167  राज्य के युग में परमेश्वर मनुष्य को वचनों के द्वारा पूर्ण करता है

1  इस युग में, और तुम लोगों के बीच परमेश्वर इन तथ्यों को पूरा करेगा : कि प्रत्येक व्यक्ति परमेश्वर के वचन को जिएगा, सत्य को अभ्यास में लाएगा और दिल से परमेश्वर से प्रेम करेगा; कि सभी लोग परमेश्वर के वचन को नींव के रूप में और अपनी वास्तविकता के रूप में ग्रहण करेंगे, उनके पास परमेश्वर का भय मानने वाला दिल होगा; और परमेश्वर के वचन का अभ्यास करके लोग परमेश्वर के साथ मिलकर राजसी शक्तियों का उपयोग करेंगे। यही कार्य परमेश्वर को संपन्न करना है।

2  परमेश्वर मनुष्यों को नियंत्रित करने के लिए वचन का उपयोग करता है; जब तुम परमेश्वर के वचनों को खाते-पीते हो तो तुम्हें अच्छा महसूस होता है, और जब तुम इन वचनों को नहीं खाते-पीते हो, तब तुम्हारे पास अनुसरण का कोई मार्ग नहीं होता है। परमेश्वर के वचन मनुष्यों का भोजन और उन्हें संचालित करने वाली शक्ति बन जाते हैं। बाइबल में लिखा है, "मनुष्य केवल रोटी ही से नहीं, परन्तु हर एक वचन से जो परमेश्वर के मुख से निकलता है, जीवित रहेगा"। यही वह कार्य है जो परमेश्वर आज संपन्न करेगा। वह इस तथ्य को तुम लोगों में पूरा करेगा। इस युग में परमेश्वर सभी चीजों को नियंत्रित करने के लिए मुख्य रूप से वचन का उपयोग करता है। परमेश्वर के वचन के द्वारा मनुष्य का न्याय किया जाता है, उन्हें पूर्ण बनाया जाता है और तब अंत में राज्य में ले जाया जाता है। केवल परमेश्वर के वचन मनुष्य को जीवन दे सकते हैं, केवल परमेश्वर के वचन ही मनुष्य को ज्योति और अभ्यास का मार्ग दे सकते हैं, विशेषकर राज्य के युग में। जब तक तुम परमेश्वर के वचनों की वास्तविकता से नहीं भटकते, हर दिन उसके वचनों को खाते-पीते हो, तो परमेश्वर तुम्हें पूर्ण बनाने में सक्षम होगा।

—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, राज्य का युग वचन का युग है

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