अध्याय 79

अंधे! अज्ञानी! बेकार कचरे के ढेर! तुम मेरी सामान्य मनुष्यता को मेरी पूर्ण दिव्यता से अलग करते हो! क्या तुम लोग नहीं देखते कि यह मेरे विरुद्ध पाप है? इतना ही नहीं, यह ऐसी चीज़ है, जिसे क्षमा करना कठिन है! व्यावहारिक परमेश्वर आज तुम लोगों के मध्य आया है, फिर भी तुम लोग मेरे केवल एक पक्ष—मेरी सामान्य मनुष्यता—को जानते हो और तुम सबने मेरा वह पक्ष तो बिलकुल नहीं देखा है, जो पूर्ण रूप से दिव्य है। क्या तुम यह सोचते हो कि मैं यह जानता नहीं कि कौन मेरी पीठ पीछे मुझे धोखा देने का प्रयास करता है? मैं तुम्हारी आलोचना नहीं कर रहा; मात्र यह देख रहा हूँ कि तुम किस स्तर तक जा सकते हो और तुम्हारा अंतिम हश्र क्या होगा। मेरे वचन लाखों की संख्या में कहे गए हैं, फिर भी तुम लोगों ने कई बुरी बातें की हैं। तुम मुझे बार-बार छलने का प्रयास क्यों करते हो? सावधान रहो कि कहीं अपना जीवन न खो बैठो! यदि तुम मेरे क्रोध को एक निश्चित स्तर तक भड़काते हो, तो मैं तुम पर कोई दया नहीं दिखाऊँगा और तुम धक्के मारकर बाहर निकाल दिए जाओगे। मैं इस बात पर ध्यान नहीं दूँगा कि तुम पहले कैसे थे, कि क्या तुम निष्ठावान या उत्साही थे, कि तुम कितना दौड़े-भागे, तुमने खुद को मेरे लिए कितना खपाया; मैं इन चीज़ों को बिलकुल नहीं देखूँगा। अब तुम्हें केवल मुझे उकसाने भर की जरूरत है, और मैं तुम्हें अथाह गड्ढे में फेंक दूँगा। कौन अभी भी मुझसे छल करने की कोशिश करने का साहस करता है? इसे याद रखो! अब से मैं जब भी क्रोधित होऊँगा, फिर चाहे वह कोई भी क्यों न हो, मैं तुरंत तुम्हें धो डालूँगा, ताकि भविष्य में कोई मुसीबत न हो और ताकि मुझे तुम्हें और न देखना पड़े। यदि तुम मेरी अवहेलना करते हो, तो मैं तुरंत तुम्हारी ताड़ना करूँगा। क्या तुम लोग इसे ध्यान में रखोगे? तुम लोगों में से जो होशियार हैं, उन्हें तुरंत पश्चात्ताप करना चाहिए।

