375 क्या तुम सच में परमेश्वर की प्रजा में शामिल होने के योग्य हो?

1 मैं संपूर्ण मानवजाति की भ्रष्टता से घृणा करता हूँ, परंतु मैं उनकी कमज़ोरी पर दया महसूस करता हूँ। मैं भी संपूर्ण मानवजाति की पुरानी प्रकृति के साथ व्यवहार कर रहा हूँ। चीन में मेरे लोगों में से एक के रूप में, क्या तुम लोग भी मानवजाति का एक हिस्सा नहीं हो? मेरे सभी लोगों में से और सभी पुत्रों में से, अर्थात् उन लोगों में से जिन्हें मैंने संपूर्ण मानवजाति में से चुना है, तुम लोग निम्नतम समूह से संबंध रखते हो। इस कारण से, मैंने तुम लोगों पर सबसे अधिक ऊर्जा, सबसे अधिक प्रयास लगाए हैं। क्या तुम लोग आज भी उस धन्य जीवन को मन में नहीं सँजोते हो, जिसका तुम आनंद लेते हो? क्या तुम लोग अभी भी अपने हृदयों को मेरे विरुद्ध विद्रोह करने के लिए दृढ़ बना रहे हो और अपने ही मंसूबे पाले हुए हो?

2 यदि निरंतर मेरी दया और प्रेम न होता, तो संपूर्ण मानवजाति काफी समय पहले शैतान की कैद में चली गई होती और उसके मुँह का "स्वादिष्ट निवाला" बन गई होती। आज, सभी लोगों के बीच, जो मेरे लिए सचमुच में अपने आप को खपाते हैं और सचमुच में मुझसे प्रेम करते हैं, वे अभी भी इतने दुर्लभ हैं कि एक हाथ की अँगुलियों पर गिने जा सकते हैं। आज, क्या "मेरे लोग" की उपाधि तुम लोगों की निजी संपत्ति बन सकती है? क्या तुम्हारा विवेक बर्फ-के-समान ठंडा हो गया है? क्या तुम सच में परमेश्वर के लोग बनने के योग्य हो, जिनकी मैं अपेक्षा करता हूँ? अतीत के बारे में विचार करो और फिर आज को देखो, तुममें से किसने मेरे हृदय को संतुष्ट किया है? तुम में से किसने मेरे इरादों के लिए असली चिंता दर्शाई है? यदि मैंने तुम लोगों को प्रेरित नहीं किया होता, तो तुम अभी भी जागृत नहीं होते, बल्कि ऐसे रहे होते मानो जमे हुए हो और फिर मानो शीतनिद्रा में हो।

—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, संपूर्ण ब्रह्मांड के लिए परमेश्वर के वचन, अध्याय 13 से रूपांतरित

पिछला: 374 क्या तुमने अभी तक परमेश्वर से कुछ ख़ास हासिल नहीं किया है?

अगला: 376 जो परमेश्वर के प्रति अवज्ञाकारी हैं, वे उससे विश्वासघात करते हैं

परमेश्वर का आशीष आपके पास आएगा! हमसे संपर्क करने के लिए बटन पर क्लिक करके, आपको प्रभु की वापसी का शुभ समाचार मिलेगा, और 2024 में उनका स्वागत करने का अवसर मिलेगा।

संबंधित सामग्री

610 प्रभु यीशु का अनुकरण करो

1पूरा किया परमेश्वर के आदेश को यीशु ने, हर इंसान के छुटकारे के काम को,क्योंकि उसने परमेश्वर की इच्छा की परवाह की,इसमें न उसका स्वार्थ था, न...

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

WhatsApp पर हमसे संपर्क करें