देशों के कई धार्मिक समूहों से संपर्क किया है जो हमें आर्थिक मदद दे रहे हैं। अगर तुम लौट आओ, तो हम अभी तुम्हें एक कार दे देंगे। अगर तुम चाहो तो रिटायरमेंट होम की व्यवस्था, कलीसिया की व्यवस्था, और कलीसिया के पैसों की देखरेख भी कर सकते हो, ये सब तुम पर निर्भर है।"

उनकी बातें सुनकर, मुझे दाल में कुछ काला नज़र आने लगा। विश्वासी ऐसी बातें कैसे कर सकते हैं? बाइबल में प्रभु यीशु को दिये गए शैतान के प्रलोभन की बात मेरे मन में आयी: "फिर इब्लीस उसे एक बहुत ऊँचे पहाड़ पर ले गया और सारे जगत के राज्य और उसका वैभव दिखाकर उससे कहा, 'यदि तू गिरकर मुझे प्रणाम करे, तो मैं यह सब कुछ तुझे दे दूँगा'" (मत्ती 4:8-9)। वो जो बातें कह रहे थे, उनका भी तो यही मतलब था न, वो भी शैतान की तरह बातें कर रहे थे? मुझे लगा, "ये शैतान की चाल है! वो रुतबे और पैसे का प्रलोभन देकर मुझे सच्चे मार्ग से भटका रहे हैं, ताकि मैं सर्वशक्तिमान परमेश्वर को धोखा दूँ। वो मुझे तबाह करने के लिए अपने जाल में फंसाना चाहते हैं! मैं करीब दस सालों से विश्वासी रहा हूँ और खुशकिस्मत हूँ कि मुझे प्रभु की वापसी का स्वागत करने का मौक़ा मिला। मैं जानता था शैतान मुझे प्रभु को धोखा देने के लिए नहीं बहका सकता। इसलिए मैंने कहा, "मैंने परमेश्वर की वाणी को सुनकर अनंत जीवन का मार्ग खोज लिया है। मैं परमेश्वर का अनुसरण करूँगा। आप बेकार की कोशिश न करें। मैं सर्वशक्तिमान परमेश्वर से दूर नहीं जाऊँगा।"

फिर मेरी बेटी रो-रोकर कहने लगी, "डैड, एक पल के लिए मेरी बात तो सुनिये! मॉम हाल ही में गुज़र गयीं। हमने बहुत कष्ट सहा है। चमकती पूर्वी बिजली में विश्वास करने के कारण अगर आपको कलीसिया से निकाल दिया गया, तो भाई-बहनें हमें भी वहाँ से निकाल देंगे!" मुझे अपनी बेटी को उस तरह रोते देखकर बुरा लग रहा था। मेरे मन में ज़बर्दस्त जंग चल रही थी। "अगर मैं कलीसिया में दोबारा जाने के लिए राज़ी हुआ, तो मुझे ठुकराया नहीं जायेगा और मेरा पद भी बना रहेगा, लेकिन ये प्रभु के लिए अपने दरवाज़े बंद करना होगा। ये बहुत बड़ा धोखा होगा!" मेरे पास कोई आसान विकल्प नहीं था। इस पीड़ा में मैंने अपने मन में परमेश्वर से प्रार्थना की: "हे सर्वशक्तिमान परमेश्वर, मैं बहुत ही मुश्किल परिस्थिति में फंस गया हूँ। मुझे आस्था और शक्ति दो, ताकि मैं इस परेशानी से बच सकूँ और एक फैसला लेकर दृढ़ता से तुम्हारा अनुसरण कर सकूँ।" तभी मेरे मन में सर्वशक्तिमान परमेश्वर के ये वचन आये, जिन्हें मैंने कुछ दिनों पहले ही पढ़ा था: "तुम लोगों को जागते रहना चाहिए और समय की प्रतीक्षा करनी चाहिए, और तुम लोगों को मेरे सामने अधिक बार प्रार्थना करनी चाहिए। तुम्हें शैतान की विभिन्न साजिशों और चालाक योजनाओं को पहचानना चाहिए, आत्माओं को पहचानना चाहिए, लोगों को जानना चाहिए और सभी प्रकार के लोगों, घटनाओं और चीजों को समझने में सक्षम होना