अध्याय 31
मैं उन सभी से प्रेम करता हूँ, जो ईमानदारी से मुझे चाहते हैं। यदि तुम लोग मुझसे प्रेम करने पर ध्यान केंद्रित करते हो, तो मैं निश्चित रूप से तुम लोगों को अत्यधिक आशीष दूँगा। क्या तुम लोग मेरे इरादों को समझते हो? मेरे घर में उच्च और निम्न हैसियत के बीच कोई भेद नहीं है। हर कोई मेरा पुत्र है, और मैं तुम लोगों का पिता, तुम लोगों का परमेश्वर हूँ। मैं सर्वोच्च और अद्वितीय हूँ। मैं ब्रह्मांड को और सभी चीजों को नियंत्रित करता हूँ!
तुम्हें मेरे घर में “विनम्रता के साथ और गुमनामी में मेरी सेवा” करनी चाहिए। यह वाक्यांश तुम्हारा आदर्श वाक्य होना चाहिए। पेड़ का पत्ता मत बनो, बल्कि पेड़ की जड़ बनो और जीवन में गहराई तक जड़ जमाओ। जीवन के वास्तविक अनुभव में प्रवेश करो, मेरे वचनों के अनुसार जियो, हर मामले में मुझे और अधिक खोजो, और मेरे निकट आओ और मेरे साथ संगति करो। किसी भी बाहरी चीज पर ध्यान मत दो, और किसी भी व्यक्ति, घटना या चीज के आगे बेबस मत हो, बल्कि मैं क्या हूँ, इस बारे में केवल आध्यात्मिक लोगों के साथ संगति करो। मेरे इरादों को समझो, मेरे जीवन को अपने में प्रवाहित होने दो, और मेरे वचनों को जियो और मेरी अपेक्षाओं का पालन करो।
अपनी सारी शक्ति उन मामलों के लिए समर्पित कर दो, जिनके लिए मैंने तुम्हें आदेश दिया है; मेरे हृदय को संतुष्ट करने के लिए वह सब करो, जो तुम कर सकते हो। मैं तुम्हारा सामर्थ्य हूँ और मैं तुम्हारा आनंद हूँ...। मैं तुम्हारा सब-कुछ हूँ। बस मेरा अनुसरण करो। मैं तुम्हारे हृदय की वास्तविक इच्छाओं को जानता हूँ और यह कि तुम ईमानदारी से मेरे लिए स्वयं को खपाते हो, लेकिन तुम्हें पता होना चाहिए कि मेरे घर में मेरे प्रति वफादारी कैसे दिखानी है और अंत तक मेरा अनुसरण कैसे करना है।
कलीसिया मेरा हृदय है और मैं अपनी कलीसिया के निर्माण की चिंता से जल रहा हूँ। तुम्हें जरा-से भी संदेह के बिना अपने आप को पेश करके अपने आप को मेरे लिए खपाना चाहिए, और मेरे इरादों के प्रति विचारशीलता दर्शानी चाहिए, ताकि मेरा हृदय संतुष्ट हो सके।