अध्याय 48

मैं चिंतित हूँ, लेकिन तुम लोगों में से कितने मेरे साथ एक मन और एक सोच के होने में सक्षम हैं? तुम मेरे वचनों पर कोई ध्यान ही नहीं देते, उनकी पूरी तरह से अवहेलना करते हो और उन पर ध्यान केंद्रित करने में विफल रहते हो, बल्कि केवल अपनी सतही चीजों पर ही ध्यान केंद्रित करते हो। तुम मेरे द्वारा की जाने वाली श्रमसाध्य देखभाल और मेरे प्रयास को व्यर्थ मानते हो; क्या तुम लोगों का विवेक निकम्मा नहीं है? तुम अज्ञानी और विवेकहीन हो; तुम सब मूर्ख हो, और मुझे बिलकुल भी संतुष्ट नहीं कर सकते। मैं पूरी तरह से तुम लोगों के लिए हूँ—तुम लोग कितने मेरे हो सकते हो? तुमने मेरे इरादे को गलत समझा है, और यह वास्तव में तुम्हारा अंधापन और चीजों को आरपार देखने की तुम्हारी असमर्थता है, जो मुझे हमेशा तुम लोगों के बारे में चिंतित कर देती है और मुझे तुम लोगों पर समय खर्च करना पड़ता है। अब, तुम लोग अपना कितना समय मुझ पर खर्च और समर्पित कर सकते हो? तुम्हें ये प्रश्न खुद से अधिक बार पूछने चाहिए।

मेरा सारा इरादा तुम लोगों के बारे में है—क्या तुम लोग वास्तव में इसे समझते हो? यदि तुम वास्तव में इसे समझते होते, तो तुम लोग बहुत पहले ही मेरे इरादे को जान चुके होते और मेरे बोझ के प्रति विचारशील हो गए होते। फिर से लापरवाह मत बनो, वरना पवित्र आत्मा तुम्हारे अंदर कार्य नहीं करेगा, जिससे तुम्हारी आत्माएँ मर जाएँगी और नरक में जा गिरेंगी। क्या यह तुम्हारे लिए बहुत भयानक नहीं है? मुझे तुम्हें फिर से याद दिलाने की जरूरत नहीं है। तुम लोगों को अपनी अंतरात्मा में ढूँढ़ना चाहिए और खुद से पूछना चाहिए : क्या मुद्दा यह है कि मुझे तुम सब लोगों के लिए बहुत खेद है, या यह कि तुम लोग मेरे प्रति बहुत ऋणी हो? सही और गलत में भ्रम न करो; विवेकहीन न बनो! अब सत्ता और लाभ के लिए लड़ने या षड्यंत्र में लिप्त होने का समय नहीं है। बल्कि तुम्हें जल्दी से इन चीजों को हटा देना चाहिए, जो कि जीवन के लिए इतनी हानिकारक हैं, और वास्तविकता में प्रवेश करने का प्रयास करना चाहिए। तुम बहुत लापरवाह हो! तुम मेरे दिल को नहीं समझ सकते या मेरे इरादे को महसूस नहीं कर सकते। ऐसी कई चीजें हैं, जो मुझे नहीं कहनी चाहिए थीं, लेकिन तुम लोग ऐसे भ्रमित हो, जो समझ नहीं पाते हो, इसलिए मुझे उन्हें बार-बार कहना पड़ता है, और फिर भी, तुम लोगों ने अभी भी मेरे दिल को संतुष्ट नहीं किया है।

तुम्हें एक-एक करके गिनने पर, तुममें से कितने वास्तव में मेरे दिल के प्रति विचारशील हो सकते हैं?

पिछला: अध्याय 47

अगला: अध्याय 49

परमेश्वर का आशीष आपके पास आएगा! हमसे संपर्क करने के लिए बटन पर क्लिक करके, आपको प्रभु की वापसी का शुभ समाचार मिलेगा, और 2023 में उनका स्वागत करने का अवसर मिलेगा।

संबंधित सामग्री

मनुष्य के सामान्य जीवन को बहाल करना और उसे एक अद्भुत मंज़िल पर ले जाना

मनुष्य आज के कार्य और भविष्य के कार्य को तो थोड़ा समझता है, किंतु वह उस मंज़िल को नहीं समझता, जिसमें मानव-जाति प्रवेश करेगी। एक प्राणी के रूप...

भ्रष्ट मनुष्य परमेश्वर का प्रतिनिधित्व करने में अक्षम है

मनुष्य सदा अंधकार के प्रभाव में रहा है, शैतान के प्रभाव की क़ैद में रखा गया है, बचकर निकल भी नहीं पाता, और शैतान के द्वारा संसाधित किए जाने...

केवल अंत के दिनों का मसीह ही मनुष्य को अनंत जीवन का मार्ग दे सकता है

जीवन का मार्ग कोई ऐसी चीज नहीं है जो हर किसी के पास हो, न ही यह कोई ऐसी चीज है जिसे हर कोई आसानी से प्राप्त कर सके। ऐसा इसलिए है, क्योंकि...

परमेश्वर का प्रकटन और कार्य परमेश्वर को जानने के बारे में अंत के दिनों के मसीह के प्रवचन सत्य के अनुसरण के बारे में न्याय परमेश्वर के घर से शुरू होता है अंत के दिनों के मसीह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अत्यावश्यक वचन परमेश्वर के दैनिक वचन सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों का संकलन मेमने का अनुसरण करो और नए गीत गाओ राज्य का सुसमाचार फ़ैलाने के लिए दिशानिर्देश परमेश्वर की भेड़ें परमेश्वर की आवाज को सुनती हैं परमेश्वर की आवाज़ सुनो परमेश्वर के प्रकटन को देखो राज्य के सुसमाचार पर अत्यावश्यक प्रश्न और उत्तर मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवों की गवाहियाँ मैं वापस सर्वशक्तिमान परमेश्वर के पास कैसे गया

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

WhatsApp पर हमसे संपर्क करें