अध्याय 87
तुम्हें अपनी गति को तेज़ करना चाहिए और मैं जो कराना चाहता हूँ, उसे करना चाहिए-यह तुम लोगों के लिए मेरा इरादा है। क्या ऐसा हो सकता है कि अब तक भी तुम लोगों ने मेरे वचनों का अर्थ नहीं समझा हो? क्या ऐसा हो सकता है कि तुम अभी भी मेरे इरादे को नहीं जानते हो? मैंने निरंतर स्पष्टता के साथ बात की है और अधिक से अधिक कहा है, लेकिन क्या तुम लोगों ने मेरे वचनों की थाह लेने का प्रयास नहीं किया है? शैतान, तू यह कल्पना मत कर कि तू मेरी योजना को नष्ट कर सकता है! जो लोग शैतान की सेवा करते हैं-अर्थात् जो शैतान के वंशज हैं (यह उन लोगों के बारे में है जो शैतान के कब्ज़े में हैं। इस तरह जिनके पास निश्चित रूप से शैतान का जीवन है और इसलिए वे उसके वंशज कहलाते हैं), वे मेरे पैरों पर गिरकर दया की भीख माँगते हैं, रोते हैं और अपने दाँतों को भींचते हैं। हालाँकि मैं ऐसा बेवकूफ़ी का काम नहीं करूँगा! क्या मैं शैतान को माफ़ कर सकता हूँ? क्या मैं शैतान का उद्धार कर सकता हूँ? यह असंभव होगा! मैं जो कहता हूँ, उसे करता हूँ और मैं कभी इसका अफ़सोस नहीं करूँगा!
मैं जो भी उच्चारित करता हूँ, वह उत्पन्न हो जाता है, ऐसा नहीं है क्या? हालाँकि तुम लोग लगातार मुझ पर अविश्वास करते हो, मेरे वचनों पर संदेह करते हो और सोचते हो कि मैं तुम लोगों के साथ बस मज़ाक कर रहा हूँ। यह सिर्फ हास्यास्पद ही है। मैं स्वयं परमेश्वर हूँ! क्या तुम लोग समझते हो? मैं स्वयं परमेश्वर हूँ! यदि मेरे पास कोई बुद्धि या सामर्थ्य न होती, तो क्या मैं जैसा चाहूँ वैसा कर या बोल सकता था? फिर भी तुम लोग मुझ पर अविश्वास करते हो। मैंने बार-बार इन चीजों पर जोर दिया है और मैंने इन्हें बार-बार तुम लोगों को बताया है। ऐसा क्यों है कि तुममें से अधिकांश अभी भी विश्वास नहीं करते? तुम लोगों को अभी भी संदेह क्यों हैं? तुम प्यारे जीवन के लिए अपनी स्वयं की धारणाओं से क्यों चिपकते हो? क्या वे तुम्हें बचा सकती हैं? मैं जो कहता हूँ, उसे करता हूँ। मैंने तुम लोगों को कई बार बताया है : मेरे वचनों को सच समझो और संदेह मत करो। क्या तुम लोगों ने उन्हें गंभीरता से लिया है? तुम अपने दम पर कुछ नहीं कर सकते, फिर भी मैं जो करता हूँ, तुम उस पर विश्वास भी नहीं कर पाते। ऐसे व्यक्ति के बारे में क्या कहा जा सकता है? रूख़े शब्दों में कहें तो ऐसा लगता है मानो मैंने तुम लोगों को कभी बनाया ही नहीं। दूसरे शब्दों में, तुम मेरे सेवाकर्मी होने के लिए हर तरह से अयोग्य हो। हर किसी को मेरे वचनों पर विश्वास करना चाहिए। सभी को परीक्षण से अवश्य गुज़रना चाहिए; मैं किसी को भी बच निकलने नहीं दूँगा। निस्संदेह, जो विश्वास करते हैं, वो अपवाद हैं। जो लोग मेरे वचनों पर विश्वास करते हैं, वे निश्चित रूप से मेरा आशीष प्राप्त करेंगे, जो तुम्हारे विश्वास के अनुसार तुम्हें प्रदान किया जाएगा और तुममें पूरा किया जाएगा। मेरे पहलौठे पुत्रों! अब मैं तुम लोगों