अध्याय 43
क्या मैंने तुम्हें याद नहीं दिलाया है? आशंकित मत हो; तुम मेरी बात सुनते ही नहीं, ऐसे विचारहीन लोग हो तुम! तुम कब मेरे दिल को समझने में सक्षम होगे? हर दिन एक नई प्रबुद्धता होती है, और हर दिन नई रोशनी होती है। तुम लोगों ने कितनी बार इसे अपने लिए समझा है? क्या खुद मैंने तुम लोगों को नहीं बताया है? तुम अभी भी निष्क्रिय हो, उन कीड़ों की तरह, जो केवल छेड़े जाने पर ही खिसकते हैं, और तुम मेरे साथ सहयोग करने की पहल करने में, और मेरे बोझ के प्रति विचारशील होने में, असमर्थ हो। मैं तुम सबकी जीवंत और सुंदर मुसकराहट, अपने पुत्रों के सक्रिय और जीवंत तरीके देखना चाहता हूँ, लेकिन मैं नहीं देख पाता। इसके बजाय, तुम दिमाग से कमजोर हो—अनाड़ी और मूर्ख। तुम लोगों को खोज करने की पहल करनी चाहिए। निडरता से अनुसरण करो! बस अपने दिल खोलो और मुझे अपने भीतर रहने दो। सतर्क और सजग रहो! कलीसिया में कुछ लोग दूसरे लोगों को गुमराह करते हैं, और तुम्हें इन वचनों को हमेशा बहुत महत्व देना चाहिए, ऐसा न हो कि तुम्हारे जीवन पर बुरा प्रभाव पड़े या तुम्हें कुछ नुकसान उठाना पड़े। निश्चिंत रहो, जब तक तुम्हारे अंदर मेरे लिए खड़े होने और बोलने का साहस है, तब तक मैं इस सबका भार उठा लूँगा, और तुम्हें सशक्त बनाऊँगा! जब तक तुम मेरे दिल को संतुष्ट करते रहोगे, मैं हमेशा तुम्हें अपनी मुसकराहट और अपनी इच्छा दिखाऊँगा। जब तक तुम्हारे पास एक मजबूत रीढ़ है और तुम एक मर्द बच्चे के स्वभाव को जीते हो, मैं तुम्हारी सहायता करूँगा और तुम्हें एक महत्वपूर्ण स्थिति में रखूँगा। जब तुम मेरे सामने आते हो, तो बस मेरे करीब आओ। अगर तुम बात नहीं कर सकते, तो भी डरो मत। जब तक तुम्हारे पास एक जिज्ञासु हृदय है, मैं तुम्हें वचन प्रदान करता रहूँगा। मुझे चिकने-चुपड़े शब्दों की जरूरत नहीं है, और मुझे तुम्हारी चापलूसी की भी जरूरत नहीं है; इस तरह की चीजों से मुझे सबसे अधिक नफरत है। मैं इस प्रकार के व्यक्ति से सबसे अधिक नाराज होता हूँ। वे मेरी आँखों में एक किरच या मेरे देह में एक काँटे की तरह हैं, जिसे हटा दिया जाना चाहिए। अन्यथा मेरे पुत्र मेरे लिए शक्ति का प्रयोग नहीं कर सकते और वे एक दमघोंटू बाध्यता के अधीन हो जाएँगे। मैं क्यों आया हूँ? मैं अपने पुत्रों की सहायता करने और उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए आया हूँ, ताकि उनके उत्पीड़न, धौंसियाए जाने, बेरहमी और दुर्व्यवहार सहने के दिन हमेशा के लिए खत्म हो जाएँ!
साहसी बनो। मैं हमेशा तुम्हारे साथ चलूँगा, तुम्हारे साथ रहूँगा, तुम्हारे साथ बात करूँगा और तुम्हारे साथ कार्य करूँगा। डरो मत। बोलने में संकोच मत करो। तुम लोग हमेशा दूसरे लोगों के प्रति मन में भावनाएँ रखते हो, और तुम हमेशा भीरू और डरपोक बने रहते हो। जो लोग कलीसिया के निर्माण में किसी काम के नहीं हैं, उन्हें हटा दिया जाना चाहिए। इसमें कलीसिया के वे लोग शामिल हैं, जिनकी स्थितियाँ अच्छी नहीं हैं और जो मेरे वचनों के अनुसार कार्य नहीं कर सकते, तुम्हारे अविश्वासी माता-पिता का तो कहना ही क्या। मैं वे चीजें नहीं चाहता। उन्हें हटा दिया जाना चाहिए, और उनमें से एक भी नहीं रहना चाहिए। बस अपने हाथों और पैरों में लगी बेड़ियाँ हटा दो। यदि तुम अपने इरादों की जाँच करते हो और वे लाभ और हानि से संबंध नहीं रखते, न ही प्रसिद्धि और धन से, और न ही व्यक्तिगत संबंधों से, तो मैं तुम्हारा साथ दूँगा, तुम्हें चीजें बताऊँगा और तुम्हें हर समय स्पष्ट मार्गदर्शन दूँगा।
आह, मेरे पुत्रो! मैं क्या कहूँ? हालाँकि मैं ये बातें कहता हूँ, लेकिन तुम लोग अभी भी मेरे दिल के प्रति विचारशील नहीं हो, और तुम अभी भी बहुत भीरू हो। तुम किस बात से डरते हो? तुम अभी भी कानूनों और नियमों से क्यों बँधे हो? मैंने तुम लोगों को मुक्त किया है, लेकिन तुम लोगों के पास अभी भी कोई स्वतंत्रता नहीं है। ऐसा क्यों है? मेरे साथ अधिक संवाद करो और मैं तुम्हें बताऊँगा। मेरी परीक्षा मत लो। मैं व्यावहारिक हूँ। मेरे साथ कुछ भी दिखावा नहीं है; सब कुछ व्यावहारिक है! मैं जो कुछ भी कहता हूँ, वह सच है। मैं कभी भी अपनी बात से पीछे नहीं हटता।