347  परमेश्वर का न्याय मुझे पाप से बचाता है

1 मैंने सब-कुछ त्यागने और प्रभु का अनुसरण करने के लिए कई बार शपथ ली, लेकिन मैं धन-दौलत और शोहरत के मोह से मुक्त नहीं हो सका। मुझे वाकई लगता था कि सुसमाचार का प्रचार-प्रसार और प्रभु की गवाही देने के लिये कष्ट सहना सम्मानजनक बात है, लेकिन अत्याचार और क्लेशों का सामना करते हुए मुझे पीड़ा और शर्म महसूस होती थी। मैं अक्सर यह संकल्प लेता था कि मैं प्रभु के आदेशों का पालन करूँगा और दूसरों से भी वैसा ही प्रेम करूँगा जैसा मैं अपने आपसे करता हूँ, लेकिन मैं रुतबे के लिए सहकर्मियों के ख़िलाफ़ साज़िश रचता और होड़ किया करता था, पाप में जी रहा था। कितनी ही बार मैंने उपवास किया और प्रभु से प्रार्थना की, सच्चे मन से गुहार लगाई: हे प्रभु! तुम कब वापस आओगे और मुझे पाप के रसातल से बचाओगे? मैं कब शुद्ध होकर तुम्हारे साथ स्वर्ग के राज्य में प्रवेश कर सकता हूँ?

2 भ्रम की अपनी अवस्था के बीच मैं अपने दिल के दरवाज़े पर सर्वशक्तिमान परमेश्वर की वाणी सुनता हूँ। उसका हर वचन मेरे दिल में एक धारदार तलवार की तरह चुभता है, जो मेरी भ्रष्टता की सच्चाई को उजागर करता है। मैं सिर्फ़ आशीष पाने और स्वर्ग के राज्य में प्रवेश करने के लिए प्रभु में विश्वास रखता था, मैं प्रभु के साथ महज़ सौदेबाज़ी कर रहा था। मैं उसकी कृपा का आनंद तो ले रहा था लेकिन उसे प्रतिदान देने के बारे में मैंने कभी नहीं सोचा। मेरा ज़मीर या मेरा विवेक कहाँ चला गया? मैं बातें तो प्रभु की गवाही देने की करता, लेकिन काम रुतबे के लिए करता था; मैंने प्रभु को धोखा दिया। मुझे लगा कि क्योंकि मैंने कुछ अच्छे कर्म किए थे, इसलिए मैंने सच में पश्चत्ताप किया और मैं बदल गया हूँ। परीक्षणों का सामना करते समय, मैं बस समर्पित होता हुआ प्रतीत हुआ, जबकि मैं यह मान कर चल रहा था कि मैं गवाही दे रहा हूँ। मैं पाप में जी रहा था, हर दिन पाप करता, और उन्हें स्वीकार करता था, लेकिन फिर भी ख़्वाहिश यह थी कि मैं स्वर्ग के राज्य में प्रवेश करूँ। परमेश्वर की धार्मिकता और पवित्रता को देखकर, मुझे शर्म से मुँह छिपाने के लिए कहीं जगह नहीं है, मैं साष्टाँग दंडवत करता हूँ।

