662 परीक्षणों के दौरान मनुष्य को किसका पालन करना चाहिए

1

ईश-कार्य के हर कदम का एक तरीका है,

जिसमें लोगों को सहयोग करना चाहिए।

ईश्वर इंसान का शोधन करे,

ताकि उसके पास आस्था हो।

ईश्वर इंसान को पूर्ण करे ताकि उसमें

पूर्ण बनाए जाने के लिए आस्था हो,

वो ईश्वर द्वारा शोधन, निपटारा और

काट-छांट स्वीकारने के लिए तैयार हो।


ईश्वर का आत्मा लोगों में काम करे

प्रबुद्धता लाने को

और उन्हें रोशन करने को ताकि

वे आज्ञा मानें और अभ्यास करें।

शोधन के दौरान ईश्वर कुछ न कहे।

उसकी वाणी सुनाई नहीं दे,

फिर भी काम है, जो लोगों को करना चाहिए।


जो है तुम्हारे पास, उसे कायम रखो,

ईश्वर से प्रार्थना करने में समर्थ बनो,

उसके करीब रहो, उसके सामने गवाही दो;

ऐसे तुम निभाओगे कर्तव्य अपना।


ईश्वर जो परीक्षा ले, उसके हर कदम में अगर तुम

मजबूत रह सको, अंत तक डटे रहो,

तो तुम एक विजेता हो,

वो हो जिसे ईश्वर ने पूर्ण किया है,

वो हो जिसे ईश्वर ने पूर्ण किया है।


2

ईश्वर के कार्य से तुम सबको साफ देखना चाहिए

जब इंसान के आत्मविश्वास और

प्रेम की परीक्षा हो तो उसे

करनी चाहिए ईश्वर से अधिक प्रार्थना,

और ईश्वर के सामने उसके वचनों का

अधिक स्वाद ले।

तुम्हें लोगों का कर्तव्य समझना चाहिए।


शायद तुम न जानो ईश्वर की इच्छा असल में क्या है,

लेकिन तुम अपना कर्तव्य कर सकते।

उस समय प्रार्थना और अभ्यास कर सकते

जब ये करने चाहिए तुम्हें,

और कर सकते वो जो लोगों को करना चाहिए

और अपना दर्शन बनाए रख सकते हो।

इस तरह तुम अगला ईश-कार्य स्वीकार सकते।


ईश्वर जो परीक्षा ले, उसके हर कदम में अगर तुम

मजबूत रह सको, अंत तक डटे रहो,

तो तुम एक विजेता हो,

वो हो जिसे ईश्वर ने पूर्ण किया है,

वो हो जिसे ईश्वर ने पूर्ण किया है।


3

ईश्वर के इंसान को पूर्ण बनाने की प्रक्रिया में

एक दृष्टिकोण होना चाहिए।

तुम्हें ईश-कार्य के हर कदम पर भरोसा करते हुए

इंसान का कर्तव्य निभाना चाहिए,

उसे कायम रखो जिसकी ईश्वर तुमसे अपेक्षा करे,

याद रखो उसकी आज्ञा,

अपना दृष्टिकोण, अपनी गवाही कायम रखो।


अगर तुम कर सकते हो ये सभी चीज़ें,

हर कदम पर सफल हो सकते हो,

तो अंत में ईश्वर तुम्हें पूर्ण बनाएगा,

और तुम विजेता बनोगे।


ईश्वर जो परीक्षा ले, उसके हर कदम में अगर तुम

मजबूत रह सको, अंत तक डटे रहो,

तो तुम एक विजेता हो,

वो हो जिसे ईश्वर ने पूर्ण किया है,

वो हो जिसे ईश्वर ने पूर्ण किया है।


—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, तुम्हें परमेश्वर के प्रति अपनी भक्ति बनाए रखनी चाहिए से रूपांतरित

पिछला: 661 परमेश्वर के सच्चे विश्वासी परीक्षाओं में मजबूती से खड़े रह सकते हैं

अगला: 663 जब परीक्षण आ पड़ें तो तुम्हें परमेश्वर की ओर खड़े होना चाहिए

परमेश्वर का आशीष आपके पास आएगा! हमसे संपर्क करने के लिए बटन पर क्लिक करके, आपको प्रभु की वापसी का शुभ समाचार मिलेगा, और 2024 में उनका स्वागत करने का अवसर मिलेगा।

संबंधित सामग्री

775 तुम्हारी पीड़ा जितनी भी हो ज़्यादा, परमेश्वर को प्रेम करने का करो प्रयास

1समझना चाहिये तुम्हें कितना बहुमूल्य है आज कार्य परमेश्वर का।जानते नहीं ये बात ज़्यादातर लोग, सोचते हैं कि पीड़ा है बेकार:अपने विश्वास के...

610 प्रभु यीशु का अनुकरण करो

1पूरा किया परमेश्वर के आदेश को यीशु ने, हर इंसान के छुटकारे के काम को,क्योंकि उसने परमेश्वर की इच्छा की परवाह की,इसमें न उसका स्वार्थ था, न...

परमेश्वर का प्रकटन और कार्य परमेश्वर को जानने के बारे में अंत के दिनों के मसीह के प्रवचन मसीह-विरोधियों को उजागर करना सत्य के अनुसरण के बारे में I न्याय परमेश्वर के घर से शुरू होता है अंत के दिनों के मसीह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अत्यावश्यक वचन परमेश्वर के दैनिक वचन सत्य वास्तविकताएं जिनमें परमेश्वर के विश्वासियों को जरूर प्रवेश करना चाहिए मेमने का अनुसरण करो और नए गीत गाओ राज्य का सुसमाचार फ़ैलाने के लिए दिशानिर्देश परमेश्वर की भेड़ें परमेश्वर की आवाज को सुनती हैं परमेश्वर की आवाज़ सुनो परमेश्वर के प्रकटन को देखो राज्य के सुसमाचार पर अत्यावश्यक प्रश्न और उत्तर मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ मैं वापस सर्वशक्तिमान परमेश्वर के पास कैसे गया

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

WhatsApp पर हमसे संपर्क करें