अध्याय 10
तुम्हें इस या उस चीज से नहीं डरना चाहिए; चाहे तुम्हें कितनी भी मुसीबतों या खतरों का सामना करना पड़े, तुम्हें किसी भी अड़चन से बाधित हुए बिना मेरे सम्मुख अडिग रहना चाहिए ताकि मेरी इच्छा बेरोक-टोक पूरी हो सके। यह तुम्हारा कर्तव्य है; अन्यथा मैं अपना कोप तुम पर उतारूँगा और अपने हाथ से मैं...। फिर तुम अंतहीन मानसिक पीड़ा सहोगे। तुम्हें सब कुछ सहना होगा; मेरे लिए तुम्हें हर चीज का त्याग करने और अपनी पूरी ताकत से मेरा अनुसरण करने को तैयार रहना होगा और कोई भी कीमत चुकाने के लिए तैयार रहना होगा। अब वह समय है जब मैं तुम्हें परखूँगा : क्या तुम अपनी वफादारी मुझे अर्पित करोगे? क्या तुम मार्ग के अंत तक वफादारी से मेरा अनुसरण कर सकते हो? डरो मत; मेरे सहारे के रहते कौन कभी इस मार्ग को अवरुद्ध कर सकता है? यह याद रखो! याद रखो! हर चीज में मेरे अच्छे इरादे निहित हैं और हर चीज मेरी जाँच के अधीन है। क्या तुम अपनी हर कथनी-करनी में मेरे वचन का अनुसरण कर सकते हो? जब तुम्हारी अग्नि परीक्षाएँ होंगी तो क्या तुम घुटने टेकोगे और पुकारोगे? या तुम दुबक जाओगे और आगे बढ़ने में असमर्थ रहोगे?
तुममें मेरा साहस होना चाहिए और जब उन रिश्तेदारों का सामना करने की बात आए जो विश्वास नहीं करते तो तुम्हारे पास सिद्धांत होने चाहिए। लेकिन मेरी खातिर तुम्हें किसी भी अंधकार की शक्ति से हार भी नहीं माननी चाहिए। पूर्ण मार्ग पर चलने के लिए मेरी बुद्धि पर भरोसा रखो; शैतान के किसी भी षड्यंत्र को कामयाब न होने दो। अपने हृदय को मेरे सम्मुख रखने हेतु जो बन पड़े वह सब करो, मैं तुम्हें आराम दूँगा, तुम्हें शांति और आनंद प्रदान करूँगा। दूसरों के सामने एक विशेष तरह का होने का प्रयास मत करो; क्या मुझे संतुष्ट करना अधिक मूल्य और महत्व नहीं रखता? मुझे संतुष्ट करने से क्या तुम और भी अनंत और जीवनपर्यंत शान्ति या आनंद से नहीं भर जाओगे? तुम्हारा आज का कष्ट बताता है कि तुम्हारे भविष्य के आशीष कितने बड़े होंगे; वे अवर्णनीय हैं। तुम्हें जो आशीष प्राप्त होंगे, वे कितने बड़ें होंगे, ये तुम नहीं जानते; तुम उसकी कल्पना भी नहीं कर सकते। आज यह वास्तविक बन गया है; बिल्कुल वास्तविक! यह बहुत दूर नहीं है—क्या तुम उसे देख सकते हो? इसका हर अंतिम अंश मुझमें है; आगे का मार्ग कितना रोशन है! अपने आंसू पोंछो तथा और अधिक दुःख या दर्द महसूस मत करो। हर चीज की व्यवस्था मेरे हाथों से होती है और मेरा लक्ष्य यह है कि तुम लोगों को जल्द विजेता बनाऊँ और तुम्हें अपने साथ महिमा में ले चलूँ। तुम्हारे साथ जो सब होता है, उसके लिए तुम्हें उसी अनुरूप आभारी और प्रशंसा से भरपूर होना चाहिए; इससे मुझे गहरी संतुष्टि मिलेगी।
सांसारिक बंधनों से मुक्त मसीह का जीवन पहले ही प्रकट हो चुका है; ऐसा कुछ भी नहीं है जिससे तुम डरो। शैतान हमारे पैरों के नीचे हैं और उनका समय अधिक लंबा नहीं चलेगा। फौरन जागो! व्यभिचार के इस स्थान से बचकर निकलो; मृत्यु के रसातल से खुद को मुक्त करो! चाहे कुछ भी हो जाए, मेरे प्रति वफादार रहो और बहादुरी से आगे बढ़ो; मैं तुम्हारी शक्ति की चट्टान हूँ, इसलिए मुझ पर निर्भर रहो!