374 क्या तुमने अभी तक परमेश्वर से कुछ ख़ास हासिल नहीं किया है?
1 यद्यपि अय्यूब यहोवा के परीक्षणों से गुजरा, वह सिर्फ एक धर्मी इंसान था जो यहोवा की उपासना करता था, और उन परीक्षाओं के दौरान भी उसने उनके बारे में शिकायत नहीं की, बल्कि उसने यहोवा के साथ अपने साक्षात्कार को सँजोये रखा। न सिर्फ आज के लोग यहोवा की उपस्थिति को सँजो कर नहीं रखते हैं, बल्कि वे उसकी उपस्थिति को अस्वीकार करते हैं, उससे घृणा करते हैं, उसकी शिकायत करते हैं और उसका मज़ाक बनाते हैं। क्या तुम लोगों ने कुछ ही से ज्यादा नहीं कमाया? क्या तुम लोगों के दुःख सचमुच इतने विशाल रहे हैं? क्या तुम लोगों को मिले आशीष मरीया और याकूब की तुलना में अधिक नहीं है? क्या तुम लोगों का प्रतिरोध मामूली है? क्या यह हो सकता है कि मैंने तुम लोगों से जो अपेक्षा की, मैंने तुम लोगों से जो माँगा वह अत्यधिक विशाल और बहुत ज्यादा है?
2 मेरा क्रोध तो केवल उन इस्राएलियों पर छोड़ दिया गया था जिन्होंने मेरा विरोध किया, सीधे तुम लोगों पर नहीं, और जो कुछ तुम लोगों ने हासिल किया है, वह केवल मेरे कठोर न्याय और खुलासे और साथ ही निरंतर अग्निमय परिशोधन है। इसके बावजूद लोग अभी भी ज़रा से आज्ञा-पालन के बिना ही मेरा प्रतिरोध और खंडन कर रहे हैं। और यहाँ तक कि कुछ ऐसे भी हैं जो मुझसे खुद को दूर करते हैं और मुझे अस्वीकार करते हैं; उस तरह के इंसान मूसा का विरोध करने वाले कोरह और दातान के दल से बेहतर नहीं है। लोगों के दिल बहुत कठोर और उनके स्वभाव बहुत हठी हैं। वे अपने पुराने तरीके कभी नहीं बदलेंगे। इस प्रकार के स्वभाव वाले लोग कैसे जान सकते हैं कि उन्हें अय्यूब से सौ गुने अधिक आशीष प्राप्त हुए हैं?
3 वे कैसे पता लगा सकते हैं कि जिसका वे आनंद ले रहे हैं, वे वो अनुग्रह हैं जो कि सारे युगों में नहीं देखे गए हैं, इससे पहले किसी भी व्यक्ति द्वारा उनका आनंद नहीं लिया गया है? लोगों के अंतःकरण इस तरह के आशीषों को कैसे महसूस कर सकते हैं जो सजा साथ लिए होते हैं? तुम लोगों से यही अपेक्षा है कि तुम लोग मेरे कार्य के लिए उदाहरण बन सको और मेरे संपूर्ण स्वभाव और मेरे सभी कार्यों के लिए गवाह हो सको, ताकि तुम लोग शैतान की यातनाओं से मुक्त हो सको। परन्तु मानव जाति हमेशा मेरे कार्य से घृणा करती है और जान-बूझकर इसके प्रतिकूल है। यह कैसे हो सकता है कि इस तरह का व्यक्ति मुझे इस्राएल के नियमों को वापस लाने और इस्राएल के प्रति मेरे क्रोध को उन पर लाने के लिए न उकसाए?
— "वचन देह में प्रकट होता है" में "आशीषों से तुम लोग क्या समझते हो?" से रूपांतरित