51  परमेश्वर के सामने जीना बहुत आनंदमय है

1

भाई-बहन कलीसिया में सभा करते हैं;

हम आनंद से गाते और नाचते हैं परमेश्वर की स्तुति में,

जो देहधारण कर दुनिया में आया है

सत्य व्यक्त करने और हमें बचाने के लिए।

हम उसकी वाणी सुनते और सिंहासन के सामने उठाए जाते हैं

भोज में शामिल होने के लिए।

हम परमेश्वर के वचनों का आनंद लेते, उसके सामने जीते हैं;

आनंद से गाते और हँसते हैं, यह अनंत आनंद है।


2

जब भाई-बहन मिलते हैं तो हम एक-दूसरे के बहुत करीब महसूस करते हैं,

और हमारा आनंद व्यक्त नहीं हो सकता है।

हम परमेश्वर के वचनों पर संगति करते हैं, अपनी गवाहियाँ साझा करते हैं;

सत्य को समझने से हमारी आत्माओं को बड़ा आनंद मिलता है।

न कोई अनुष्ठान हैं, न कोई विनियम—सब-कुछ स्वतंत्र और मुक्त है!

हम परमेश्वर के वचनों का आनंद लेते, उसके सामने जीते हैं;

आनंद से गाते और हँसते हैं, यह अनंत आनंद है।


3

भाई-बहन परमेश्वर के कार्य का अनुभव करते हैं;

हम उसके न्याय और ताड़ना को स्वीकारते हैं और उनके प्रति समर्पण करते हैं।

हम अपना छल-कपट त्याग देते हैं और ईमानदार बन जाते हैं।

हम एक-दूसरे से प्यार करते हैं, बिना अवरोधों के।

हम सत्य के प्रति समर्पण करते हैं और भावनाओं पर कार्य नहीं करते हैं।

न्याय के जरिए हमारी भ्रष्टता हो जाती है शुद्ध।

हम परमेश्वर के वचनों का आनंद लेते, उसके सामने जीते हैं;

आनंद से गाते और हँसते हैं, यह अनंत आनंद है।


4

भाइयो-बहनो, उठो जागो;

अपने कर्तव्य पूरे करने को हम हो जाएँ एक-मन।

हम राज्य का सुसमाचार फैलाएँ और परमेश्वर की गवाही दें,

ताकि उसके इरादे पूरे हो सकें।

भाई-बहन, खुशी-खुशी एक साथ गाते हैं,

स्तुति करती हमारी आवाजें हैं बुलंद और साफ।

हम परमेश्वर के वचनों का आनंद लेते, उसके सामने जीते हैं;

आनंद से गाते और हँसते हैं, यह अनंत आनंद है।

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