3 परमेश्वर के न्याय और ताड़ना से गुज़रना आग के दरिया के शुद्धिकरण से गुज़रने जैसा है। मैं कितनी ही बार घमंडी और विद्रोही रहा हूँ, परमेश्वर ने मुझे कठोरता से परिष्कृत और अनुशासित किया है। जब मैं अपनी राह पर ज़ोर देता हूँ, तो पवित्र आत्मा मुझसे दूर हो जाता है और मैं अंधेरे में जीने लगता हूँ। मैं कितनी ही बार ज़िद्दी और अवज्ञाकारी रहा हूँ, मैं हमेशा परमेश्वर के न्याय से बचने की फ़िराक में रहा हूँ। परमेश्वर के वचन मुझे प्रबुद्ध करते हैं, मुझे राह दिखाते हैं ताकि मैं उसके कार्य को समझ सकूँ। परमेश्वर का न्याय इंसान के सामने सत्य और धार्मिकता को ही प्रकट करता है। मैं परमेश्वर में विश्वास रखूँ लेकिन उसके न्याय को न मानूँ, तो मैं परमेश्वर को कैसे जान सकता हूँ या सत्य को कैसे प्राप्त कर सकता हूँ? सत्य का अनुसरण किए बिना, मैं शैतान के प्रभाव से कैसे बच सकता हूँ? परीक्षणों के ज़रिये मैंने देख लिया कि न्याय और ताड़ना सही मायने में परमेश्वर का प्रेम है। परमेश्वर के न्याय ने मुझे बचा लिया और मैं एक सच्चे इंसान की तरह जीवन जी रहा हूँ।

पिछला: 346  परमेश्वर के वचनों ने मेरे दिल को जगा दिया

अगला: 348  परमेश्वर के वचनों द्वारा शुद्ध होना

परमेश्वर का आशीष आपके पास आएगा! हमसे संपर्क करने के लिए बटन पर क्लिक करके, आपको प्रभु की वापसी का शुभ समाचार मिलेगा, और 2025 में उनका स्वागत करने का अवसर मिलेगा।

संबंधित सामग्री

902  परमेश्वर अंततः उसी को स्वीकार करते हैं, जिसके पास सत्य होता है

1 अंत के दिनों में जन्म लेने वाले लोग किस प्रकार के थे? ये वो लोग हैं जो हजारों सालों से शैतान द्वारा भ्रष्ट किए गए थे, वे इतनी गहराई तक...

396  उद्धार-कार्य के अधिक उपयुक्त है देहधारी परमेश्वर

1 अन्त के दिनों में, परमेश्वर देहधारी रूप में प्रकट होकर अपना न्याय का कार्य करता है। क्योंकि जिसका न्याय किया जाता है वह मनुष्य है, मनुष्य...

610  मानवता में परमेश्वर के कार्य का तरीक़ा और सिद्धांत

1जब परमेश्वर देहधारी न था, तो उसके वचन इंसान समझ न पाता था,क्योंकि उसकी दिव्यता से आये थे वचन।न समझ पाता था वो उनका प्रसंग या दृष्टिकोण।वे...

775  जब तुम सत्य का अनुसरण नहीं करते तो तुम पौलुस के रास्ते पर चलते हो

1 इन दिनों, अधिकांश लोग इस तरह की स्थिति में हैं : "आशीष प्राप्त करने के लिए मुझे परमेश्वर के लिए खुद को खपाना होगा और परमेश्वर के लिए कीमत...

परमेश्वर का प्रकटन और कार्य परमेश्वर को जानने के बारे में अंत के दिनों के मसीह के प्रवचन मसीह-विरोधियों को उजागर करना अगुआओं और कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारियाँ सत्य के अनुसरण के बारे में सत्य के अनुसरण के बारे में न्याय परमेश्वर के घर से शुरू होता है अंत के दिनों के मसीह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अत्यावश्यक वचन परमेश्वर के दैनिक वचन सत्य वास्तविकताएं जिनमें परमेश्वर के विश्वासियों को जरूर प्रवेश करना चाहिए मेमने का अनुसरण करो और नए गीत गाओ राज्य का सुसमाचार फ़ैलाने के लिए दिशानिर्देश परमेश्वर की भेड़ें परमेश्वर की आवाज को सुनती हैं परमेश्वर की आवाज़ सुनो परमेश्वर के प्रकटन को देखो राज्य के सुसमाचार पर अत्यावश्यक प्रश्न और उत्तर मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 1) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 2) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 3) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 4) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 5) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 6) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 7) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 8) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 9) मैं वापस सर्वशक्तिमान परमेश्वर के पास कैसे गया

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

WhatsApp पर हमसे संपर्क करें