को अपने सभी आशीष देना शुरू कर रहा हूँ! तुम लोग अब थोड़ा-थोड़ा करके अपनी देह के घृणित बंधनों को त्यागना प्रारंभ कर दोगे : विवाह, परिवार, भोजन करना, कपड़े पहनना, सोना और सारी प्राकृतिक विपदाएँ (हवा, धूप, वर्षा, प्रचंड झंझावात, हिमपात की विपदा और वे सभी चीज़ें जिनसे तुम नफ़रत करते हो)। तुम लोग आकाश, समय या भूगोल के प्रतिबंधों से प्रभावित हुए बिना समुद्र के पार, ज़मीन पर और हवा में यात्रा करोगे, मेरी प्रेमपूर्ण देखभाल के तहत हर चीज़ के प्रभारी होते हुए, मेरे प्रेमपूर्ण आलिंगन का जी भरकर आनंद लोगे।
कौन मेरे पहलौठे पुत्रों पर गर्व नहीं करता है, जिन्हें मैंने परिपूर्ण किया है? कौन उनके कारण मेरे नाम की स्तुति नहीं करेगा? क्यों अब मैं तुम लोगों को इतने सारे रहस्य प्रकट करना चाहता हूँ? अभी क्यों और अतीत में क्यों नहीं? यह भी अपने आप में एक रहस्य है; क्या तुम यह जानते हो? मैंने अतीत में क्यों नहीं जिक्र किया कि चीन एक ऐसा राष्ट्र है जिसे मैंने शाप दिया है? और क्यों मैंने उन लोगों के बारे में नहीं बताया जो मेरे लिए सेवा करते हैं? आज मैं तुम लोगों को यह भी बताऊँगा : आज, मेरी राय में, सब कुछ निष्पादित हो गया है और यह मैं अपने पहलौठे पुत्रों के संबंध में कह रहा हूँ (क्योंकि आज मेरे पहलौठे पुत्र मेरे साथ शासन करने आए हैं-और उन्होंने न केवल आकार लिया है, बल्कि वास्तव में मेरे साथ शासन कर रहे हैं। इस समय जिसमें भी पवित्र आत्मा कार्य करता है, वह अवश्य मेरे साथ शासन करता है-और यह अब प्रकट किया जा रहा है; बीते हुए कल और आने वाले कल नहीं।) आज मैं अपनी सामान्य मानवता के सारे रहस्यों को रोशनी में ला रहा हूँ क्योंकि जिन लोगों को मैं प्रकट करना चाहता हूँ, वे प्रकट किए जा चुके हैं और यह मेरी बुद्धि है। मेरा कार्य इस चरण तक प्रगति कर चुका है : अर्थात्, इस समय मुझे उन प्रशासनिक आदेशों की योजना को कार्यान्वित करना होगा, जिसे मैंने खासतौर पर इस समयावधि के लिए तय किया है। वैसे तो, मैं पहलौठे पुत्रों, पुत्रों, लोगों और सेवाकर्मियों को यथोचित सत्यापन प्रदान कर रहा हूँ क्योंकि मेरे पास अधिकार है और मैं न्याय करूँगा और लौह-दंड से शासन करूँगा। कौन आज्ञाकारिता के साथ मेरी सेवा न करने का साहस करता है? कौन मुझसे शिकायत करने का साहस करता है? कौन यह कहने का साहस करेगा कि मैं धार्मिकता का परमेश्वर नहीं हूँ? मुझे मालूम है, तुम लोगों की राक्षसी प्रकृति बहुत पहले ही मेरे सामने प्रकट हो चुकी है : मैं जिस किसी के प्रति भी अच्छा होता हूँ, तुम लोग उससे ईर्ष्या और नफ़रत करते हो। यह पूरी तरह से शैतान की प्रकृति है! मैं अपने पुत्रों के प्रति अच्छा हूँ; क्या तुम यह कहने का साहस करोगे कि मैं अधार्मिक हूँ? मैं तुम्हें लात मारकर बिलकुल बाहर निकाल सकता हूँ। सौभाग्य से तुम मेरे लिए सेवा दे रहे हो और अभी इसका समय नहीं है; अन्यथा, मैंने तुम्हें लात मारकर बाहर निकाल दिया होता!
