55 हम भाग्‍यशाली हैं कि हम परमेश्‍वर के आगमन के साक्षी हैं

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हम भाग्‍यशाली हैं कि हम परमेश्‍वर के आगमन के साक्षी हैं, हम उसकी वाणी सुनते हैं।

हम भाग्‍यशाली हैं कि हम परमेश्‍वर के आगमन के साक्षी हैं, हम मेमने के भोज में शामिल होते हैं।

हम देहधारी सर्वशक्तिमान परमेश्‍वर को जानते हैं, हम उसके अद्भुत कर्मों को देखते हैं।

हम मानव जीवन के रहस्य को समझते हैं, सर्वशक्तिमान परमेश्‍वर के वचन सबसे मूल्यवान हैं।

हम परमेश्‍वर के वचनों को खाते-पीते हैं, हम उसके समक्ष रहते हैं, अब हम इधर-उधर नहीं ढूंढते हैं।

हम परमेश्वर के न्याय का अनुभव करते हुए, भले ही दुख उठाएँ, हम शुद्ध होते हैं।

हम सत्य और अनन्त जीवन का मार्ग प्राप्त करते हैं। परमेश्वर से प्रेम करने का प्रयास करके, हम कभी नहीं पछताएँगे।

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यह जीवन बहुत धन्य है, हम परमेश्वर से प्रेम करने वाले इंसान बन जाते हैं।

यह जीवन अति धन्य है, हम परमेश्वर की प्रशंसा प्राप्त करते हैं।

अपना कर्तव्य पूरा करना, परमेश्वर की गवाही देना और सत्य का अनुसरण करना सबसे अधिक सार्थक है।

इतना भाग्यशाली और कौन हो सकता है? इतना धन्य और कौन हो सकता है?

परमेश्वर हमें सत्य और जीवन प्रदान करता है, हमें परमेश्वर के लिए जीना चाहिए।

हमें परमेश्वर के लिए जीना चाहिए। हमें परमेश्वर के लिए जीना चाहिए।

हम सत्य को प्राप्त करते हैं और परमेश्वर के प्रेम के प्रतिदान के लिए परमेश्वर की गवाही देते हैं।

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