प्रश्न 6: कि तुम मई 28 के शेंडोंग के झाओयुआन मामले के बारे में क्या कहोगे जिसने देश और पूरी दुनिया को हिला दिया था? आखिरकार इस मामले की सुनवाई खुले न्यायालय में हुई थी! शेंडोंग के झाओयुआन मामले की घटना के बाद, सरकार ने गृह कलीसियाओं पर कार्रवाई तेज़ कर दी है, जिसके लिए सशस्त्र पुलिस बलों तक का उपयोग कर सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया के सदस्यों पर कार्रवाई करने के लिए एक जबर्दस्त चंहुमुखी खोज-और-गिरफ्तारी का अभियान छेड़ा। हालांकि लोगों ने शेंडोंग के झाओयुआन मामले पर कई संदेह खड़े किए हैं, यह मानते हुए कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया पर कार्रवाई करने के पक्ष में जनमत खड़ा करने के लिए चीनी कम्युनिस्ट सरकार ने एक झूठा केस गढ़ा था, चीनी मीडिया ने इस बात पर ध्यान दिए बिना कि तथ्य सही हैं या गलत, मामले की जानकारी सार्वजनिक कर दी है। इस बात ने दुनिया के विभिन्न देशों पर कुछ प्रभाव डाला है। शेंडोंग के झाओयुआन मामले को चाहे जैसे नकारा जाए, बहुत से लोग अभी भी कम्युनिस्ट पार्टी पर विश्वास करते हैं। इसलिये मुझे बताओ कि शेंडोंग के झाओयुआन मामले के बारे में तुम्हारी क्या राय है।