आज—अर्थात् अभी—मैं कुपित हूँ। तुम सभी लोगों को मेरे प्रति निष्ठावान होना चाहिए और अपना पूरा अस्तित्व मुझे सौंप देना चाहिए। तुम्हें अब और देर नहीं करनी चाहिए। यदि तुम मेरे वचनों पर ध्यान नहीं देते, तो मैं अपना हाथ आगे बढ़ाकर तुम्हें मार डालूँगा। ऐसा करके मैं सबको अपने से अवगत करा दूँगा; आज के दिन मैं सभी के प्रति कुपित और प्रतापी हूँ (जो मेरे न्याय से भी अधिक कठोर है)। मैंने इतने सारे वचन कहे हैं, लेकिन तुम लोगों ने बिलकुल भी प्रतिक्रिया नहीं की; क्या तुम वास्तव में इतने मंदबुद्धि हो? मुझे नहीं लगता कि तुम हो। यह तुम लोगों के भीतर का पुराना शैतान है, जो शरारत कर रहा है। क्या तुम लोग इसे स्पष्ट रूप से देखते हो? आमूलचूल परिवर्तन लाने की शीघ्रता करो! आज, पवित्र आत्मा का कार्य इस स्तर तक प्रगति कर चुका है; क्या तुम लोगों ने इसे नहीं देखा है? मेरा नाम घर-घर में, सभी राष्ट्रों में और सभी दिशाओं में फैलेगा और दुनिया भर में वयस्कों और बच्चों के मुख से समान रूप से पुकारा जाएगा; यह एक परम सत्य है। मैं स्वयं अद्वितीय परमेश्वर हूँ, इसके अतिरिक्त मैं परमेश्वर का एकमात्र प्रतिनिधि हूँ। इतना ही नहीं, मैं, देह की समग्रता के साथ परमेश्वर की पूर्ण अभिव्यक्ति हूँ। जो कोई मेरा सम्मान न करने का साहस करता है, जो कोई अपनी आँखों में प्रतिरोध प्रदर्शित करने का साहस करता है, और जो कोई मेरे विरुद्ध अवज्ञा के शब्द बोलने की धृष्टता करता है, वह निश्चित रूप से मेरे शापों और कोप से मारा जाएगा (मेरे कोप के कारण शाप दिए जाएँगे)। इतना ही नहीं, जो कोई मेरे प्रति निष्ठावान अथवा संतानोचित नहीं होता, और जो कोई मुझसे चालबाज़ी करने का प्रयास करता है, वह निश्चित रूप से मेरी घृणा से मर जाएगा। मेरी धार्मिकता, प्रताप और न्याय सदा-सदा के लिए कायम रहेंगे। पहले मैं प्रेममय और दयालु था, परंतु यह मेरी पूरी दिव्यता का स्वभाव नहीं है; केवल धार्मिकता, प्रताप और न्याय ही मेरे, स्वयं पूर्ण परमेश्वर के, स्वभाव में शामिल हैं। अनुग्रह के युग में मैं प्रेममय और दयालु था। जो कार्य मुझे पूरा करना था, उसके कारण मुझमें प्रेममय-कृपालुता और दयालुता थी; उसके बाद ऐसी चीज़ों की कोई आवश्यकता न रही (और तबसे कोई भी नहीं रही है)। यह सब धार्मिकता, प्रताप और न्याय है और यह मेरी सामान्य मानवता के साथ जुड़ी मेरी पूर्ण दिव्यता का संपूर्ण स्वभाव है।

जो लोग मुझे नहीं जानते, वे अथाह गड्ढे में नष्ट हो जाएँगे, जबकि जो लोग मेरे बारे में निश्चित हैं, वे हमेशा जिएँगे और उनकी मेरे प्रेम के अंतर्गत देखभाल और सुरक्षा की जाएगी। जिस क्षण मैं एक शब्द भी बोलता हूँ, पूरा ब्रह्मांड और पृथ्वी के छोर काँपने लगते हैं। कौन मेरे वचन सुनकर भय से नहीं काँप उठेगा? कौन खुद को मेरे सम्मान में उमड़ने से रोक सकता है? और कौन मेरे कर्मों से मेरी धार्मिकता और प्रताप को जानने में अक्षम है? और कौन मेरे कर्मों में मेरी सर्वशक्तिमत्ता और बुद्धिमता नहीं देख सकता? जो कोई भी ध्यान नहीं देता, वह निश्चित रूप से मर जाएगा। ऐसा इसलिए है, क्योंकि जो ध्यान नहीं देते, वे ऐसे लोग हैं जो मेरा प्रतिरोध करते हैं और मुझे नहीं जानते; वे प्रधान दूत हैं और सर्वाधिक निरंकुश हैं। अपने आप को जाँचो : जो कोई निरंकुश, दंभी, उद्धत और अभिमानी है, वह निश्चित रूप से मेरी घृणा का पात्र है, और वह नष्ट होने के लिए बाध्य है!

