9. आप गवाही देते हैं कि "चमकती पूर्वी बिजली" अंतिम दिनों के मसीह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर, की उपस्थिति और कार्य है, लेकिन मैंने बाईडू और विकिपीडिया जैसी प्रसिद्ध वेबसाइटों पर कई लेख पढ़े हैं, जो सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया की निंदा करते, उस पर हमला करते, और उसका अपमान करते हैं। मुझे पता है कि बाईडू पर दी गई जानकारी सीसीपी की निगरानी और उसके नियंत्रण में होती है, और यह ज़रूरी नहीं है कि यह विश्वसनीय हो। लेकिन विकिपीडिया जैसी विदेशी वेबसाइटों ने भी आपकी निंदा करने में सीसीपी और धार्मिक दुनिया का अनुसरण किया है। मैं इसे सुलझा नहीं सकता—इन वेबसाइटों पर दिए गए बयान सही हैं या गलत?
उत्तर :
वर्तमान में, बड़े लाल अजगर की बुरी ताकतों और धार्मिक समुदाय की मसीह-विरोधी शक्तियों ने सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया के बारे में कई झूठ गढ़े हैं—ऐसे झूठ जो कि विश्व प्रसिद्ध वेबसाइट विकिपीडिया के द्वारा भी प्रकाशित किए गए हैं। सच्चे तरीके से जाँच करते समय कुछ लोग सीधे विकिपीडिया पर चले जाते हैं: "मुझे विकिपीडिया पर भरोसा है। अगर यह कहती है कि यह सही मार्ग है, तो मुझे विश्वास होगा; अगर यह कहती है कि यह नहीं है, तो मैं मुझे नहीं होगा"। ये लोग विकिपीडिया के आधार पर ही मापते हैं कि कोई मार्ग सही है या नहीं। क्या यह सत्य के साथ मेल खाता है? क्या सत्य विकिपीडिया पर पाया जा सकता है? क्या परमेश्वर के वचन विकिपीडिया पर पाए जा सकते हैं? क्या विकिपीडिया को संपादित करने वाले लोग परमेश्वर में विश्वास करते हैं? वे नहीं करते। विकिपीडिया, तब, अविश्वासियों की एक वेबसाइट है। इसे अविश्वासियों के दृष्टिकोण से, उनके द्वारा एकत्रित विभिन्न सामग्रियों का उपयोग करके, लिखा और संपादित किया गया है। क्या अविश्वासियों के पास सत्य है? क्या अविश्वासियों द्वारा बोले गए शब्द, तथ्य होते हैं, और क्या वे सत्य के अनुरूप होते हैं? क्या अविश्वासियों की वेबसाइटों पर कोई झूठ, कोई विधर्म नहीं है, कोई मिथ्यात्व नहीं होता है? अविश्वासी वे लोग होते हैं जो शैतान द्वारा गहराई से भ्रष्ट हो चुके हैं और जिन्होंने परमेश्वर को पीठ दिखा दी है। वे परमेश्वर में विश्वास नहीं करते हैं, वे आस्तिक नहीं हैं, उनका सार दुष्ट शैतान का होता है, और वे केवल दूसरों के शब्दों को तोते की तरह दुहराते है, जो झूठ का एक ढेर होता है, जिसमें एक भी शब्द ऐसा नहीं होता जो सत्य के साथ मेल खाता हो। इस प्रकार, अविश्वासियों के शब्द भ्रांतियों के अलावा और कुछ नहीं होते हैं। क्या इस पर संदेह किया जा सकता है? विकिपीडिया, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया के बारे में सही तथ्यों और प्रमाणों को प्रकाशित नहीं करती है। यह केवल धार्मिक दुनिया और नास्तिक सीसीपी सरकार के झूठ और उनकी भ्रांतियों को ही प्रकाशित करती है। यह किस तरह की वेबसाइट है? क्या यह वेबसाइट दुनिया की बुरी ताकतों का प्रतिनिधित्व नहीं करती है? सर्वशक्तिमान परमेश्वर द्वारा व्यक्त किए गए वचन और सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया की सच्ची प्रायोगिक गवाहियाँ लंबे समय से समस्त मानव जाति की तलाश और जाँच के लिए ऑनलाइन