अध्याय 8
जब से सर्वशक्तिमान परमेश्वर—राज्य के राजा—की गवाही दी गई है, तब से पूरे ब्रह्मांड में परमेश्वर के प्रबंधन का दायरा पूरी तरह खुलकर सामने आ गया है। परमेश्वर के प्रकटन की गवाही न केवल चीन में दी गई है, बल्कि सभी राष्ट्रों और सभी स्थानों में सर्वशक्तिमान परमेश्वर के नाम की गवाही दी गई है। वे सभी इस पवित्र नाम को पुकार रहे हैं, किसी भी तरह से परमेश्वर के साथ सहभागिता करने का प्रयास कर रहे हैं, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की इच्छा को समझ रहे हैं और कलीसिया में मिल कर सेवा कर रहे हैं। पवित्र आत्मा इसी अद्भुत तरीके से काम करता है।
विभिन्न राष्ट्रों की भाषाएँ एक दूसरे से अलग हैं लेकिन आत्मा एक ही है। यह आत्मा संसार भर की कलीसियाओं को जोड़ता है और बिना किसी भेदभाव के, परमेश्वर के साथ एक है, और इसमें कोई शक नहीं है। पवित्र आत्मा अब उन्हें पुकारता है और उसकी वाणी उन्हें जगाती है। यह परमेश्वर की दया की वाणी है। वे सब सर्वशक्तिमान परमेश्वर के पवित्र नाम को पुकार रहे हैं! वे स्तुति भी करते हैं और गाते भी हैं। पवित्र आत्मा के कार्य में कभी भी कोई चूक नहीं हो सकती; और सही मार्ग पर आगे बढ़ने के लिए ये लोग किसी भी हद तक जाते हैं, वे पीछे नहीं हटते हैं—चमत्कारों पर चमत्कार होते रहते हैं। लोगों के लिए इसकी कल्पना करना भी मुश्किल होता है और इसका अनुमान लगाना उन्हें असंभव लगता है।
सर्वशक्तिमान परमेश्वर सारे ब्रह्मांड में जीवन का राजा है! वह महिमामय सिंहासन पर बैठता है और दुनिया का न्याय करता है, सभी पर वर्चस्व रखता है, और सभी राष्ट्रों पर शासन करता है; सभी लोग उसके सामने घुटने टेकते हैं, उससे प्रार्थना करते हैं, उसके करीब आते हैं और उसके साथ संवाद करते हैं। चाहे तुमने परमेश्वर में कितने भी लम्बे समय से विश्वास रखा हो, चाहे तुम्हारा रुतबा कितना भी ऊंचा हो या तुम्हारी वरिष्ठता कितनी भी अधिक हो, यदि तुम अपने दिल में परमेश्वर का विरोध करते हो तो तुम्हारा न्याय किया जाना चाहिए और तुम्हें परमेश्वर के सामने दंडवत होकर दर्द भरा अनुनय-विनय करना चाहिए; यह वास्तव में तुम्हारा अपने कर्मों के फल को भुगतना है। यह विलाप का स्वर अग्नि और गंध की झील में पीड़ा सहने का स्वर है, और यह परमेश्वर की लोहे की छड़ी से प्रताड़ित होने का क्रंदन है; यह मसीह के आसन के सामने किया गया न्याय है।
कुछ लोग डरते हैं, कुछ अपराधबोध-ग्रस्त महसूस करते हैं, कुछ सतर्क होते हैं, कुछ लोग सावधानीपूर्वक सुनने पर ध्यान देते हैं, कुछ को अत्यधिक पछतावा महसूस होता है और वे पश्चाताप करते हैं और नई शुरुआत करते हैं, कुछ दर्द में फूट-फूटकर रोते हैं, कुछ लोग सबकुछ त्याग देते हैं और बेतहाशा खोज करते हैं, कुछ लोग खुद की जाँच करते हैं और आगे अंधाधुंध ढंग से काम करने की हिम्मत नहीं करते, कुछ परमेश्वर के करीब आने की कोशिश करते हैं, कुछ अपने विवेक की जाँच करते हैं, और पूछते हैं कि उनका जीवन प्रगति क्यों नहीं कर सकता। कुछ लोग दुविधा में ही रहते हैं, कुछ अपने पैरों की बेड़ियों को खोलकर, साहसपूर्वक आगे बढ़ते हैं, वे मूल बात को समझ लेते हैं और अपने जीवन की देखभाल करने में कोई समय नहीं खोते। कुछ अभी भी संशय करते हैं और अपने दर्शन में अस्पष्ट हैं, और वे जो बोझ उठाते और अपने दिल पर ढोते हैं वह वास्तव में भारी होता है।
