25 सिंहासन से आती हैं सात गर्जनाएँ

सिंहासन से आती हैं सात गर्जनाएँ, गूँजती हैं आसमानों में।

हिला देती हैं कायनात को, उलट देती हैं धरती और स्वर्ग को।


1

प्रचंड आवाज़ से कोई बच नहीं सकता, इससे कोई छिप नहीं सकता।

बिजली कड़कती है, बादल गरजते हैं, बदल गए हैं धरती और स्वर्ग,

मौत के कगार पर हैं लोग, घनघोर बारिश बहा ले जाती दुनिया को।

गर्जना गूँजती है, बिजली चमकती है, भय से इंसान थरथराता है।


2

तेज़ दुधारी तलवार मार देती है विद्रोह के पुत्रों को।

फिर, आतीं चीखने की आवाज़ें, कुछ जाग जाते डर के नींद से।

खोजते अपनी आत्माओं को, भागते सिंहासन की ओर,

रोकते अपने कपट और अपराध को।

बहुत देर नहीं हुई उनके लिए, अभी भी जाग सकते हैं वे।


सिंहासन से आती हैं सात गर्जनाएँ, गूँजती हैं आसमानों में।

हिला देती हैं कायनात को, उलट देती हैं धरती और स्वर्ग को।

सिंहासन से आती हैं सात गर्जनाएँ, गूँजती हैं आसमानों में।

हिला देती हैं कायनात को, उलट देती हैं धरती और स्वर्ग को।


3

अपने सिंहासन से देखता ईश्वर, इंसान के दिल में झाँकता ईश्वर,

बचाता उन्हें जो सचमुच चाहते उसे, दया करता उन पर।

वो उन्हें अनंतकाल तक बचाएगा जो अपने दिलों में

हर चीज़ से ज़्यादा चाहते उसे,

जो समझते उसकी इच्छा को करते अंत तक अनुसरण उसका।


महान सफेद सिंहासन का न्याय लोगों के सामने प्रकट होता है,

उन सभी के सामने ऐलान करता है, न्याय का आरंभ हो चुका है।


सिंहासन से आती हैं सात गर्जनाएँ, गूँजती हैं आसमानों में।

हिला देती हैं कायनात को, उलट देती हैं धरती और स्वर्ग को।

सिंहासन से आती हैं सात गर्जनाएँ, गूँजती हैं आसमानों में।

हिला देती हैं कायनात को, उलट देती हैं धरती और स्वर्ग को।


यकीनन वो सारे लोग जो दिल से नहीं बोलते,

जिन्हें शक है, जो निश्चित नहीं हैं, जो समय बर्बाद करते हैं,

जो समझते ईश्वर की इच्छा को

मगर कर नहीं पाते अमल उस पर, उनका न्याय होगा।

जब सिंहासन से सात गर्जनाएँ गूँजेंगी,

कायनात के अंत तक, सिंहासन से गरजेंगी,

तो विशाल समूह को बचाया जाएगा

और ईश्वर के सिंहासन के आगे समर्पित होगा।

इस जीवन-प्रकाश के बाद, जीने के साधन खोजता है इंसान।

रोक नहीं पाता खुद को, ईश्वर के पास आकर आराधना करता है।

उनके मुँह से सर्वशक्तिमान, सच्चे परमेश्वर का नाम निकलता है।

जो लोग धरती के सिरों पर हैं देखने दो उन्हें ईश्वर धार्मिक है,

ईश्वर निष्ठावान है, वो प्रेम और करुणा है,

वो प्रतापी है, प्रचंड आग है, वो निर्मम है, निर्मम न्याय है।


सिंहासन से आती हैं सात गर्जनाएँ, गूँजती हैं आसमानों में।

हिला देती हैं कायनात को, उलट देती हैं धरती और स्वर्ग को।

सिंहासन से आती हैं सात गर्जनाएँ, गूँजती हैं आसमानों में।

हिला देती हैं कायनात को, उलट देती हैं धरती और स्वर्ग को।


हर इंसान आश्वस्त है,

फिर कोई ईश्वर को न परखेगा, न विरोध नहीं करेगा।

पूरी कायनात को जान लेने दो, हर इंसान को जान लेने दो,

सर्वशक्तिमान परमेश्वर ही सच्चा ईश्वर है।

सभी देश, सभी लोग ईश्वर के आगे

अनंतकाल तक समर्पित होते हैं, समर्पित होते हैं।


—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, आरंभ में मसीह के कथन, अध्याय 35 से रूपांतरित

पिछला: 24 वह जो सात गर्जनाओं को खोलता है

अगला: 26 ईश्वर की सात तुरहियाँ फिर बजती हैं

परमेश्वर का आशीष आपके पास आएगा! हमसे संपर्क करने के लिए बटन पर क्लिक करके, आपको प्रभु की वापसी का शुभ समाचार मिलेगा, और 2024 में उनका स्वागत करने का अवसर मिलेगा।

संबंधित सामग्री

610 प्रभु यीशु का अनुकरण करो

1पूरा किया परमेश्वर के आदेश को यीशु ने, हर इंसान के छुटकारे के काम को,क्योंकि उसने परमेश्वर की इच्छा की परवाह की,इसमें न उसका स्वार्थ था, न...

775 तुम्हारी पीड़ा जितनी भी हो ज़्यादा, परमेश्वर को प्रेम करने का करो प्रयास

1समझना चाहिये तुम्हें कितना बहुमूल्य है आज कार्य परमेश्वर का।जानते नहीं ये बात ज़्यादातर लोग, सोचते हैं कि पीड़ा है बेकार:अपने विश्वास के...

परमेश्वर का प्रकटन और कार्य परमेश्वर को जानने के बारे में अंत के दिनों के मसीह के प्रवचन मसीह-विरोधियों को उजागर करना अगुआओं और कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारियाँ सत्य के अनुसरण के बारे में I सत्य के अनुसरण के बारे में न्याय परमेश्वर के घर से शुरू होता है अंत के दिनों के मसीह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अत्यावश्यक वचन परमेश्वर के दैनिक वचन सत्य वास्तविकताएं जिनमें परमेश्वर के विश्वासियों को जरूर प्रवेश करना चाहिए मेमने का अनुसरण करो और नए गीत गाओ राज्य का सुसमाचार फ़ैलाने के लिए दिशानिर्देश परमेश्वर की भेड़ें परमेश्वर की आवाज को सुनती हैं परमेश्वर की आवाज़ सुनो परमेश्वर के प्रकटन को देखो राज्य के सुसमाचार पर अत्यावश्यक प्रश्न और उत्तर मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 1) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 2) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 3) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 4) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 5) मैं वापस सर्वशक्तिमान परमेश्वर के पास कैसे गया

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

WhatsApp पर हमसे संपर्क करें