चाहिए" (वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य)। परमेश्वर के वचनों ने मुझे हिम्मत दी और सावधान किया कि मुझे विवेक से काम लेना होगा। उस दिन मैं जिन हालात का सामना कर रहा था उसके पीछे शैतान की चाल थी। शैतान रुतबे और पारिवारिक रिश्तों का इस्तेमाल कर, मुझे ललचाने, परेशान करने और हमला करने की कोशिश में था, ताकि मैं परमेश्वर को धोखा दूँ। मुझे शैतान के बिछाये जाल से बचना था! मैंने अपने बच्चों से कहा, "मैंने इसकी जांच की है और सब कुछ स्पष्ट है। सर्वशक्तिमान परमेश्वर ही सच्चा परमेश्वर है, उसके वचन और कार्य सच्चा मार्ग हैं। हम इतने सालों से प्रभु के आगमन का इंतज़ार कर रहे थे। अब जब वो आ गया है और अपने न्याय कार्य के लिए सत्य व्यक्त कर रहा है, तो हमें उसके कार्य के अनुसार चलते हुए परमेश्वर के न्याय और शुद्धिकरण को स्वीकार करना चाहिए, ताकि हम आपदाओं से बचकर परमेश्वर के राज्य में प्रवेश कर सकें। हमें दूसरों द्वारा ठुकराये जाने से डरने के बजाय, प्रभु द्वारा हटाए जाने और स्वर्गारोहण का मौका गंवाने से डरना चाहिए। वरना हम महान आपदाओं के बीच रोते और अपने दांत पीसते रह जायेंगे! तुम्हें सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को एक बार पढ़ना चाहिए। तुम्हें उनमें परमेश्वर की वाणी सुनायी देगी। तब तुम्हें यकीन हो जाएगा कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर, अंत के दिनों का मसीह है!" मेरे बच्चों ने बात आगे नहीं बढ़ाई, मैंने मन ही मन परमेश्वर के मार्गदर्शन का धन्यवाद किया।

वो बिना कुछ कहे वहाँ से चिढ़कर निकल गये। कुछ दिनों बाद वो मुझे दोबारा शादी करने का लालच देने के लिए वापस आये। पादरी ली ने कहा, "हाल ही में तुम्हारी पत्नी गुज़र गयी, बेटी की शादी हो गयी और बेटा तुम्हें ज्यादा समय नहीं दे पाता। तुम्हें अकेले रहने में बड़ी परेशानी होती होगी। कोई तो ऐसी होनी ही चाहिए जो तुम्हारे खाने-पीने का ध्यान रखे। कलीसिया वाली बहन वांग की भी शादी नहीं हुई है। वो संपन्न है, सबकी पसंदीदा है और अपनी आस्था में काफ़ी उत्साही है। कितना अच्छा हो अगर तुम दोनों शादी कर लो, एक-दूसरे को समय दो, और एक साथ प्रभु की सेवा करो?" उसी दिन शाम को बहन वांग ने मुझे फ़ोन किया, वो चमकती पूर्वी बिजली में विश्वास करना बंद करने के लिए मुझे मनाती रही। उसने ये भी कहा कि अगर मुझे बेटे की शादी के लिए पैसों की ज़रूरत हो, तो बस एक बार उसे बोल दूँ। ये बात सुनकर मुझे काफ़ी बुरा लगा। जब मेरी पत्नी बीमार और बिस्तर से उतरने लायक नहीं थी, तो उसके लिए दवाइयाँ लाते हुए हमारी बेटी का कार से एक्सीडेंट हो गया। उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। तब बहन वांग मेरी पत्नी और बेटी दोनों की देखभाल करने आयी थी। मैं हमेशा से उसका आभारी रहा हूँ। अगर मैंने बहन वांग की सलाह नहीं मानी तो क्या उसकी भावनाओं को ठेस नहीं पहुँचेगी? लेकिन अगर मैंने हमारे संबंध बनाए रखने के लिए उसकी बात मान ली, तो ये प्रभु को धोखा देना होगा। मैं बहुत परेशान हो गया, मैंने बार-बार परमेश्वर से प्रार्थना की। मैं कुछ देर उसके साथ बातों में लगा रहा, फिर विनम्रता से उसकी सलाह नकार दी।

