843 क्या तुम वो इंसान हो जो परमेश्वर द्वारा पूर्ण बनाये जाने की खोज करता है?
अगर तुम वो इंसान हो
जो प्रयास कर रहा है पूर्ण बनाये जाने का,
तो गवाही धारण कर चुके होगे तुम,
और तुम कहने वाले हो:
Ⅰ
"परमेश्वर कदम दर कदम
जो कर रहा है,
ताड़ना और न्याय के इस कार्य को
मैंने स्वीकार लिया।
हालाँकि दुख उठाये हैं बहुत,
पर मैंने पा लिया है परमेश्वर के कार्य को।
परमेश्वर की धार्मिकता और किस तरह से
बनाता है पूर्ण वो इंसान को, जान लिया है मैंने।
Ⅱ
परमेश्वर का धर्मी स्वभाव
आ गया है मुझ पर,
दिया है आशीष मुझे,
किया है अनुग्रह मुझ पर।
उसके न्याय ने मुझे बचाया है,
मुझे शुद्ध किया, रक्षा की है मेरी,
बचा हूँ मैं और मैंने उसे जान लिया,
परमेश्वर के कड़े वचनों,
ताड़ना और न्याय द्वारा,
बचा हूँ मैं और मैंने उसे जान लिया है।"
इसी राह पर चले हैं वो
पूर्ण बनाये जा रहे हैं जो,
इसी ज्ञान की बात करते हैं वो।
उन्हीं लोगों ने पाया है जीवन,
जो हैं पतरस की तरह,
जिनमें परमेश्वर का सत्य है।
अंत तक वे जब इस राह पर चलेंगे,
ताड़ना और न्याय से गुज़रेंगे,
तो यकीनन शुद्ध किये जायेंगे,
पूरी तरह से वे शैतान के असर से निकलेंगे,
और वे परमेश्वर को प्राप्त होंगे।
Ⅲ
"आज देख लिया है मैंने,
परमेश्वर के जीव के रूप में,
सिर्फ़ आनंद नहीं लेते हम,
सृष्टिकर्ता की बनाई चीज़ों का।
मगर बात है ये ज़्यादा अहम,
जीव जिनको बनाया उसने,
परमेश्वर के धर्मी स्वभाव और न्याय का
उन्हें आनंद लेना चाहिये।
Ⅳ
परमेश्वर का स्वभाव
योग्य है इंसान के आनंद के,
भ्रष्ट जीवों को आनंद लेना चाहिये
परमेश्वर की धार्मिकता का।
न्याय भी है उसमें, ताड़ना भी है उसमें,
प्रेम भी है महान उसमें।
परमेश्वर का प्रेम भले ही, पूरी तरह ना पा सकूँ,
मगर धन्य हो गया हूँ मैं इसे देख के,
मगर धन्य हो गया हूँ मैं इसे देख के, देख के।"
इसी राह पर चले हैं वो
पूर्ण बनाये जा रहे हैं जो,
इसी ज्ञान की बात करते हैं वो।
उन्हीं लोगों ने पाया है जीवन,
जो हैं पतरस की तरह,
जिनमें परमेश्वर का सत्य है।
अंत तक वे जब इस राह पर चलेंगे,
ताड़ना और न्याय से गुज़रेंगे,
तो यकीनन शुद्ध किये जायेंगे,
पूरी तरह से वे शैतान के असर से निकलेंगे,
और वे परमेश्वर को प्राप्त होंगे।
अगर तुम वो इंसान हो
जो प्रयास कर रहा है पूर्ण बनाये जाने का,
तो गवाही धारण कर चुके होगे तुम।
'वचन देह में प्रकट होता है' से रूपांतरित