149  देहधारण के मायने

1  देहधारण की महत्ता यह है कि एक साधारण, सामान्य मनुष्य स्वयं परमेश्वर का कार्य करता है; अर्थात्, परमेश्वर मानवता में अपना दिव्य कार्य करके शैतान को परास्त करता है। देहधारण का अर्थ है कि परमेश्वर का आत्मा देह बन जाता है, अर्थात्, परमेश्वर देह बन जाता है; देह के द्वारा किया जाने वाला कार्य पवित्रात्मा का कार्य है, जो देह में साकार होता है, देह द्वारा अभिव्यक्त होता है। परमेश्वर के देह को छोड़कर अन्य कोई भी देहधारी परमेश्वर की सेवकाई को पूरा नहीं कर सकता; अर्थात्, केवल परमेश्वर का देहधारी देह, यह सामान्य मानवता—अन्य कोई नहीं—दिव्य कार्य को व्यक्त कर सकता है।

2  कार्य करने के लिए देह में आ कर, परमेश्वर शैतान को दिखाता है कि परमेश्वर देह है, एक सामान्य, एक साधारण व्यक्ति है—और फिर भी वह संसार पर विजयी शासन कर सकता है, शैतान को परास्त कर सकता है, मानवजाति को छुटकारा दिला सकता है, मानवजाति को जीत सकता है! शैतान के कार्य का लक्ष्य मानवजाति को भ्रष्ट करना है, जबकि परमेश्वर का लक्ष्य मानवजाति को बचाना है। शैतान मनुष्य को अथाह कुंड में फँसाता है, जबकि परमेश्वर उसे इससे बचाता है। शैतान सभी लोगों से अपनी आराधना करवाता है, जबकि परमेश्वर उन्हें अपने प्रभुत्व के अधीन करता है, क्योंकि वह संपूर्ण सृष्टि का प्रभु है। यह समस्त कार्य परमेश्वर के दो देहधारणों द्वारा पूरा किया जाता है। उसका देह सार रूप में मानवता और दिव्यता का मिलाप है और उसमें सामान्य मानवता है।

—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, परमेश्वर द्वारा धारण किये गए देह का सार

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परमेश्वर का प्रकटन और कार्य परमेश्वर को जानने के बारे में अंत के दिनों के मसीह के प्रवचन मसीह-विरोधियों को उजागर करना अगुआओं और कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारियाँ सत्य के अनुसरण के बारे में सत्य के अनुसरण के बारे में न्याय परमेश्वर के घर से शुरू होता है अंत के दिनों के मसीह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अत्यावश्यक वचन परमेश्वर के दैनिक वचन सत्य वास्तविकताएं जिनमें परमेश्वर के विश्वासियों को जरूर प्रवेश करना चाहिए मेमने का अनुसरण करो और नए गीत गाओ राज्य का सुसमाचार फ़ैलाने के लिए दिशानिर्देश परमेश्वर की भेड़ें परमेश्वर की आवाज को सुनती हैं परमेश्वर की आवाज़ सुनो परमेश्वर के प्रकटन को देखो राज्य के सुसमाचार पर अत्यावश्यक प्रश्न और उत्तर मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 1) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 2) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 3) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 4) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 5) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 6) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 7) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 8) मैं वापस सर्वशक्तिमान परमेश्वर के पास कैसे गया

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