अध्याय 84

मेरे बारे में ज्ञान की कमी के कारण, मनुष्य ने अनगिनत बार मेरे प्रबंधन को बाधित और मेरी योजनाओं को कमज़ोर किया है, लेकिन वे मेरे आगे बढ़ते कदमों को रोक पाने में कभी भी समर्थ नहीं हुए। ऐसा इसलिए है क्योंकि मैं बुद्धि का परमेश्वर हूँ। मेरे साथ असीम ज्ञान है; मेरे साथ असीम और अथाह रहस्य है। मनुष्य अतिप्राचीन काल से अबतक इसकी थाह पाने और इसे पूरी तरह से समझने में कभी सक्षम नहीं रहा। क्या ऐसा नहीं है? मेरे द्वारा बोले गए प्रत्येक वचन में केवल ज्ञान ही नहीं, मेरा छिपा हुआ रहस्य भी है। मेरा सब कुछ रहस्य है; मेरा हर हिस्सा एक रहस्य है। तुमलोगों ने आज केवल रहस्य को देखा है, मतलब तुमने मेरे व्यक्तित्व को देखा है—लेकिन अभी तक भीतर छिपे इस रहस्य को सुलझाया नहीं है। केवल मेरी अगुआई का अनुसरण करके ही मनुष्य मेरे राज्य में प्रवेश कर सकते हैं; अन्यथा, वे दुनिया के साथ नष्ट हो जाएँगे और राख बन जाएँगे। मैं संपूर्ण परमेश्वर स्वयं हूँ, और स्परमेश्वर स्वयं के अलावा कुछ नहीं हूँ। पूर्व की उक्तियाँ, जैसे “परमेश्वर का प्रत्यक्षीकरण” पहले ही पुरानी पड़ चुकी हैं; वे घिसी-पिटी पुरानी बातें हैं जो अब वर्तमान में लागू नहीं होतीं। तुममें से कितने लोग इसे समझ पाए हो? कितने लोग मेरे बारे में इस हद तक निश्चित हो? सब कुछ मुझे अवश्य ही स्पष्ट रूप से समझाना और बताना है।

शैतान का राज्य नष्ट कर दिया गया है और इसके लोग जल्द ही मेरे प्रति अपनी सेवा पूरी करते हुए समाप्त कर दिए जाएंगे। उन्हें मेरे घर से एक-एक कर बाहर खदेड़ दिया जाएगा, इसका अर्थ यह है कि उन सभी लोगों के असली रंग आज दिख गए हैं जो विभिन्न भूमिकाओं का स्वांग रचते आ रहे हैं, और वे सभी लोग मेरे राज्य से अलग कर दिए जाएंगे। भूलो मत! आज से, जिन्हें मैं त्यागता हूँ, जिनमें अतीत में छोड़े गए लोग भी शामिल हैं, ये वे लोग हैं जो केवल नाटक कर रहे हैं, जो ढोंगी हैं। वे केवल मुझे दिखाने के लिए एक नाटक कर रहे थे, और नाटक खत्म हो जाने के बाद उन्हें रंगमंच अवश्य छोड़ना होगा। जो लोग सचमुच मेरे पुत्र हैं, वे मेरा प्रेम प्राप्त करने और उन आशीषों का आनंद लेने के लिए आधिकारिक तौर पर मेरे राज्य में रहेंगे, जो मैंने तुम लोगों के लिए पहले से तैयार रखे हैं! ज्येष्ठ पुत्र धन्य हैं! आज तुम लोग मेरे उपयोग के योग्य हो क्योंकि तुम लोगों ने पहले ही मेरे प्रशिक्षण को प्राप्त कर लिया है। विश्वास करो कि मैं सर्वशक्तिमान परमेश्वर हूँ। लोग जिन चीज़ों को निष्पादित नहीं कर सकते हैं, मैं बिना किसी रुकावट के उन्हें पूरा कर सकता हूँ और इसमें प्रतियोगिता के लिए बिल्कुल भी कोई जगह नहीं है। ऐसा मत सोचो कि तुम लोग कुछ नहीं कर सकते हो और तुम मेरे ज्येष्ठ पुत्र बनने के योग्य नहीं हो। तुम पूर्णतः योग्य हो! ऐसा इसलिए है क्योंकि सभी चीज़ें कार्यान्वित होने के लिए मुझपर निर्भर हैं, वे सभी निष्पादित होने के लिए मुझपर भरोसा करती हैं। अभी ऐसा महसूस क्यों करते हो कि तुम लोग ऐसी क़द-काठी के हो? ऐसा केवल इसलिए है कि मेरे द्वारा तुम सभी का उपयोग करने का समय वास्तव में