उत्तर: सीसीपी सरकार कब तक दुनिया को इस शेंडोंग के झाओयुआन मामले पर बेवक़ूफ़ बना सकती है जो उसने अकेले ही गढ़ा है? क्या यह चीनी कम्युनिस्ट सरकार को उसके निश्चित अंत से बचा सकता है? शेंडोंग के झाओयुआन मामले ने उस समय घरेलु और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बहुत प्रभाव डाला था। इसने बहुत से नासमझ लोगों को धोखा दिया है। पर क्या काले बादल सूरज को हमेशा के लिए छुपा सकते हैं? क्या कौवे के पंख सूरज की महिमा को रोक सकते हैं? झूठ तथा धोखा अस्थायी होते हैं। झूठ हमेशा झूठ होता है, वह कभी सत्य नहीं बन सकता। चीनी कम्युनिस्ट सरकार अपने छल-कपट और धोखे के लिए, बदनाम, भ्रष्ट और बुरी हो चुकी है। चीनी कम्युनिस्ट सरकार देश और विदेश में बदनाम है। क्या केवल धोखा और कपट चीनी कम्युनिस्ट सरकार को बचा सकते हैं? पूरी दुनिया के लोग चीनी कम्युनिस्ट सरकार के सार को समझ रहे हैं। कोई भी अब इनमें विश्वास नहीं करता है। क्योंकि चीनी कम्युनिस्ट सरकार एक बदनाम नास्तिक पार्टी और शैतानी बुरा समूह है जो दुनिया में परमेश्वर के लिए सबसे कपटी और विरोधी है, चीनी कम्युनिस्ट सरकार के न्यायालय, शैतान के न्यायालय हैं। क्या इन न्यायालयों में निष्पक्ष, न्याय हो सकता है? चीनी कम्युनिस्ट सरकार एक एक-पक्षीय तानाशाही और एक-पक्षीय अत्याचारी है। चीन में कोई स्वतंत्र न्यायपालिका नहीं है। इसके न्यायाधीशों के पास अपने कोई अधिकार नहीं है। वे सभी चीनी सरकार से आदेश लेते हैं और सरकार के इरादों के अनुसार मामलों की सुनवाई करते हैं। ये सब जानते हैं। चीनी कम्युनिस्ट सरकार के न्यायालयों में निर्णित मामले पूरी तरह से निरर्थक, तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किए जाने वाले, और स्याह को सफ़ेद करने वाले हैं। बरसों शासन चलाते रहने के कारण चीनी कम्युनिस्ट सरकार निरंतर आम राय पैदा करने पर यकीन करती रही है। और वह इस कला में बहुत माहिर है! जब शेंडोंग के झाओयुआन मामले की सुनवाई की गयी तो, प्रतिवादियों ने न्यायालय में स्पष्ट रूप से कहा, "मेरा कभी भी सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया से संपर्क नहीं रहा।" "राज्य ने जिस पर कड़ी कार्रवाई की है वह, वे 'सर्वशक्तिमान परमेश्वर' हैं जिन पर झाओ वेइशन का विश्वास है, न कि वे 'सर्वशक्तिमान परमेश्वर' पर जिन पर हम विश्वास करते हैं।" प्रतिवादियों ने खुद यह स्वीकार नहीं किया कि वे सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया से संबंधित हैं और कलीसिया उन्हें नहीं जानती। चीनी कम्युनिस्ट सरकार के न्यायाधीश तथ्यों की जाँच क्यों नहीं की? सबूतों के अभाव में, इन संदिग्धों को सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया के मत्थे मढ़ने के लिए न्यायाधीश अड़े क्यों रहे? क्या यह फंसाने की साज़िश नहीं थी? क्या यह जालसाज़ी और छल नहीं था? अब कोई भी सरकारी मीडिया और उनकी झूठी रिपोर्टों पर विश्वास नहीं करता। आपने इतने वर्षों तक कम्युनिस्ट व्यवस्था में काम किया है, आप इन बातों को मुझसे ज़्यादा अच्छे से जानते हैं। हर बार हिंसक तरीके से धार्मिक विश्वासों, लोकतांत्रिक अधिकार आंदोलनों, जातीय विरोध आदि को दबाने से पहले, चीनी कम्युनिस्ट सरकार एक झूठा मामला गढ़ती है और लोगों को उत्तेजित करने के लिए अंधाधुंध सार्वजनिक राय बनाती है, और फिर एक ख़ूनी कार्रवाई करती है। चार जून के छात्र आंदोलन को ही ले लीजिये, जिसने भ्रष्टाचार, लोकतंत्र, और स्वतंत्रता के खिलाफ सत्यनिष्ठा की वकालत शुरू कर दी। इसके बाद चीनी कम्युनिस्ट सरकार ने कुछ अज्ञात लोगों को छात्रों के रूप में समूह में घुसपैठ के निर्देश दे कर लड़ाई, लूटपाट, आगजनी, सैन्य वाहनों को पलटने और अराजकता पैदा करने जैसे काम करवाए। इसने छात्र आंदोलन पर दंगे भड़काने के मनोरथ वाले "प्रतिक्रांतिकारी" आंदोलन होने का आरोप लगाया, जिसने चीनी कम्युनिस्ट सरकार को छात्र समूह को दबाने का मनमुताबिक बहाना दे दिया। इसके बाद चीनी कम्युनिस्ट सरकार ने इन छात्रों पर ख़ूनी कार्रवाई शुरू कर दी। कम-से-कम कई हज़ार छात्रों को गोली मार दी गयी और टैंकों से उनको कुचला गया। इसी प्रकार चीनी कम्युनिस्ट सरकार ने ख़ूनी तियानानमेन घटना की योजना बनाई जिसने चीनी लोगों के रोंगटे खड़े कर दिए और दुनिया को अचंभित कर दिया! इसी तरह से चीनी कम्युनिस्ट सरकार ने तिब्बत में बड़े पैमाने के जनविरोध को दबा दिया। चीनी कम्युनिस्ट सरकार ने विरोध कर रही भीड़ में लोगों को जानबूझकर आगजनी, हत्या, डकैती और लूटपाट करने के लिए डाला। इसके बाद तिब्बती विरोध को कुचलने के बहाने से विरोध कर रही भीड़ का नरसंहार करने के लिए सेना बुला ली। यह तथ्य ये साबित करने के लिए बहुत हैं कि झूठ गढ़ने, तथ्यों को तोड़ने-मरोड़ने और झूठे आरोप मढ़ने के बाद, हिंसक दमन चीनी कम्युनिस्ट सरकार का विरोध को मिटा देने का आम तरीका है। शेंडोंग के झाओयुआन मामले ने जनमत की उस भावना को आधार बनाया जिसने सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया के चीनी कम्युनिस्ट सरकार द्वारा निर्मम दमन और अत्याचार होने दिया। चीनी कम्युनिस्ट सरकार द्वारा धार्मिक उत्पीडन का यह एक और मुख्य अपराध है। आप चीनी कम्युनिस्ट सरकार की व्यवस्था के एक अधिकारी हैं, आपको चीनी कम्युनिस्ट सरकार के कार्य करने के तरीकों के बारे में हमसे बेहतर पता होना चाहिए!