एक दिन, पादरी ली मुझे ढूँढते हुए मेरे पास आये, तब मैं खेत में काम कर रहा था। उन्होंने कहा, "भाई झांग, अपने बारे में नहीं, तो कम से कम बच्चों के बारे में तो सोचो। हाल ही में तुम्हारे बेटे की सगाई हुई है, उसकी मंगेतर का पूरा परिवार प्रभु में विश्वास करता है। अगर उन्हें पता चला कि तुम सर्वशक्तिमान परमेश्वर में विश्वास करते हो, तो क्या वो उसकी शादी तुम्हारे परिवार में करेंगे? क्या इससे तुम्हारे बेटे की शादी टूट नहीं जाएगी? तुम्हें थोड़ा और सोचना चाहिए।" इस पर, मैंने सोचा, "आप मुझे सच्चे मार्ग से दूर रखने के लिए मेरे बेटे की शादी तोड़ने की धमकी दे रहे हैं। कितनी घिनौनी बात है!" मैंने उनसे साफ़-साफ़ कह दिया, "सर्वशक्तिमान परमेश्वर में आस्था मेरी अपनी है, इससे मेरे बेटे की शादी का कोई लेना-देना नहीं। उसकी शादी ठीक से होगी या नहीं, ये परमेश्वर के हाथों में है। मुझे यकीन है कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर ही लौटकर आया प्रभु यीशु है और मैं अंत तक उसका अनुसरण करता रहूँगा। अभी मेरे बच्चे इस बात को नहीं समझ रहे, लेकिन एक दिन ज़रूर समझेंगे।" पहले मुझे लगा कि ये बात पादरी ली खुद ही कह रहे हैं, लेकिन मुझे हैरानी हुई कि वो कुछ ऐसा करने की कोशिश कर रहे थे ताकि मैं सर्वशक्तिमान परमेश्वर को धोखा दे दूँ।

कुछ दिनों बाद मैं अपने बेटे की वेल्डिंग की दुकान पर गया। उसने अपनी भौहें उठाकर कहा, "डैड, मेरी मंगेतर ने बताया, पादरी ली उसके परिवार से मिलने आये थे और उन्होंने उनसे कहा कि आप चमकती पूर्वी बिजली में विश्वास करते हैं। मेरी मंगेतर ने कहा, अगर आपने ये सब बंद नहीं किया, तो वो शादी तोड़ देंगे।" मैं भौंचक्का रह गया और गुस्सा भी आया। पादरी ली मुझे धमकाने के लिए मेरे बेटे की शादी का इस्तेमाल कर रहे थे। प्रभु का विश्वासी आखिर ऐसा घिनौना काम कैसे कर सकता है? अपने बेटे को इतना निराश देखकर मुझे बहुत बुरा लगा। उनकी शादी में सिर्फ 18 दिन बचे थे। क्या वो ऐसे ही शादी तोड़ देंगे? मेरी आँखें भर आयीं। वह बोलता रहा, "डैड, उसने ये भी कहा कि वो सिर्फ़ तीन शर्तों पर ही शादी करेगी। पहली, हमें हमारा बाप-बेटे का रिश्ता ख़त्म करना होगा। दूसरी, मैं आपके बुढ़ापे में आपका ध्यान नहीं रखूँगा। तीसरी, मैं परिवार से सारे रिश्ते तोड़ दूँ। मेरी मॉम गुज़र गयी हैं। कम से कम हमारे परिवार की खातिर चमकती पूर्वी बिजली में विश्वास करना बंद कीजिये।" मेरे बेटे के शब्द और उसके चेहरे पर दिख रही पीड़ा मेरे दिल में किसी नश्तर की तरह चुभ रहे थे। सिर्फ सर्वशक्तिमान परमेश्वर में विश्वास