शैतान की किस्म! वहशी होना बंद करो! अब और कुछ मत बोलो! अब और ढोंग मत करो! मेरे चुने हुए पुत्रों और लोगों में मेरा कार्य कार्यान्वित होना शुरू हो चुका है और यह पहले से ही चीन के बाहर के सभी देशों, सभी संप्रदायों, सभी धर्मों, और जीवन के सभी क्षेत्रों में फैल रहा है। ऐसा क्यों है कि जो लोग मेरे लिए सेवा प्रदान करते हैं, वे हमेशा आध्यात्मिक रूप से अवरुद्ध होते हैं? क्यों उनमें कभी आध्यात्मिक समझ नहीं होती है? क्यों ऐसा होता है कि मेरा आत्मा इन लोगों में कभी कार्य नहीं करता है? आमतौर पर, मैं उन लोगों पर बहुत अधिक प्रयास व्यय नहीं कर सकता हूँ, जिन्हें मैंने न तो पूर्वनियत किया है न ही चयनित। मेरी पिछली सभी पीड़ाएँ, मेरी समस्त श्रमसाध्य देखभाल और कोशिशें मेरे पहलौठे पुत्रों और मेरे पुत्रों और लोगों के एक छोटे से हिस्से के लिए की गई हैं और इसके अलावा मैंने ये काम किए हैं ताकि मेरे भविष्य का कार्य बगैर अटके संपन्न हो जाए ताकि मेरी इच्छा अबाधित रहे। चूँकि मैं स्वयं बुद्धिमान परमेश्वर हूँ, इसलिए मैंने हर कदम को उचित रूप से व्यवस्थित किया है। न तो मैं किसी भी व्यक्ति को रोकने का प्रयास करता हूँ (यह उन लोगों पर निर्देशित है, जो पूर्वनियत या चयनित नहीं थे) और न ही मैं यूँ ही किसी को मार गिराता हूँ (यह चयनित और पूर्वनियत पर निर्देशित है): यह मेरा प्रशासनिक आदेश है, जिसे कोई नहीं बदल सकता है! उन लोगों के प्रति जिनसे मैं घृणा करता हूँ, मैं बहुत कठोर हूँ; जिनसे मैं प्रेम करता हूँ उनके लिए, मैं उनकी देखभाल करता हूँ और उनकी रक्षा करता हूँ। इस तरह, मैं जो कहता हूँ, उसे करता हूँ (जिन्हें मैं चुनता हूँ, वे चुने जाते हैं; जिन्हें मैं पूर्वनियत करता हूँ, वे पूर्वनियत होते हैं; ये मेरे मामले हैं, जिन्हें मेरे द्वारा सृजन के पहले व्यवस्थित किया गया है)।
मेरे हृदय को कौन परिवर्तित कर सकता है? अपनी इच्छा से बनाई गई मेरी योजनाओं के अनुसार मेरे कार्य करने के अलावा, कौन उतावलेपन से कार्य करने और मेरी आदेशों की अवज्ञा करने का साहस करेगा? ये सब मेरे प्रशासनिक आदेश हैं; कौन उनमें से एक को भी मुझसे दूर हटाने का साहस करेगा? सभी को मेरे नियंत्रण में होना चाहिए। कुछ लोग कहते हैं कि अमुक व्यक्ति ने बहुत कठिनाई झेली है और वह ईमानदार है और पूर्ण रूप से मेरे हृदय के बारे में विचारशील है। फिर भी मैंने उसे क्यों नहीं चुना? यह भी मेरा एक प्रशासनिक आदेश है। यदि मैं कहता हूँ कि कोई मेरी इच्छाओं के अनुरूप है, तो वह व्यक्ति मेरी इच्छाओं के अनुरूप है और वह है जिसे मैं प्यार करता हूँ; यदि मैं कहता हूँ कि कोई शैतान का बच्चा है, तो वह व्यक्ति वह है जिससे मैं नफ़रत करता हूँ। किसी की खुशामद मत करो। क्या तुम उस व्यक्ति की वास्तविक प्रकृति का पता लगा सकते हो? इन सभी चीजों फैसला मैं करता हूँ। एक पुत्र हमेशा एक पुत्र रहेगा और शैतान हमेशा शैतान रहेगा, अर्थात्, मनुष्य की प्रकृति नहीं बदलती है। जब तक मैं उन्हें बदल नहीं देता हूँ, तब तक सभी अपनी-अपनी किस्म का अनुसरण करेंगे और अपरिवर्तनीय हैं!
