423 बिना सच्ची प्रार्थना के, सच्ची सेवा नहीं होती

1

प्रार्थना कोई संस्कार नहीं है, कई मायने हैं इसके।

लोगों की दुआओं में देखा जा सकता है

ईश्वर को जिसकी वे सेवा करते हैं।

यदि तुम प्रार्थना को संस्कार मानते हो,

तो ईश्वर की सेवा तुम ठीक से नहीं करोगे।

बिन प्रार्थना, तुम काम नहीं कर सकते।

लाती है ये सेवा और काम।

यदि तुम परमेश्वर की सेवा करते हो,

पर कभी तुम गंभीर या समर्पित प्रार्थना के प्रति नहीं हुये,

तुम इस तरह सेवा करने में होगे असफल।


2

कह सकते हैं कि यदि तुम्हारी प्रार्थना नहीं है सच्ची या निष्कपट,

तो परमेश्वर तुम्हें नहीं गिनेगा, अनदेखा करेगा।

पवित्र आत्मा तुम पर काम नहीं करेगा।

यदि तुम प्रार्थना को संस्कार मानते हो,

तो ईश्वर की सेवा तुम ठीक से नही करोगे।

बिन प्रार्थना, तुम काम नहीं कर सकते।

लाती है ये सेवा और काम।

यदि तुम परमेश्वर की सेवा करते हो,

पर कभी तुम गंभीर या समर्पित प्रार्थना के प्रति नहीं हुये,

तुम इस तरह सेवा करने में होगे असफल।


3

गर तुम अक्सर परमेश्वर से प्रार्थना करते हो,

ये साबित करता है कि तुम उसको गंभीरता से लेते हो।

गर तुम खुद ही काम करो और प्रार्थना नहीं करते हो,

और उसकी पीठ के पीछे ऐसा-वैसा करते हो।

तुम अपनी चीज़ें कर रहे हो, तुम अपना काम कर रहे हो।


4

तुम्हें लगता है ऐसा कि तुमने ईशनिन्दा नहीं की,

परेशान नहीं किया, पर अपना कार्य करना है दखल देना।

स्वभाव से तुम ईश्वर का विरोध करते हो।

बिन प्रार्थना, तुम काम नहीं कर सकते।

लाती है ये सेवा और काम।

यदि तुम परमेश्वर की सेवा करते हो,

पर कभी तुम गंभीर या समर्पित प्रार्थना के प्रति नहीं हुये,

तुम इस तरह सेवा करने में होगे असफल।


—वचन, खंड 3, अंत के दिनों के मसीह के प्रवचन, प्रार्थना के मायने और उसका अभ्यास से रूपांतरित

पिछला: 422 समर्पण और उचित प्रार्थनाएँ बहुत महत्व की हैं

अगला: 424 परमेश्वर की ओर देखना और उस पर भरोसा करना सबसे महान बुद्धिमत्ता है

परमेश्वर का आशीष आपके पास आएगा! हमसे संपर्क करने के लिए बटन पर क्लिक करके, आपको प्रभु की वापसी का शुभ समाचार मिलेगा, और 2024 में उनका स्वागत करने का अवसर मिलेगा।

संबंधित सामग्री

610 प्रभु यीशु का अनुकरण करो

1पूरा किया परमेश्वर के आदेश को यीशु ने, हर इंसान के छुटकारे के काम को,क्योंकि उसने परमेश्वर की इच्छा की परवाह की,इसमें न उसका स्वार्थ था, न...

775 तुम्हारी पीड़ा जितनी भी हो ज़्यादा, परमेश्वर को प्रेम करने का करो प्रयास

1समझना चाहिये तुम्हें कितना बहुमूल्य है आज कार्य परमेश्वर का।जानते नहीं ये बात ज़्यादातर लोग, सोचते हैं कि पीड़ा है बेकार:अपने विश्वास के...

परमेश्वर का प्रकटन और कार्य परमेश्वर को जानने के बारे में अंत के दिनों के मसीह के प्रवचन मसीह-विरोधियों को उजागर करना अगुआओं और कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारियाँ सत्य के अनुसरण के बारे में I सत्य के अनुसरण के बारे में न्याय परमेश्वर के घर से शुरू होता है अंत के दिनों के मसीह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अत्यावश्यक वचन परमेश्वर के दैनिक वचन सत्य वास्तविकताएं जिनमें परमेश्वर के विश्वासियों को जरूर प्रवेश करना चाहिए मेमने का अनुसरण करो और नए गीत गाओ राज्य का सुसमाचार फ़ैलाने के लिए दिशानिर्देश परमेश्वर की भेड़ें परमेश्वर की आवाज को सुनती हैं परमेश्वर की आवाज़ सुनो परमेश्वर के प्रकटन को देखो राज्य के सुसमाचार पर अत्यावश्यक प्रश्न और उत्तर मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 1) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 2) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 3) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 4) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 5) मैं वापस सर्वशक्तिमान परमेश्वर के पास कैसे गया

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

WhatsApp पर हमसे संपर्क करें