838 हर किसी के पास पूर्ण किये जाने का अवसर है
1 प्रत्येक व्यक्ति के पास सिद्ध किये जाने का एक अवसर है: बशर्ते कि तुम तैयार हो, बशर्ते कि तुम खोज करते हो, तो अन्त में तुम प्रभावों को प्राप्त करने में समर्थ होगे, और तुम में से किसी एक को भी त्यागा नहीं जाएगा। यदि तुम निम्न क्षमता वाले हो, तो तुम से मेरी अपेक्षाएँ तुम्हारी निम्न क्षमता के अनुसार होंगी; यदि तुम उच्च क्षमता वाले हो, तो तुम से मेरी अपेक्षाएँ तुम्हारी उच्च क्षमता के अनुसार होंगी; यदि तुम अज्ञानी और निरक्षर हो, तो तुम से मेरी अपेक्षाएँ तुम्हारी निरक्षरता के स्तर के अनुसार होंगी; यदि तुम साक्षर हो, तो तुम से मेरी अपेक्षाएं तुम्हारी साक्षरता के स्तर के अनुसार होंगी; यदि तुम बुज़ुर्ग हो, तो तुम से मेरी अपेक्षाएँ तुम्हारी उम्र के अनुसार होंगी; यदि तुम आतिथ्य प्रदान करने में सक्षम हो, तो तुम से मेरी अपेक्षाएँ इसके अनुसार होंगी; यदि तुम कहते हो कि तुम आतिथ्य प्रदान नहीं कर सकते हो, और केवल कुछ निश्चित कार्य ही कर सकते हो, चाहे यह सुसमाचार फैलाने का कार्य हो, या कलीसिया की देखरेख करने का कार्य हो, या अन्य सामान्य मामलों में शामिल होने का कार्य हो, तो मेरे द्वारा तुम्हारी सिद्धता भी उस कार्य के अनुसार होगी जो तुम करते हो।
2 वफादार होना, बिल्कुल अन्त तक आज्ञापालन करना, और परमेश्वर से सर्वोच्च प्रेम करने की खोज करना—यह तुम्हें अवश्य पूरा करना चाहिए, और इन तीन चीज़ों की अपेक्षा अन्य कोई बेहतर अभ्यास नहीं है। अन्ततः, मनुष्य से अपेक्षा की जाती है कि वह इन तीन चीज़ों को प्राप्त करे, और यदि वह इन्हें प्राप्त कर सकता है तो उसे सिद्ध बनाया जाएगा। किन्तु, इन सबसे ऊपर, तुम्हें सचमुच में खोज करनी होगी, तुम्हें सक्रियता से आगे और ऊपर की ओर बढ़ते जाना होगा, उसके प्रति निष्क्रिय नहीं होना होगा। मैं कह चुका हूँ कि प्रत्येक व्यक्ति के पास सिद्ध बनाए जाने का अवसर है, और प्रत्येक व्यक्ति सिद्ध बनाए जाने में सक्षम है, और यह मायने रखता है, किन्तु यदि तुम अपनी खोज में बेहतर होने की कोशिश नहीं करते हो, यदि तुम इन तीनों मापदंडों को प्राप्त नहीं करते हो, तो अन्त में तुम्हें अवश्य निष्कासित कर दिया जाना चाहिए।
— "वचन देह में प्रकट होता है" में "मनुष्य के सामान्य जीवन को पुनःस्थापित करना और उसे एक अद्भुत मंज़िल पर ले जाना" से रूपांतरित