नहीं आया है। बड़ी प्रतिभाओं का तुच्छ उद्देश्यों के लिए उपयोग नहीं किया जा सकता; क्या तुमलोग समझते हो? क्या तुम लोग पूरे ब्रह्माण्ड की दुनिया में से केवल एक छोटे-से चीन तक ही सीमित हो? अर्थात, पूरे ब्रह्माण्ड की दुनिया के सभी लोग तुम्हारी चरवाही और अगुआई के लिए तुमलोगों को दिए जाएँगे, क्योंकि तुम लोग ज्येष्ठ पुत्र हो और भाइयों की अगुआई करना ऐसा कर्तव्य है जिसे तुम लोगों को पूरा करना चाहिए। इसे जान लो! मैं ही सर्वशक्तिमान परमेश्वर हूँ! मैं एक बार पुनः इस बात पर ज़ोर देता हूँ कि मैं तुमलोगों को आनंद लेने की अनुमति दे रहा हूँ। मैं ही वह हूँ जो कार्य कर रहा है—पवित्र आत्मा हर जगह कार्य कर रहा है और व्यक्तिगत रूप से अगुआई कर रहा है।

लोग अतीत में मेरे द्वारा उद्धार को समझ नहीं पाए थे—क्या अब तुम समझते हो? मेरे उद्धार के कई पहलू हैं : उनमें से एक यह है कि कुछ लोगों के लिए मेरा उद्धार बिल्कुल भी पूर्वनियत नहीं है, जिसका अर्थ है कि वे मेरे अनुग्रह का आनंद बिल्कुल नहीं ले सकते; दूसरा पहलू है कि कुछ लोग ऐसे हैं जो आरंभ में पूर्वनियत किए जाते हैं, जो एक समयाविधि तक मेरे अनुग्रह का आनंद लेते हैं लेकिन जिन्हें मेरे द्वारा पूर्वनिश्चित कुछ समय बाद, हटा दिया जाएगा, और फिर उनके जीवन पूरी तरह समाप्त हो जाएँगे; एक और भी पहलू है कि ऐसे लोग हैं जिन्हें मैंने पूर्वनियत किया और चुना है, जो अनंत आशीषों का आनंद लेते हैं; वे शुरू से लेकर अंत तक मेरे अनुग्रह का आनंद लेते हैं, जिनमें मुझे स्वीकार करने से पहले और उसके बाद उनके द्वारा भुगती गई कठिनाइयाँ और साथ ही मुझे स्वीकार करने के बाद उन्हें प्राप्त प्रबुद्धता और रोशनी शामिल हैं। तब से, वे आशीषों का आनंद लेना शुरू कर देंगे, अर्थात, ये वे लोग हैं जिन्हें मैं पूरी तरह से बचाता हूँ। यह मेरे महान कार्य के पूर्ण होने की सबसे स्पष्ट अभिव्यक्ति है। तब फिर, आशीष का अर्थ क्या है? मैं पूछना चाहूँगा, तुमलोग सबसे ज्यादा क्या करना चाहते हो? तुम लोग सबसे ज्यादा किससे नफ़रत करते हो? तुम लोग सबसे अधिक क्या पाने की आशा करते हो? केवल मुझे पाने के वास्ते, और अपने जीवन को विकसित करने के लिए, तुमलोगों ने अतीत में कष्ट और कठिनाइयाँ झेली हैं; ये अनुग्रह के ही हिस्से हैं। “आशीषों” का अर्थ है कि जिन चीज़ों से तुम लोग घृणा करते हो वे भविष्य में तुम लोगों के साथ अब और नहीं होंगी, जिसका अर्थ है कि ये चीज़ें तुम्हारे वास्तविक जीवन में अब और मौजूद नहीं रहेंगी; वे तुम्हारी आँखों के सामने पूरी तरह से हटा दिए जा चुके होंगे। परिवार, कार्य, पत्नी, पति, बच्चे, मित्र और रिश्तेदार, और यहाँ तक कि दिन में तीन बार का भोजन भी जिससे तुम नफ़रत करते हो, समाप्त हो जाएँगे। (इसका अर्थ है समय के द्वारा सीमित नहीं होना और देह से पूरी तरह निकल जाना। केवल तुम्हारी तुष्ट आत्मा ही तुम्हारे शरीर को बनाए रख सकती है। मैं तुम्हारे शरीर की बात कर रहा, न कि देह की। तुम पूरी तरह से मुक्त और ज्ञानातीत हो जाओगे। संसार के सृजन से लेकर अबतक, परमेश्वर द्वारा व्यक्त किया गया यह सबसे महान और