214 परमेश्वर द्वारा मनुष्य को पूर्ण बनाने का सर्वोत्तम साधन शोधन है
1 जितना अधिक परमेश्वर लोगों का शोधन करता है, लोगों के हृदय उतने ही अधिक परमेश्वर से प्रेम करने में सक्षम हो जाते हैं। उनके हृदय की यातना उनके जीवन के लिए लाभदायक होती है, वे परमेश्वर के समक्ष अधिक शांत रह सकते हैं, परमेश्वर के साथ उनका संबंध और अधिक निकटता का हो जाता है, और वे परमेश्वर के सर्वोच्च प्रेम और उसके सर्वोच्च उद्धार को और अच्छी तरह से देख पाते हैं। पतरस ने सैकड़ों बार शोधन का अनुभव किया, और अय्यूब कई परीक्षणों से गुजरा। यदि तुम लोग परमेश्वर द्वारा पूर्ण किए जाना चाहते हो, तो तुम लोगों को भी सैकड़ों बार शोधन से होकर गुजरना होगा— तुम्हें इस प्रक्रिया से गुजरना ही चाहिए और इस कदम पर भरोसा रखना चाहिए—केवल तभी तुम लोग परमेश्वर के इरादों को पूरा कर पाओगे और परमेश्वर द्वारा पूर्ण किए जाओगे।
2 शोधन वह सर्वोत्तम साधन है, जिसके द्वारा परमेश्वर लोगों को पूर्ण बनाता है, केवल शोधन और कड़वे परीक्षण ही लोगों के हृदय में परमेश्वर के लिए सच्चा प्रेम उत्पन्न कर सकते हैं। कष्टों के बिना लोगों में परमेश्वर के लिए सच्चे प्रेम की कमी रहती है; यदि भीतर से उनका परीक्षण नहीं किया जाता, और यदि वे सच्चे शोधन के भागी नहीं बनाए जाते, तो उनके हृदय हमेशा बाहर ही भटकते रहेंगे। एक निश्चित बिंदु तक शोधन किए जाने के बाद तुम अपनी स्वयं की निर्बलताएँ और कठिनाइयाँ देखोगे, तुम देखोगे कि तुममें कितनी कमी है और कि तुम उन अनेक समस्याओं पर काबू पाने में असमर्थ हो, जिनका तुम सामना करते हो, और तुम देखोगे कि तुमने कितना अधिक विद्रोह किया है। केवल परीक्षणों के दौरान ही लोग अपनी सच्ची अवस्थाओं को सचमुच जान पाते हैं; परीक्षण लोगों को पूर्ण बनाने में और भी अधिक सक्षम होते हैं।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, केवल शोधन का अनुभव करके ही मनुष्य सच्चे प्रेम से युक्त हो सकता है