यदि तुम्हारा मन स्पष्ट नहीं है, तो पवित्र आत्मा के पास तुम्हारे अन्दर कार्य करने का कोई तरीक़ा नहीं होगा। तुम जिस पर अपना ध्यान केंद्रित करते हो, जिस मार्ग पर चलते हो और तुम्हारा दिल जिसकी लालसा करता है, वह सब तुम्हारी धारणाओं और तुम्हारी आत्म-तुष्टि से भरा होता है! मैं अधीरता में झुलसता हूँ—काश मैं तुम सभी को तुरंत पूर्ण कर सकता ताकि तुम जल्दी ही मेरे द्वारा प्रयुक्त किए जाने योग्य बन सको, और मेरे भारी बोझ को हल्का कर सको। लेकिन तुम सभी को इस तरह देखकर, मुझे इस प्रकार से तेज़ी से परिणाम हासिल नहीं होंगे। मैं केवल धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा कर सकता हूँ, धीरे-धीरे चल सकता हूँ और धीरे-धीरे सहारा देकर तुम्हारा नेतृत्व कर सकता हूँ। आह, तुम लोगों को अपना दिमाग स्पष्ट करना चाहिए! क्या छोड़ देना चाहिए, तुम्हारे ख़जाने क्या हैं? तुम्हारी घातक कमज़ोरियाँ क्या हैं, तुम्हारी बाधाएँ क्या हैं, इन प्रश्नों पर अपनी आत्मा में विचार करो और मेरे साथ सहभागिता करो। मैं चाहता हूँ कि तुम सब अपने दिलों में ख़ामोशी से मेरी ओर देखो; मैं तुम लोगों की कोरी बातें नहीं चाहता। तुममें से जो सच्चाई से मेरे सामने खोजते हैं, मैं उनके लिए सब कुछ प्रकट कर दूँगा। मेरी गति तेज़ होती जाती है; यदि तुम्हारा दिल मेरा आदर करता है और तुम हर समय अनुपालन करते हो, तो मेरी इच्छा तुम्हें प्रेरणा के माध्यम से किसी भी समय प्रदान की जा सकती है और तुम्हारे लिए प्रकट की जा सकती है। जो लोग प्रतीक्षा करने पर ध्यान देते हैं, वे पोषण पाएँगे और आगे बढ़ेंगे। जो लोग विचारशून्य हैं, उनके लिए मेरे दिल को समझना मुश्किल होगा, और वे एक बंद रास्ते पर निकल पड़ेंगे।
मैं चाहता हूँ कि तुम सब जल्दी से उठ जाओ और मेरे साथ सहयोग करो, और सिर्फ़ एक दिन और एक रात के लिए नहीं बल्कि हमेशा के लिए मेरे करीब हो जाओ। मेरा हाथ हमेशा तुम सभी को आगे खींचता रहे और तुम सब को प्रेरणा देता रहे, तुम लोगों को आगे धकेलता रहे, तुम सभी को आगे बढ़ने के लिए मनाता रहे और आग्रह करता रहे! तुम लोग तो मेरी इच्छा को समझ ही नहीं पाते हो। तुम्हारी अपनी धारणाओं की और सांसारिक उलझनों की बाधाएँ बहुत गंभीर हैं, और तुम मेरे साथ गहरी निकटता पाने में असमर्थ हो। स्पष्ट कहूँ तो, तुम मेरे पास तभी आते हो जब तुम्हारे पास कोई समस्या होती है, लेकिन जब कोई समस्या नहीं होती तो तुम्हारे दिल परेशान हो जाते हैं। तुम्हारे दिल एक खुले बाज़ार की तरह बन जाते हैं और शैतानी स्वभाव से भर जाते हैं; वे सांसारिक चीज़ों में व्यस्त रहते हैं और तुम नहीं जान पाते कि मेरे साथ सहभागिता कैसे करनी है। मैं तुम लोगों के बारे में चिंता कैसे न करूँ? लेकिन चिंता करने से कोई बात नहीं बनेगी। समय निकला जा