अध्याय 82
मेरे वचन सुनकर सभी भयभीत हो जाते हैं; हर एक व्यक्ति घबराहट से भर जाता है। तुम किस बात से भयभीत हो? मैं तुम लोगों को जान से मारने वाला नहीं हूँ! ऐसा है कि तुम लोगों का अंतःकरण दोषी है; मेरी पीठ-पीछे तुम जो करते हो, वह बहुत तुच्छ और बेकार होता है। इससे मुझे तुमसे इतनी नफ़रत हो गई है कि मैं उग्रता से सोचता हूँ कि काश मैंने उन सभी लोगों को, जिन्हें मैंने पूर्वनिर्धारित और चयनित नहीं किया था, टुकड़े-टुकड़े हो जाने के लिए अगाध गड्ढे में फेंक दिया होता। बहरहाल, मेरे पास अपनी योजना है; मेरे पास अपने लक्ष्य हैं। फिलहाल मैं तुम्हारे क्षुद्र जीवन को बख्श दूँगा, अपने प्रति तुम्हारी सेवा के समाप्त होने तक तुम्हें ठोकर मारकर बाहर नहीं निकालूँगा। मैं ऐसे प्राणियों को देखना नहीं चाहता; वे मेरे नाम पर कलंक हैं! क्या तुम यह जानते हो? क्या तुम समझते हो? निकम्मे अभागो! इसे समझो! जब तुम उपयोग में लाए जाते हो, तो यह मैं ही होता हूँ जो ऐसा करता है और जब तुम उपयोग में नहीं लाए जाते, तो यह भी मेरी वजह से ही होता है। सब-कुछ मेरे द्वारा आयोजित होता है, और मेरे हाथों में सब-कुछ शिष्ट और व्यवस्थित है। जो भी बिना बारी के जाने की हिम्मत करेगा, उसे तुरंत मेरे हाथों मार गिराया जाएगा। मैं अक्सर “मार गिराने” की बात कहता हूँ; क्या तुम सोचते हो कि मैं वास्तव में ऐसा अपने हाथों से करता हूँ? मुझे इसकी ज़रूरत नहीं है! मेरे कार्य ऐसे मूर्खतापूर्ण नहीं हैं, जैसा कि मनुष्य कल्पना करते हैं। इसका क्या अर्थ होता है, जब यह कहा जाता है कि सब-कुछ मेरे वचनों के द्वारा स्थापित और संपन्न किया जाता है? सब-कुछ मेरे द्वारा एक उँगली भी उठाए बिना संपन्न हो जाता है। क्या तुम मेरे वचनों का सही अर्थ समझते हो?
मैं उन लोगों में से किसी का भी उद्धार नहीं करूँगा, जो मेरे लिए सेवा करते हैं; मेरे राज्य में उनका कोई हिस्सा नहीं है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि ये लोग मेरी इच्छा के अनुसार चलने की जगह स्वयं को केवल बाहरी मामलों में व्यस्त रखते हैं। यद्यपि मैं अभी उनका उपयोग कर रहा हूँ, किंतु असल में ये ऐसे लोग हैं, जिनसे मैं सबसे ज्यादा नफ़रत करता हूँ; ऐसे लोग, जिन्हें मैं सबसे ज्यादा तुच्छ मानता हूँ। आज, मुझे वह आदमी पसंद है, जो मेरी इच्छा के अनुसार चल सके, जो मेरी ज़िम्मेदारियों का ध्यान रख सके, और जो मेरे लिए सच्चे दिल और ईमानदारी से अपना सब-कुछ दे सके। मैं उन्हें लगातार प्रबुद्ध करूँगा, उन्हें अपने से दूर नहीं जाने दूँगा। मैं अकसर कहता हूँ, “जो ईमानदारी से मेरे लिए स्वयं को खपाता है, मैं निश्चित रूप से तुझे बहुत आशीष