269 मैं परमेश्वर के प्रेम का आनन्द लेता हूँ
1
परमेश्वर के सामने उठाया जाना मेरे दिल को सच्चा आनन्द देता है।
परमेश्वर के वचनों का आनन्द लेना कितना मधुर है।
उसके वचन कोमल हों या कठोर, लाभ पहुँचाएँ मुझे।
सत्य समझकर मेरा हृदय कितना मुक्त हो गया है।
हे प्यारे सर्वशक्तिमान परमेश्वर।
यह दिया गया सत्य कितना अनमोल है!
नए वचन, नई रोशनी।
परमेश्वर का मार्गदर्शन पाने और रोशनी में जीने से मिले सच्चा आनन्द।
2
मैं हर दिन परमेश्वर के वचन पढ़ती हूँ और परमेश्वर के सामने रहती हूँ।
परमेश्वर का न्याय स्वीकारने से मेरा स्वभाव बदलता है।
दर्द में मिठास, हँसी में आँसू—
मैं उन सबका रस लेती हूँ।
जीवन का फल परमेश्वर के अपने हाथों से उगाया जाता है।
हे प्यारे सर्वशक्तिमान परमेश्वर।
तेरा धार्मिक स्वभाव कितना प्यारा है!
तेरे वचन हमारा न्याय कर हमें प्रेरित करते हैं।
तेरे वचन हमें, इस समूह के लोगों को शुद्ध करते हैं और बचाते हैं।
3
परमेश्वर के प्रेम का आनन्द लेना कितना बड़ा आशीष है!
एक बार जब हम सत्य पा लेते हैं तो जीवन कभी व्यर्थ नहीं जाता।
हम खुद को वफादारी से खपाते हैं और कठिनाई या थकान से नहीं डरते।
हम परमेश्वर का आदेश स्वीकारते हैं, घोषणा करते हैं और उसकी गवाही देते हैं।
हे प्यारे सर्वशक्तिमान परमेश्वर।
मानव जाति को बचाने के लिए तुमने बहुत कष्ट सहे हैं।
हम अपना दिल तुम्हें अर्पित करते हैं।
तेरा कर्ज चुकाने के लिए अपने कर्तव्यों को पूरे दिलोदिमाग से अच्छे से निभाएँगे।
हे भाई और बहनो,
आओ हम एक हृदय होकर परमेश्वर से प्रेम करें,
उसकी इच्छानुसार चलें और उसके इरादों के प्रति विचारशील रहें।
आओ हम सत्य की खोज करें और मनुष्य जैसा जीवन जिएँ
परमेश्वर की महिमा करने को।