543 अगर तुम सत्य से प्रेम करते हो तभी सच का अभ्यास कर सकते हो

1 सत्य की तलाश करना और उसे व्यवहार में लाना इतना ज्यादा मुश्किल क्यों है—मानो तुम धारा के विरुद्ध नाव खे रहे हो और अगर तुमने आगे की ओर नाव खेना बंद कर दिया, तो पीछे बह जाओगे? ऐसा इसलिए है, क्योंकि मनुष्य का स्वभाव परमेश्वर के साथ विश्वासघात करना है। शैतान की प्रकृति ने मनुष्यों के भीतर एक प्रमुख भूमिका ग्रहण कर ली है, और वह एक प्रतिक्रियावादी शक्ति है। परमेश्वर के साथ विश्वासघात करने की प्रकृति वाले मनुष्य निश्चित रूप से ऐसी चीज़ें आसानी से कर सकते हैं, जो परमेश्वर के साथ विश्वासघात करती हैं, और सकारात्मक कार्य करना उनके लिए स्वाभाविक रूप से कठिन होता है। यह पूरी तरह से मनुष्य की प्रकृति और सार द्वारा निश्चित किया जाता है। एक बार जब तुम वास्तव में सत्य को समझ जाते हो और उसे अपने भीतर से प्यार करना शुरू कर देते हो, तो तुम्हारे पास उन चीजों को करने की शक्ति होगी, जो सत्य के अनुरूप हैं। तब यह सामान्य हो जाता है, यहाँ तक कि सहज और सुखद भी, और तुम महसूस करते हो कि कोई नकारात्मक चीज़ करने के लिए भारी प्रयास की आवश्यकता होगी। ऐसा इसलिए है, क्योंकि सत्य ने तुम्हारे दिल में एक प्रमुख भूमिका ले ली है।

2 अगर तुम वाकई मानव-जीवन का सत्य समझते हो और अगर तुम यह सत्य समझते हो कि किस तरह का व्यक्ति होना चाहिए—किस तरह एक निष्कपट और सीधा-सादा व्यक्ति बनना चाहिए, एक ईमानदार व्यक्ति, ऐसा व्यक्ति जो परमेश्वर की गवाही देता हो और उसकी सेवा करता हो—तो तुम फिर कभी परमेश्वर की अवहेलना करने वाले बुरे कार्य करने में सक्षम नहीं होगे, और न ही तुम कभी एक झूठे अगुआ, झूठे कार्यकर्ता या मसीह-विरोधी की भूमिका निभाओगे। भले ही शैतान तुम्हें धोखा दे, या कोई दुष्ट तुम्हें उकसाए, तुम वो नहीं करोगे; कोई तुम्हारे साथ कितनी भी ज़बरदस्ती करे, तुम फिर भी वैसा नहीं करोगे। यदि लोग सत्य को प्राप्त कर लेते हैं और सत्य उनका जीवन बन जाता है, तो वे बुराई से घृणा करने और नकारात्मक चीजों से आंतरिक विरक्ति महसूस करने में सक्षम हो जाते हैं। उनके लिए बुराई करना मुश्किल होगा, क्योंकि उनके जीवन स्वभाव बदल गए हैं और उन्हें परमेश्वर द्वारा पूर्ण बना दिया गया है।

—वचन, खंड 3, अंत के दिनों के मसीह के प्रवचन, केवल सत्य की खोज करके ही स्वभाव में बदलाव लाया जा सकता है से रूपांतरित

पिछला: 542 आज का सत्य उन्हें दिया जाता है जो उसके लिए लालसा और उसकी खोज करते हैं

अगला: 544 जो सत्य से प्रेम करते हैं उन्हें ही सत्य प्राप्त होगा

परमेश्वर का आशीष आपके पास आएगा! हमसे संपर्क करने के लिए बटन पर क्लिक करके, आपको प्रभु की वापसी का शुभ समाचार मिलेगा, और 2024 में उनका स्वागत करने का अवसर मिलेगा।

संबंधित सामग्री

610 प्रभु यीशु का अनुकरण करो

1पूरा किया परमेश्वर के आदेश को यीशु ने, हर इंसान के छुटकारे के काम को,क्योंकि उसने परमेश्वर की इच्छा की परवाह की,इसमें न उसका स्वार्थ था, न...

775 तुम्हारी पीड़ा जितनी भी हो ज़्यादा, परमेश्वर को प्रेम करने का करो प्रयास

1समझना चाहिये तुम्हें कितना बहुमूल्य है आज कार्य परमेश्वर का।जानते नहीं ये बात ज़्यादातर लोग, सोचते हैं कि पीड़ा है बेकार:अपने विश्वास के...

परमेश्वर का प्रकटन और कार्य परमेश्वर को जानने के बारे में अंत के दिनों के मसीह के प्रवचन मसीह-विरोधियों को उजागर करना अगुआओं और कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारियाँ सत्य के अनुसरण के बारे में I सत्य के अनुसरण के बारे में न्याय परमेश्वर के घर से शुरू होता है अंत के दिनों के मसीह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अत्यावश्यक वचन परमेश्वर के दैनिक वचन सत्य वास्तविकताएं जिनमें परमेश्वर के विश्वासियों को जरूर प्रवेश करना चाहिए मेमने का अनुसरण करो और नए गीत गाओ राज्य का सुसमाचार फ़ैलाने के लिए दिशानिर्देश परमेश्वर की भेड़ें परमेश्वर की आवाज को सुनती हैं परमेश्वर की आवाज़ सुनो परमेश्वर के प्रकटन को देखो राज्य के सुसमाचार पर अत्यावश्यक प्रश्न और उत्तर मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 1) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 2) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 3) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 4) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 5) मैं वापस सर्वशक्तिमान परमेश्वर के पास कैसे गया

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

WhatsApp पर हमसे संपर्क करें