करने के कारण, ये पादरियों का समूह मुझसे दुश्मन की तरह बर्ताव कर रहा था, मेरे बेटे को मुझसे सारे रिश्ते तोड़ने पर मजबूर कर रहा था। लानत है! मैंने अपने बेटे से कहा, "बेटे, तुम अब बड़े हो गए हो, मुझे तुम्हारा ध्यान रखने की कोई ज़रूरत नहीं। मैं बूढ़ा हो गया हूँ। मैं अपने बचे हुए दिन अपनी आस्था का अभ्यास और परमेश्वर का अनुसरण करने में बिताना चाहता हूँ। मुझे उम्मीद है तुम मेरी बात समझोगे।" इतना कहकर, मैं दुकान से बाहर निकल गया। घर आकर, मैंने परमेश्वर के सामने प्रार्थना की: "सर्वशक्तिमान परमेश्वर! पादरी मुझे परेशान और मजबूर करने के लिए हर चाल आज़मा रहे हैं। मेरा बेटा मुझसे सारे रिश्ते तोड़ने जा रहा है। मैं अब बहुत कमज़ोर महसूस कर रहा हूँ। मेरा मार्गदर्शन करके मुझे विश्वास दो।"

अगले दिन सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया के भाई लिन मुझसे मिलने मेरे घर आये, मैंने उन्हें सारी बातें बतायीं। उन्होंने मुझे सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों का ये अंश पढ़कर सुनाया। "परमेश्वर द्वारा मनुष्य के भीतर किए जाने वाले कार्य के प्रत्येक चरण में, बाहर से यह लोगों के मध्य अंतःक्रिया प्रतीत होता है, मानो यह मानव-व्यवस्थाओं द्वारा या मानवीय हस्तक्षेप से उत्पन्न हुआ हो। किंतु पर्दे के पीछे, कार्य का प्रत्येक चरण, और घटित होने वाली हर चीज़, शैतान द्वारा परमेश्वर के सामने चली गई बाज़ी है, और लोगों से अपेक्षित है कि वे परमेश्वर के लिए अपनी गवाही में अडिग बने रहें। उदाहरण के लिए, जब अय्यूब को आजमाया गया था : पर्दे के पीछे शैतान परमेश्वर के साथ दाँव लगा रहा था, और अय्यूब के साथ जो हुआ वह मनुष्यों के कर्म थे, और मनुष्यों का हस्तक्षेप था। परमेश्वर द्वारा तुम लोगों में किए गए कार्य के हर कदम के पीछे शैतान की परमेश्वर के साथ बाज़ी होती है—इस सब के पीछे एक संघर्ष होता है। ... हर चीज़ जो लोग करते हैं, उसमें उन्हें अपने प्रयासों के लिए एक निश्चित क़ीमत चुकाने की आवश्यकता होती है। बिना वास्तविक कठिनाई के वे परमेश्वर को संतुष्ट नहीं कर सकते; वे परमेश्वर को संतुष्ट करने के करीब तक भी नहीं पहुँचते और केवल खोखले नारे लगा रहे होते हैं!" (वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य)। जब उन्होंने मुझे परमेश्वर के इन वचनों से संबंधित आध्यात्मिक संघर्षों के बारे में बताया, तब मैं समझ गया कि पादरियों के समूह का हमें रोकना, परेशान करना और हम पर दबाव डालना, भले ही इंसानों का काम लगे, लेकिन असल में ये शैतान की कोशिश होती है हमें नाकाम करने की। परमेश्वर के हर काम में शैतान अपनी टांग अड़ाता है। शैतान, मानवजाति को बचाने के परमेश्वर के कार्य से नफ़रत करता है, इसलिए वो लोगों को परमेश्वर का अनुसरण करने से रोकने के लिए हर चाल और तरकीब आज़माता है, ताकि वो लोगों को नर्क में पहुँचा