दूँगा।” “आशीष” किस चीज़ का संकेत करता है? क्या तुम जानते हो? पवित्र आत्मा के वर्तमान कार्य के संदर्भ में, यह उन ज़िम्मेदारियों का संकेत करता है, जो मैं तुम्हें देता हूँ। वे सभी, जो कलीसिया के लिए ज़िम्मेदारी वहन कर पाते हैं, और जो ईमानदारी से मेरे लिए खुद को अर्पित करते हैं, उनकी ज़िम्मेदारियाँ और उनकी ईमानदारी दोनों आशीष हैं, जो मुझसे आते हैं। इसके अलावा, उनके लिए मेरे प्रकटन भी मेरे आशीष हैं। ऐसा इसलिए है, क्योंकि जिनके पास अभी कोई ज़िम्मेदारी नहीं है, वे मेरे द्वारा पूर्वनिर्धारित और चयनित नहीं हैं; मेरे शाप पहले ही उन पर आ चुके हैं। दूसरे शब्दों में, जिन्हें मैंने पूर्वनिर्धारित और चयनित किया है, उनका मेरे द्वारा कही गई बातों के सकारात्मक पहलुओं में एक हिस्सा है, जबकि जिन्हें मैंने पूर्वनिर्धारित और चयनित नहीं किया है, उनका मेरे कथनों के केवल नकारात्मक पहलुओं में एक हिस्सा है। मेरे वचन जितने अधिक बोले जाते हैं, उतना ही स्पष्टतर उनका अर्थ होता है; जितना अधिक मैं उन्हें बोलता हूँ, वे उतने ही अधिक पारदर्शी हो जाते हैं। उन सभी कुटिल और धोखेबाज़ लोगों को, और उन लोगों में से हर एक को, जिन्हें मैंने पूर्वनिर्धारित नहीं किया है, दुनिया के निर्माण से पहले ही मेरे द्वारा शाप दे दिया गया था। ऐसा क्यों कहा जाता है कि तुम लोगों के जन्मों के वर्ष, महीने, दिन, यहाँ तक कि घंटे, मिनट और सेकंड भी सब मेरे द्वारा उपयुक्त रूप से नियोजित किए गए थे? मैंने बहुत समय पहले पूर्वनिर्धारित कर दिया था कि कौन-से लोग ज्येष्ठ पुत्रों की हैसियत प्राप्त करेंगे। वे मेरी नज़रों में हैं; वे लंबे समय से मेरे द्वारा क़ीमती समझे गए हैं, और लंबे समय से मेरे दिल में उनके लिए एक जगह रही है। मेरे द्वारा बोले गए प्रत्येक वचन में वज़न है और उसमें मेरे मत निहित हैं। आदमी क्या है? उन कुछ लोगों को छोड़कर, जिन्हें मैं प्यार करता हूँ, जो ज्येष्ठ पुत्रों की हैसियत रखते हैं, कितने कम लोग मेरी इच्छा के प्रति कोई विचारशीलता दर्शाते हैं? मेरे पुत्र किसके योग्य हैं? मेरे लोग किसके लायक हैं? अतीत में “मेरे पुत्र” मेरे ज्येष्ठ पुत्रों के लिए एक पदवी थी, लेकिन मेरे उन पुत्रों और मेरे उन लोगों में से जिनमें ज़रा भी शर्म नहीं थी, उन्हें लगा कि यह उनके लिए एक सम्मानसूचक उपाधि है। मेरे ज्येष्ठ पुत्रों की भूमिका निर्लज्जता से मत निभाओ। क्या तुम इस पदवी के योग्य हो? आज, एकमात्र सत्यापित लोग वे ही हैं, जो मेरे सामने महत्वपूर्ण पदों पर रखे गए हैं; इन लोगों ने ज्येष्ठ पुत्रों की हैसियत प्राप्त कर ली है। उनका पहले से ही मेरे सिंहासन, मेरे मुकुट, मेरी