242 अंत के दिनों के मसीह को स्वीकार न करने वाले पवित्र आत्मा का तिरस्कार करने वाले लोग हैं
1 क्या तुम सत्य का मार्ग जान सकते हो? क्या तुम सचमुच विश्वास दिला सकते हो कि तुम मसीह का विरोध नहीं करोगे? क्या तुम पवित्र आत्मा के कार्य का अनुसरण करने योग्य हो? जो लोग मसीहा को नहीं जानते थे, वे सभी यीशु का विरोध करने, यीशु को अस्वीकार करने, उसे बदनाम करने में सक्षम थे। जो लोग यीशु को नहीं जानते, वे सब उसे अस्वीकार करने और बुरा-भला कहने में सक्षम हैं। वे यीशु के लौटने को शैतान द्वारा गुमराह होने की तरह देखते हैं और अधिक लोग देह में लौटे यीशु की निंदा करेंगे। क्या इस सब से तुम लोगों को डर नहीं लगता? जिसका तुम लोग सामना करते हो, वह पवित्र आत्मा के खिलाफ निंदा होगी, कलीसियाओं के लिए कहे गए पवित्र आत्मा के वचनों का विनाश होगा और यीशु द्वारा व्यक्त किए गए समस्त वचनों को ठुकराना होगा। यदि तुम लोग इतने संभ्रमित हो, तो यीशु से क्या प्राप्त कर सकते हो? यदि तुम हठपूर्वक अपनी गलतियां मानने से इनकार करते हो, तो श्वेत बादल पर यीशु के देह में लौटने पर तुम लोग उसके कार्य को कैसे समझ सकते हो?
2 जो लोग सत्य स्वीकार नहीं करते, फिर भी अंधों की तरह श्वेत बादलों पर यीशु के आगमन का इंतजार करते हैं, निश्चित रूप से पवित्र आत्मा के खिलाफ निंदा करेंगे और ये वे वर्ग हैं, जो नष्ट किए जाएँगे। तुम लोग सिर्फ यीशु के अनुग्रह की कामना करते हो और सिर्फ स्वर्ग के सुखद क्षेत्र का आनंद लेना चाहते हो, तुमने यीशु के कहे वचनों का कभी पालन नहीं किया और जब यीशु देह में लौटता है तो उसके द्वारा व्यक्त किए गए सत्य को तुमने कभी नहीं स्वीकारा। यीशु के एक श्वेत बादल पर लौटने के तथ्य के बदले तुम लोग क्या दोगे? क्या वही ईमान दोगे, जिससे तुम लोग बार-बार पाप करते हो और फिर बार-बार उनकी स्वीकारोक्ति करते हो? श्वेत बादल पर लौटने वाले यीशु को तुम बलिदान में क्या अर्पण करोगे? क्या ये कार्य के कई वर्षों की वह पूँजी है, जिसके जरिए तुम अपनी बड़ाई करते हो? तुम किस चीज को थामकर रखोगे, ताकि लौटकर आए यीशु को तुम पर भरोसा हो? क्या वह तुम लोगों की अभिमानी प्रकृति है, जो किसी भी सत्य को समर्पित नहीं होती?
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, जब तक तुम यीशु के आध्यात्मिक शरीर को देखोगे, परमेश्वर स्वर्ग और पृथ्वी को फिर से बना चुका होगा