"परिवार में रक्तिम पुनर्शिक्षा" फ़िल्म की स्क्रिप्ट से लिया गया अंश

पिछला: प्रश्न 5: बाइबल कहती है, "हर एक व्यक्‍ति शासकीय अधिकारियों के अधीन रहे, क्योंकि कोई अधिकार ऐसा नहीं जो परमेश्‍वर की ओर से न हो; और जो अधिकार हैं, वे परमेश्‍वर के ठहराए हुए हैं। इसलिये जो कोई अधिकार का विरोध करता है, वह परमेश्‍वर की विधि का सामना करता है, और सामना करनेवाले दण्ड पाएँगे" (रोमियों 13:1-2)। कई सालों तक प्रभु में विश्वास करने के बाद, आपको इस कथन का अर्थ समझना चाहिए। आखिरकार बाइबल परमेश्‍वर से प्रेरित थी। मेरा मानना है कि हम प्रभु के विश्वासियों को शासकीय अधिकारियों और सत्‍ताधारियों का आज्ञा-पालन करना चाहिए। मुझे नहीं पता कि आप इससे क्‍या समझती हैं। चीन में अधिकारियों की अवहेलना करने से काम नहीं बनता। आपको यह जानना होगा कि कम्युनिस्ट पार्टी एक क्रांतिकारी पार्टी है। यदि आप अवज्ञा करती हैं, तो यह आपके जीवन को मिटा देगी। चीन में प्रभु में विश्वास करने के लिए, किसी के लिए भी कम्युनिस्ट पार्टी के संयुक्त मोर्चे को स्वीकार कर थ्री-सेल्‍फ-चर्च में शामिल होना आवश्‍यक है। और कोई दूसरा रास्ता नहीं है! प्रभु में हमारा विश्वास क्‍या, पूरी तरह से एक अच्‍छे तालमेल वाले परिवार और शांतिपूर्ण जीवन की हमारी चाह के बारे में नहीं है? देखें कि थ्री-सेल्‍फ-चर्च के लोग कैसे समझदार हैं। हम एक देशभक्‍त और कलीसिया-प्रेमी संगठन हैं जो परमेश्‍वर का गुणगान करते और लोगों को लाभ देते हैं। हम न तो सत्तारूढ़ अधिकारियों का अपमान करते हैं और न ही बाइबल को धोखा देते हैं। हम डर के मारे छुपने के बजाय कलीसिया में खुलकर प्रभु की आराधना कर सकते हैं। क्‍या यह दोनों हाथों में लड्डू रखने जैसा नहीं है?

