588  मनुष्य परमेश्वर के नेक इरादों को न समझ पाए

1

इंसान ईश-परीक्षणों से डरे, घबराए,

वो शैतान के फंदे में जिए, शैतान के हमले सहे,

ख़तरनाक जगह पर रहे, फिर भी शांत रहे। ये क्या चल रहा है?


इंसान की ईश-आस्था सीमित है उन्हीं चीज़ों तक जिन्हें वो देख पाए।

वो इंसान के लिए ईश-प्रेम और चिंता को न समझे,

बल्कि ईश-परीक्षणों और ताड़ना से,

उसके न्याय, रोष और प्रताप से डरे, घबराए।

इंसान ईश्वर के नेक इरादों को न समझे।


2

परीक्षणों के ज़िक्र से इंसान को लगे, कोई गुप्त मंसूबे हैं ईश्वर के।

कुछ को लगे ईश्वर दुष्ट इरादे पाले, न जाने ईश्वर उनके साथ क्या करे।

इंसान कहे वो है समर्पित ईश-प्रभुता और व्यवस्था के प्रति,

पर वो ईश्वर की प्रभुता और इंसान के लिए

उसकी योजना का हर तरह से विरोध भी करे।


वो माने उसे ध्यान रखना चाहिए, ताकि ईश्वर उसे गुमराह न कर दे।

अगर उसने नियंत्रित न की अपनी नियति,

तो शायद ईश्वर उसकी हर चीज़ पर कब्ज़ा कर ले,

वो शायद उसकी ज़िंदगी भी ले ले।


इंसान की ईश-आस्था सीमित है उन्हीं चीज़ों तक जिन्हें वो देख पाए।

वो इंसान के लिए ईश-प्रेम और चिंता को न समझे,

बल्कि ईश-परीक्षणों और ताड़ना से,

उसके न्याय, रोष और प्रताप से डरे, घबराए।

इंसान ईश्वर के नेक इरादों को न समझे।


3

शैतान के शिविर में रहकर भी इंसान न डरे

उससे चोट खाने से, बंदी बनाए जाने से।

वो कहे, उसे ईश्वर द्वारा बचाया जाना स्वीकार है,

पर ईश्वर उसे बचाएगा, उसे यकीन नहीं।


इंसान की ईश-आस्था सीमित है उन्हीं चीज़ों तक जिन्हें वो देख पाए।

वो इंसान के लिए ईश-प्रेम और चिंता को न समझे,

बल्कि ईश-परीक्षणों और ताड़ना से,

उसके न्याय, रोष और प्रताप से डरे, घबराए।

इंसान ईश्वर के नेक इरादों को न समझे।


अगर इंसान अय्यूब की तरह ईश्वर के

आयोजनों-व्यवस्थाओं को स्वीकार सके,

ख़ुद को ईश्वर के हाथों में सौंप सके, तो अंत में अय्यूब की तरह,

वो ईश्वर का आशीष पाएगा।

अगर इंसान ईश-प्रभुत्व को समर्पित हो सके, तो इंसान क्या खोएगा?


—वचन, खंड 2, परमेश्वर को जानने के बारे में, परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर II से रूपांतरित

पिछला: 587  बदली नहीं हैं परमेश्वर की उम्मीदें इंसान के लिये

अगला: 589  परमेश्वर के प्रति श्रद्धा रखने वाले लोग सभी चीज़ों में उसका गुणगान करते हैं

परमेश्वर का आशीष आपके पास आएगा! हमसे संपर्क करने के लिए बटन पर क्लिक करके, आपको प्रभु की वापसी का शुभ समाचार मिलेगा, और 2025 में उनका स्वागत करने का अवसर मिलेगा।

संबंधित सामग्री

396  उद्धार-कार्य के अधिक उपयुक्त है देहधारी परमेश्वर

1 अन्त के दिनों में, परमेश्वर देहधारी रूप में प्रकट होकर अपना न्याय का कार्य करता है। क्योंकि जिसका न्याय किया जाता है वह मनुष्य है, मनुष्य...

902  परमेश्वर अंततः उसी को स्वीकार करते हैं, जिसके पास सत्य होता है

1 अंत के दिनों में जन्म लेने वाले लोग किस प्रकार के थे? ये वो लोग हैं जो हजारों सालों से शैतान द्वारा भ्रष्ट किए गए थे, वे इतनी गहराई तक...

775  जब तुम सत्य का अनुसरण नहीं करते तो तुम पौलुस के रास्ते पर चलते हो

1 इन दिनों, अधिकांश लोग इस तरह की स्थिति में हैं : "आशीष प्राप्त करने के लिए मुझे परमेश्वर के लिए खुद को खपाना होगा और परमेश्वर के लिए कीमत...

परमेश्वर का प्रकटन और कार्य परमेश्वर को जानने के बारे में अंत के दिनों के मसीह के प्रवचन मसीह-विरोधियों को उजागर करना अगुआओं और कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारियाँ सत्य के अनुसरण के बारे में सत्य के अनुसरण के बारे में न्याय परमेश्वर के घर से शुरू होता है अंत के दिनों के मसीह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अत्यावश्यक वचन परमेश्वर के दैनिक वचन सत्य वास्तविकताएं जिनमें परमेश्वर के विश्वासियों को जरूर प्रवेश करना चाहिए मेमने का अनुसरण करो और नए गीत गाओ राज्य का सुसमाचार फ़ैलाने के लिए दिशानिर्देश परमेश्वर की भेड़ें परमेश्वर की आवाज को सुनती हैं परमेश्वर की आवाज़ सुनो परमेश्वर के प्रकटन को देखो राज्य के सुसमाचार पर अत्यावश्यक प्रश्न और उत्तर मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 1) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 2) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 3) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 4) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 5) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 6) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 7) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 8) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 9) मैं वापस सर्वशक्तिमान परमेश्वर के पास कैसे गया

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

WhatsApp पर हमसे संपर्क करें