जैसे-जैसे मेरा कार्य प्रगति करता है, मैं अपने रहस्यों को तुम लोगों के सामने प्रकट करता जाता हूँ। क्या तुम लोग वास्तव में जानते हो कि किस चरण तक मेरा कार्य प्रगति कर चुका है? क्या तुम लोग वही करने के लिए जो मैं करता हूँ और वही कहने के लिए जो मैं कहता हूँ, वास्तव में मेरे आत्मा की अगुआई का अनुसरण करोगे? मैं क्यों कहता हूँ कि चीन एक ऐसा राष्ट्र है, जिसे मैंने शाप दिया है? सबसे पहले, आज चीन के जो लोग हैं, उन्हें मैंने अपनी छवि में बनाया था। उनमें कोई आत्मा नहीं था और शुरु में ही उन्हें शैतान द्वारा भष्ट कर दिया गया था और उन्हें बचाया नहीं जा सका था। इस कारण मैं इन लोगों से नाराज़ हो गया और मैंने उन्हें शाप दे दिया था। मैं इन लोगों से सबसे ज्यादा नफ़रत करता हूँ और जब उनका उल्लेख भी किया जाता है, तो मैं क्रोधित हो जाता हूँ क्योंकि वे बड़े लाल अजगर के बच्चे हैं। इससे कोई उस युग को याद कर सकता है, जिसमें दुनिया के देशों ने चीन को हड़प लिया था। यह आज के दिन तक ऐसा ही है और यह सब मेरा अभिशाप रहा है—बड़े लाल अजगर के खिलाफ़ मेरा सबसे शक्तिशाली न्याय। अंततः, मैंने एक अन्य किस्म के लोग बनाए, जिनके भीतर मैंने अपने पहलौठे पुत्रों, मेरे पुत्रों और मेरे लोगों को और उन्हें पूर्वनियत किया जो मेरी सेवा करते हैं। इसलिए आज जो मैं करता हूँ, उसकी मैंने बहुत पहले ही व्यवस्था कर ली थी। क्यों चीन में सत्ता में रहने वाले लोग तुम लोगों को बार-बार प्रताड़ित करते और सताते हैं? ऐसा इसलिए है क्योंकि बड़ा लाल अजगर मेरे अभिशाप से दुःखी है और मेरा विरोध करता है। हालाँकि यह ठीक इसी तरह के उत्पीड़न और खतरे के तहत ही है कि बड़े लाल अजगर और उसके बच्चों के खिलाफ़ मैं अपने पहलौठे पुत्रों को परिपूर्ण करता हूँ, ताकि वे एक ठोस जवाबी हमला कर सकें। बाद में मैं उन्हें व्यवस्थित कर दूँगा। अब मेरे वचनों को सुनने के बाद क्या अपने साथ शासन करने की अनुमति देने के महत्त्व को तुम लोग सच में समझते हो? उस समय जब मैं कहता हूँ कि बड़े लाल अजगर को पूरी तरह से मौत के घाट उतार दिया गया है, तो यही वह समय भी है जब मेरे पहलौठे पुत्र मेरे साथ शासन करते हैं। बड़े लाल अजगर के द्वारा पहलौठे पुत्रों का उत्पीड़न मुझे बहुत सेवा प्रदान करता है और एक बार मेरे पुत्र बड़े हो गए और मेरे घर के मामलों का प्रबंधन करने लगे, तो उन दुष्ट नौकरों (सेवाकर्मियों) को लात मारकर एक ओर कर दिया जाएगा। चूँकि मेरे साथ मेरे पहलौठे पुत्र शासन कर रहे होंगे और वे मेरी इच्छा को संतुष्ट कर चुके होंगे, मैं एक-एक करके सेवाकर्मियों को आग और गंधक की झील में झोंक दूँगा : उन्हें हर हाल में जाना होगा! मैं पूरी तरह जानता हूँ कि शैतान की किस्म के लोग भी मेरे आशीषों का आनंद लेना चाहते हैं और शैतान की सत्ता में लौटना नहीं चाहते हैं; हालाँकि मेरे अपने प्रशासनिक आदेश हैं, जिनका हर एक को पालन करना होगा और जिन्हें कार्यान्वित किया जाना चाहिए और किसी को भी छूट नहीं होगी। बाद में, मैं तुम लोगों को एक-एक करके अपने प्रशासनिक आदेश बताऊँगा, ताकि तुम लोग उन्हें न तोड़ो।