386  परमेश्वर में आस्था की उक्तियाँ

1

ईश्वर के वचनों को हर रोज़ पढ़ना

ईश्वर में आस्था का आधार है।

ईश्वर से प्रार्थना और आत्म-चिंतन करना

हर रोज़ का ज़रूरी अभ्यास है।

आस्था का केंद्र-बिंदु सत्य का अभ्यास

और तुम्हारे कामों में सिद्धांतों का होना है।

ईश्वर में विश्वास के लिए जो विवेक होना चाहिए,

वो है ईश-आदेश को पूरा करने के कर्तव्य में वफ़ादार होना।


जब तुममें प्रेम है ईश्वर के लिए,

वही सच्ची आस्था है।

प्रेम करना ईश्वर से तुम्हें ईमानदार और नेक बनाता है।

अगर तुम ईश्वर से प्रेम करते रहो,

ईश्वर के लिए जीते रहो,

तो नहीं होगा तुम्हें कभी मलाल।

जो ईश्वर से प्रेम करते हैं

वो गवाही दे के उसकी,

उन्नत कर सकते हैं उसे।

ईश्वर से प्रेम करने से ज़्यादा सार्थक,

और ज़्यादा धन्य कुछ भी नहीं।

यही सच है, यही सच है।


2

ईश्वर के काम का पालन करना,

सत्य पर चलना ही उद्धार पाने का मार्ग है।

उसके व्यवहार और न्याय को स्वीकारना

ईश्वर में आस्था का शुरुआती सबक है।

सत्य पर चलना और ईमानदार होना यही

परम आवश्यक हकीकत है।

सच के पालन को जीवन का लक्ष्य बना लो,

ईश्वर में आस्था के अभ्यास का यही सर्वोच्च सिद्धांत है।


जब तुममें प्रेम है ईश्वर के लिए,

वही सच्ची आस्था है।

प्रेम करना ईश्वर से तुम्हें ईमानदार और नेक बनाता है।

अगर तुम ईश्वर से प्रेम करते रहो,

ईश्वर के लिए जीते रहो,

तो नहीं होगा तुम्हें कभी मलाल।

जो ईश्वर से प्रेम करते हैं

वो गवाही दे के उसकी,

उन्नत कर सकते हैं उसे।

ईश्वर से प्रेम करने से ज़्यादा सार्थक,

और ज़्यादा धन्य कुछ भी नहीं।

यही सच है, यही सच है।


3

इंसानों का अनुसरण या उन्हें पूजना

ईश्वर-आस्था में बड़ी नाकामी है।

ईश्वर में आस्था रखो तो, याद रखो,

उसे धोखा न दो, विरोध न करो।

उसका भय मानो, बुराई से दूर रहो,

आजीवन आस्था ईश्वर में रखने का यही तरीका है।

ईश्वर का ज्ञान लेना, उसकी गवाही देना

ईश्वर में आस्था का परम लक्ष्य है।


जब तुममें प्रेम है ईश्वर के लिए,

वही सच्ची आस्था है।

प्रेम करना ईश्वर से तुम्हें ईमानदार और नेक बनाता है।

अगर तुम ईश्वर से प्रेम करते रहो,

ईश्वर के लिए जीते रहो,

तो नहीं होगा तुम्हें कभी मलाल।

जो ईश्वर से प्रेम करते हैं

वो गवाही दे के उसकी,

उन्नत कर सकते हैं उसे।

ईश्वर से प्रेम करने से ज़्यादा सार्थक,

और ज़्यादा धन्य कुछ भी नहीं।

यही सच है, यही सच है।

पिछला: 385  सदा परमेश्वर का अनुसरण करो

अगला: 391  परमेश्वर के वचनों से दूर रहकर कोई कहीं नहीं पहुँच सकता

परमेश्वर का आशीष आपके पास आएगा! हमसे संपर्क करने के लिए बटन पर क्लिक करके, आपको प्रभु की वापसी का शुभ समाचार मिलेगा, और 2025 में उनका स्वागत करने का अवसर मिलेगा।

संबंधित सामग्री

775  जब तुम सत्य का अनुसरण नहीं करते तो तुम पौलुस के रास्ते पर चलते हो

1 इन दिनों, अधिकांश लोग इस तरह की स्थिति में हैं : "आशीष प्राप्त करने के लिए मुझे परमेश्वर के लिए खुद को खपाना होगा और परमेश्वर के लिए कीमत...

610  मानवता में परमेश्वर के कार्य का तरीक़ा और सिद्धांत

1जब परमेश्वर देहधारी न था, तो उसके वचन इंसान समझ न पाता था,क्योंकि उसकी दिव्यता से आये थे वचन।न समझ पाता था वो उनका प्रसंग या दृष्टिकोण।वे...

396  उद्धार-कार्य के अधिक उपयुक्त है देहधारी परमेश्वर

1 अन्त के दिनों में, परमेश्वर देहधारी रूप में प्रकट होकर अपना न्याय का कार्य करता है। क्योंकि जिसका न्याय किया जाता है वह मनुष्य है, मनुष्य...

परमेश्वर का प्रकटन और कार्य परमेश्वर को जानने के बारे में अंत के दिनों के मसीह के प्रवचन मसीह-विरोधियों को उजागर करना अगुआओं और कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारियाँ सत्य के अनुसरण के बारे में सत्य के अनुसरण के बारे में न्याय परमेश्वर के घर से शुरू होता है अंत के दिनों के मसीह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अत्यावश्यक वचन परमेश्वर के दैनिक वचन सत्य वास्तविकताएं जिनमें परमेश्वर के विश्वासियों को जरूर प्रवेश करना चाहिए मेमने का अनुसरण करो और नए गीत गाओ राज्य का सुसमाचार फ़ैलाने के लिए दिशानिर्देश परमेश्वर की भेड़ें परमेश्वर की आवाज को सुनती हैं परमेश्वर की आवाज़ सुनो परमेश्वर के प्रकटन को देखो राज्य के सुसमाचार पर अत्यावश्यक प्रश्न और उत्तर मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 1) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 2) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 3) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 4) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 5) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 6) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 7) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 8) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 9) मैं वापस सर्वशक्तिमान परमेश्वर के पास कैसे गया

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

WhatsApp पर हमसे संपर्क करें