महिमा और मेरे राज्य में एक हिस्सा है। सब-कुछ मेरे द्वारा ध्यानपूर्वक व्यवस्थित किया गया है। जिन लोगों ने आज ज्येष्ठ पुत्रों की हैसियत हासिल की है, उन सभी ने बहुत कष्ट, उत्पीड़न और विपत्तियाँ झेली हैं, जिनमें उनका वह अनुभव शामिल है, जो उन्होंने जन्म के बाद से अपने परिवारों में, अपनी स्वयं की व्यक्तिगत संभावनाओं में, अपने काम, अपने विवाह इत्यादि में प्राप्त किया है। इन ज्येष्ठ पुत्रों ने यह हैसियत बिना कोई क़ीमत चुकाए नहीं पाई है; बल्कि वे पहले से ही जीवन के सभी पहलुओं से गुज़र चुके हैं : अच्छे, बुरे, उतार के, चढ़ाव के। वे सभी, जो पहले दुनिया के लोगों द्वारा बहुत सम्मानित माने जाते थे और जो घर पर आराम से रहते थे, उनका ज्येष्ठ पुत्रों में कोई हिस्सा नहीं है। वे ज्येष्ठ पुत्र होने के योग्य नहीं हैं; वे मेरे नाम को लज्जित करते हैं, मैं उन्हें बिलकुल भी नहीं चाहता। मेरे पुत्रों और मेरे लोगों, जिन्हें मैंने चुना है, के पास भी दुनिया में अच्छी प्रतिष्ठा है, लेकिन वे मेरे ज्येष्ठ पुत्रों से बहुत ही कम योग्य हैं। मैं वर्तमान में कुछ लोगों का उपयोग कर रहा हूँ, लेकिन उनमें से बहुत से मेरे लोग बनने के योग्य भी नहीं हैं। बल्कि वे शाश्वत तबाही की वस्तुएँ हैं; वे कुछ समय के लिए मेरी सेवा करने के लिए उपयोग में लाए जाते हैं, वे लंबे समय के उपयोग के मतलब के नहीं हैं। मैंने अपने दिल की गहराई में पहले से ही निर्धारित कर लिया है कि किसे लंबी अवधि के लिए उपयोग किया जाना है। अर्थात्, जिन्हें मैं महत्वपूर्ण स्थितियों में रखता हूँ, वे, वे हैं जिन्हें मैं प्यार करता हूँ, और मैंने बहुत पहले से उनका उपयोग करना शुरू कर दिया है। दूसरे शब्दों में, उनके काम पहले ही तय हो चुके हैं। जहाँ तक उन लोगों का संबंध है, जिनसे मैं घृणा करता हूँ, वर्तमान चरण में उनका केवल अस्थायी रूप से ही उपयोग किया जा रहा है। जब विदेशी आएँगे, तब ज्येष्ठ पुत्रों को तुम लोगों के सामने स्पष्ट रूप से प्रकट किया जाएगा।
अभी मेरी आवश्यकता यह है कि तुम लोग तेज़ी से बढ़ो और मेरी ज़िम्मेदारी के प्रति विचारशीलता दर्शाओ। यह ज़िम्मेदारी बहुत बड़ी नहीं है, और मैं तुम लोगों से केवल वही करवाऊँगा जो तुम्हारी क्षमताओं के भीतर है। मैं तुम लोगों का आध्यात्मिक क़द जानता हूँ; मुझे पता है कि तुम लोग क्या काम कर सकते हो। मैं यह सब जानता हूँ, और मैं इन चीज़ों को समझता हूँ; मैं सिर्फ यह चाहता हूँ कि मेरे पुत्रो, तुम लोग स्वेच्छा से अपने आपको नकार दोगे और उससे प्यार करने में जिससे मैं प्यार करता हूँ, उससे घृणा करने में जिससे में घृणा करता हूँ, वह करने में जो मैं करता