रहा है और कार्य बहुत कठिन है। मेरे कदम बहुत तेज़ी से आगे बढ़ते हैं; तुम लोगों को अपना सब कुछ मजबूती से थामे रखना होगा, हर पल मेरी ओर देखो, और मेरे साथ घनिष्ठता से सहभागिता करो। तब निश्चित रूप से मेरी इच्छा किसी भी समय तुम्हारे सामने प्रकट की जाएगी। जब तुम सभी मेरे दिल को समझ लेते हो, तो तुम्हारे पास आगे बढ़ने का तरीक़ा होता है। तुम्हें अब और संकोच नहीं करना चाहिए। मेरे साथ सच्ची सहभागिता करो, और धोखा देने या चालाक बनने की कोशिश मत करो; यह केवल खुद को धोखा देना होगा और मसीह के आसन के सामने यह किसी भी क्षण प्रकट हो जाएगा। खरे सोने को आग में परखे जाने का भय नहीं होता—यह सच्चाई है! कोई हिचकिचाहट मत रखो, निराश या दुर्बल मत बनो। अपनी आत्मा में सीधे मेरे साथ अधिक सहभागिता करो, धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा करो और मैं निश्चित रूप से अपने समय के अनुसार तुम्हारे सामने प्रकट हूँगा। तुम्हें, पूरी तरह से ध्यान रखना होगा और मेरे प्रयासों को तुम पर बर्बाद नहीं होने देना है; और एक पल को भी खोना नहीं। जब तुम्हारा दिल मेरे साथ निरंतर सहभागिता में रहता है, जब तुम्हारा दिल लगातार मेरे सामने रहता है, तो कोई भी व्यक्ति, कोई भी घटना, कोई भी बात, कोई पति, बेटा या बेटी तुम्हारे दिल में मेरे साथ सहभागिता करने में विघ्न नहीं डाल सकते। जब तुम्हारा दिल पवित्र आत्मा द्वारा लगातार प्रतिबंधित किया जाएगा और जब तुम हर पल मेरे साथ सहभागिता करोगे, तो मेरी इच्छा निश्चित रूप से तुम्हारे लिए प्रकट की जाएगी। जब तुम लगातार इस तरह से मेरे करीब आते हो, चाहे तुम्हारा परिवेश कैसा भी हो या तुम्हें किसी भी व्यक्ति, घटना या चीज़ का सामना करना पड़े, तुम भ्रमित नहीं होगे बल्कि तुम्हारे पास आगे बढ़ने का एक मार्ग होगा।
यदि आम तौर पर तुम बड़े या छोटे मामलों में कुछ भी गड़बड़ी नहीं करते हो, यदि तुम्हारी हर सोच और विचार शुद्ध है, और यदि तुम अपनी आत्मा में शांत हो, तो जब भी तुम्हारे सामने कोई समस्या आएगी तो मेरे वचन तुम्हारे भीतर तुरंत प्रेरित होंगे, एक उज्ज्वल दर्पण की तरह, जिसमें तुम स्वयं को जाँच सको, और तब तुम्हारे पास आगे बढ़ने का एक मार्ग होगा। इसे सही बीमारी के लिए सही दवा लेना कहते हैं! और स्थिति निश्चित रूप से ठीक हो जाएगी—ऐसी है परमेश्वर की सर्वशक्तिमत्ता। मैं निश्चित रूप से उन सभी को प्रकाशित और प्रबुद्ध कर दूँगा जो धार्मिकता के लिए भूखे और प्यासे हैं और जो सच्ची निष्ठा से खोज करते हैं। मैं तुम सभी को आध्यात्मिक क्षेत्र के रहस्य और आगे का मार्ग दिखाऊँगा, जिससे तुम जितनी जल्दी हो सके अपने पुराने भ्रष्ट स्वभाव को दूर कर सको, ताकि तुम जीवन की परिपक्वता को प्राप्त कर सको और मेरे उपयुक्त बन सको, और सुसमाचार का काम तेज़ी से और बिना किसी बाधा के आगे बढ़ सके। तभी मेरी इच्छा संतुष्ट होगी, तभी परमेश्वर की छः हजार साल की प्रबंधन योजना, कम से कम समय में पूरी होगी। परमेश्वर राज्य को हासिल करेगा और नीचे पृथ्वी पर आ जाएगा, और हम एक साथ महिमा में प्रवेश करेंगे!