24 वह जो सात गर्जनाओं को खोलता है
1 सर्वशक्तिमान परमेश्वर सात आत्माओं का परमेश्वर है! वह सात आँखों और सात तारों वाला परमेश्वर भी है, वह सात मुहरों को खोलता है और वह सारी पुस्तक भी वही खोलता है! उसने सात तुरहियों को बजाया है, सात कटोरे और सात विपत्तियाँ भी उसी के नियंत्रण में हैं, जिन्हें वह अपनी इच्छानुसार उपयोग में लाता है। ओह, वे सात गर्जनाएं जो हमेशा मुहर-बंद थीं! उन्हें खोल देने का समय आ गया है! वह जो उन सात गर्जनाओं को खोलेगा, पहले ही हमारी आँखों के सामने प्रकट हो चुका है! हे सर्वशक्तिमान परमेश्वर! तुम्हारे साथ सब कुछ बंधन से मुक्त और स्वतंत्र होता है, कोई कठिनाइयाँ नहीं होती हैं, और सब कुछ आसानी से चलता है! तुम्हें कुछ भी अवरुद्ध या बाधित करने का साहस नहीं कर सकता, सभी तुम्हारे सामने समर्पित हो जाते हैं। जो समर्पण नहीं करते, मृत्यु को प्राप्त होते हैं!
2 सर्वशक्तिमान परमेश्वर, सात आँखों वाले परमेश्वर! सब कुछ पूर्ण रूप से स्पष्ट है, सब कुछ उज्जवल है और खोल दिया गया है, सभी कुछ प्रकट और अनावृत किया गया है। उसके होते हुए, सब कुछ बिल्कुल साफ़ है, और न केवल स्वयं परमेश्वर इस तरह है, बल्कि उसके पुत्र भी ऐसे ही हैं। कोई भी व्यक्ति, या वस्तु को, या कोई भी बात, परमेश्वर या उसके पुत्रों से छिपाकर नहीं रखी जा सकती है! सर्वशक्तिमान परमेश्वर के सात सितारे उज्ज्वल हैं! कलीसिया को उसके द्वारा परिपूर्ण किया गया है, वह कलीसिया के संदेशवाहकों को निर्धारित करता है और समग्र कलीसिया उसकी देख-रेख में होती है। वह सभी सात मुहरों को खोलता है, वह स्वयं अपनी प्रबंधन योजना को, और उसे पूरा करने की अपनी इच्छा को, लेकर आता है। वह पुस्तक उसकी प्रबंधन योजना की रहस्यमयी आध्यात्मिक भाषा है और उसने इसे खोलकर प्रकट कर दिया है! सभी लोगों को उसकी सात गुंजायमान तुरहियों को सुनना चाहिए। उसके साथ सब कुछ स्पष्ट कर दिया जाता है, फिर कभी कुछ छिपा हुआ या दुखद नहीं होता। सब कुछ प्रकट हो जाता है, सब कुछ विजयी होता है!
3 सर्वशक्तिमान परमेश्वर की सात तुरहियाँ खुली, महिमामय और विजयी तुरहियाँ हैं! वे वो तुरहियाँ भी हैं जो उसके शत्रुओं का न्याय करती हैं! उसकी विजय के बीच, उसके सींग को सराहा जाता है! वह पूरे ब्रह्मांड पर राज्य करता है! उसने विपत्तियों के सात कटोरे तैयार किए हैं और वे उसके शत्रुओं पर चरम सीमा तक झुकाए और खोले गए हैं, और वे शत्रु उसकी उग्र आग की लपटों में भस्म हो जाएँगे।सर्वशक्तिमान परमेश्वर अपने अधिकार की शक्ति दिखाता है और उसके सभी शत्रु नष्ट हो जाते हैं। अंतिम सात गर्जनाएं अब सर्वशक्तिमान परमेश्वर के सामने मुहर-बंद नहीं हैं, वे सभी खोल दी गई हैं! सब की सब खुली हैं! उन सात गर्जनाओं के साथ वह अपने शत्रुओं को मौत के घाट उतारता है, ताकि पृथ्वी स्थिर हो जाए, उसकी सेवा कर सके, और फिर से बर्बाद न हो! हे धर्मी सर्वशक्तिमान परमेश्वर! हम निरंतर तुम्हारा गुणगान करते हैं! तुम अनंत प्रशंसा, अनंत अभिनन्दन और अनंत सराहना के योग्य हो!
— "वचन देह में प्रकट होता है" में आरम्भ में मसीह के कथन के "अध्याय 34" से रूपांतरित