हूँ, और वह कहने में जो मैं कहता हूँ, सचमुच सफल होगे। आकाश, भूगोल, समय, या किसी अन्य व्यक्ति के आगे बेबस न हो। मेरी इच्छा है कि तुम लोगों की आत्माएँ हर जगह मुक्त हों, और यह कि तुम लोगों में से प्रत्येक, मेरे ज्येष्ठ पुत्रों की स्थिति में खड़ा हो सके। आज कौन मेरे प्रति अपना संपूर्ण अस्तित्व अर्पित करता है? कौन मेरे लिए निष्ठा से अपने को खपाता है? कौन मेरे लिए रात-दिन प्रस्तुत रहता है? कौन मेरे लिए मेरे घरेलू मामलों को चलाता है? कौन मेरे लिए मेरे कंधों का भार कम करता है? क्या वे मेरे पुत्र नहीं हैं? मैं जो कुछ भी करता हूँ, वह मेरे पुत्रों को पूर्ण बनाने के लिए है और मेरे पुत्रों की सेवा के लिए किया जाता है। क्या तुम समझे? सब मेरे ज्येष्ठ पुत्रों के लिए है और मैं कोई भूल नहीं करता। इस ग़लतफहमी में मत रहना कि मैं लोगों को ग़लत समझता हूँ, और यह मत सोचना कि मैं तुम्हें तुच्छ समझता हूँ। यह मत समझो कि मैं महान प्रतिभा का पर्याप्त उपयोग नहीं करता, या कि मैंने तुम्हें पूर्वनिर्धारित न करके कोई भूल की है। ऐसा नहीं है; बल्कि ऐसा है कि तुम इसके योग्य नहीं हो! क्या तुम यह जानते हो? अब मैं तुम लोगों के लिए कुछ बातों की पुष्टि करूँगा : जो कोई भी अकसर मेरे क्रोध को जगाता है और अक्सर मेरी आलोचना या काट-छाँट का लक्ष्य होता है, वह निश्चित रूप से मेरी घृणा का लक्ष्य है। ऐसे लोग निश्चित रूप से मरेंगे—यह पत्थर की लकीर है। मैंने कहा है कि अब मैं अपने ज्येष्ठ पुत्रों की काट-छाँट नहींकरूँगा, क्योंकि ये लोग पहले ही मेरे गंभीर परीक्षण से गुज़र चुके हैं और मेरी मंजूरी प्राप्त कर चुके हैं। जिसे भी मैं एक कठोर अभिव्यक्ति के साथ देखता हूँ, वह खतरे में है। क्या तुम भयभीत नहीं हो? कई लोग मेरे मुँह से मेरे वचनों के निकलते ही मर जाएँगे। हालाँकि, कुछ लोग अभी भी अपनी देह को बनाए रखेंगे; बात सिर्फ इतनी होगी कि उनकी आत्मा मर चुकी होगी। उनका सबसे स्पष्ट संकेतक यह है कि वे पवित्र आत्मा का कार्य धारण नहीं करते और उनके पास उन्हें रोककर रखने वाला कुछ नहीं है। (वे पहले से ही शैतान द्वारा एक गहन अंश तक भ्रष्ट किए जा चुके हैं।) जब भी उनकी देह नष्ट की जाती है, तो ऐसा मेरे द्वारा उपयुक्त योजना के बाद और ऐसे समय पर होता है, जो मैं निर्दिष्ट करता हूँ। उनकी आत्मिक मृत्यु मेरे लिए कोई महान सेवा नहीं कर सकती; मैं अपने कर्मों का चमत्कार दिखाने के लिए उनकी देह का उपयोग करूँगा। इससे लोग आश्वस्त हो जाएँगे; वे अंतहीन प्रशंसा करेंगे, और ऐसा कोई नहीं होगा जो मेरा भय न मानता हो और खौफ न खाता हो। मैं किसी भी बात को हलके में नहीं लेता; सभी को मेरे लिए ही जीना और मरना होगा, और कोई भी मेरे लिए अपनी सेवा पूरी किए बिना नहीं जा सकता। यहाँ तक कि शैतान भी तब तक वापस अगाध गड्ढे में नहीं गिर सकता, जब तक वह मेरे लिए अपनी सेवा पूरी नहीं कर लेता। मेरे द्वारा उठाया गया हर एक कदम स्थिर, सुरक्षित और ठोस जमीन पर होता है; मेरे द्वारा उठाया गया कोई कदम अव्यावहारिक नहीं होता है—जरा भी नहीं।
