173  अंत के दिनों में, देहधारी परमेश्‍वर मनुष्य को मुख्य रूप से वचनों से पूर्ण बनाता है

1  परमेश्वर पृथ्वी पर मुख्य रूप से अपने वचन कहने के लिए आया है; तुम जिससे जुड़ते हो वह परमेश्वर का वचन है, तुम जो देखते हो वह परमेश्वर का वचन है, तुम जिसे सुनते हो वह परमेश्वर का वचन है, तुम जिसका पालन करते हो वह परमेश्वर का वचन है, तुम जिसे अनुभव करते हो वह परमेश्वर का वचन है, और परमेश्वर का यह देह-धारण मनुष्य को पूर्ण करने के लिए मुख्य रूप से वचन का उपयोग करता है। वह संकेत और चमत्कार नहीं दिखाता, और विशेष रूप से वे कार्य नहीं करता, जिन्हें यीशु ने अतीत में किया था। यद्यपि वे परमेश्वर हैं, और दोनों देह हैं, किंतु उनकी सेवकाइयाँ एक-सी नहीं हैं।

2  आज परमेश्वर मुख्य रूप से “वचन के देह में प्रकट होने” का कार्य पूरा करने, मनुष्य को पूर्ण बनाने के लिए वचन का उपयोग करने, और मनुष्य से वचन की काट-छाँट और शोधन को स्वीकार करवाने के लिए देह बना है। अपने वचनों से वह तुम्हें पोषण और जीवन प्राप्त करवाने का कारण बनता है; उसके वचनों में तुम उसके कार्य और कर्मों को देखते हो। परमेश्वर तुम्हें ताड़ना देने और शोधन करने के लिए वचन का उपयोग करता है, और इस प्रकार यदि तुम्हें कठिनाई सहनी पड़ती है, तो वह भी परमेश्वर के वचन के कारण है।

3  आज परमेश्वर तथ्यों के साथ नहीं, बल्कि वचनों के साथ कार्य करता है। केवल जब उसके वचन तुम पर आ जाएँ, तभी पवित्र आत्मा तुम्हारे भीतर कार्य कर सकता है, तुम्हें पीड़ा भुगतने या मिठास का अनुभव करने का कारण बन सकता है। केवल परमेश्वर का वचन ही तुम्हें वास्तविकता में ला सकता है, और केवल परमेश्वर का वचन ही तुम्हें पूर्ण बनाने में सक्षम है। अंत के दिनों में परमेश्वर द्वारा किया जाने वाला कार्य मुख्य रूप से प्रत्येक व्यक्ति को पूर्ण बनाने और मनुष्य का मार्गदर्शन करने के लिए अपने वचन का उपयोग करना है। जो कुछ भी कार्य वह करता है, वह सब वचन के द्वारा किया जाता है; तुम्हें ताड़ना देने के लिए वह तथ्यों का उपयोग नहीं करता है। ऐसे अवसर आते हैं, जब कुछ लोग परमेश्वर का प्रतिरोध करते हैं। परमेश्वर तुम्हारे लिए भारी असुविधा उत्पन्न नहीं करता, तुम्हारी देह को ताड़ना नहीं दी जाती, न ही तुम कठिनाइयाँ सहते हो—किंतु जैसे ही उसका वचन तुम पर आता है और तुम्हारा शोधन करता है, तो यह तुम्हारे लिए असहनीय होता है। और इसलिए, अंत के दिनों में जब परमेश्वर देहधारी होता है, तो सब-कुछ संपन्न और प्रकट करने के लिए वह मुख्य रूप से वचन का उपयोग करता है।

—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, परमेश्वर के वचन के द्वारा सब-कुछ प्राप्त हो जाता है

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