202  केवल कष्ट और शोधन के ज़रिये ही तुम ईश्वर द्वारा पूर्ण किए जा सकते हो

1

सच्चा प्रेम ईश्वर का है उसका स्वभाव।

और जब उसकी धार्मिकता दिखाई जाएगी,

तुम बहुत पीड़ा भुगतोगे, बहुत पीड़ा भुगतोगे।

बिना इसके तुम कभी नहीं कर सकते ईश्वर से सच्चा प्रेम।

गर ईश्वर तुमको पूर्ण बनाए, तो वो तुम्हें अपना पूर्ण स्वभाव दिखाए।


ईश्वर के लिए सच्चा प्रेम प्रकट होता है,

ईश्वर के लिए सच्चा प्रेम प्रकट होता है,

कष्ट और शोधन के माध्यम से,

ईश्वर के लिए सच्चा प्रेम प्रकट होता है,

ईश्वर के लिए सच्चा प्रेम प्रकट होता है,

कष्ट और शोधन के माध्यम से।

और ईश्वर इंसान के प्रेम को शुद्ध करे

केवल शोधन के ज़रिये, शोधन के ज़रिये।


2

सृष्टि की रचना से आज तक, अपना संपूर्ण स्वभाव,

ईश्वर ने कभी भी, कभी भी इंसान को नहीं दिखाया।

पर अंत के दिनों के दौरान, ईश्वर ये सब प्रकट करे

इस पूर्वनियत समूह के लिए जिसे उसने प्राप्त करने के लिए चुना।

लोगों को पूर्ण करके, वो अपना स्वभाव प्रकट करे,

और इससे लोगों के एक समूह को पूरा करे।

ऐसा है ईश्वर का सच्चा प्रेम इंसान के लिए।


ईश्वर के लिए सच्चा प्रेम प्रकट होता है,

ईश्वर के लिए सच्चा प्रेम प्रकट होता है,

कष्ट और शोधन के माध्यम से,

ईश्वर के लिए सच्चा प्रेम प्रकट होता है,

ईश्वर के लिए सच्चा प्रेम प्रकट होता है,

कष्ट और शोधन के माध्यम से।

और ईश्वर इंसान के प्रेम को शुद्ध करे

केवल शोधन के ज़रिये, शोधन के ज़रिये।


3

ईश्वर का सच्चा प्रेम अनुभव करने के लिए,

इंसान को बहुत पीड़ा सहनी होगी,

ऊंची कीमत चुकानी होगी।

तभी वे ईश्वर द्वारा प्राप्त किए जा सकेंगे

और ईश्वर को अपना सच्चा प्रेम लौटा पाएंगे।

केवल तभी ईश्वर संतुष्ट होगा।

गर लोग पूर्ण बनाए जाना चाहें, ईश्वर की इच्छा पूरी करना चाहें,

और उसे अपना सच्चा प्रेम देना चाहें,

तो उन्हे पीड़ा अनुभव करनी होगी।

उन्हें बहुत पीड़ा सहनी होगी, मृत्यु से भी बदतर पीड़ा।

और अंत में, वे बाध्य होंगे ईश्वर को अपना सच्चा हृदय वापस देने के लिए।


ईश्वर के लिए सच्चा प्रेम प्रकट होता है,

ईश्वर के लिए सच्चा प्रेम प्रकट होता है,

कष्ट और शोधन के माध्यम से,

ईश्वर के लिए सच्चा प्रेम प्रकट होता है,

ईश्वर के लिए सच्चा प्रेम प्रकट होता है,

कष्ट और शोधन के माध्यम से।

और ईश्वर इंसान के प्रेम को शुद्ध करे केवल शोधन के ज़रिये।

ईश्वर के लिए सच्चा प्रेम शोधन के ज़रिये प्रकट होता है।

ईश्वर के लिए सच्चा प्रेम शोधन के ज़रिये प्रकट होता है।

सच्चा प्रेम प्रकट होता है।


—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, केवल परमेश्वर से प्रेम करना ही वास्तव में परमेश्वर पर विश्वास करना है से रूपांतरित

पिछला: 201  परमेश्वर में विश्वास करना लेकिन उसे प्रेम नहीं करना एक व्यर्थ जीवन है

अगला: 203  परमेश्वर उनकी रक्षा करता है जो उससे प्रेम करते हैं

परमेश्वर का आशीष आपके पास आएगा! हमसे संपर्क करने के लिए बटन पर क्लिक करके, आपको प्रभु की वापसी का शुभ समाचार मिलेगा, और 2025 में उनका स्वागत करने का अवसर मिलेगा।

संबंधित सामग्री

775  जब तुम सत्य का अनुसरण नहीं करते तो तुम पौलुस के रास्ते पर चलते हो

1 इन दिनों, अधिकांश लोग इस तरह की स्थिति में हैं : "आशीष प्राप्त करने के लिए मुझे परमेश्वर के लिए खुद को खपाना होगा और परमेश्वर के लिए कीमत...

902  परमेश्वर अंततः उसी को स्वीकार करते हैं, जिसके पास सत्य होता है

1 अंत के दिनों में जन्म लेने वाले लोग किस प्रकार के थे? ये वो लोग हैं जो हजारों सालों से शैतान द्वारा भ्रष्ट किए गए थे, वे इतनी गहराई तक...

396  उद्धार-कार्य के अधिक उपयुक्त है देहधारी परमेश्वर

1 अन्त के दिनों में, परमेश्वर देहधारी रूप में प्रकट होकर अपना न्याय का कार्य करता है। क्योंकि जिसका न्याय किया जाता है वह मनुष्य है, मनुष्य...

परमेश्वर का प्रकटन और कार्य परमेश्वर को जानने के बारे में अंत के दिनों के मसीह के प्रवचन मसीह-विरोधियों को उजागर करना अगुआओं और कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारियाँ सत्य के अनुसरण के बारे में सत्य के अनुसरण के बारे में न्याय परमेश्वर के घर से शुरू होता है अंत के दिनों के मसीह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अत्यावश्यक वचन परमेश्वर के दैनिक वचन सत्य वास्तविकताएं जिनमें परमेश्वर के विश्वासियों को जरूर प्रवेश करना चाहिए मेमने का अनुसरण करो और नए गीत गाओ राज्य का सुसमाचार फ़ैलाने के लिए दिशानिर्देश परमेश्वर की भेड़ें परमेश्वर की आवाज को सुनती हैं परमेश्वर की आवाज़ सुनो परमेश्वर के प्रकटन को देखो राज्य के सुसमाचार पर अत्यावश्यक प्रश्न और उत्तर मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 1) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 2) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 3) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 4) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 5) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 6) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 7) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 8) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 9) मैं वापस सर्वशक्तिमान परमेश्वर के पास कैसे गया

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

WhatsApp पर हमसे संपर्क करें