सके। पादरी ली और अन्य लोगों ने मुझे सच्चे मार्ग से दूर रखने की कोशिश की, बार-बार मुझे तंग किया, कभी कार का लालच देकर, तो कभी कलीसिया के पैसों की देखभाल या रिटायरमेंट होम की व्यवस्था का काम सौंपने की बात कहकर। उन्होंने तो मेरे लिए पत्नी भी ढूँढ ली थी। जब इन सबसे बात नहीं बनी, तब उन्होंने मुझे मेरे बेटे की शादी तुड़वाने की धमकी दी। साम-दाम, दंड-भेद, सब आज़माया। ओछी हरकत पर उतर आए।

भाई लिन ने अपनी सहभागिता जारी रखी: "जब प्रभु यीशु अपना कार्य करने आया, तब यहूदी धर्म के अगुआओं ने सत्य और परमेश्वर की निंदा की। वो अच्छी तरह से जानते थे कि प्रभु यीशु का मार्ग आधिकारिक है। इसके बावजूद, उन्होंने न सिर्फ़ इसकी जांच करने से मना किया, बल्कि पागलों की तरह उसका विरोध, निंदा और तिरस्कार भी किया। उन्होंने लोगों को उसका अनुसरण करने से रोकने की हर मुमकिन कोशिश की, उसे क्रूस पर चढ़ाने में भी उन्हीं हाथ था। उन्हें डर था कि अगर सभी लोग प्रभु यीशु का अनुसरण करने लगे, तो वो अपना रुतबा और रोज़ी-रोटी खो देंगे। जैसा कि बाइबल में लिखा है, 'इस पर प्रधान याजकों और फरीसियों ने महासभा बुलाई, और कहा, "हम करते क्या हैं? यह मनुष्य तो बहुत चिह्न दिखाता है। यदि हम उसे यों ही छोड़ दें, तो सब उस पर विश्‍वास ले आएँगे, और रोमी आकर हमारी जगह और जाति दोनों पर अधिकार कर लेंगे।" ... अत: उसी दिन से वे उसे मार डालने का षड्‍यन्त्र रचने लगे' (यूहन्ना 11:47, 48, 53)। परमेश्वर अंत के दिनों में न्याय का कार्य करने, मानवजाति को शुद्ध करने और बचाने के लिए आया है। धार्मिक पादरियों का समूह ये जानता है कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन सत्य हैं, फिर भी वो इसकी खोज या जाँच-पड़ताल नहीं करते। वो तो पागलों की तरह उसका विरोध और निंदा करने के साथ-साथ दूसरों को भी उसका अनुसरण करने से रोकते हैं। उनका सार प्रभु यीशु का विरोध करने वाले फरीसियों से अलग कहां है? प्रभु यीशु ने बहुत पहले ही उन पाखंडियों को श्राप देकर दंडित किया था। प्रभु यीशु ने कहा था, 'हे कपटी शास्त्रियो और फरीसियो, तुम पर हाय! तुम मनुष्यों के लिए स्वर्ग के राज्य का द्वार बन्द करते हो, न तो स्वयं ही उसमें प्रवेश करते हो और न उस में प्रवेश करनेवालों को प्रवेश करने देते हो' (मत्ती 23:13)। 'हे कपटी शास्त्रियो और फरीसियो, तुम पर हाय! तुम एक जन को अपने मत में लाने के लिये सारे जल और थल में फिरते हो, और जब वह मत में आ जाता है तो उसे अपने से दूना नारकीय बना देते हो' (मत्ती 23:15)। सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन धार्मिक अगुआओं द्वारा परमेश्वर का विरोध करने के सार और मूल कारण को भी उजागर करते हैं। सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं, "ऐसे भी लोग हैं जो बड़ी-बड़ी कलीसियाओं में दिन-भर बाइबल पढ़ते रहते हैं, फिर भी उनमें से एक भी ऐसा