86  हम एक दिन अवश्य फिर मिलेंगे

1

जब हम परमेश्वर के साथ होते हैं, तो हम हँसते-मुस्कुराते हैं, यह बहुत मधुर होता है।

तू हमारा सिंचन और देखभाल करने के लिये बोलता और काम करता है, हमें सत्य प्रदान करता है।

तेरे वचन हमारे दिलों पर खुदे हैं, तेरे साथ हमारा बहुत गहरा लगाव है।

तेरा काम समाप्त होने वाला है, और तू जल्दी ही हमें छोड़कर जाने वाला है।

मैंने तेरी करुणा और प्रेम का प्रतिदान नहीं दिया है।

हे परमेश्वर! हे सर्वशक्तिमान परमेश्वर! हे परमेश्वर! हे सर्वशक्तिमान परमेश्वर!

तू हमें छोड़कर जाने वाला है, तो मेरा मन दुखी कैसे न होगा?


2

मैं पिछले ऋणों के बारे में सोचता हूँ, तो मेरे दिल पर छुरी-सी चलती है।

अपनी लापरवाही और विद्रोह के कारण मैंने तुझे बहुत आहत किया है, मुझे इसका सदा मलाल रहेगा।

तू मुझे बार-बार ताड़ना देता है, अनुशासित करता है, मेरे सुन्न पड़े हृदय को जगाता है।

न्याय और ताड़ना मेरी भ्रष्टता को दूर करते हैं, मैं एक इंसानी जीवन जी पाता हूँ।

अब तेरा शुद्धिकरण और उद्धार पाकर, मेरे दिल को तुझसे और भी ज़्यादा लगाव हो गया है।

हे परमेश्वर! हे सर्वशक्तिमान परमेश्वर! हे परमेश्वर! हे सर्वशक्तिमान परमेश्वर!

तू जाने वाला है, मैं इन पुरानी यादों को भूल नहीं सकता।


3

तू सिय्योन लौट रहा है, हमें तुझसे फिर से मिलने का इंतज़ार है।

हालाँकि हम बहुत दूर-दूर होंगे, तू स्वर्ग में और धरती पर होंगे, लेकिन हम एक दिन अवश्य फिर मिलेंगे।

तेरे वचन हमारे साथ हैं, हम तेरे प्रेम के लिये तरसते हैं।

तेरा स्वभाव पवित्र और धार्मिक है, यह स्तुति के योग्य है।

हम तेरे आदेश का सदा पालन करेंगे और सदा तेरी गवाही देंगे।

हे परमेश्वर! हे सर्वशक्तिमान परमेश्वर! हे परमेश्वर! हे सर्वशक्तिमान परमेश्वर!

तेरा प्रेम हमारे दिलों पर खुदे है, हम तुझे सदा प्रेम करेंगे।

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