अध्याय 73

मेरे वचन मेरे द्वारा बोले जाते ही पूरे हो जाते हैं; वे कभी नहीं बदलते और पूरी तरह से सही होते हैं। इसे याद रखो! तुम्हें मेरे मुँह से निकले हर वचन और हर वाक्यांश पर ध्यान से विचार करना चाहिए। अतिरिक्त सावधान रहो, कहीं तुम्हें नुकसान न उठाना पड़े और केवल मेरा न्याय, क्रोध और ताप ही प्राप्त न हो। मेरा कार्य अब बहुत तेज गति से आगे बढ़ रहा है, हालाँकि यह अधूरा नहीं है; यह इतनी बारीकी से परिष्कृत है कि यह नग्न आँखों के लिए व्यावहारिक रूप से अदृश्य है और मनुष्य के हाथों द्वारा पकड़ा नहीं जा सकता। यह विशेष रूप से सूक्ष्म है। मैं कभी खोखले वचन नहीं बोलता; मैं जो कुछ कहता हूँ, वह सब सच होता है। तुम्हें विश्वास करना चाहिए कि मेरा हर वचन सत्य और सटीक है। लापरवाह न बनो; यह एक महत्वपूर्ण क्षण है! तुम आशीष पाओगे या दुर्भाग्य, यह इसी पल में निश्चित किया जाएगा, और इनका अंतर स्वर्ग और पृथ्वी की तरह है। तुम स्वर्ग में जाओगे या नरक में, यह पूरी तरह से मेरे नियंत्रण में है। नरक में जाने वाले लोग अपनी मृत्यु के अंतिम संघर्ष में संलग्न हैं, जबकि स्वर्ग में जाने वाले लोग अपनी पीड़ा के आखिरी दौर में हैं और मेरे लिए आखिरी बार खप रहे हैं। भविष्य में वे जो कुछ भी करेंगे, उसमें आनंद लेना और प्रशंसा करना शामिल है, उन सभी क्षुद्र चीजों के बिना, जो लोगों को परेशान करती हैं (शादी, नौकरी, कष्टदायक धन, हैसियत इत्यादि)। किंतु नरक में जाने वाले लोगों की पीड़ा शाश्वत है (यह उनकी आत्मा, प्राण और शरीर को संदर्भित करता है); वे कभी दंड देने वाले मेरे हाथ से नहीं बचेंगे। ये दोनों पक्ष अग्नि और जल की तरह बेमेल हैं। उन्हें एक-साथ बिलकुल नहीं मिलाया जाता : जो लोग दुर्भाग्य झेलते हैं, वे दुर्भाग्य झेलते रहेंगे, जबकि जो लोग धन्य हैं, वे जी भरकर आनंद लेंगे।

सभी घटनाएँ और चीजें मेरे द्वारा नियंत्रित की जाती हैं, इतना ही नहीं, इसका उल्लेख करने की जरूरत नहीं है कि तुम लोग—मेरे पुत्र, मेरे प्रिय जन—मेरे हो। तुम लोग मेरी छह-हजार-वर्षीय प्रबंधन-योजना का ठोस रूप हो; तुम मेरे खजाने हो। जिन लोगों से मैं प्यार करता हूँ, वे सभी मेरी आँखों को भाते हैं, क्योंकि वे मुझे प्रकट करते हैं; जिन लोगों से मैं नफरत करता हूँ, उन सबका मैं उनकी ओर देखे बिना ही तिरस्कार करता हूँ, क्योंकि वे शैतान के वंशज हैं और शैतान से संबंध रखते हैं। आज सभी लोगों को अपनी जाँच करनी चाहिए : यदि तुम्हारे इरादे सही हैं और तुम वास्तव में मुझसे प्रेम करते हो, तो मैं निश्चित रूप से तुमसे प्रेम करूँगा। तुम्हें मुझसे वास्तव में प्रेम करना चाहिए और मुझे धोखा नहीं देना चाहिए! मैं वह परमेश्वर हूँ, जो लोगों के अंतरतम दिलों की जाँच करता है! यदि तुम्हारे इरादे गलत हैं और तुम मेरे प्रति उदासीन और निष्ठाहीन हो, तो मैं तुमसे निश्चित रूप से घृणा करूँगा; मैंने न तो तुम्हें चुना था, न ही पूर्वनियत किया था। बस इंतजार करो कि तुम कब नरक में जाते हो! संभव है कि अन्य लोग इन चीजों को देखने में सक्षम न हों, लेकिन केवल तुम और मैं, वह परमेश्वर, जो लोगों के दिलों में गहरे देखता है, उन्हें जानते हैं। वे सभी एक निश्चित समय पर प्रकट की जाएँगी। ईमानदारलोगों को चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है और बेईमान लोगों को डरने की आवश्यकता है। यह सब मेरी बुद्धिमत्तापूर्ण व्यवस्थाओं का हिस्सा है।