नहीं होता जो परमेश्वर के कार्य के उद्देश्य को समझता हो। उनमें से एक भी ऐसा नहीं होता जो परमेश्वर को जान पाता हो; उनमें से परमेश्वर की इच्छा के अनुरूप तो एक भी नहीं होता। वे सबके सब निकम्मे और अधम लोग हैं, जिनमें से प्रत्येक परमेश्वर को सिखाने के लिए ऊँचे पायदान पर खड़ा रहता है। वे लोग परमेश्वर के नाम का झंडा उठाकर, जानबूझकर उसका विरोध करते हैं। वे परमेश्वर में विश्वास रखने का दावा करते हैं, फिर भी मनुष्यों का माँस खाते और रक्त पीते हैं। ऐसे सभी मनुष्य शैतान हैं जो मनुष्यों की आत्माओं को निगल जाते हैं, ऐसे मुख्य राक्षस हैं जो जानबूझकर उन्हें विचलित करते हैं जो सही मार्ग पर कदम बढ़ाने का प्रयास करते हैं और ऐसी बाधाएँ हैं जो परमेश्वर को खोजने वालों के मार्ग में रुकावट पैदा करते हैं। वे 'मज़बूत देह' वाले दिख सकते हैं, किंतु उसके अनुयायियों को कैसे पता चलेगा कि वे मसीह-विरोधी हैं जो लोगों से परमेश्वर का विरोध करवाते हैं? अनुयायी कैसे जानेंगे कि वे जीवित शैतान हैं जो इंसानी आत्माओं को निगलने को तैयार बैठे हैं?" (वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य)। परमेश्वर के वचनों को पढ़कर, मैं धार्मिक अगुआओं द्वारा परमेश्वर का विरोध और सत्य से नफरत करने की राक्षसी प्रकृति को बेहतर ढंग से समझ पाया। वो सर्वशक्तिमान परमेश्वर का बुरी तरह से विरोध और निंदा करते हैं, अंत के दिनों के परमेश्वर के कार्य की गवाही देने वाले भाई-बहनों को सताते हैं, क्योंकि वो परमेश्वर की भेड़ों को हमेशा काबू में रखना चाहते हैं। वो परमेश्वर की भेड़ों को अपने कब्ज़े में रखना चाहते हैं, ताकि उन पर उनका अधिकार कायम रह सके। वो विश्वासियों को परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करने से रोकना चाहते हैं—क्योंकि वो खुद ऐसा नहीं कर पाते हैं। वो सभी लोगों को अपने साथ नर्क में ले जाना चाहते हैं। वो एक नंबर के राक्षस हैं! अगर मैंने धार्मिक गुटबाज़ों की करतूतों का अनुभव ख़ुद न किया होता, अगर देहधारी परमेश्वर अंत के दिनों में प्रकट होकर कार्य करने नहीं आता, कलीसिया में छिपे इन दुष्ट सेवकों और मसीह-विरोधियों को उजागर नहीं किया गया होता, तो मैं इनके परमेश्वर-विरोधी राक्षसी सार को कभी न जान पाता। मुझे पता भी न चलता और मुझे भटकाकर तबाह कर दिया जाता। मैंने उनके पाखंडी और घिनौने चेहरों को देखा, इससे सर्वशक्तिमान परमेश्वर का अनुसरण करने की मेरी आस्था और मजबूत हो गयी।