अब मैं अपने राज्य की प्रशासनिक आज्ञाओं की घोषणा करता हूँ : सभी चीज़ें मेरे न्याय के अंतर्गत हैं, सभी चीज़ें मेरी धार्मिकता के अंतर्गत हैं, सभी चीज़ें मेरे प्रताप के अंतर्गत हैं, और मैं अपनी धार्मिकता सब पर लागू करता हूँ। जो यह कहते हैं कि वे मुझमें विश्वास रखते हैं परंतु गहराई में मेरा खंडन करते हैं, या जिनके हृदयों ने मेरा त्याग कर दिया है, वे निकाल बाहर किए जाएँगे—परंतु सब मेरे यथोचित समय पर। जो मेरे बारे में व्यंग्यात्मक ढंग से बात करते हैं, परंतु इस तरह से कि दूसरों के ध्यान में न आए, वे तुरंत मृत्यु को प्राप्त होंगे (वे आत्मा, देह और मन से नष्ट हो जाएँगे)। जो लोग मेरे प्रियजनों पर अत्याचार करते हैं अथवा उनसे रूखा व्यवहार करते हैं, मेरे कोप द्वारा उनका तत्काल न्याय किया जाएगा। इसका अर्थ है कि जो मेरे प्रियजनों के प्रति ईर्ष्यालु हैं, और जो मुझे अधार्मिक समझते हैं, उन्हें न्याय किए जाने के लिए मेरे प्रियजनों को सौंप दिया जाएगा। जो सभ्य, सरल और ईमानदार हैं (वे भी, जिनमें बुद्धिमत्ता की कमी है), और जो मेरे साथ एकचित्त होकर ईमानदारी से व्यवहार करते हैं, वे सभी मेरे राज्य में रहेंगे। जो लोग प्रशिक्षण से नहीं गुज़रे—यानी ऐसे ईमानदार लोग, जिनमें बुद्धिमत्ता और अंतर्दृष्टि का अभाव है—उन्हें मेरे राज्य में सामर्थ्य प्राप्त होगा। हालाँकि उन्हें भी निपटाया और तोड़ा गया है। वे प्रशिक्षण से नहीं गुज़रे, यह परम तथ्य नहीं है। बल्कि इन्हीं चीज़ों के माध्यम से मैं सभी को अपनी सर्वशक्तिमत्ता और अपनी बुद्धिमत्ता दिखाऊँगा। मैं उन सभी को निकाल बाहर करूँगा, जो अभी भी मुझ पर संदेह करते हैं; मैं उनमें से किसी एक को भी नहीं चाहता (मैं उन लोगों से घृणा करता हूँ, जो ऐसे समय में भी मुझ पर संदेह करते हैं)। उन कर्मों के माध्यम से, जो मैं पूरे ब्रह्मांड में करता हूँ, मैं ईमानदार लोगों को अपने कार्य की अद्भुतता दिखाऊँगा, जिससे उनकी बुद्धिमत्ता, अंतर्दृष्टि और विवेक में वृद्धि होगी। मैं अपने अद्भुत कर्मों के परिणामस्वरूप धोखेबाज लोगों को एक ही पल में नष्ट कर दूँगा। मेरा नाम सबसे पहले स्वीकार करने वाले सभी ज्येष्ठ पुत्र (यानी वे पवित्र और निष्कलंक, ईमानदार लोग) ही सबसे पहले राज्य में प्रवेश करेंगे और मेरे साथ सभी राष्ट्रों और सभी लोगों पर शासन करेंगे, और राज्य में राजाओं की तरह राज करेंगे तथा सभी राष्ट्रों और सभी लोगों का न्याय करेंगे (यह राज्य में सभी ज्येष्ठ पुत्रों को संदर्भित करता है, किसी और को नहीं)। सभी राष्ट्रों और सभी लोगों में से जिनका न्याय हो चुका है और जो पश्चात्ताप कर चुके हैं, वे मेरे राज्य में प्रवेश करेंगे और मेरे लोग बन जाएँगे, जबकि जो जिद्दी हैं और जिन्हें पछतावा नहीं है, वे अथाह गड्ढे में फेंक दिए जाएँगे (हमेशा के लिए नष्ट होने हेतु)। राज्य में न्याय अंतिम होगा, और यह दुनिया की मेरी ओर से पूरी सफ़ाई होगी। उसके पश्चात् कोई अन्याय, दुःख, आँसू या आहें नहीं होंगी, और यहाँ तक कि कोई दुनिया भी नहीं रहेगी। सब-कुछ मसीह की अभिव्यक्ति होगा, और सब मसीह का राज्य होंगे। ऐसी महिमा होगी! ऐसी महिमा होगी!

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