कौन मेरे साथ तुलना करने का साहस करेगा? कौन मेरा विरोध करने की हिम्मत करेगा? मैं तुम्हें फ़ौरन मार गिराऊँगा! मैं नामोनिशान नहीं छोडूँगा, और तुम्हारी देह को पूरी तरह से मिटा दिया जाएगा; यह पूर्णतया सत्य है। जैसे ही मैं इन बातों को कहता हूँ, मैं इन पर तत्काल क्रिया करता हूँ, और इसे पलटा नहीं जाएगा। दुनिया दिन-प्रतिदिन टूट रही है, और मानव-जाति दिन-प्रतिदिन नष्ट हो रही है। हर गुज़रते दिन के साथ, मेरा राज्य आकार ले रहा है और मेरे ज्येष्ठ पुत्र बढ़ रहे हैं। दिन-प्रतिदिन मेरा क्रोध बढ़ रहा है, मेरी ताड़ना अधिक गंभीर होती जा रही है, और मेरे वचन अधिक कठोर हो रहे हैं। तुम लोग अभी भी प्रतीक्षा कर रहे हो कि मैं तुमसे अधिक नरमी से बोलूँ और मेरा स्वर हलका हो, किंतु फिर से सोचो! मेरा स्वर इस बात पर निर्भर करता है कि मैं किन लोगों से निपट रहा हूँ। जिन लोगों से मैं प्यार करता हूँ, उनके लिए मेरा स्वर नरम और हमेशा सांत्वना देने वाला होता है, किंतु तुम लोगों के प्रति मैं केवल कठोरता और न्याय ही दर्शा सकता हूँ, जिसके शीर्ष पर मैं ताड़ना और क्रोध को जोड़ता हूँ। किसी के भी अवगत हुए बिना, दुनिया के हर देश की स्थिति तेज़ी से तनावपूर्ण होती जा रही है, दिन-प्रतिदिन चूर-चूर और अराजक होती जा रही है। प्रत्येक देश के नेता अंत में सत्ता जीतने की उम्मीद करते हैं। उनके दिमाग में यह बिलकुल नहीं आया है कि मेरी ताड़ना पहले से ही उन पर है। वे मेरी ताक़त को ज़ब्त करने की कोशिश करते हैं—लेकिन यह केवल उनकी कल्पना है! यहाँ तक कि संयुक्त राष्ट्र के नेता को भी मुझसे क्षमा माँगनी होगी। उसने जो बुरे कर्म किए हैं, वे असंख्य हैं। अब ताड़ना का समय है, और मैं उसे हलके में नहीं छोड़ूँगा। सत्ता में रहने वाले सभी लोगों को अपने मुकुट उतारने होंगे; केवल मैं ही सभी चीज़ों पर शासन करने के लायक हूँ। सब-कुछ मुझ पर निर्भर करता है—सब-कुछ, यहाँ तक कि मुट्ठीभर विदेशी लोग भी। मैं ऐसे सभी लोगों को तुरंत मार गिराऊँगा, जो मेरी जाँच करते हैं, क्योंकि मेरा काम यहाँ तक पहुँच चुका है। हर दिन नया प्रकाशन दिखाई देता है; हर दिन नई रोशनी होती है। सब-कुछ तेजी से पूरा हो रहा है। शैतान का अंतिम दिन अधिकाधिक निकट और अधिक स्पष्ट होता जा रहा है।