मैं अपनी पुरानी कलीसिया के भाई-बहनों से सुसमाचार साझा करता रहा। एक सुबह जब हम एक सभा में थे, तब पादरी ली अपनी टोली के साथ दोबारा मेरे घर आये, उन्होंने कहा, "हमने तुम्हें बार-बार कहा कि चमकती पूर्वी बिजली में विश्वास मत करो। लेकिन तुम मेरी बात मानने के बजाय मेरी भेड़ों को ही छीनकर उन्हें चमकती पूर्वी बिजली के उपदेश देने लगे हो। क्या तुम वाकई मेरा विरोध करना चाहते हो?" मैंने कहा, "पादरी ली, आप ग़लत कह रहे हैं। कलीसिया और कलीसिया के सदस्य, सभी परमेश्वर के हैं। आप तो सिर्फ़ एक पादरी हैं। आप भेड़ों को अपना कैसे बता सकते हैं? मैं भाई-बहनों के साथ सुसमाचार इसलिए साझा कर रहा हूँ ताकि वो परमेश्वर की वाणी सुनकर उसके सिंहासन के सामने वापस लौट सकें। इसमें कुछ भी ग़लत नहीं है। आप इस मार्ग में रुकावट क्यों पैदा कर रहे हैं? सभी लोग कमज़ोर और निराश महसूस करने लगे हैं। उनकी आत्मा अँधेरे में रहकर सूख गयी है। उनके जीवन को कोई पोषण नहीं मिल रहा है। सर्वशक्तिमान परमेश्वर ने वचन बोलकर हमें अनंत जीवन का मार्ग दिखाया है। आप लोगों को उन्हें पढ़ने से क्यों रोकना चाहते हैं? आप लोगों से उनका सच्चे मार्ग की खोज करने का अधिकार और आज़ादी क्यों छीन रहे हैं? उन्हें ऐसा करने से रोककर, क्या आप उन्हें धर्म में फंसाकर प्यासा मरने के लिए मजबूर नहीं कर रहे? ये अच्छे सेवक का काम है या दुष्ट सेवक का?" पादरी ली के हावभाव तुरंत बदल गए और उन्होंने गुस्से में चिल्लाकर कहा, "लगता है तुम सुधरोगे नहीं। अगर तुमने अपनी आस्था में हमारा अनुसरण नहीं किया, तो जल्द ही तुम नर्क भोगोगे!" मैंने कहा, "मेरा नर्क जाना या नहीं जाना आपके हाथों में नहीं है। आपको तो प्रभु की वाणी पहचानना और उसका स्वागत करना भी नहीं आता। आप दूसरों को उसके राज्य में प्रवेश कैसे करा सकेंगे? अंत के दिनों का मसीह ही स्वर्ग के राज्य में प्रवेश का एकमात्र द्वार है। उसके माध्यम से मुझे अनंत जीवन का मार्ग मिल गया है। मेरे जीवन की ज़िम्मेदारी परमेश्वर के हाथों में है, आपके नहीं।" यह सुनने के बाद वो मुँह लटकाकर चले गए। इसके बाद कोई मुझे तंग करने नहीं आया।

इस आध्यात्मिक संघर्ष से गुज़रकर मैंने शैतान की चालों की कुछ समझ हासिल की। मुझे ये भी पता चला कि धार्मिक पादरी और एल्डर पाखंडी फरीसियों से कम नहीं हैं, वो मसीह को ठुकराने और उसका विरोध करने वाले मसीह विरोधी हैं। मैं उनके बंधनों से पूरी तरह मुक्त हो गया। सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों ने शैतान के ऊपर जीत हासिल करके सच्चे मार्ग पर डटे रहने में हर कदम पर मेरी मदद की। मैं वाकई परमेश्वर का धन्यवाद करता हूँ! जिन हालात का मुझे सामना करना पड़ा, उनके बारे में सोचकर लगता है वो एक बड़ा इम्तहान था। मैं ज़िंदगी और मौत के किनारों पर झूल रहा था। परमेश्वर के वचनों के मार्गदर्शन के बिना, मैं शैतान की चालों को कभी नहीं समझ पाता। अगर मैं सच्चे मार्ग को छोड़कर देह-सुख को अपनाता और शैतान के सामने झुक जाता, तो ये परमेश्वर के साथ बहुत बड़ा धोखा होता। मैं परमेश्वर के स्वभाव को अपमानित कर उद्धार पाने का मौका पूरी तरह से खो देता। मैं वाकई बहुत बड़े खतरे में था! मैं परमेश्वर की सुरक्षा और उद्धार के लिए बहुत आभारी हूँ!

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