हाथ का यह कार्य बहुत जरूरी और दूभर है, और इसके लिए आवश्यक है कि तुम लोग इस अंतिम कार्य को पूरा करने के लिए आखिरी बार मेरे लिए खपो। मेरी अपेक्षाएँ वस्तुतः बहुत कठिन नहीं हैं : मैं बस यह चाहता हूँ कि तुम लोग मेरे साथ समन्वय का एक अच्छा काम करने, हर बात में मुझे संतुष्ट करने, और मेरे द्वारा दिए जाने वाले मार्गदर्शन का अपने भीतर से पालन करने में सक्षम हो सको। अंधे मत बनो; एक लक्ष्य रखो, और सभी पहलुओं से और सभी बातों में मेरे इरादे महसूस करो। ऐसा इसलिए है, क्योंकि तुम लोगों के लिए मैं अब एक छिपा हुआ परमेश्वर नहीं हूँ, और मेरे इरादों को समझने के लिए तुम्हें इस बारे में बहुत स्पष्ट होना चाहिए। बहुत ही कम समय में तुम लोग न केवल सही मार्ग खोजने वाले विदेशियों से मिलोगे, बल्कि और भी महत्वपूर्ण बात यह है कि तुम लोगों में उनकी चरवाही करने की क्षमता होनी चाहिए। यह मेरा अत्यावश्यक इरादा है; अगर तुम इसे नहीं देख सकते, तो काम नहीं चलेगा। बहरहाल, तुम्हें मेरी सर्वशक्तिमत्ता में विश्वास करना चाहिए। जब तक लोग सही हैं, मैं निश्चित रूप से उन्हें अच्छे सैनिक बनने के लिए प्रशिक्षित करूँगा। सब-कुछ मेरे द्वारा उचित रूप से व्यवस्थित कर दिया गया है। तुम लोगों को मेरे लिए कष्ट सहन करने की आकांक्षा रखनी चाहिए। यह महत्वपूर्ण क्षण है। इसे खोना नहीं! मैं तुम लोगों द्वारा अतीत में की गई चीजों पर ध्यान नहीं दूँगा। तुम्हें अकसर मेरे सामने प्रार्थना और विनती करनी चाहिए; मैं तुम्हारे आनंद और उपयोग के लिए तुम्हें पर्याप्त अनुग्रह प्रदान करूँगा। अनुग्रह और आशीष एक ही चीज नहीं हैं। अभी तुम लोग जिसका आनंद ले रहे हो, वह मेरा अनुग्रह है, और मेरी दृष्टि में यह उल्लेखनीय नहीं है, जबकि आशीष वे हैं, जिनका तुम भविष्य में असीम रूप से आनंद लोगे। ये वे आशीष हैं, जो लोगों पर घटित नहीं हुए हैं और जिनकी वे कल्पना नहीं कर सकते हैं। मैं इसीलिए कहता हूँ कि तुम लोग धन्य हो, और सृष्टि की रचना के बाद से मनुष्य ने कभी इन आशीषों का आनंद नहीं लिया है।

मैंने पहले ही तुम लोगों के सामने अपना सब-कुछ प्रकट कर दिया है। मैं केवल यही उम्मीद करता हूँ कि तुम लोग मेरे हृदय के प्रति विचारशील हो सको, अपने हर काम में अपने विचार मुझे समर्पित कर सको, और सभी मामलों में मेरा ध्यान रख सको, और मैं हमेशा तुम्हारे मुसकराते हुए चेहरे देखूँ। अब से जो लोग ज्येष्ठ पुत्रों की स्थिति प्राप्त करेंगे, वे वो लोग होंगे जो मेरे साथ राजाओं के रूप में शासन करेंगे। उन्हें किसी भी भाई द्वारा धौंस नहीं दी नहीं जाएगी, न ही उन्हें मेरे द्वारा ताड़ित किया या उनसे निपटा जाएगा, क्योंकि वह सिद्धांत, जिससे मैं कार्य करता हूँ, यह है : ज्येष्ठ पुत्र के समूह में वे लोग हैं, जिन्हें दूसरों के द्वारा तुच्छ समझा गया और धौंसियाया गया है, और जिन्होंने जीवन के सभी अन्याय झेले हैं। (वे मेरे द्वारा अग्रिम रूप से निपटे और तोड़े जा चुके हैं और अग्रिम रूप से पूर्ण भी बनाए जा चुके हैं)। ये लोग अग्रिम रूप से मेरे साथ उन आशीषों का आनंद ले चुके हैं, जो उन्हें देय हैं। मैं धार्मिक हूँ और किसी के प्रति भी पक्षपाती नहीं हूँ।

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