सबसे स्पष्ट चमत्कार है।) तुमलोगों के शरीर से मिट्टी के सारे कण हटा दिए जाएँगे और तुमलोग पूरी तरह से आध्यात्मिक शरीर बन जाओगे जो पवित्र और निष्कलंक है, और पूरे ब्रह्मांड और पृथ्वी के छोरों तक यात्रा करने में समर्थ है। तब से आगे उन सभी कष्टप्रद धुलाई और रगड़ाई से भी मुक्ति मिल जाएगी और, तुम लोग पूरा आनंद उठाओगे। उसके बाद से, तुमलोग विवाह के बारे में नहीं सोचोगे (क्योंकि मैं एक युग को समाप्त कर रहा हूँ, संसार का सृजन नहीं कर रहा), और अब वे प्रसव-पीड़ाएँ नहीं होंगी जो महिलाओं के लिए अत्यंत यातनापूर्ण हैं। न ही तुम लोग भविष्य में अब और काम या परिश्रम करोगे। तुम लोग पूरी तरह से मेरे प्रेमालिंगन में डूब जाओगे और उन आशीषों का आनंद उठाओगे जो मैंने तुम्हें दिए हैं। यह पूर्ण सत्य है। जब तुम लोग इन आशीषों का आनंद ले रहे होगे, अनुग्रह तुम लोगों को मिलता रहेगा। वे सारी चीजें जो मैंने तुम लोगों के लिए तैयार की हैं—अर्थात, दुनिया भर के दुर्लभ और अनमोल ख़जाने—तुम्हें दी जाएँगी। वर्तमान में तुमलोग इनके बारे में अनुमान या कल्पना भी नहीं कर सकते हो, और किसी भी मनुष्य ने इससे पहले इनका आनंद नहीं लिया है। जब ये आशीष तुमलोगों को प्राप्त होंगे, तो तुमलोग एक अंतहीन हर्षोन्माद की स्थिति में होगे, किन्तु यह न भूलना कि ये सब मेरी सामर्थ्य, मेरे कार्यकलाप, मेरी धार्मिकता और उनसे भी बढ़कर, मेरे प्रताप से हैं। (मैं उनलोगों के प्रति अनुग्रहशील रहूँगा जिन्हें मैं अपने अनुग्रह के लिए चुनता हूँ, और मैं उनलोगों के प्रति दयालु रहूँगा जिन्हें मैं अपनी दया के लिए चुनता हूँ।) उस समय तुमलोगों के कोई माता-पिता नहीं होंगे, और कोई रक्त-संबंधी नहीं होंगे। मेरे प्यारे पुत्रो, तुम सब वे लोग हो जिनसे मैं प्रेम करता हूँ। तब से कोई भी तुम लोगों को सताने का साहस नहीं करेगा। यह तुम लोगों के लिए वयस्क बनने का समय होगा, और राष्ट्रों पर एक लौह दण्ड के साथ शासन करने का समय होगा। कौन मेरे प्यारे पुत्रों को रोकने का साहस करता है? कौन मेरे प्यारे पुत्रों पर हमला करने का साहस करता है? वे सभी मेरे प्रिय पुत्रों का आदर करेंगे क्योंकि परमपिता ने महिमा प्राप्त की है। वे सभी चीज़ें जिनकी कभी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था, तुम लोगों की आँखों के सामने दिखाई देंगी। वे असीम, अक्षय और अंतहीन होंगी। शीघ्र ही, निश्चय ही तुम लोगों को धूप से झुलसने और अति कष्टदायी गर्मी को सहने की अब और आवश्यकता नहीं होगी। न तो तुम लोगों को सर्दी झेलनी पड़ेगी, और न ही वर्षा, बर्फ या हवाएँ तुम लोगों तक पहुँच पाएँगी। ऐसा इसलिए है क्योंकि मैं तुम लोगों से प्रेम करता हूँ, और यह पूरी तरह से मेरे प्रेम की दुनिया होगी। मैं तुम लोगों को वह सबकुछ दूँगा जो तुम लोग चाहते हो, और मैं उस हर चीज़ को तैयार कर दूँगा जिसकी तुम लोगों को आवश्यकता है। कौन यह कहने की हिम्मत करता है कि मैं धार्मिक नहीं हूँ? मैं तुझे फ़ौरन मार डालूँगा, क्योंकि मैं पहले ही कह चुका हूँ कि मेरा कोप (दुष्ट लोगों के खिलाफ़) अनंत काल तक चलेगा, और मैं ज़रा-सी भी नरमी नहीं दिखाऊँगा। हालाँकि, मेरा प्रेम (मेरे प्रिय पुत्रों के लिए) भी अनंत काल तक चलेगा; मैं इसे ज़रा-सा भी रोक कर नहीं रखूँगा।

