48 कितना प्यारा है कलीसियाई जीवन

1

देहधारी सर्वशक्तिमान परमेश्वर, ऊँचे स्वर में तेरा स्तुतिगान करें हम।

तू ही है जो हमें सिंहासन के सामने लाया है इस भोज में शामिल कराने।

तेरे वचनों से सिंचित होते हम, आनंद लें तेरे प्रेम का।

हर दिन तेरी मौजूदगी में रहना, हमारे दिलों में भरता ऐसी मधुरता।

तेरे कथन हमें नया जीवन जीने ले जाते हैं।

तेरे वचनों का अभ्यास और अनुभव करते हुए, हम देखते हैं, सत्य कितना परम कीमती है।

यह समझकर अब हम धार्मिक नियमों से बँधे नहीं हैं।

कितना प्यारा है कलीसियाई जीवन, हम हमेशा परमेश्वर की स्तुति करेंगे।


2

परमेश्वर के न्याय से गुजरना सच में हमारे लिए गौरव की बात है।

उसके वचनों के न्याय को स्वीकार करके, हम स्पष्ट रूप से देख सकते हैं कि हम कितने ज्यादा भ्रष्ट हैं।

दुख के माध्यम से परिष्कृत होने के बावजूद हम अपने शैतानी स्वभाव से मुक्त हो गए हैं।

हम सत्य-वास्तविकता में प्रवेश करते हैं, और परमेश्वर के आशीष देखते हैं।

न्याय होता हमारा, पाते हम सत्य, और अब हमारे पास है एक नया जीवन।

अपने भ्रष्टाचार को दूर करके, हमने पुनर्जन्म लिया है, और परमेश्वर के प्रेम की पूरी वास्तविकता का स्वाद लिया है।

सत्य प्राप्त करना हमें मुक्त कर देता है और हमें हार्दिक आनंद देता है।

कितना प्यारा है कलीसियाई जीवन, हम हमेशा परमेश्वर की स्तुति करेंगे।


3

हम भाई-बहन सौहार्दपूर्वक समन्वय करते हैं, परमेश्वर के वचनों के भीतर जीते हैं।

हम एक-दूसरे को प्रेम करते, सहारा देते हैं, और हमारे दिल मानो एक हैं।

हम सत्य का अभ्यास करते हैं, शुद्ध और सच्चे हैं, ईमानदार बनने की कोशिश करते हैं।

बिना किसी छल या माँग के, बस परमेश्वर से प्रेम करते हैं।

हम भाई-बहन परमेश्वर की गवाही देने के लिए संग-संग काम करते हैं,

राज्य का सुसमाचार फैलाने के लिए अपना सर्वस्व देते हैं,

परमेश्वर की इच्छा पूरी करने के लिए दिलो-जान से अपने फर्ज निभाते हैं।

कितना प्यारा है कलीसियाई जीवन, हम हमेशा परमेश्वर की स्तुति करेंगे।


4

परमेश्वर का न्याय है आशीष, वो हमें शुद्ध करता है।

परमेश्वर के वचन हैं सत्य, वे हमारा जीवन बन गए हैं।

आत्मा में और ईमानदारी से हम परमेश्वर की आराधना करते हैं, प्रकाश में जीते हैं।

मसीह का राज्य है हमारा सुंदर घर।

कलीसियाई जीवन जीते हुए हम अतुलनीय रूप से खुश हैं।

परमेश्वर का साथ और मार्गदर्शन पाना सबसे बड़े आशीष है।

उससे ईमानदारी से प्रेम करके, और उसकी प्रशंसा पाकर, सबसे खुशहाल जीवन जीते हम।

कितना प्यारा है कलीसियाई जीवन, हम हमेशा परमेश्वर की स्तुति करेंगे।

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