प्रकाशित की गईं हैं—तो इसका कोई उल्लेख क्यों नहीं है? सीसीपी सरकार ने हमेशा दुष्टतापूर्वक सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया का दमन किया है और उसे सताया है, जिनके तथ्य लंबे समय से अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों द्वारा ऑनलाइन प्रकाशित किए जाते रहे हैं। वे विकिपीडिया पर क्यों नहीं हैं? इसके बजाय, सीसीपी सरकार और धार्मिक समुदाय का हर झूठ और सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया को बदनाम करने का हर प्रयास विकिपीडिया प्रकाशित करती है। तो क्या यह एक ऐसा संगठन नहीं है जो जानबूझकर ग़लत जानकारी और झूठ फैलाता हो? क्या यह एक ऐसा उपकरण नहीं है जिसके द्वारा शैतान लोगों को धोखा देता है? विकिपीडिया के संपादकों द्वारा नास्तिक सीसीपी सरकार के और धार्मिक समुदाय के मसीह-विरोधियों के शब्दों पर, पहले उनकी जाँच-पड़ताल किये बिना ही, विश्वास कर लेना और उनका प्रसार करना, हास्यास्पद और बेतुका है। यह दर्शाता है कि वे सच्चाई से बेखबर हैं, संक्षेप में, वे बेतुके, उलझे दिमाग़ वाले लोग हैं, शैतान के जैसे ही। विकिपीडिया, अंतिम दिनों के परमेश्वर के कार्य की बदनामी, आलोचना और निंदा करने में सीसीपी और धार्मिक समुदाय का अनुसरण करती है; इसने अंतिम दिनों के मसीह की निंदा की है, सच्चे मार्ग की निंदा की है, और यह परमेश्वर द्वारा शापित है। तो विकिपीडिया द्वारा सीसीपी और धार्मिक समुदाय का अनुसरण करने से किस समस्या का संकेत मिलता है? यह बात इसे दर्शाती है कि दुनिया अंधकारमय और बुरी है, कि मानव जाति शैतान द्वारा गहराई से भ्रष्ट हो गई है, और यह एक ऐसी शक्ति बन गई है जो परमेश्वर से शत्रुता करती है! यह बाइबल के शब्दों को भी पूरा करती है: "सारा संसार उस दुष्ट के वश में पड़ा है" (1 यूहन्ना 5:19), "इस युग के लोग बुरे हैं" (लूका 11:29)। कुछ लोग दुनिया के अंधेरे और दुष्ट सार के प्रति अंधे हैं। जब सच्चे मार्ग की जाँच की जाती है, तो वे अभी भी विकिपीडिया पर भरोसा करने, तथा इसके द्वारा प्रकाशित झूठ और अफवाहों पर विश्वास करने, पर उतारू होते हैं। क्या ये लोग वो हैं जो परमेश्वर को मानते हैं? वे नहीं हैं। वे परमेश्वर में विश्वास नहीं करते हैं, न ही वे यह स्वीकार करते हैं कि परमेश्वर ही सत्य है, और सत्य को तो वे और भी कम जानते हैं। जब वे सच्चे सच्चे मार्ग की जाँच करते हैं, तो वे परमेश्वर के वचनों की तलाश नहीं करते हैं और न ही परमेश्वर की आवाज़ सुनते हैं, बल्कि दुष्ट शैतान के शब्दों पर भरोसा करते हैं और उसके शब्दों को सत्य मानते हैं—क्या जिसे वे मानते हैं वह दुष्ट शैतान नहीं? इस प्रकार, ऐसे लोग वास्तव में वो नहीं जो सच्चे मार्ग की तलाश करते हैं। जैसे ही वे शैतान के झूठ और उसकी अफवाहें को सुनते हैं, वे धोखा खा जाते हैं, और जमीन पर गिर पड़ते हैं। क्या ऐसे लोग बुद्धिमान होते हैं? परमेश्वर की भेड़ें उसकी (परमेश्वर की) आवाज़ सुनती हैं, जबकि जो लोग शैतान के हैं, वे शैतान के शब्दों को सुनते हैं; वे परमेश्वर की आवाज़ सुनने से इंकार करते हैं, और इसके बजाय दुष्ट शैतान के शब्दों को सुनते हैं। इस तरह की बुनियादी भूल निश्चित रूप से उन्हें ऐसे मूर्ख और नासमझ लोग बना देती है, जो दुष्ट शैतान के होते हैं!
