277  परमेश्वर के दो देहधारणों के मायने

1

पहले देहधारण ने इंसान को पाप से छुटकारा दिलाया

यीशु की देह के जरिये।

उसने इंसान को क्रूस से बचाया, पर उसमें

बना रहा भ्रष्ट शैतानी स्वभाव।

दूसरा देहधारण पापबलि नहीं है,

बल्कि छुटकारा पाए लोगों को

पूरी तरह बचाने के लिए है।


ताकि जिन्हें क्षमा मिली वे अपने

पापों से मुक्त हों, पूरी तरह शुद्ध बनाए जाएँ;

स्वभाव में बदलाव लाकर वे,

शैतान के अंधेरे प्रभाव से निकल सकेंगे,

ईश्वर के सिंहासन के सामने लौट सकेंगे।

इंसान सिर्फ ऐसे ही पवित्र हो सकता है।


2

सामान्य देह बनकर ही ईश्वर इंसान संग रह सके,

इस दुनिया की पीड़ा जान सके।

इसी तरह वह इंसान को वह मार्ग दे सके

जिसकी उसे एक सृजित प्राणी के नाते जरूरत है।

ईश्वर के देहधारण से इंसान पूर्ण उद्धार पाए,

न कि अपनी प्रार्थना के बदले स्वर्ग से पाए।


इंसान बना है शरीर और रक्त से,

इसलिए न वो ईश्वर के आत्मा को देख सके,

न उस तक पहुँच सके।

लोग केवल तभी ईश्वर के संपर्क में आ सकें

जब वो देहधारण करे।

सिर्फ इसी ढंग से इंसान सभी मार्ग,

सारे सत्य और पूर्ण उद्धार पा सके।


3

इंसान को पाप से मुक्ति दिलाने,

उसे शुद्ध बनाने के लिए

दूसरा देहधारण पर्याप्त होगा।

इसके बाद देह में ईश्वर का काम खत्म हो जाएगा,

वह अपने देहधारण का अर्थ पूरा करेगा।

उसका प्रबंधन अपने अंत तक पहुँच चुका होगा।

वह तीसरी बार देहधारण नहीं करेगा।


अंत के दिनों के देहधारण द्वारा,

ईश्वर द्वारा चुने लोग पूरी तरह प्राप्त किए जाएंगे,

और अंत के दिनों में सभी इंसान

अपने प्रकार के अनुसार बाँटे जाएंगे।

वह अब अपना उद्धार कार्य और नहीं करेगा,

न कोई कार्य करने के लिए देह में लौटेगा।


—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, देहधारण का रहस्य (4) से रूपांतरित

पिछला: 276  परमेश्वर के देहधारण का अधिकार

अगला: 278  परमेश्वर ने अंतिम दिनों में अपना पूरा स्वभाव प्रकट किया है

परमेश्वर का आशीष आपके पास आएगा! हमसे संपर्क करने के लिए बटन पर क्लिक करके, आपको प्रभु की वापसी का शुभ समाचार मिलेगा, और 2025 में उनका स्वागत करने का अवसर मिलेगा।

संबंधित सामग्री

396  उद्धार-कार्य के अधिक उपयुक्त है देहधारी परमेश्वर

1 अन्त के दिनों में, परमेश्वर देहधारी रूप में प्रकट होकर अपना न्याय का कार्य करता है। क्योंकि जिसका न्याय किया जाता है वह मनुष्य है, मनुष्य...

775  जब तुम सत्य का अनुसरण नहीं करते तो तुम पौलुस के रास्ते पर चलते हो

1 इन दिनों, अधिकांश लोग इस तरह की स्थिति में हैं : "आशीष प्राप्त करने के लिए मुझे परमेश्वर के लिए खुद को खपाना होगा और परमेश्वर के लिए कीमत...

610  मानवता में परमेश्वर के कार्य का तरीक़ा और सिद्धांत

1जब परमेश्वर देहधारी न था, तो उसके वचन इंसान समझ न पाता था,क्योंकि उसकी दिव्यता से आये थे वचन।न समझ पाता था वो उनका प्रसंग या दृष्टिकोण।वे...

परमेश्वर का प्रकटन और कार्य परमेश्वर को जानने के बारे में अंत के दिनों के मसीह के प्रवचन मसीह-विरोधियों को उजागर करना अगुआओं और कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारियाँ सत्य के अनुसरण के बारे में सत्य के अनुसरण के बारे में न्याय परमेश्वर के घर से शुरू होता है अंत के दिनों के मसीह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अत्यावश्यक वचन परमेश्वर के दैनिक वचन सत्य वास्तविकताएं जिनमें परमेश्वर के विश्वासियों को जरूर प्रवेश करना चाहिए मेमने का अनुसरण करो और नए गीत गाओ राज्य का सुसमाचार फ़ैलाने के लिए दिशानिर्देश परमेश्वर की भेड़ें परमेश्वर की आवाज को सुनती हैं परमेश्वर की आवाज़ सुनो परमेश्वर के प्रकटन को देखो राज्य के सुसमाचार पर अत्यावश्यक प्रश्न और उत्तर मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 1) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 2) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 3) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 4) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 5) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 6) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 7) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 8) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 9) मैं वापस सर्वशक्तिमान परमेश्वर के पास कैसे गया

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

WhatsApp पर हमसे संपर्क करें