अगला: प्रश्न 7: चीनी कम्युनिस्ट सरकार एक क्रांतिकारी पार्टी है। वह केवल झूठ और हिंसा में विश्वास करती है, यानी, हिंसा से सत्ता पर कब्ज़ा करने में! चीनी कम्युनिस्ट सरकार के तर्क से देखा जाये तो, "हज़ार बार दोहराये जाने पर कोई भी झूठ सच हो जाता है।" चाहे कितने ही लोग उस पर शक करें, उसे नकारें या उस पर अविश्वास करें, सरकार इसकी रत्ती भर भी परवाह नहीं करती, और वह उसी तरह झूठ बोलना और धोखा देना जारी रखती है। अपने तुरंत फायदे और उद्देश्य के लिये, उसे जो भी कीमत चुकानी पड़े, उसकी वो परवाह नहीं करती! अगर लोग उससे बगावत करते या उसके विरोध में जुलूस निकालते हैं, तो वह इससे निपटने के लिए टैंकों और मशीन गनों का उपयोग करेगी। ज़रूरत पड़ने पर वह विरोधी ताकतों का सामना करने के लिए एटम बम और मिसाइलों का उपयोग करेगी। चीनी कम्युनिस्ट सरकार सत्ता में टिके रहने के लिये किसी भी हद तक जा सकती है। जैसे ही शेंडोंग के झाओयुआन मामले की सार्वजनिक रूप से घोषणा की गयी, ईसाइयों को दबाने और किसी भी कीमत पर गिरफ़्तार करने के लिए चीनी कम्युनिस्ट सरकार ने सशस्त्र पुलिस इकाइयों की तैनाती शुरू कर दी थी। इसे कौन रोक सकता है? इसका विरोध करने की हिम्मत किस में है? विदेशी लोग चीनी कम्युनिस्ट सरकार के धोखे को देखकर भी क्या कर पाए? चीनी कम्युनिस्ट सरकार के पास पश्चिमी लोकतांत्रिक ताकतों की निंदा का मुकाबला करने के कई तरीके हैं, वह पैसों से सबकुछ निपटा लेती है। जैसा कि कहा जाता है, "भेंट पाना यानी अपनी आज़ादी बेच देना।" अब कम-से-कम देश चीनी कम्युनिस्ट सरकार की निंदा कर रहे हैं। विरोधी ताकतें अपनी आवाज़ उठाने से डर रही हैं। और चीनी कम्युनिस्ट सरकार अभी भी अपने शासन को बनाये रखने में सक्षम है। जब तक कम्युनिस्ट पार्टी सत्ता में है, तुम जैसे परमेश्वर के विश्वासी स्वतंत्र होने की उम्मीद नहीं कर सकते। चीन में परमेश्वर के प्रकटन और कार्य से सीसीपी सरकार ज़रूर उस पर बंदिश लगाएगी। चाहे चीनी कम्युनिस्ट सरकार चीन में एक नास्तिक अस्तित्व के लक्ष्य को प्राप्त करे या नहीं, यह तुम्हें गिरफ़्तार करना और दबाना कभी बंद नहीं करेगी! मुझे ये पहले से पता है। इसलिए मैं तुम्हारे सर्वशक्तिमान परमेश्वर में विश्वास का ज़ोरदार विरोध करता हूँ। यह सब तुम्हारे लिए है, क्या तुम्हें समझ नहीं आता?

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1. प्रभु ने हमसे यह कहते हुए, एक वादा किया, "मैं तुम्हारे लिये जगह तैयार करने जाता हूँ। और यदि मैं जाकर तुम्हारे लिये जगह तैयार करूँ, तो फिर आकर तुम्हें अपने यहाँ ले जाऊँगा कि जहाँ मैं रहूँ वहाँ तुम भी रहो" (यूहन्ना 14:2-3)। प्रभु यीशु पुनर्जीवित हुआ और हमारे लिए एक जगह तैयार करने के लिए स्वर्ग में चढ़ा, और इसलिए यह स्थान स्वर्ग में होना चाहिए। फिर भी आप गवाही देते हैं कि प्रभु यीशु लौट आया है और पृथ्वी पर ईश्वर का राज्य स्थापित कर चुका है। मुझे समझ में नहीं आता: स्वर्ग का राज्य स्वर्ग में है या पृथ्वी पर?

संदर्भ के लिए बाइबल के पद :"हे हमारे पिता, तू जो स्वर्ग में है; तेरा नाम पवित्र माना जाए। तेरा राज्य आए। तेरी इच्छा जैसी स्वर्ग में पूरी...

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