सच्चे मार्ग की जांच-पड़ताल करते हुए हमें यह देखना चाहिए कि क्या सर्वशक्तिमान परमेश्वर द्वारा व्यक्त किए गए वचन सत्य और परमेश्वर की वाणी हैं या नहीं। यदि ये वचन सत्य हैं, परमेश्वर की वाणी हैं और वास्तव में अंत के दिनों में परमेश्वर का प्रकटन और कार्य हैं, तो फिर शैतान जो चाहे कहे, हमें विश्वास बनाए रखना चाहिए—क्योंकि परमेश्वर वास्तविक है, परमेश्वर के वचन सत्य हैं और परमेश्वर का कार्य कभी भी गलत नहीं हो सकता। इंसान गलत हो सकता है, लेकिन परमेश्वर नहीं; इंसान झूठ बोल सकता है और दूसरों को धोखा दे सकता है, लेकिन परमेश्वर झूठ नहीं बोलता, वह पवित्र और धार्मिक है, वह सत्य है। अत: जो लोग वास्तव में परमेश्वर में विश्वास रखते हैं और सत्य से प्रेम करते हैं, वे केवल यह देखते हैं कि ये वचन परमेश्वर की वाणी हैं या नहीं, परमेश्वर के कार्य हैं या नहीं, फिर चाहे अविश्वासियों की मीडिया और वेबसाइटें कोई भी टिप्पणी करें, दमन और उत्पीड़न करें, निंदा करें, सत्ताधारी लोग या धार्मिक दुनिया कितना भी विरोध करे। ये तय होते ही कि यह परमेश्वर की वाणी है, वे किसी भी व्यक्ति, मामले या वस्तु से बंधे बिना परमेश्वर का अनुसरण करने लगते हैं। ऐसे ही लोग वास्तव में परमेश्वर में विश्वास रखते हैं, केवल वे ही बुद्धिमान कुँवारियाँ हैं, जैसा कि प्रभु यीशु ने कहा है : "मेरी भेड़ें मेरा शब्द सुनती हैं; मैं उन्हें जानता हूँ, और वे मेरे पीछे पीछे चलती हैं" (यूहन्ना 10:27)। जो लोग विश्वास नहीं रखते और जिन्हें सत्य से प्रेम नहीं है, बल्कि जो लोग मात्र दो रोटी के लिए भीख माँगते हैं, सत्य की खोज न करते हुए आँख मूँदकर शैतान की दुष्ट बातों और अफवाहों को सुनते हैं, यहाँ तक कि इन अफवाहों का प्रचार करने में शैतान की अगुआई का अनुसरण करते हैं और पागलों की तरह परमेश्वर के अंत के दिनों के कार्य की आलोचना और निंदा करते हैं। ये लोग खरपतवार हैं जिन्हें उजागर कर दिया गया है, जब परमेश्वर का कार्य समाप्त हो जाता है और बड़ी आपदाएँ आती हैं, तो उन्हें हटा दिया जाता है और दंडित किया जाता है, जब उन्हें आपदा के हवाले किया जाता है, तो वे अपने दाँत पीसते और रोते हैं। इससे बाइबल में कही गई बातें पूरी तरह से साकार हो जाती हैं : "मेरे ज्ञान के न होने से मेरी प्रजा नष्ट हो गई" (होशे 4:6) और "मूढ़ लोग निर्बुद्धि होने के कारण मर जाते हैं" (नीतिवचन 10:21)।