696 तुम्हें पता होना चाहिए कि परमेश्वर के कार्य का अनुभव कैसे करें

1

कई लोग न जानें ईश-कार्य का अनुभव कैसे करना है।

जब कोई समस्या आए, वे न जानें क्या करना है।

वे नहीं जी पाते आध्यात्मिक जीवन।

ईश-वचनों, कार्यों को तुम्हें जीवन में लाना होगा।


जो न करो अनुभव ईश-कार्य का, तो कभी पूर्ण न किए जाओगे तुम।

जब उसे अनुभव कर पाओ, उस पर सोच पाओ कभी भी, कहीं भी,

जब चरवाहों के बगैर अपने दम पर जी पाओ,

ईश्वर के सहारे रहकर उसके कर्म देख पाओ, तभी पूरी होगी इच्छा ईश्वर की।


2

कराए कभी ईश्वर तुम्हें एहसास कि तुमने खो दिया आनंद, उसकी उपस्थिति,

तब अंधेरे में डूब जाते तुम; ये है शुद्धिकरण।

जब तुम्हारा कोई काम न बने, तो ये है अनुशासन।

तुम्हारे विद्रोही काम ईश्वर ज़रूर देखता है।

वो ज़रूर तुम्हें अनुशासित करेगा। विस्तृत है काम आत्मा का।

वो देखे इंसान की बातें, विचार और कर्म, इंसान को उसका भान कराये।


जो न करो अनुभव ईश-कार्य का, तो कभी पूर्ण न किए जाओगे तुम।

जब उसे अनुभव कर पाओ, उस पर सोच पाओ कभी भी, कहीं भी,

जब चरवाहों के बगैर अपने दम पर जी पाओ,

ईश्वर के सहारे रहकर उसके कर्म देख पाओ, तभी पूरी होगी इच्छा ईश्वर की।


3

पहले एक काम गलत होता, फिर दूसरा, फिर तीसरा।

धीरे-धीरे तुम समझोगे काम पवित्रात्मा का।

कई बार अनुशासित होकर, समझोगे बातें जो उसकी इच्छानुरूप हैं,

अंत में दोगे सही प्रतिक्रिया जब राह वो दिखाएगा।

कभी-कभी विद्रोही होगे तुम, अपने भीतर ईश्वर की फटकार सुनोगे।

ये सब आता है ईश्वर के अनुशासन से।


जो न करो अनुभव ईश-कार्य का, तो कभी पूर्ण न किए जाओगे तुम।

जब उसे अनुभव कर पाओ, उस पर सोच पाओ कभी भी, कहीं भी,

जब चरवाहों के बगैर अपने दम पर जी पाओ,

ईश्वर के सहारे रहकर उसके कर्म देख पाओ, तभी पूरी होगी इच्छा ईश्वर की।


ईश-वचन, कार्य पर ध्यान न दिया तो वो भी ध्यान न देगा तुम पर।

जितना तुम उन्हें गंभीरता से लोगे, उतना वो प्रबुद्ध करेगा तुम्हें।


—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, जिन्हें पूर्ण बनाया जाना है उन्हें शोधन से गुजरना होगा से रूपांतरित

पिछला: 695 परीक्षाओं के प्रति पतरस का रवैया

अगला: 697 व्यवहारिक परमेश्वर में आस्था से बहुत लाभ हैं

परमेश्वर का आशीष आपके पास आएगा! हमसे संपर्क करने के लिए बटन पर क्लिक करके, आपको प्रभु की वापसी का शुभ समाचार मिलेगा, और 2024 में उनका स्वागत करने का अवसर मिलेगा।

संबंधित सामग्री

775 तुम्हारी पीड़ा जितनी भी हो ज़्यादा, परमेश्वर को प्रेम करने का करो प्रयास

1समझना चाहिये तुम्हें कितना बहुमूल्य है आज कार्य परमेश्वर का।जानते नहीं ये बात ज़्यादातर लोग, सोचते हैं कि पीड़ा है बेकार:अपने विश्वास के...

610 प्रभु यीशु का अनुकरण करो

1पूरा किया परमेश्वर के आदेश को यीशु ने, हर इंसान के छुटकारे के काम को,क्योंकि उसने परमेश्वर की इच्छा की परवाह की,इसमें न उसका स्वार्थ था, न...

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

WhatsApp पर हमसे संपर्क करें