163 युगों भर के संतों का पुनर्जन्म हुआ है
संपूरक: युगों भर के संतों का पुनर्जन्म हुआ है! युगों भर के संतों का पुनर्जन्म हुआ है!
1 युग-युगांतर तक संतों के कष्ट और कारावास के बारे में सोचते हुए, हमारा मन रोता है। इंसानों के बीच रहकर उन्होंने हर तरह का उत्पीड़न और यातना झेली है, उन्हें रौंदा और बदनाम किया गया है। उन्होंने पीढ़ियों तक दर्द और अपमान सहा है, अनेक आघात सहे हैं, कोड़ों की मार सही है, कितनी ही तबाही, अत्याचार, पत्थरबाज़ी और हत्याएँ भी झेली हैं। सूरज की रोशनी देखे बिना, बरसों अंधकार में गुज़रे हैं।
2 पूरब में धार्मिकता का सूर्य उदित होता है और पूरे ब्रह्मांड और नभमंडल को चमका देता है, और अचानक सब-कुछ नया हो जाता है, और अचानक सब-कुछ बदल जाता है, पूरी धरती पर एक नया आकाश—हाँ। हे, हे! हम मानव-पुत्र के प्रकटन का स्वागत करते हैं; हम खुश और आनंदित हैं। हम धन्य हैं कि हम परमेश्वर के सामने उठाए जाते हैं और मेमने के विवाह भोज में शामिल होते हैं। हे, हे! मेरे दिल में अतुलनीय आनंद है, मानो मैं तीसरे स्वर्ग में हूँ; मैं परमेश्वर के वचनों की मिठास का स्वाद लेता हूँ और उसके स्नेह को महसूस करता हूँ और वास्तव में मेरे दिल में आनंद है। हे, हे! हमारे दिल हमेशा परमेश्वर के हैं, जो वहाँ राजा की तरह राज करता है। हे, हे! वो वहाँ राजा की तरह राज करता है।
3 सर्वशक्तिमान परमेश्वर अपने साथ अनन्त जीवन का मार्ग लाता है। उसके वचन हमारा न्याय करते हैं, हमें शुद्ध करते हैं, निर्मल करते हैं और हमें बदलते हैं। हे, हे! हमने सैकड़ों परीक्षण और शुद्धिकरण का समाना किया है, और अत्यधिक दर्द के बाद, मधुरता ज़रूर मिलती है। उसके वचन हमारी आस्था बन जाते हैं, उसके वचन हमारा जीवन बन जाते हैं और हम नए इंसान की तरह जीते हैं। हे, हे! परमेश्वर ने हमें शैतान की भ्रष्टता से मुक्त कर दिया है, अपने दिल में हम अत्यधिक आज़ाद महसूस करते हैं। परमेश्वर हमें उद्धार का अनुग्रह देता है, हम मरे हुओं में से ज़िंदा किए गए हैं। हे, हे! सर्वशक्तिमान परमेश्वर ने हमें बचा लिया है—हम मरे हुओं में से ज़िंदा किए गए हैं। हे, हे! हम मरे हुओं में से ज़िंदा किए गए हैं—हे!