आज, जो लोग मेरे वचनों को न्याय के रूप में सुनते हैं वे सही स्थिति में नहीं हैं, लेकिन जबतक उन्हें इसका पता चलता है, पवित्र आत्मा उन्हें पहले ही त्याग चुका होता है। ज्येष्ठ पुत्रों को पूरे ब्रह्मांडीय जगत में तुम सभी लोगों के बीच से चुना जाता है, जबकि पुत्र और मेरे लोग मिलकर तुमलोगों का एक छोटा-सा हिस्सा ही हैं। मेरा जोर पूरे ब्रह्मांडीय जगत पर है, जिसका अर्थ है कि पुत्रों और लोगों को दुनिया के सभी राष्ट्रों में से चुना जाता है। क्या तुमलोग समझते हो? मैं क्यों इस बात पर जोर देता रहता हूँ कि ज्येष्ठ पुत्रों को जल्दी बड़ा हो जाना चाहिए और उन विदेशियों की अगुआई के लिए निकल जाना चाहिए? क्या तुमलोग मेरे वचनों के सही अर्थ को समझते हो? ऐसा इसलिए है क्योंकि चीन एक ऐसा राष्ट्र है जिसे मैंने शाप दिया है, उसने मुझे सबसे ज्यादा उत्पीड़ित किया है, और मैं इससे सबसे अधिक घृणा करता हूँ। तुम लोगों को यह अवश्य पता होना चाहिए कि मैं और मेरे ज्येष्ठ पुत्र स्वर्ग से आते हैं और हमलोग सार्वभौमिक हैं। हम किसी एक देश के नहीं हैं। मानवीय अवधारणाओं से चिपके रहना छोड़ो! ऐसा इसलिए है क्योंकि मैंने तुम लोगों को अपना व्यक्तित्व दिखा दिया है। सब कुछ मुझ पर निर्भर है। क्या तुम्हें मेरे वचन याद हैं? मैं क्यों ऐसा कहता हूँ कि तुमलोगों के बीच बहुत ही कम लोग हैं और आबादी उत्तरोत्तर अधिक परिष्कृत हो गई है। ऐसा इसलिए है क्योंकि मेरे द्वारा उद्धार क्रमशः ब्रह्माण्डीय दुनिया की ओर मुड़ रहा है। जिन लोगों को बाहर निकाल दिया गया है, जिन्होंने मेरे नाम को स्वीकार कर लिया है, ये सभी वे लोग हैं जिन्होंने मेरे ज्येष्ठ पुत्रों को सिद्ध बनाने के लिए सेवा की थी। क्या तुम समझते हो? मैं क्यों कहता हूँ कि ये सभी वे लोग हैं जिन्होंने मेरे पुत्रों के लिए सेवा की है? अब तुम वाकई समझते हो, है ना? उनकी संख्या वास्तव में बहुत कम है, वे निश्चित रूप से बहुत थोड़े से हैं, हालाँकि उनलोगों ने मेरे पुत्रों की वजह से काफी लाभ पाया है और मेरे बहुत अनुग्रह का आनंद लिया है—और इसीलिए मैंने कहा कि मैं अंतिम बार मानवजाति को बचा रहा हूँ। अब तुमलोग मेरे वचनों के सही अर्थ को जानते हो! जो कोई भी मेरा विरोध करेगा, उसे मैं कठोरतापूर्वक ताड़ना दूँगा, और जो भी मेरा समर्थन करेगा, मैं अपना चेहरा उसकी ओर मोड़ लूँगा, क्योंकि मैं हमेशा, शुरू से अंत तक, प्रतापी और धार्मिक परमेश्वर रहा हूँ, और तुमलोगों के सामने सब कुछ प्रकट कर दिया जाएगा। अद्भुत तरीकों से मैं तेज़ी से कार्य करता हूँ, और शीघ्र ही, मनुष्य के लिए अकल्पनीय, आश्चर्यजनक चीज़ें घटित होंगी। यकीनन, मेरा तात्पर्य फौरन और तुरंत से है, क्या तुम लोग समझते हो? अविलंब जीवन में प्रवेश करने की कोशिश करो! मेरे प्यारे पुत्रो, यहाँ सभी चीज़ें तुम्हारे लिए हैं, और सभी चीजों का अस्तित्व तुम्हारे लिए है।

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