449 पवित्रात्मा के काम का प्रकटीकरण
1 जब पवित्र आत्मा लोगों को प्रबुद्ध करने के लिए कार्य करता है, तो वह आम तौर पर उन्हें परमेश्वर के कार्य का, और उनकी सच्ची प्रविष्टि और सच्ची अवस्था का ज्ञान देता है। वह उन्हें परमेश्वर के अत्यावश्यक इरादों और उसकी मनुष्य से वर्तमान अपेक्षाओं के बारे में समझने देता है, ताकि उनके पास परमेश्वर को संतुष्ट करने के लिए सब कुछ बलि कर देने का संकल्प हो, ताकि वे परमेश्वर से अवश्य प्रेम करें भले ही वे उत्पीड़न और प्रतिकूल परिस्थितियों को भुगतें, ताकि वे परमेश्वर की गवाही दें भले ही इसका अर्थ अपना खून बहाना और अपना जीवन अर्पित करना हो; उन्हें कोई अफ़सोस नहीं होगा। यदि तेरा इस तरह का संकल्प है तो इसका अर्थ है कि तुझमें पवित्र आत्मा की हरकतें है, और पवित्र आत्मा का कार्य है—लेकिन जान ले कि तू हर गुजरते पल में इस तरह की हरकतों से संपन्न नहीं है।
2 कभी-कभी बैठकों में जब तू प्रार्थना करता है और परमेश्वर के वचनों को खाता और पीता है, तो तू बेहद द्रवित और प्रेरित महसूस कर सकता है। जब अन्य लोग परमेश्वर के वचनों के अपने अनुभव और समझ पर कुछ संगति साझा करते हैं तो यह बहुत नया और ताजा महसूस होता है, और तेरा हृदय पूरी तरह से स्पष्ट और उज्ज्वल हो जाता है। यह सब पवित्र आत्मा का कार्य है। यदि तू कोई अगुवा है और पवित्र आत्मा तुझे असाधारण प्रबुद्धता और रोशनी देता है, तो जब तू काम करने के लिए कलीसिया में जाता है, वह उन समस्याओं को देखने देता है जो कलीसिया के भीतर मौज़ूद हैं, और जानने देता है कि उनका समाधान करने के लिए सत्य पर संगति को कैसे साझा करें, तुझे अविश्वसनीय रूप से नेक, जिम्मेदार और अपने कार्य में गंभीर बनाता है, तो यह सब पवित्र आत्मा का कार्य है।
— "वचन देह में प्रकट होता है" में 'अभ्यास (1)' से रूपांतरित